शेयर बाजार में प्रवेश के कुछ जरूरी नियम
कई बार ऐसा होता है कि निवेशक शेयर बाजार (Share Market) में पैसा लगाने के लिए तो आ जाते हैं पर इसके लिए जरूरी मूलभूत आवश्यकताओं की जानकारी उन्हें नहीं होती. पर एक सुरक्षित तथा लाभकारी निवेश के लिए जरूरी है कि आपको निवेश शुरू करने से पूर्व इसकी मूलभूत जरूरतों के बारे में पूर्ण जानकारी हो.
शेयर बाजार में निवेश करना (Investment in Share Market) हो, तो निवेश से पहले निवेश खातों की जानकारी आपको अवश्य होनी चाहिए. शेयर निवेश की यह शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी प्राथमिक जरूरत है. इसे आप बैंक खाता (Bank Account) तथा कारोबारी खाता (Trading Account) में अलग-अलग कर सकते हैं.
निवेश बैंक खाता: निवेश बैंक खाता (Bank Account) यानि किसी भी सीबीएस (CBS) यानी कोर बैंकिंग सॉल्युशन (Core Banking Solutions) सुविधा वाली बैंक में आपका अकाउंट. यह सामान्य बैंक खाता (Saving Account) ही होता है. कई क्षेत्रीय, सहकारी या छोटे बैंक सीबीएस (CBS) की सुविधा नहीं देते जो शेयर बाजार में निवेश के लिए आपके बैंक अकाउंट (Bank Account) में होनी चाहिए, पर आजकल लगभग सभी बड़े बैंक सीबीएस प्रणाली (CBS) सुविधा के साथ ही आपका सामान्य बैंक खाता (Bank Account) भी खोलते हैं. इसे आप निवेश के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. अत: अगर निवेश से पहले आपका ब्रोकर सीबीएस प्रणाली (शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी CBS) बैंक खाते की बात करे, तो परेशान न हों. आपका बचत खाता (Saving Account) भी सीबीएस प्रणाली (CBS) युक्त ही होगा. अगर नहीं हो तो दूसरे बैंक में आप खाता (Bank Account) खोल सकते हैं. संक्षेप में कि यह कोई बहुत खास खाता नहीं है. अधिकतर बैंक इस सुविधा के साथ ही सामान्य बचत खाता (Saving Account) भी खोलते हैं. अत: आप अपने सामान्य बचत खाते (Saving Account) को भी इसके लिए उपयोग कर सकते हैं. पर बेहतर होगा कि आप इसके लिए एक अलग बैंक अकाउंट (Bank Account) खुलवा लें. इसके लिए भी वही सामान्य शर्तें पूरी करनी होंगी, जो आपने बचत खाते (Saving Account) के लिए की होंगी. निवेश के लिए अलग बैंक अकाउंट (Bank Account) खोलने से आप निवेश और अपने बचत खाते के पैसों को अलग रख पाएंगे.
कारोबारी अकाउंट (Trading Account): कारोबारी अकाउंट को ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) भी कहते हैं. यह वह अकाउंट (Trading Account) होता है जो आप अपने ब्रोकर के साथ मिलकर खुलवाते हैं. ब्रोकर के साथ के इस ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) में ऑनलाइन सुविधा होने पर आप एक साथ कई शेयर खरीद और बेच सकते हैं. ब्रोकर के साथ का अपका यह खाता अति महत्वपूर्ण है. आज ब्रोकर सिर्फ ब्रोकर नहीं, बल्कि एक कारोबारी संगठन के रूप में कार्य करते हैं. बड़े ब्रोकर्स की तो सामान्यतया कई शहरों में शाखाएं होती हैं, जहां से वे अपनी सेवाएं देते हैं. कई ब्रोकर कंपनियां तो शेयर बाजार में भी सूचीबद्ध होती हैं तथा अपने शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी शेयरों की खरीद-बिक्री भी करती हैं. कई ब्रोकर्स अपने पास समसामयिक विश्लेषण के लिए विशेषज्ञों की टीम भी रखते हैं, जो विभिन्न कंपनियों के बही-खातों और गतिविधियों का विश्लेषण कर समय-समय पर रिपोर्ट देते हैं. यह शेयर में निवेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इसके अलावे कई ब्रोकर्स जो बतौर कंपनी काम कर रहे हैं, अपने रजिस्टर्ड ग्राहकों के लिए मासिक या साप्ताहिक रिव्यू भी प्रकाशित करते हैं जो निवेशकों के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं. इसलिए ब्रोकर के साथ यह ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) आपके लिए जरूरी और आपके हित में होता है.
ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) को खोलने के लिए आपको सबसे पहले केवाईसी (अपने ग्राहक को जानिए या KYC) फॉर्म भरना जरूरी होता है. यह शेयरों या फंड यूनिटों की खरीद-फरोख्त के लिए अनिवार्य है. इसमें आपसे संपर्क की जानकारियां तथा आपकी वित्तीय स्थिति की जानकारी होती है. सामान्य खातों के जरूरी पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र; स्थाई पते के लिए राशन कार्ड, बिजली का बिल आदि पत्र जरूरी होते हैं. हां, एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें लगने वाली आपकी फोटो आपके बैंक से प्रमाणित की हुई होनी चाहिए.
समझौता प्रमाण पत्र: ज्यादातर लोग निवेश के लिए ब्रोकर का सहारा लेते हैं. पर इसके लिए जरूरी है कि आप निवेश से पहले ही ब्रोकर एग्रीमेंट (Broker Agreement) बनवा लें. यह सेबी द्वारा निर्धारित मानकों पर बीएसई तथा एनएसई बाजारों के लिए अलग-अलग साइन किया जाता है. ब्रोकर अपनी सुविधा या मरजी से इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते. अत:, एक प्रकार से यह ब्रोकर से निवेश में आपसे धोखा किए जाने से सुरक्षा प्रदान करता है.
शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है डीमैट खाता, जानिये क्या हैं इसके फायदे
डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता।
शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे जरूरी होता है कि निवेशक के पास उसका अपना एक डीमैट खाता हो. इसलिए कोई भी शख्स अगर बाजार में निवेश की योजना बनाता है तो पहले उसे डीमैट अकाउंट (Demat account) खुलवाना होता है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठना तय है कि ये डीमैट अकाउंट होता क्या है, और इसके फायदे क्या है. दरअसल डीमैट को समझना, उसकी पूरी जानकारी रखना और सही ब्रोकर के साथ डीमैट खाता खुलवाना ही तय करता है कि आप आने वाले वक्त में बाजार (stock market) का कितना फायदा उठा सकते हैं. दरअसल डीमैट के साथ निवेश की लागत, समय के साथ मिलने वाली निवेश की सलाहें, और निवेश करने में आसानी जैसी कई बातें जुड़ी होती. ऐसे में आज हम आपको डीमैट अकाउंट से जुड़े कुछ अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं जिससे आप इसका पूरा फायदा उठा सकें.
क्या होता है डीमैट अकाउंट
डीमैट शब्द डीमटिरिलाइजेशन (Dematerialisation)से बना है. एनएसडीएल के मुताबिक डीमटिरिलाइजेशन एक ऐसी प्रकिया है जिसमें क्लाइंट अपने निवेश से जुड़े पेपर को डिजिटल रूप में रखता है. डीमैट अकाउंट वो अकाउंट या खाता होता है जहां निवेश से जुड़े दस्तावेज डिजिटल रूप में रखे जाते हैं. ये एक बैंक खाते जैसा होता है लेकिन इसमें कैश की जगह आपके निवेश दस्तावेज जैसे शेयर, बॉन्ड आदि इलेक्ट्रॉनिक रूप जमा रहते हैं. हर ग्राहक का अपना एक अलग और खास डीमैट अकाउंट होता है, जो खास लॉगइन आईडी और पासवर्ड से सुरक्षित होता है । खरीद और बिक्री की सुविधा के लिए डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होता है।
क्यों जरूरी होता है डीमैट खातों को गंभीरता से लेना
देश के अधिकांश ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर ऐसे खाते खोलते हैं. ये सभी एक खास शुल्क लेकर जिसे ब्रोकरेज कहते हैं कारोबार की सुविधा देते हैं वहीं अपने खाता धारकों को निवेश सलाह, रिसर्च और अपनी खुद की सलाह के लिए टूल्स ऑफर करते हैं. अलग अलग ब्रोकर के ब्रोकरेज अलग अलग होते हैं जिससे निवेश की लागत पर असर पड़ता है. वहीं निवेश सलाहें इस बात पर तय होती हैं कि ब्रोकरेज की टीम कितनी अनुभवी है. यानि साफ है कि किसी अच्छे ब्रोकर के साथ डीमैट खुलवाने का फैसला आपकी आगे की राह आसान करता है.
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डीमैट अकाउंट के क्या हैं फायदे
डीमैट अकाउंट आपके निवेश दस्तावेज को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखता है जिससे इनके चोरी होने , नष्ट होने या खो जाने का जोखिम नहीं रहता. अगर आपके पास पहले के शेयर सर्टिफिकेट हैं या फिर दूसरे निवेश दस्तावेज हैं, आप उन्हें भी डिजिटल रूप में डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं और तनाव मुक्त हो सकते हैं. इसके साथ ही डीमैट अकाउंट आपको तेजी के साथ ट्रेड करने में मदद करता है। डीमैट अकाउंट के ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक खाते के साथ लिंक होने की वजह से आप न केवल तेजी के साथ निवेश कर सकते हैं साथ ही आप निवेश से पैसा भी उतनी ही तेजी के साथ निकाल सकते हैं. डीमैट की मदद से आप अपने निवेश को बेहद आसानी के साथ ट्रैक कर सकते हैं. वहीं बोनस शेयर, डिविडेंड, स्टॉक स्पिलिट, जैसी कई कॉर्पोरेट गतिविधियों की आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं होती. कंपनियों इससे जुड़े फायदे सीधे आपके खाते में ट्रांसफर कर देती हैं. आप आईपीओ जैसे निवेश के मौकों का भी सिर्फ कुछ क्लिक से फायदा उठा पाते हैं डीमैट अकाउंट ग्राहकों के लिए निवेश प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाने का, ट्रांजेक्शन को तेजी के साथ पूरी करने का और आम निवेशकों के लिए डॉक्यूमेंट्स शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी से जुड़े जोखिमों और समस्याओं को खत्म करने का कारगर तरीका है.
Demat Account ओपन करते ही यहां लगाएं पैसा, कुछ ही महीनों में हो जाएंगे करोड़पति!
Earn Money from Stock Market: डीमैट अकाउंट ओपन करने के बाद निवेशक कहां से अच्छी कमाई कर सकते हैं. इस बारे में एक्सपर्ट ने जानकारी दी है. आज हम आपको बताएंगे कि नया अकाउंट ओपन करने के बाद आपको स्टॉक्स में पैसा लगाना चाहिए या फिर म्यूचुअल फंड से शुरुआत करनी चाहिए.
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Stock Market Update: क्या आपने भी अभी नया-नया डीमैट अकाउंट ओपन किया है. अगर हां तो शुरुआत में आपको किन स्टॉक्स में पैसा लगाना है इसको लेकर सभी के दिमाग में काफी कंफ्यूजन रहता है लेकिन अब आपको बिल्कुल भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि नया अकाउंट ओपन करने के बाद आपको स्टॉक्स में पैसा लगाना चाहिए या फिर म्यूचुअल फंड से शुरुआत करनी चाहिए.
लार्जकैप शेयरों में करना चाहिए निवेश
Wright Reasearch की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव के मुताबिक, नए निवेशकों को मार्केट में लार्ज कैप शेयरों में निवेश करना चाहिए और अगर उनका बजट छोटा है तो उन्हें निफ्टी ईटीएफ या बैंकनिफ्टी आदि के साथ जाना चाहिए. बता दें कि सोनम Smallcase में Wright Reasearch के फंड भी मैनेज करती हैं, जो कि अच्छे रिटर्न भी दे रहे हैं.
किन शेयरों पर लगा सकते हैं दांव?
इसके अलावा अगर आप आज की तारीख में बाजार में एंट्री करने की सोच रहे हैं तो इस समय बाजार के रुख को देखते हुए निवेशक ITC, Tata Motors, Reliance और SBI जैसे शेयरों में खरीदारी कर सकते हैं. आईटीसी और एसबीआई छोटी कीमत वाले शेयर हैं तो आप इनमें 5000 लगाकार भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
जादुई रिटर्न की नहीं करनी चाहिए उम्मीद
मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक, उन्हें स्टॉक के व्यवहार को सीखने और देखने में अधिक समय लगाना चाहिए. उन्हें जादुई रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए बल्कि वास्तविक लाभ पाने के लिए लंबी अवधि की प्रतीक्षा करनी चाहिए.
ITC के शेयरों में रही बंपर तेजी
ITC के शेयरों में इस समय शानदार बढ़त देखने को मिल रही है. आज भी कंपनी का शेयर तेजी के साथ 335.90 के लेवल पर क्लोज हुआ है. वहीं, पिछले 5 कारोबारी सत्र में स्टॉक ने निवेशकों को 1.73 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर 6 महीने पहले का चार्ट देखेंगे तो उस अवधि में स्टॉक में 30.88 फीसदी यानी 79.25 रुपये की तेजी आई है.
SBI में भी रही तेजी
इसके अलावा अगर एसबीआई के शेयर की बात करें तो आज के कारोबारी सत्र के बाद कंपनी का स्टॉक 4.65 फीसदी यानी 537.35 रुपये के लेवल पर क्लोज हुआ है. वहीं, पिछले एक महीने में शेयर 4.35 फीसदी बढ़ा है.
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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Demat vs Trading Account: डीमैट व ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी हैं?
Demat vs Trading Account: इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं।
शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।
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शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया
Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं.
What is Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं. नई तकनीक के साथ चीजें अधिक डाइनामिक हो गई हैं. आज के समय में ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है. आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना आसान नहीं है. बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए हुआ. इसमें सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है. शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई. डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है. डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है. डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. इस तरह, डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं.
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डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं?
- सबसे पहले, अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें. फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा.
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे.
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं. जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.
(स्रोत: एंजेल ब्रोकिंग)
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