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डॉगकोइन एक मेक-या-ब्रेक स्तर पर ट्रेड करता है लेकिन क्या आरएसआई ने प्लॉट दूर कर दिया है?

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पंजीकरण

एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एक निजी तौर पर आयोजित लघु व्यवसाय इकाई है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सदस्यों की देयता कि सदस्य द्वारा धारित शेयरों की संख्या तक सीमित है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कंपनी अधिनियम, 2013 द्वारा शासित है। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करने के लिए आवश्यक शेयरधारकों की न्यूनतम संख्या दो है, जबकि सदस्यों की ऊपरी सीमा को कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार 200 है।

एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी वित्तीय जोखिम का सामना कर रहे हैं, तो अपने शेयरधारकों को अपनी व्यक्तिगत परिसंपत्तियों को बेचने के यानी वे देयता सीमित है उत्तरदायी नहीं हैं। वहाँ एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए कम से कम दो निदेशकों और अधिकतम 15 निर्देशकों होना चाहिए और एक निर्देशक के युग में ऊपर 18 वर्ष होनी चाहिए। एक विदेशी नागरिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भारत के एक निर्देशक बन सकता है।

यदि यह परिदृश्य चलता है तो डॉगकॉइन व्यापारी शॉर्ट पोजीशन में प्रवेश कर सकते हैं

Dogecoin trades at a make-or-break level but has the RSI given the plot away?

5 दिसंबर के बाद से यूएसडीटी (टीथर) प्रभुत्व मीट्रिक 7.94% से बढ़कर 8.26% हो क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है गया है, जो लगभग 4% की वृद्धि है। इससे पता चलता है कि बाजार सहभागियों ने क्रिप्टोकरंसी को स्थिर रखने के लिए भाग लिया। कुत्ता सिक्का एक पर पहुंच गया स्थानीय शीर्ष 5 दिसंबर को

डॉगकोइन एक मंदी की चाल की संभावना प्रस्तुत करता है, व्यापारी स्थिति में प्रवेश करने के लिए ट्रिगर की प्रतीक्षा कर सकते हैं

स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर DOGE / USDT

$ 0.089 के लाल बॉक्स ने 26 नवंबर को बने एक तेजी से ऑर्डर ब्लॉक को उजागर किया। 28 नवंबर को इसका परीक्षण किया गया और DOGE की ओर से तीव्र तेजी की प्रतिक्रिया देखी गई। कीमत बढ़कर .11 हो गई, क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है एक ऐसी चाल जिसने लगभग 22% मापी।

ट्रेडिंग के पिछले कुछ दिनों में डॉगकोइन $ 0.094 समर्थन स्तर से नीचे फिसल गया, और ऑर्डर ब्लॉक का फिर से परीक्षण किया। हालांकि, हाल के घंटों में क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है कैंडलविक का .085 तक पहुंचना उत्साहजनक संकेत नहीं था। इसने संकेत दिया कि बैल लड़ाई हार गए होंगे।

अगले एक या दो दिनों में, $ 0.0888 से नीचे की चाल, इसके बाद $ 0.089 क्षेत्र का एक पुनर्परीक्षण बिक्री का अवसर प्रदान कर सकता है। पहले का बुलिश ऑर्डर ब्लॉक बियरिश ब्रेकर बनने के लिए फ़्लिप हो गया होता। विक्रेता .083 और .073 पर लाभ ले सकते हैं। इस बीच, इस मंदी की धारणा को अमान्य करना $ 0.09 से ऊपर वापस जाना होगा।

.1119 पर।

अगले सप्ताह में, एक और गिरावट के विचार को मूल्य गतिविधि के साथ-साथ तकनीकी संकेतकों द्वारा समर्थित किया गया। अगर बिटकॉइन में भी अगले कुछ दिनों में कमजोरी देखी जाती है, तो डर बाजार को जकड़ सकता है और डॉगकॉइन नवंबर से निचले स्तर पर पहुंच सकता है।

भारत में कानूनी रूप से घर से व्यवसाय कैसे चलाएं?

घर-आधारित कंपनी होना इन दिनों कई लोगों के लिए एक सपना है। हालांकि, ऐसे कई कारक हैं जिन पर लोगों को घर-आधारित कंपनी शुरू करने से पहले विचार करना चाहिए। प्रौद्योगिकी, इंटरनेट और मोबाइल फोन की आसान पहुंच ने घर से काम करना और आजीविका बनाना संभव बना दिया है। कॉलेज के छात्रों, गृहिणियों, नए स्नातकों और युवा माताओं को अपनी आय के पूरक के लिए नए अवसर मिल सकते हैं। हम चर्चा करते हैं कि लोग भारत में घर-आधारित कंपनी कैसे स्थापित कर सकते हैं और किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

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भारत में कानूनी रूप से घर से व्यवसाय कैसे चलाएं?क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है

घर-आधारित कंपनी होना इन दिनों कई लोगों के लिए एक सपना है। हालांकि, ऐसे कई कारक हैं जिन क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है पर लोगों को घर-आधारित कंपनी शुरू करने से पहले विचार करना चाहिए। प्रौद्योगिकी, इंटरनेट और मोबाइल फोन की आसान पहुंच ने घर से काम करना और आजीविका बनाना संभव बना दिया है। कॉलेज के छात्रों, गृहिणियों, नए स्नातकों और युवा माताओं को अपनी आय के पूरक के लिए नए अवसर मिल सकते हैं। हम चर्चा करते हैं कि लोग भारत में घर-आधारित कंपनी कैसे स्थापित कर सकते हैं और किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

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भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते का बहाल होना दोनों के लिए ही फायदे का सौदा

भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते का बहाल होना दोनों के लिए ही फायदे का सौदा

अचानक होने वाला बदलाव अक्सर जड़ अवस्था में गति ला देता है. पाकिस्तान की सत्ता से इमरान खान (Imran Khan) को अनौपचारिक रूप से बाहर किए जाने से-जिनकी खीझने और बिना सोच समझे प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाली आत्मकेन्द्रित राजनीति ने भारत-पाकिस्तान रिश्ते (India-Pakistan Relations) को ठंडे बस्ते में डाल दिया था-लगता है सावधानी क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है के साथ ही सही लेकिन भारत के पश्चिमी पड़ोसी से रिश्ते सामान्य करने की प्रक्रिया को नई गति मिल सकती है. चीन को छोड़ दें तो इमरान खान के करीब साढ़े तीन साल के कार्यकाल में पाकिस्तान के अपने सभी पड़ोसियों के साथ रिश्ते खराब ही रहे.

भारत-चीन के बीच रिश्ते मैत्रीपूर्ण नहीं होने के बाद भी बढ़ा व्यापार

बहरहाल, व्यापार सदियों से दो देशों के बीच संबंधों का मूल रहा है. इसी से दो देशों के बीच राजनीतिक दिशा भी तय होती है. हालांकि भारत-चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं होने के बावजूद व्यापार हर साल नई ऊचाइयों को छू रहा है. पहली बार भारत ने इस साल चार सौ अरब डॉलर के निर्यात का आंकड़ा छू लिया है. वैश्विक रूप से दो बड़े प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद अमेरिका और चीन ने कभी एक-दूसरे से व्यापार बंद नहीं किया. इस साल उनके बीच छह सौ बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ. लेकिन पाकिस्तान के साथ व्यापार के मामले में यह अपवाद है.

हालांकि, भारत-पाकिस्तान एक-दूसरे से साढ़े तीन युद्ध लड़ चुके हैं, लेकिन जब दो पड़ोसियों का खानपान, रहन-सहन एक जैसे हों तो इनके बीच कारोबारी रिश्ते में भारत-चीन का गणित बाधा नहीं बनना क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है चाहिए. वैसे भी दोनों देशों के बाजार के बीच की दूरी कम है, परिवहन लागत भी अपेक्षाकृत कम आती है, दोनों तरफ मांग और आपूर्ति का समीकरण एक जैसा है. इन सब पहलुओं को देखते हुए व्यापारिक समझौतों को ज्यादा लंबा खींचने की जरूरत नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच आपसी व्यापार में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद बाद की घटनाओं ने आगे की राह को बाधित किया.

पाकिस्तान को दुग्ध उत्पादों को बेच सकता है भारत

इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि अपनी ताकत को बनाए रखने के लिए देशों को हमेशा नए बाजार तलाशते रहने चाहिए और मौजूदा व्यापार को विस्तार देते रहना चाहिए. भारत के पास विशाल कृषि और औद्योगिक उत्पाद हैं, जिसका लाभ इसके उत्पादकों को मिलेगा. भारत दुनिया का प्रमुख दुग्ध उत्पादक देश है और दूध की कमी वाले पाकिस्तान में अतिरिक्त दुग्ध और इससे जुड़े उत्पाद भेज सकता है. पाकिस्तान जो उद्योग के मामले में पीछे है और जिसके पास उत्पादन की सीमित क्षमता है, वहां भारत के कम कीमत वाले वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले उत्पादों का स्वागत होना चाहिए. पाकिस्तान में भारतीय सामानों के आयात से वहां की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, यह डर भी सही नहीं है.

वास्तव में पाकिस्तानी उपभोक्ताओं को भारत की तुलना में एक कार के लिए दोगुनी कीमत चुकानी पड़ती है. अगर भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं खोला होता तो आज यहां के लोग फिएट और एम्बेस्डर कार से ही चल रहे होते. उनके पास आज सैकड़ों विकल्प नहीं होते. पाकिस्तान इंडस्ट्री को भी इस तरह की प्रतिस्पर्धा में कदम रखने की जरूरत है. यह डर भी मिथ्या है कि सब्सिडी वाले भारतीय कृषि उत्पादों के कारण पाकिस्तान के कृषि को नुकसान पहुंचेगा. वास्तव में उपजाऊ मिट्टी होने के बावजूद अगर पाकिस्तान कृषि के मामले में पीछे है तो इसकी वजह है अवैज्ञानिक फसलों का विकल्प और अक्षम प्रयास.

भारत-पाकिस्तान व्यापार के हैं बहुत फायदे

वास्तव में भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को कृषि के मामले में तकनीक, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और गुणवत्ता आदि की जानकारी दे सकता है, जिससे वहां की कृषि को काफी बढ़ावा मिल सकता है. वुड्रो विल्सन सेंटर द्वारा 2013 में कराया गया अध्ययन पाकिस्तान-भारत ट्रेड- वाट नीड्स टू बी डन? व्हॉट डज इट मैटर? दोनों देशों के बीच व्यापार की आवश्यकता पर जोर देता है. इस महत्पूर्ण दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि किस तरह दोनों देशों के बीच कारोबार राजनीतिक कलह का शिकार रहा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व वाणिज्य सचिव जफर महमूद अपने एक आलेख में याद करते हैं, जब 1948-1949 में पाकिस्तान का 56 प्रतिशत निर्यात भारत को होता था. 1947-48 के युद्ध के बावजूद भारत पाकिस्तान का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी था. लेकिन 1965 और 1971 के युद्ध ने व्यापार को प्रभावित किया.

दोनों देशों के बीच व्यापार में आ रही कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद विशेषज्ञ इसके फायदों पर जोर देते हैं. भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी दोनों देशों के बीच व्यापार पर लिखते हैं, भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे देशों के माध्यम से चल रहे व्यापार का नुकसान दोनों देशों को ही उठाना पड़ता है. एक बार जब यह व्यापार दोनों देशों के बीच सीधे हो जाता क्या वास्तव में एक लाभदायक व्यापारी बनना संभव है तो इसका साझा लाभ देखने को मिलता. अन्य देशों के रूट से व्यापार में घाटा उठाना पड़ता है.

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