मुद्रा एवं बैंकिंग (Money and Banking)
मुद्रा एवं बैंकिंग Money and Banking Book For B.Com Ist Year as per Syllabus of Awadhesh Pratap Singh University (APSU), Barkatullah University, Rani Durgavati Vishwavidyalaya Jabalpur (RDVV), Vikram University Ujjain, Dr. Harisingh Gour University Sagar (DHGU)
जानिए ई-रूपी कैसे करेगी काम? क्या होंगे इस डिजिटल करंसी के फीचर्स?
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा बीते मंगलवार को डिजिटल रुपए के पहला पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी। जिसके बाद 1 दिसम्बर 2022 से इसे देश के चार महानगरों में लॉन्च किया गया है। इन चार महानगरों में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर का नाम शामिल है। खुदरा डिजिटल रुपए के इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट को मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? शामिल किया गया है। यह डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पूर्णरूप से एक कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? जाएगा। तो चलिए जानते हैं ई-रूपी के बारे में विस्तार से-
क्या होंगे ई-रूपी के फीचर?
ई-रूपी या डिजिटल करंसी में हमें लगभग वे सभी फीचर मिलने वाले हैं जो हमें फिजिकल करंसी में देखने को मिलते हैं। रिजर्व बैंक के द्वारा यह डिजिटल मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? करंसी क्रिप्टोकरेंसी को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। यह एक CBDC यानि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जिसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा। इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलेगा। यानि जिस मूल्य पर हमारी फिजिकल करंसी जारी होती है यह भी वैसे ही जारी की जाएगी। इससे नकदी के सर्क्युलेशन में कमी आएगी और साथ ही ट्रांजेक्शन कॉस्ट में भी कटौती होगी।
क्या होगा दूसरा चरण?
पहले चरण में इसे 4 शहरों और 4 सरकारी और निजी बैंकों के साथ शुरू किया गया है। जबकि इसके अगले चरण में करंसी को 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्च किया जाएगा।
कैसे करेगी यह करंसी काम?
डिजिटल करंसी को हम अपने बैंक अकाउंट और वॉलेट में अपने बैलेंस के माध्यम से चेक कर सकते हैं। यह करंसी इस चरण में भागीदार चारों बैंकों के मोबाइल एप्स में दिखाई देगी। सभी यूजर्स इस राशि के माध्यम से लेनदेन और अपने बाकि के काम कर पाएँगे। इस करंसी को आप बैंकों में जमा अपनी राशि के तौर पर इस्तेमाल कर पाएँगे।
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M0 M1 M2 M3 M4 मुद्रा की पूर्ति (Money Supply) के मापक
RBI (Reserve Bank of India) को कभी-कभी यह मूल्यांकन करना पड़ता है कि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति कहाँ-कहाँ व्याप्त है? अर्थव्यवस्था में विस्तृत मुद्रा का जो स्टॉक है, वह कैसे और कहाँ circulate हो रहा है? इस मूल्यांकन के बाद ही RBI मुद्रा आपूर्ति (money supply) को घटाने-बढ़ाने पर पॉलिसी बनाती है जिससे उसे अर्थव्यवस्था को overall monitor करने में मदद मिलती है. Money Supply को देखकर ही RBI existing policy में change लाती है और money supply घटाती बढ़ाती है…Money Supply कैसे घटाती-बढ़ाती है, इसके लिए मैंने पहले भी आर्टिकल लिखा है, क्लिक करें.
इस टॉपिक पर आगे बात करने से पहले हमें मुद्रा आपूर्ति (money supply) के विषय में ठीक से जान लेना होगा. Money Supply अर्थव्यवस्था में प्रचलित (circulated) मुद्रा की मात्रा (amount of money) है. यहाँ पर मुद्रा का मतलब सिर्फ नोट और सिक्के से नहीं हुआ, इसमें बैंक में जमा किये गए Demand और Time Deposits, Post Office Deposits etc. शामिल हैं.
अर्थव्यवस्था में ये मुद्रा कहाँ-कहाँ व्याप्त हैं, इसके लिए RBI code words का प्रयोग करती है= M0, M1, M2, मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? M3, मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? M4 (Given in NCERT, XII समष्टि अर्थशास्त्र, Page 43)
M0= पैसा जो चलन में है + बैंकों का RBI के पास deposits + RBI के साथ अन्य जमा
M1= लोगों के पास करेंसी (नोट, सिक्का आदि) + जो पैसा बैंक में जमा है (Current या सेविंग अकाउंट में) + RBI के साथ अन्य जमा
M2= M1 + Post Office में जमायें (Only Demand Deposits)
M3= मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? M1 + बैंकों के साथ समय जमायें (Time Deposits)
M4= M3 + Post Office में जमायें (time deposit+recurring deposit) पर National Savings Certificates को छोड़कर
1967-68 के पहले : सिर्फ “M” का प्रयोग होता था जहाँ “M”= लोगों के पास करेंसी (रुपया, सिक्का आदि) + बैंक में सावधि जमा (demand deposits) + अन्य जमा
or M=C+DD+OD जहाँ C=Currency, DD= Demand Deposit, OD=Other Deposits
1968-1977 तक : M3 स्वीकार किया गया.
1977 के बाद : M0, M1, M2, M3, M4 जो अभी तक चल रहा है.
मापक | टाइप | तरलता* |
---|---|---|
M1 | संकीर्ण मुद्रा | सबसे ज्यादा |
M2 | संकीर्ण मुद्रा | M1 से कम |
M3 | व्यापक मुद्रा | M2 से कम |
M4 | व्यापक मुद्रा | सबसे कम |
1. तरलता (Liquidity) बोले तो…कितनी आसानी मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? से आप उसे कैश में कन्वर्ट करा सकते हो.
2. M1 आपके पॉकेट में रखी हुई मनी है, आपके अकाउंट में जमा की गयी मनी है…जिसे आप जब चाहे निकाल सकते हैं. इसलिए यह सबसे अधिक तरल है.
3. M3 को Aggregate Monetary Resources ( AMR ) भी कहते हैं. यह money supply के आकलन करने के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि यह सबसे अधिक व्यापक/विस्तृत है.
4. तरलता की दृष्टि से देखा जाए तो ये चारों descending order में है – m1>m2>m3>m4
5. जैसा हमने ऊपर पढ़ा कि M4 में post office time deposit उर्फ़ fixed deposit भी शामिल है. FD तुड़वाने में काफी समय लगता है इसलिए इसको सबसे कम तरल (lowest liquidity) माना गया है.
SSC परीक्षा में आये प्रश्न:–
१. निम्नलिखित में से मुद्रा पूर्ति मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? में सर्वाधिक तरल माप है? (SSC 2001)
२. किस संघटक को मुद्रा पूर्ति में विस्तृत मुद्रा कहा जाता है? (SSC CPO SI 2007)
मुद्रा के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालें।
मुद्रा एक ऐसी इकाई है जिसके माध्यम से किसी वस्तु का विनिमय किया जाता है और किसी वस्तु के क्रेता और विक्रेता के बीच आदान-प्रदान के मध्य मुद्रा एक माध्यम का कार्य करती है। वर्तमान समय में मुद्रा आर्थिक जगत में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
मुद्रा का आर्थिक महत्व इस प्रकार है.
बाजार व्यवस्था की धुरी — मुद्रा के कारण बाजारी व्यवस्था सरल एवं गतिशील बन गई है क्योंकि मुद्रा विनिमय का एक सरल माध्यम है। इसके कारण सभी लेनदेन सुचारू रूप से संपन्न हो जाते हैं।
आर्थिक विकास का मापक — मुद्रा किसी देश के आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए एक सही व्यवस्था है। मुद्रा के कारण किसी देश की आर्थिक विकास की दर मापी जा सकती है।
श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण — आज के युग में बड़े पैमाने पर अनेक वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के कारण वस्तुओं की लागत में कमी आती है लेकिन बड़े स्तर पर उत्पादन श्रम विभाजन व्यवस्था कारण ही संभव हुआ है और श्रम विभाजन एवं विशिष्टकरण को बनाना बिना मुद्रा के संभव नहीं होता।
आर्थिक क्षेत्र में निर्णय की आजादी — मुद्रा ने उपभोक्ता और उत्पादन कर्ता दोनों को बाजार में अपनी स्वतंत्रता से निर्णय लेने में सक्षम बनाया है। उपभोक्ता जहां यह निर्णय लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है कि उसे अपने लिए अपने द्वारा किए गए धन का अधिकतम लाभ मिले। वहीं उत्पादक कर्ता अपने वस्तु को इस तरह बेचने की कोशिश करता है कि उसे उचित लाभ प्राप्त हो।
निवेश का आधार — मुद्रा के कारण लोगों में बचत की प्रवृत्ति बनती है। लोग अपने भविष्य के लिए संचय करने को प्रेरित मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? होते हैं।
सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार — मुद्रा सामाजिक प्रतिष्ठा का एक मानदंड गयी है। जिसके पास जितनी अधिक मुद्रा होगी समाज में उतना ही धनी एवं प्रतिष्ठित माना जाता है।
Pradhan Mantri Mudra Yojana : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, ऑनलाइन आवेदन और पात्रता
8 अप्रैल 2015 को, माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु / सूक्ष्म उद्यमों(non-corporate, non-farm small/micro enterprises) को 10 लाख तक का लोन प्रदान करने के लिए Pradhan Mantri Mudra Yojana शुरू की क्योंकि किसी भी अर्थव्यवस्था में, ये संस्थाएँ भारतीय अर्थव्यवस्था के बैकफुट का निर्माण करती हैं. यह योजना मुख्य रूप से भागीदार संस्थानों को समर्थन और बढ़ावा देकर और सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र के लिए विकास का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर समावेशी और स्थायी तरीके से उपर्युक्त संगठनों के समग्र विकास को प्राप्त करना है. यह most important topic है जो अक्सर परीक्षा में और साक्षात्कार के इंटरव्यू के दौरान पूछा जाता है और साथ ही यह एक ऐसा विषय है जिसे आप किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकते. इस लेख में की मदद से हम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की विस्तृत चर्चा करेंगे.
Background
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का केंद्रीय बजट पेश किया और MUDRA बैंक के गठन की घोषणा की और घोषणा के बाद, मार्च 2015 में कंपनी अधिनियम 2013 के तहत MUDRA को एक कंपनी के रूप में और एक गैर बैंकिंग वित्त संस्थान के रूप में 07 अप्रैल 2015 को RBI के साथ रजिस्टर्ड किया गया. 8 अप्रैल 2015 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा MUDRA का शुभारंभ किया गया.
प्रारंभ में, माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (MUDRA) की स्थापना भारत सरकार (GoI) द्वारा लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी और 100% पूंजी का योगदान SBI द्वारा किया गया था. वर्तमान में, MUDRA की अधिकृत पूंजी 1000 करोड़ है और भुगतान की गई पूंजी 750 करोड़ है, जो सिडबी द्वारा पूरी तरह से सब्सक्राइब की गई है. अधिक पूंजी से MUDRA के कामकाज को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
SIDBI वित्त संस्थानों का समर्थन करके सभी सूक्ष्म-उद्यमोंके क्षेत्र(Micro-enterprises sector) को विकसित करने और refinancing करने की ज़िम्मेदारी रखता है, जो विनिर्माण, व्यापार और सेवा गतिविधियों में लगे सूक्ष्म / लघु व्यवसाय संस्थाओं को ऋण देने के व्यवसाय में हैं. MUDRA संगठन देश में सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र को सूक्ष्म वित्त सहायता प्रदान करने के लिए राज्य स्तर / क्षेत्रीय स्तर पर बैंकों, MFI और अन्य ऋण संस्थानों के साथ भागीदारी करेंगे.
pyramid के निचले भाग में, माइक्रो फाइनेंस के पास कई प्रकार की सेवाओं को शामिल करने, क्रेडिट सुविधा और कई अन्य क्रेडिट प्लस सेवाओं, वित्तीय साक्षरता और अन्य सामाजिक समर्थन सेवाओं को शामिल करके लोगों को आय के अवसर प्रदान करने की जिम्मेदारी है.
Roles and Responsibilities of MUDRA : कार्य और जिम्मेदारियां
MUDRA का मुख्य उद्देश्य पुनर्वित्त के रूप में वित्तीय सहायता सहित विभिन्न सहायता का विस्तार करके देश में सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र का विकास करना था. 2 मार्च 2015 को, GOI ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी कि इसने MUDRA की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को निर्धारित किया है.
Banking Awareness: For All Banking Exams
GOI द्वारा यह निर्णय लिया गया कि MUDRA पुनर्वित्त सहायता प्रदान करेगा और वेब पोर्टल का प्रबंधन करके PMMY डेटा की निगरानी करेगा. यह PMMY के तहत दिए गए लोन के लिए गारंटी प्रदान करने की सुविधा भी प्रदान करेगा और समय-समय पर इसे सौंपी गई अन्य गतिविधियों को लेगा और तब से, MUDRAयह सभी कार्य कर रही है.
MUDRA Bank : मुद्रा योजना के तहत लोन के प्रकार
MUDRA ने प्रधानमंत्री मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? मुद्रा योजना (PMMY) के अंतर्गत उत्पाद / योजनाएँ बनाई हैं. योजना के तहत interventions को ‘ शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ नाम दिया गया है. तीन नाम लाभार्थी सूक्ष्म इकाई / उद्यमी के growth/development और वित्त पोषण की आवश्यकताओं के चरण को दर्शाते हैं. ये नाम coming phase के लिए graduation / growth के आने वाले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु(reference point) प्रदान करते हैं:
- MUDRA SHISHU Yojana- 50,000 / – तक के ऋण को कवर करना, शिशु ऋण कहलाता है
- MUDRA KISHOR Yojana- 50,000 / – और 5 लाख तक के ऋण को किशोर ऋण कहा जाता है
- MUDRA TARUN मुद्रा क्या है और इसके कार्य क्या है? Yojana- 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख तक के ऋण को तरुण ऋण कहा जाता है
How To Apply: कैसे करें आवेदन
- पहला कदम उनके निकटतम वाणिज्यिक या निजी बैंक पर विजिट करें.
- फिर आवेदक को व्यावसायिक विचार / योजना को सामने रखना होग.
- अंत में, आप विधिवत भरे हुए ऋण आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं
- कुछ दस्तावेज जो प्रस्तुत करने की आवश्यकता है वे हैं: पहचान प्रमाण, पते के प्रमाण, कंपनी के पते के प्रमाण, कंपनी का पहचान प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र, बैलेंस शीट, आईटी रिटर्न, पिछले तीन वर्षों के बिक्री कर रिटर्न, और अन्य मशीनरी विवरण
- बैंक द्वारा आगे की सभी औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा करना सुनिश्चित करें
- उपर्युक्त चरणों के पूरा होने के बाद, आपके दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा
- अंत में, ऋण को मंजूरी मिल जाएगी
Eligibility Criteria: योग्यता
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में सूक्ष्म इकाइयों को ऋण देने के लिए MUDRA से पुनर्वित्त प्राप्त करने के उद्देश्य से भागीदार लोन देने वाले संस्थानों के संबंध में विभिन्न पात्रता मापदंड हैं. हम आपको पीडीएफ प्रदान कर रहे हैं जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और इसके बारे में अधिक जान सकते हैं.
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