दिल्ली तेजाब हमला: डीसीडबल्यू ने दो ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजा नोटिस
गौरतलब है कि पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर में बुधवार सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकली 17 वर्षीय छात्रा पर मोटरसाइकिल सवार दो नकाबपोश लोगों ने कथित तौर पर तेजाब फेंक दिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्रा का सफदरजंग अस्पताल के ‘बर्न आईसीयू’ में इलाज चल रहा है।
बिना जीएसटी ऑनलाइन माल बेच सकेंगे व्यापारी
व्यापारियों को मिली बड़ी सफलता, कैट के द्वारा की जा रही थी मांग कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को नही मिल रहा था मौकाउन व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है जो जीएसटी में पंजीकृत नही होने की वजह से ई कामर्स प्लेटफार्म पर अपना माल नही बेच पा रहे थे. अब जीएसटी काउंसिल ने इसकी अनुमति दे दी है. इसकी मांग कैट (कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स) द्वारा लंबे समय से की जा रही थी. खासकर छोटे व्यापारियों को सरकार के इस कदम का जबरदस्त फायदा होगा.
प्रयागराज ब्यूरो । अभी तक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर वही व्यापारी माल भेज पाता था जो जीएसटी में पंजीकृत हो। ऐसे व्यापारी और उद्योग जिनका टर्नओवर जीएसटी की थ्रैश होल्ड लिमिट 40 लाख के नीचे हो, उनको ना चाहते हुए भी जीएसटी का पंजीयन कराना होता था। कैट पिछले 2 साल से सरकार से यह मांग कर रहा था कि प्रभावित छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए नियमों में बदलाव किया जाए। इस बात की व्यवस्था की जाएगी ई-कॉमर्स पोर्टल पर माल बेचने के लिए जीएसटी नंबर आवश्यक ना हो।
क्या है ई कामर्स पोर्टल
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो जैसी ऑनलाइन कंपनियों ई कामर्स के अंतर्गत आती हैं। ऐसे दर्जनों पोर्टल हैं जिन पर व्यापारी अपना माल बेच सकता है। अब इन पोर्टल पर बिना जीएसटी पंजीयन भी बेच सकेंगे। जिले में हजारों ऐसे व्यापारी हैं जो अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। जबकि 89 हजार व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा रखा है। वर्तमान में ई कामर्स कंपनियां अपना माल बेचने का बड़ा माध्यम हैं जिनका लाभ कई व्यापारी उठा रहे हैं।
मानीटरिंग के दायरे में आएंगे
ऐसा नही है कि इस आदेश का लाभ केवल व्यापारियों को ही होगा। एक्सपट्र्स का कहना है कि जो व्यापारी अभी तक सरकार की निगाह में नही थे, वह जैसे ही ई कामर्स पोर्टल पर अपना माल बेचेंगे। उनका टर्नओवर और सेलिंग सामने आने लगेगी। इस तरह से सरकार को उनको ट्रेस करना आसान होगा। देश में एक बड़ी संख्या ऐसे व्यापारियों की है जिनका टर्नओवर तो ठीक है लेकिन वह जीएसटी में पंजीयन नही करा रहे हैं। उनको ढूंढ पाना सरकार के लिए मुश्किल साबित होता है।
यह एक बड़ा फैसला है जिससे व्यापारियों को लाभ होगा। हम दो साल से इसकी मांग कर रहे थे। अब जाकर सफलता मिली है। इससे छोटे व्यापारियों को अपना माल ऑनलाइन बेचने में आसानी होगी और उन्हें जीएसटी से भी राहत होगी।
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कॉमर्स पोर्टल भारत
जीएसटी परिषद की अपंजीकृत विक्रेताओं के लिए ई-कॉमर्स की अनुमति
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)। जीएसटी परिषद ने कुछ शर्तों के अधीन अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं और कम्पोजीशन करदाताओं को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति करने की अनुमति देने के लिए जीएसटी अधिनियम और जीएसटी नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)। जीएसटी परिषद ने कुछ शर्तों के अधीन अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं और कम्पोजीशन करदाताओं को ई-कॉमर्स कॉमर्स पोर्टल भारत ऑपरेटरों (ईसीओ) के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति करने की अनुमति देने के लिए जीएसटी अधिनियम और जीएसटी नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
छोटे अपंजीकृत विक्रेताओं को ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से अपना सामान बेचने की अनुमति देने के जीएसटी परिषद के बड़े फैसले की तहे दिल से सराहना करते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस फैसले के लिए धन्यवाद दिया, जिसकी सीएआईटी द्वारा पिछले दो वर्षों से अधिक समय से मांग की जा रही थी।
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जीएसटी की सीमा से नीचे का अधिकार देगा और डिजिटल इंडिया ²ष्टि को मजबूती से मजबूत करेगा।
देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी हैं लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं क्योंकि उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी की सीमा से कम है। ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे। इससे पहले, जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में अपंजीकृत आपूर्तिकतार्ओं और संरचना करदाताओं को ईसीओ के माध्यम से माल की अंतर-राज्य आपूर्ति करने की अनुमति देने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, जो कुछ शर्तों के अधीन थी।
सीएआईटी ने कहा कि भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है और ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय अब कुल खुदरा कारोबार का लगभग 10 प्रतिशत है। एक बयान में कहा गया है, इसे देखते हुए यह अत्यंत प्रासंगिक था कि छोटे विक्रेता, जिनका टर्नओवर छोटा है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते कॉमर्स पोर्टल भारत हैं, वह ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हुआ।
कौन हैं Shark Tank India 2 के नए शार्क अमित जैन, CarDekho ग्रुप के हैं CEO, अशनीर ग्रोवर को किया रिप्लेस
अमित जैन एक ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट CarDekho के CEO और को-फाउंडर हैं, जो लोगों को कार खरीदने या बेचने में मदद करती है. शार्क टैंक इंडिया के दूसरे सीज़न में आने से जैन काफी चर्चा में आए हैं.
CarDekho Group Ceo Amit Jain
- नई दिल्ली,
- 21 दिसंबर 2022,
- (Updated 21 दिसंबर 2022, 10:56 AM IST)
IIT दिल्ली से पढ़े हैं अमित जैन
भाई के साथ मिलकर शुरू किया अपना बिजनेस
सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाला शो, शार्क टैंक इंडिया बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हुआ था. अब चैनल पर दूसरा सीजन लाया गया है. इस सीजन में शार्क्स के पैनल से अशनीर ग्रोवर के निकलने के बाद एक नए शार्क की एंट्री हुई है. इस शार्क का नाम है अमित जैन.
आपको बता दे कि अमित जैन आईटी एक्सटर्नलाइजिंग कंपनी गिरनारसॉफ्ट के सीईओ और को-फाउंडर हैं. इसी ग्रुप ने साल 2008 में CarDekho (कार देखो) लॉन्च किया था. कारदेखो वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन अपने यूजर्स को सही वाहन खरीदने में मदद करती है.
IIT दिल्ली से पढ़े हैं अमित जैन
अमित जैन का जन्म और कॉमर्स पोर्टल भारत पालन-पोषण भारत में हुआ है. उनकी मां, नीलमा जैन एक गृहिणी हैं और उनके पिता स्वर्गीय श्री प्रशांत जैन एक पूर्व आरबीआई अधिकारी थे और एक रत्न व्यवसायी भी थे. उन्होंने जयपुर और दिल्ली में अपनी शिक्षा पूरी की. अमित ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, जयपुर में पूरी की और 1999 में IIT दिल्ली से ग्रेजुएशन की.
साल 1999-2000 में, अमित ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया. उसके बाद, उन्होंने लगभग 6 साल 11 महीने तक ट्रायोलॉजी में एक वरिष्ठ सहयोगी, वितरण प्रबंधक और उत्पाद प्रबंधक के रूप में काम किया.
भाई के साथ मिलकर शुरू किया अपना बिजनेस
साल 2007 में अमित ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर गिरनारसॉफ्ट नाम की एक कंपनी की स्थापना की और इसके बाद, 2008 में उन्होंने कारदेखो लॉन्च किया. अमित और उनके भाई ने एक आईटी-आधारित फर्म के माध्यम से एक मिलियन-डॉलर की कंपनी स्थापित करने का सपना देखा और उनकी मेहनत रंग लाई. क्योंकि उनके कॉमर्स पोर्टल भारत ऑनलाइन वेंचर कारदेखो ने भारी मुनाफा कमाया.
आपको बता दें कि अमित और उनके भाई ने अपने घर पर एक छोटे से गैराज से शुरुआत की थी. उन्होंने एक आईटी आउटसोर्सिंग फर्म स्थापित करने का कॉमर्स पोर्टल भारत सपना देखा और जल्द ही 20 लोगों की एक टीम ने उनके लिए काम करना शुरू कर दिया. कंपनी का पहला साल लाभदायक साबित हुआ. लेकिन 2009 में जब शेयर बाजार में गिरावट आई तो कंपनी दिवालिया हो गई.
नहीं मानी हार
कंपनी की खराब हालत के बावजूद अमित जैन ने हार नहीं मानी है. तब दोनों भाइयों ने दोनों भाइयों ने एक ऑनलाइन वेंचर कारदेखो के बारे में सोचना शुरू किया. कारदेखो को लॉन्च करने का विचार तब आया जब वे दिल्ली में ऑटो-एक्सपो में शामिल हुए. जरूरी हिसाब-किताब कॉमर्स पोर्टल भारत करने के बाद उन्हें पता चला कि इस ऑनलाइन वेंचर से वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने कारदेखो को एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के रूप में लिया.
उनकी सबसे बड़ी सफलता यही रही कि उन्होंने कारदेखो की कभी कोई मार्केटिंग नहीं की लेकिन फिर भी यह पॉपुलर है. यह अब भारत का नंबर एक ऑटोटेक पोर्टल और राजस्थान का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया है. कंपनी के पास 35 मिलियन से अधिक मंथली यूजर्स, 6000+ मासिक प्रयुक्त कारों की बिक्री, और 3000+ नई कारों की मासिक बिक्री करती है. कारदेखो अक्टूबर 2021 में अपने सीरीज ई फंडिंग राउंड में 250 मिलियन डॉलर जुटाने कॉमर्स पोर्टल भारत के बाद भारत में एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन गया, जिससे इसका मूल्यांकन 1.2 बिलियन डॉलर हो गया.
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