Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST

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Bandhan Bank के शेयर 8% लुढ़के, ₹801 करोड़ की बोली मिलने के बाद दिखा दबाव, अब क्या करें निवेशक?

Bandhan Bank Share Price: बंधन बैंक के शेयर आज यानी गुरुवार 22 दिसंबर को एनएसई पर 4.91 फीसदी दिन के कारोबार के लिए सबसे आसान स्टॉक क्या है की गिरावट के साथ 231.20 रुपये के स्तर पर बंद हुए। दिन के कारोबार के दौरान तो एक समय यह करीब 8 फीसदी तक फिसलकर 224.4 रुपये के स्तर तक चला गया था। बंधन बैंक के शेयरों में यह गिरावट इस खबर के बाद आई है कि उसके करीब 8,897 करोड़ के बैड-लोन के लिए एक एसेट कंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) ने सिर्फ 801 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। Bandhan Bank ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया, "हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि ग्रुप लोन और SAL के बट्टे खाते में डाले गए लोन पोर्टफोलियो के लिए उसे एक एसेट कंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) से 801 करोड़ रुपये की बाध्यकारी बोली मिली है।"

बंधन बैंक ने आगे कहा, "बैंक स्विस चैलेंज पद्धति के अनुसार बोली आयोजित करेगा और बिक्री का फैसला स्विस चैलेंज पद्धति को बतानो वाले मौजूदा दिशानिर्देशों और बैंक की नीतियो के अनुसार लिया जाएगा।" पिछले 6 महीनों में बंधन बैंक का शेयर अबतक करीब 17 फीसदी गिर चुका है।

Stock Split क्या होता है? कंपनी और शेयरधारकों के लिए कैसे फायदेमंद? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?

Stock Split: अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है.दिन के कारोबार के लिए सबसे आसान स्टॉक क्या है

Stock Split: शेयर बाजार में कई तरह के शब्दों या टर्म्स का इस्तेमाल होता है. ट्रेडिंग के दौरान इन शब्दों से निवेशकों का भी वास्ता पड़ता है. डिविडेंड, दिन के कारोबार के लिए सबसे आसान स्टॉक क्या है शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं. हाल ही में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी Amazon ने अपने स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है. लेकिन, आखिर ये स्टॉक स्प्लिट होता क्या है? निवेशकों के लिए क्यों इतना खास है ये शब्द. कंपनियां क्यों और किस लिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे तमाम सवाल आपके जहन में भी आते होंगे. आज हम आपको बताएंगे ये स्टॉक स्प्लिट क्या है और क्यों किया जाता है.

क्या होता है स्टॉक स्प्लिट का मतलब?

स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर विभाजन होता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी एक शेयर को तोड़कर दो या उससे ज्यादा बना देना. स्टॉक स्प्लिट के जरिए कंपनियां अपने शेयरों को एक से ज्यादा शेयरों में विभाजित करती हैं. लेकिन, क्यों किया जाता है? बाजार के जानकारों का मानना है कि आमतौर पर जब किसी कंपनी का शेयर काफी महंगा होता है तो छोटे निवेशक उसमें निवेश करने से कतराते हैं. ऐसे में इन छोटे निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी कंपनियां स्टॉक स्प्लिट करती हैं.

अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है. अगर कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है. इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है. मान लीजिए किसी शेयरधारक के पास एक कंपनी के 400 शेयर हैं और कंपनी स्टॉक स्प्लिट लाकर 1 शेयर को 2 में तोड़ देती है तो शेयरधारक के पास अब कंपनी के 800 शेयर हो जाएंगे. हालांकि, उसकी निवेश की वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, स्टॉक स्प्लिट करने से हर एक शेयर की वैल्यू आधी हो जाती है.

कंपनी पर क्या पड़ता है असर?

स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है. छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है. शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है. बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) पर कोई असर नहीं पड़ता.

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Stock Market Crash: शेयर बाजार में निवेशकों के 8.64 लाख करोड़ रुपये डूबे, बीते 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट

शेयर बाजार ने निवेशकों को सप्ताह के पहले दिन बड़ा झटका दिया। लाल निशान पर हुई कारोबार की शुरुआत अंत तक जारी रही। दिनभर के कारोबार के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1747 अंक टूटकर 56,406 के निचले स्तर पर बंद हुआ। बीते 10 महीने में इसे सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है।

Stock Market Crash investors suffered loss of 8.64 lakh

शेयर बाजार ने निवेशकों के लिए सोमवार का दिन काफी डरावना साबित हुआ। सप्ताह के पहले दिन लाल निशान पर हुई कारोबार की शुरुआत अंत तक जारी रही। दिनभर के कारोबार के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1747 अंक टूटकर 56,406 के निचले स्तर पर बंद हुआ। बीते 10 महीने में इसे सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है। इस गिरावट के चलते शेयर बाजार के निवेशकों को 8.34 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन वैश्विक कारणों से भारतीय शेयर अमरीका में भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों की भारी बिकवाली के चलते शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गया। दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच टेंशन (Ukraine-Russia tensions) चरम पर है। इस टेंशन के चलते कच्चा तेल 7 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और कारोबार के दौरान इसने 96 डॉलर के स्तर को छुआ।

Share Market: आसान भाषा में समझिए शेयर बाजार की शब्दावली, अच्छा निवेशक बनने में मिलेगी मदद

Share Market शेयर बाजार में कई ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है जिन्हें आम आदमी के लिए समझना थोड़ा मुश्किल होता है। आज हम ऐसी ही शब्दावली की पूरी लिस्ट लेकर आए हैं। इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से शेयर बाजार में शब्दों को समझ सकेंगे।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार को लेकर पिछले कुछ समय में लोगों के बीच जागरूकता में काफी इजाफा हुआ है। लोग स्टॉक मार्केट को एफडी और अन्य सुरक्षित निवेश की योजनाओं के बाद निवेश का एक विकल्प मानने लगे हैं। ऐसे में अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करने का मन बना रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार में उपयोग होने वाली बेसिक शब्दावली को जान लेना चाहिए।

इसमें हम आपको सेंसेक्स, निफ्टी, बियर मार्केट, बुल मार्किट, ब्लू चिप स्टॉक्स, डिविडेंड, आईपीओ, मूविंग एवरेज और शार्ट सेलिंग आदि के बारे में बताएंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप? Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए

Vikash Tiwary

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST

इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप?- India TV Hindi

Photo:INDIA TV इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं दिन के कारोबार के लिए सबसे आसान स्टॉक क्या है आप?

Intraday Trading: यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है। यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर मुनाफा कमाना होता है।

इन बातों का दिन के कारोबार के लिए सबसे आसान स्टॉक क्या है रखे ध्यान

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर सही तरीके से तैयार करना होता है। यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान उठा सकते हैं।

चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है। इसलिए भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत मदद मिल सकती है। यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में मदद कर सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • नियमित आय अर्जित करने का मौका
  • कम कमीशन शुल्क
  • अधिक लाभ
  • लिक्विडिटी
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।

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