१० प्रकारों से आप कर सकते हैं शेयर मार्किट में ट्रेडिंग।
इन्वेस्टिंग कोई ट्रेडिंग का प्रकार नहीं हैं यह लम्बे समय तक किये जाने वाले निवेश का तरीका हैं इसमें किसी शेयर को खरीदकर १ साल से लेकर १० -१५ साल या इससे भी ज्यादा लम्बे समयतक रखा जाता हैं। इसे इन्वेस्टिंग कहते हैं।
Momentum Trading
जब किसी शेयर में ब्रेकआउट होता हैं तो उस ब्रेकआउट पर ट्रेडिंग करने को मोमेंटम ट्रेडिंग कहते हैं।
ब्रेकआउट कई प्रकार के होते हैं जैसे की,
- Price Breakout
- Chart Pattern Breakout
- Volume Breakout
- Candlestick Pattern Breakout
BTST और STBT Trading
BTST का फुल फॉर्म हैं Buy Today Sell Tomorrow और STBT का फुल फॉर्म हैं Sell Today Buy Tomorrow.
इसमें शेयर Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है को आज के दिन की आखरी कैंडल में ख़रीदा या बेचा जाता हैं और अगले दिन बाजार आज के कैंडल के क्लोज प्राइस से ज्यादा या कम ओपन होता हैं। इसका फायदा उठाने को BTST या STBT ट्रेडिंग कहते हैं।
Algo Trading
अल्गो ट्रेडिंग यह एक ख़ास तरह की ट्रेडिंग होती हैं जिसमे कंप्यूटर प्रोग्राम आप के आदेश पर ट्रेड करता हैं।
कोनसे स्तर पर खरीदना हैं और कोनसे स्तर पर बेचना हैं यह सब निर्णय अल्गो ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर अपने आप ही ले लेता हैं। बस शुरवात में उसे एक बार अनुदेश देना होता हैं।
Arbitrage Trading
बहोत सारे शेयर्स ऐसे होते हैं जो एक से ज्यादा स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते हैं। और कई बार उनके कीमत में अंतर आ जाता हैं।
उसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करना आर्बिट्राज ट्रेडिंग कहलाता हैं।
Scalping Trading
यह ट्रेडिंग करने का सबसे छोटे समय का तरीका हैं। स्केल्पिंग ट्रेडिंग में शेयर्स को लेने के बाद कुछ सेकंड्स से लेकर कुछ मिनिटों में बेच दिया जाता हैं।
इसमें बाजार में जो छोटे-छोटे मूवमेंट आते हैं उनका फायदा उठाया जाता हैं और बाजार के बंद होने तक बोहोत सारे ट्रेड किये जाते हैं।
News & Event Trading
शेयर बाजार में न्यूज़ या इवेंट की वजह से शेयर के कीमत में जो उतार या चढाव आता हैं उसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करने को न्यूज़ और इवेंट ट्रेडिंग कहा जाता है।
जैसे की भारत का वार्षिक बाजेड आता हैं या फिर किसी कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट आता हैं तब ट्रेडर्स द्वारा इस प्रकार से ट्रेडिंग की जाती हैं।
निष्कर्ष
तो यह थे शेयर बाजार में ट्रेडिंग के प्रकार।
यह जानने के लिए की कोनसा ट्रेडिंग स्टाइल आप के लिए अच्छा है आप सभी ट्रेडिंग स्टाइल का उपयोग करके देखिये और उसके बाद यह विष्लेशण करिये की कोनसे ट्रेडिंग के प्रकार में आप अच्छे हैं।
उसके बाद जिस ट्रेडिंग के प्रकार पर आप को पूरा विश्वास हो की आप उसे सही तरीके से कर सकते है, उस ही ट्रेडिंग स्टाइल को चुनिए।
अगर आप को शेयर बाजार में ट्रेडिंग के कितने प्रकार हैं ? यह हिंदी लेक पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर SHARE करे।
ट्रेडिंग के कितने प्रकार हैं।
इस लेख में ट्रेडिंग के कुल १० प्रकार बताये हैं जो की आप पढ़ सकते हैं।
किस प्रकार का ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
ट्रेडिंग करने का कोनसा भी तरीका बहुत अच्छा या बहुत बुरा नहीं होता हैं। बल्कि आप की से उम्मीदे, बाजार की जानकारी और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार ट्रेडिंग स्टाइल आप के लिए सही या गलत हो सकता हैं।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग किसे कहते हैं?
जो ट्रेडिंग १ महीने के अंदर की जाती हैं उसे हम शार्ट टर्म ट्रेडिंग कहते हैं।
क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?
आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.
किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.
आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.
शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?
1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.
Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.
2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.
शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है
3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.
अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.
4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.
अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.
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ट्रेडिंग क्या होती है? | ट्रेडिंग कैसे करें?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने का काम करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रेडिंग क्या होती है और इसके बारे में पूरी जानकारी है अगर नही?, तो आइये आज हम आपको ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देते है तो जो कैंडिडेट इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
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Table of Contents
ट्रेडिंग क्या है (What is Trading in Hindi)
ट्रेडिंग एक तरह का बिज़नस होता है किसी भी चीज़ को कम दाम में खरीदना और उसके दाम बढ़ जाने पर उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाता है. ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य किसी भी चीज़ को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है, इसीलिए ट्रेडिंग सबसे ज्यादा शेयर मार्किट में की जाती है और लोग डेली शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमाते है.
Stock Market Trading भी इसी तरह का होता है जहाँ हम किसी वस्तु को खरीदते और बिक्री में फायदा लेते हैं ठीक उसी तरह स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमाया जाता है, ट्रेडिंग का समय 1 साल होता है यानि कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना होता है लेकिन अगर एक साल के बाद खरीदे गये शेयर्स को बेचते हैं तो इसे निवेश कहा जाता है यह एक तरह का ऑनलाइन बेस्ड बिजनेस होता है.
उदाहरण- अगर हम शेयर मार्केट में शेयर्स खरीदते हैं तो कोई दूसरा व्यक्ति उन शेयर्स को बेच रहा होगा. मान लीजिए कि आपने किसी होलसेल स्टोर से कोई सामान 50 खरीदा और उसके बाद में उसका दाम बढ़ने पर आपने उसे 60 रूपये में बेच दिया तो इसे ट्रेडिंग कहा जायेगा. वैसे तो Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें किसी को ये नही पता होता है कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या उतार-चढाव आएगा.
ट्रेडिंग कैसे करें?
ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है, ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना चाहिए, क्युकी ट्रेडिंग अमाउंट एवं डिमैट अकाउंट के बिना आप ट्रेडिंग नही कर सकते हैं. उसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना होता है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना होता है.
शेयर मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है?
शेयर मार्केट ट्रेडिंग मुख्यतः 4 तरह की होती है?
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जो एक ही दिन के अंदर की जाती है, इसमें एक ही दिन के अंदर शेयर्स को मार्केट में खरीदा और बेचा जाता हैं. एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या फिर डे ट्रेडिंग भी कह सकते है.
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading)
स्विंग ट्रेडिंग मे शेयर्स को खरीदकर कुछ दिनो या कुछ हप्तो के अंदर बेचा जाता है इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही होती है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर नुकसान और फायदे को आसानी से झेल सकते है, स्विंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्कैलपिंग ट्रेडिंग से काफी अलग होता है. क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग को हम 1 दिन या 1 हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए भी करते हैं.
शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग (Short term trading)
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो की होती है उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहते है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक एक्टिव ट्रेड इन्वेस्टमेंट होता है इसमें आपको अपने स्टॉक पर नजर रखनी होती है तभी आप अपने स्टॉक को मिनीमाइज कर सकते है.
लॉंग टर्म ट्रेडिंग (Long term trading)
जब कोई ट्रेडिंग एक साल या उससे ज्यादा समय में की जाती है तो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहते है.
इसे भी पढ़े?
आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (Trading kya hai in hindi) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (Trading kya hai in hindi) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए
Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Share Trading in India
1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।
2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।
3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।
4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।
5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।
6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।
7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)
Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।
8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)
इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।
9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)
हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।
10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)
क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।
शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती है? जानिए
Types of Trading in India: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Stock Trading in Hindi: शेयर मार्केट ट्रेडिंग में रुचि रखने वालों के लिए अवसरों का सागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर ट्रेडिंग में सही रणनीति का पालन किया जाए तो आप खूब सारा पैसा बना सकते है। लेकिन एक बात आपको समझना चाहिए कि आप किस प्रकार की रणनीति से स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है। दरअसल शेयर market में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद है। तो अगर शेयर मार्केट में आप भी निवेश करना चाहते है, तो पहले आपको यह जान लेना आवश्यक है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है?(Types of Trading in Stock Market) इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है। (Types of Trading in Hindi)
Types of Share Trading in India
1) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
यह व्यापारियों द्वारा शेयर मार्केट में प्रचलित सबसे सामान्य प्रकार का व्यापार है। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन के व्यापार को संदर्भित करता है। व्यापारियों को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन अपने स्टॉक को बेचना और खरीदना या खरीदना और बेचना होता है। इस स्टाइल को "व्यापार बंद करना" के रूप में भी जाना जा सकता है। यह किसी भी अन्य फॉर्मेट की तुलना में हाई ROIs चाहने वालों के लिए सबसे एग्रेसिव प्रकार के व्यापार में से एक है।
2) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
यह एक प्रकार का शार्ट टर्म ट्रेडिंग है जो आम तौर पर 2 दिनों से 2 सप्ताह के बीच रहता है। जब कोई स्टॉक या ऑप्शन में निवेश करना चाहता है तो स्विंग ट्रेडिंग एक अच्छा विकल्प है। टेक्निकल ट्रेडर्स और चार्टिस्ट जो टेक्निकल टूल का उपयोग करके शार्ट टर्म प्राइस मोमेंटम का निरीक्षण करना पसंद करते हैं, इस कैटेगरी में आते हैं। ओवरनाइट ट्रेडों में अधिक मार्जिन के कारण यहां आवश्यक पूंजी दिन के कारोबार की तुलना में अधिक है।
3) आर्बिट्रेज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading)
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख ट्रेडिंग फर्मों के लिए रिजर्व्ड है क्योंकि इसके लिए कई एनालिटिकल स्किल की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन अधिक नेटवर्क स्पीड की आवश्यकता होती है।
4) पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
यह एक लंबी अवधि की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है। पोजीशनल ट्रेडर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उनकी दीर्घकालिक दृष्टि चीजों को सुलझाती है। व्यापारी हमेशा कंपनी के भीतर बड़े गेम चेंजर की तलाश में रहते हैं ताकि उन्हें उनका वांछित रिटर्न मिल सके, इसलिए होल्डिंग पीरियड सबसे महत्वपूर्ण चिंता का विषय नहीं है।
5) ऑप्शन स्ट्रेटेजीज (Options Strategies)
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए एक ऑब्जेक्टिव और मैथमेटिकल टाइप की सोच की आवश्यकता होती है। चूंकि रणनीति बनाना एक कठिन खेल है, इसलिए किसी को अपनी रणनीति बनाने और उन्हें लागू करने में अच्छा बनने के लिए थोड़ा अभ्यास Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है और समय की आवश्यकता हो सकती है। भारत में, बहुत कम ऑप्शन ट्रेडर्स हैं, ज्यादातर जागरूकता की कमी ऐसा नहीं कर पाते।
6) ट्रेड युसिंग टेक्निकल एनालिसिस (Trade using Technical Analysis)
स्टॉक मार्केट टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग की किसी भी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। स्टॉक टेक्निकल एनालिसिस टूल का उपयोग आपको शेयर बाजार की मांग और आपूर्ति में निकट परिवर्तनों के बारे में बेहतर जानकारी दे सकता है। एक स्किल के रूप में टेक्निकल एनालिसिस होने से व्यापारियों को सफल दिन के व्यापारी, स्थितीय या यहां तक कि स्विंग व्यापारी बनने में मदद मिलती है।
7) मनी फ्लो बेस्ड ट्रेडिंग (Money Flow Based Trading)
Money Flow Based Trading ओपन इंटरेस्ट एनालिसिस, प्रमोटर डील, स्टेक सेल्स, ग्रॉस डिलीवरी डेटा, एफआईआई इनफ्लो और डीआईआई फ्लो इन और स्टॉक से बाहर पर निर्भर करती है। बाजार में आने वाले रुझानों की पहचान करने के लिए ऐसा डेटा आवश्यक है। यदि आपके पास पैसे के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक प्रवृत्ति है, तो यह आपके लिए सही प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति है।
8) ट्रेड ड्रिवेन बाई इवेंट्स (Trade Driven by Events)
इवेंट बेस्ड ट्रेडिंग एक कॉर्पोरेट इवेंट का लाभ उठाता है जो घटित हुई है या होने वाली है। यह विलय और अधिग्रहण, दिवालियेपन, कमाई कॉल आदि के समय बाजार की कीमतों में बदलाव का फायदा उठाने का प्रयास करता है। इस ट्रेडिंग स्टाइल को यह समझने के लिए टेक्निकल एनालिसिस स्किल की आवश्यकता होती है कि इस तरह के परिवर्तन किसी घटना के होने से पहले बाजार को कैसे प्रभावित करते हैं।
9) हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (High Frequency Trading)
हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग स्पीड के बारे में है। निवेश बैंक, संस्थागत व्यापारी, हेज फंड आदि हाई स्पीड वाले कंप्यूटरों का उपयोग हाई स्पीड पर बड़े आर्डर का लेन-देन करने के लिए करते हैं। चूंकि सब कुछ कंप्यूटर आधारित है, इसलिए एनालिसिस के लिए कोई जगह नहीं है और निष्पादन के लिए केवल क्विक कॉल है। इस प्रकार के व्यापार की सलाह व्यक्तियों को नहीं दी जाती है, लेकिन यदि आप रुचि रखते हैं, तो आप अपना स्वयं का फंड शुरू कर सकते हैं या इसके प्रोग्रामर के रूप में एक फंड में शामिल हो सकते हैं।
10) क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग (Quantitative Trading)
क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग क्वांटिटेटिव एनालिसिस पर आधारित है। यह क्वांट फाइनेंस का एक बहुत ही जटिल क्षेत्र है। Statistical या Mathematical बैकग्राउंड के बहुत से लोग कंप्यूटर एनालिसिस और नंबर क्रंचिंग का उपयोग करके अपना स्थान पाते हैं। एक इच्छुक व्यक्ति के पास अच्छी प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल होना चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि आप इस स्टाइल को अपनाने से पहले रिसर्च करें।
शेयर बाजार में लगाए गए पैसे से हर निवेशक की अलग-अलग जरूरतें और मांगें होती हैं। शेयर बाजार में कोई निर्णायक बेस्ट ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी नहीं है क्योंकि सफलता उन्हें मिलती है जो अपनी शैली में इक्का-दुक्का होते हैं।
अधिकतम अंक: 5
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