घर पर एक ऑनलाइन कक्षा स्थापित करने के लिए टिप्स
कोरोनावायरस महामारी और ऑनलाइन संचालित होने के कारण स्कूल बंद रहने के कारण, घर पर बच्चे के लिए एक आरामदायक कक्षा स्थापित करना महत्वपूर्ण है, जिससे सीखने में सुविधा हो। यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, विशेष रूप से एक छोटे से घर में, जहां माता-पिता भी घर से काम कर रहे हैं । हालाँकि, कुछ बुनियादी नियमों का पालन करके, आप सीखने के लिए अनुकूल माहौल बना सकते हैं।
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धान के कम भाव लगाए जाने से गुस्साए किसानों ने मंडी के बाहर लगाया जाम
डबरा। नईदुनिया प्रतिनिधि मॉडल एक्ट में संशोधन और अन्य मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से हड़ताल पर बैठे मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित कर दी। इसके बाद मंगलवार को आसपास के जिलों के सैंकड़ों किसान धान की फसल बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचे, लेकिन मंडी में धान की खरीद
डबरा। नईदुनिया प्रतिनिधि
मॉडल एक्ट में संशोधन और अन्य मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से हड़ताल पर बैठे मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित कर दी। इसके बाद मंगलवार को आसपास के जिलों के सैंकड़ों किसान धान की फसल बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचे, लेकिन मंडी में धान की खरीदी शुरू होने और व्यापारियों द्वारा धान के सही भाव नहीं लगाने कारण किसानों ने डबरा-भितरवार रोड पर ट्रैक्टर खड़ा करके जाम लगा दिया। मंडी गेट पर जाम लगाने की खबर लगते ही नायब तहसीलदार पूजा मावई देहात थाना के प्रभारी थाना प्रभारी शैलेन्द्र गुर्जर के साथ कृषि उपज मंडी पहुंची और किसानों तथा व्यापारी संघ के अध्यक्ष के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान बनी सहमति के बाद व्यापारियों ने धान की खरीदी करने की बात कही। प्रशासन और व्यापरी संघ के आश्वासन के बाद किसानों ने जाम खोला।
गौरतलब है कि मंडी कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल के स्थगित होने के खबर के साथ ही आसपास के जिले किसान कृषि उपज मंडी डबरा में धान के बेचने के लिए पहुंच गई। मंगलवार को सुबह 7 बजे सैंकड़ों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मंडी पहुंच गए। मंडी में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने के कारण मंडी में डाक शुरू नहीं हो सकी। व्यापारी द्वारा की मंडी टैक्स को लेकर की रही हड़ताल के चलते व्यापारी भी धान की खरीदी के लिए मंडी के अंदर नहीं पहुंचे। हालांकि मंडी के बाहर कुछ व्यापारी धान की खरीदारी कर रहे थे, परंतु सही भाव नहीं लगा रहे थे। मंडी में कर्मचारियों की कमी के चलते डाक शुरू नहीं होने और व्यापारियों द्वारा धान के सही भाव नहीं लगाने से किसान उग्र हो गए। नारेबाजी करते हुए मंडी के गेट को बंद कर दिया और मंडी के बाहर डबरा-भितरवार मार्ग पर आड़े-तिरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करके जाम लगा दिया।
तीन घंटे तक लगा रहा जाम
मंडी में धान की खरीदी नहीं होने से नाराज किसानों ने मंडी गेट के बाहर सड़क पर आड़े-तिरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करके सड़क पर जाम लगा दिया। किसानों ने सड़क पर जाम लगाने के बाद शासन के खिलाफ नारेबाजी की और धान के उचित भाव लगाने की मांग की। किसानों का कहना है कि मंडी में हड़ताल खत्म होने के बाद धान की खरीदी नहीं हो रही है। वहीं व्यापारी भी मंडी के बाहर व्यापारी धान 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव लगा रहे हैं। इतने कम भाव से किसान की लागत भी नहीं निकलेगी। ऐसे में किसान परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा। किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार पूजा मावई मंडी पहुंची और व्यापारी संघ के अध्यक्ष और किसानों के साथ सामंजस्य बैठाकर धान की बिक्री शुरू कराई। तब कहीं जाकर दोपहर 12 बजे किसानों ने सड़क से अपने ट्रैक्टर हटाए।
1650 से 1800 के बीच हुई धान की खरीदी
मंडी में धान के भाव के लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद मंडी पहुंची नायब तहसीलदार ने व्यापारी संघ के अध्यक्ष और किसानों के साथ चर्चा की और समझाइश देकर धान की खरीदी शुरू कराने के बात कही। नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद किसानों ने जाम खोल दिया। वहीं व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे के बाद मंडी में धान की खरीदी की। व्यापारियों में 1650 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान की खरीदारी की। मंगलवार को लगभग 200 ट्रॉली धान खरीदी की गई।
मंगलवार को मंडी में धान के बेचने के लिए आए किसानों की धान मंडी के अंदर इसलिए खरीदी नहीं की गई क्योंकि व्यापारियों की हड़ताल चल रही है। फिर मंडी में आए किसान परेशान न हो, इसके लिए 1650 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान की खरीदी की गई। मंगलवार दोपहर में मुख्यमंत्री द्वारा मांग मानने के बाद व्यापारी संघ ने हड़ताल खत्म कर दी है। बुधवार से व्यापारी मंडी के अंदर सुचारू ढंग से धान की खरीदारी करेंगे।
मुन्नाालाल गुप्ता, अध्यक्ष गल्ला व्यापारी संघ डबरा।
मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने की खबर के बाद काफी संख्या में किसान धान बेचने के लिए आ गए। गल्ला व्यापारी हड़ताल के चलते मंडी के अंदर नहीं पहुंचे। किसानों की फसल की तुलाई के लिए व्यापारियों को मंडी बुलाया गया और आपस में बात की गई। आपसी सहमति से व्यापारी संघ ने धान की खरीदारी शुरू की।
धान के कम भाव लगाए जाने से गुस्साए किसानों ने मंडी के बाहर लगाया जाम
डबरा। नईदुनिया प्रतिनिधि मॉडल एक्ट में संशोधन और अन्य मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से हड़ताल पर बैठे मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित कर दी। इसके बाद मंगलवार को आसपास के जिलों के सैंकड़ों किसान धान की फसल बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचे, लेकिन मंडी में धान की खरीद
डबरा। नईदुनिया प्रतिनिधि
मॉडल एक्ट में संशोधन और अन्य मांगों को लेकर बीते दो सप्ताह से हड़ताल पर बैठे मंडी के अधिकारी-कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित कर दी। इसके बाद मंगलवार को आसपास के जिलों के सैंकड़ों किसान धान की फसल बेचने के लिए कृषि उपज मंडी पहुंचे, लेकिन मंडी में धान की खरीदी शुरू होने और व्यापारियों द्वारा धान के सही भाव नहीं लगाने कारण किसानों ने डबरा-भितरवार रोड पर ट्रैक्टर खड़ा करके जाम लगा दिया। मंडी गेट पर जाम लगाने की खबर लगते ही नायब तहसीलदार पूजा मावई देहात थाना के प्रभारी थाना प्रभारी शैलेन्द्र गुर्जर के साथ कृषि उपज मंडी पहुंची और किसानों तथा व्यापारी संघ के अध्यक्ष के साथ चर्चा की। चर्चा के दौरान बनी सहमति के बाद व्यापारियों ने धान की खरीदी करने की बात कही। प्रशासन और व्यापरी संघ के आश्वासन के बाद किसानों ने जाम खोला।
गौरतलब है कि मंडी कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल के सही स्ट्राइक मूल्य कैसे चुनें स्थगित होने के खबर के साथ ही आसपास के जिले किसान कृषि उपज मंडी डबरा में धान के बेचने के लिए पहुंच गई। मंगलवार को सुबह 7 बजे सैंकड़ों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर मंडी पहुंच गए। मंडी में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने के कारण मंडी में डाक शुरू नहीं हो सकी। व्यापारी द्वारा की मंडी टैक्स को लेकर की रही हड़ताल के चलते व्यापारी भी धान की खरीदी के लिए मंडी के अंदर नहीं पहुंचे। हालांकि मंडी के बाहर कुछ व्यापारी धान की खरीदारी कर रहे थे, परंतु सही भाव नहीं लगा रहे थे। मंडी में कर्मचारियों की कमी के चलते डाक शुरू नहीं होने और व्यापारियों द्वारा धान के सही भाव नहीं लगाने से किसान उग्र हो गए। नारेबाजी करते हुए मंडी के गेट को बंद कर दिया और मंडी के बाहर डबरा-भितरवार मार्ग पर आड़े-तिरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करके जाम लगा दिया।
तीन घंटे तक लगा रहा जाम
मंडी में धान की खरीदी नहीं होने से नाराज किसानों ने मंडी गेट के बाहर सड़क पर आड़े-तिरछे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े करके सड़क पर जाम लगा दिया। किसानों ने सड़क पर जाम लगाने के बाद शासन के खिलाफ नारेबाजी की और धान के उचित भाव लगाने की मांग की। किसानों का कहना है कि मंडी में हड़ताल खत्म होने के बाद धान की खरीदी नहीं हो रही है। वहीं व्यापारी भी मंडी के बाहर व्यापारी धान 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव लगा सही स्ट्राइक मूल्य कैसे चुनें रहे हैं। इतने कम भाव से किसान की लागत भी नहीं निकलेगी। ऐसे में किसान परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा। किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार पूजा मावई मंडी पहुंची और व्यापारी संघ के अध्यक्ष और किसानों के साथ सामंजस्य बैठाकर धान की बिक्री शुरू कराई। तब कहीं जाकर दोपहर 12 बजे किसानों ने सड़क से अपने ट्रैक्टर हटाए।
1650 से 1800 के बीच हुई धान की खरीदी
मंडी में धान के भाव के लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध के बाद मंडी पहुंची नायब तहसीलदार ने व्यापारी संघ के अध्यक्ष और किसानों के साथ चर्चा की और समझाइश देकर धान की खरीदी शुरू कराने के बात कही। नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद किसानों ने जाम खोल दिया। वहीं व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे के बाद मंडी में धान की खरीदी की। व्यापारियों में 1650 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान की खरीदारी की। मंगलवार को लगभग 200 ट्रॉली धान खरीदी की गई।
मंगलवार को मंडी में धान के बेचने के लिए आए किसानों की धान मंडी के अंदर इसलिए खरीदी नहीं की गई क्योंकि व्यापारियों सही स्ट्राइक मूल्य कैसे चुनें की हड़ताल चल रही है। फिर मंडी में आए किसान परेशान न हो, इसके लिए 1650 से 1800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से धान की खरीदी की गई। मंगलवार दोपहर में मुख्यमंत्री द्वारा मांग मानने के बाद व्यापारी संघ ने हड़ताल खत्म कर दी है। बुधवार से व्यापारी मंडी के अंदर सुचारू ढंग से धान की खरीदारी करेंगे।
मुन्नाालाल गुप्ता, अध्यक्ष गल्ला व्यापारी संघ डबरा।
मंडी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने की खबर के बाद काफी संख्या में किसान धान बेचने के लिए आ गए। गल्ला व्यापारी हड़ताल के चलते मंडी के अंदर नहीं पहुंचे। किसानों की फसल की तुलाई के लिए व्यापारियों को मंडी बुलाया गया और आपस में बात की गई। आपसी सहमति से व्यापारी संघ ने धान की खरीदारी शुरू की।
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गोहाना: एमबीबीएस छात्रों के समर्थन में पहुंचे कई वर्ग, बॉन्ड पॉलिसी को वापस लेने के लिए सरकार को दी चेतावनी
गोहाना(सुनील): शहर के भगत फूल सिंह महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर में हरियाणा सरकार के बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ एमबीबीएस छात्रों का धरना लगातार जारी है। छात्रों के धरने को देखते हुए समाज के अलग-अलग वर्गों का समर्थन भी मिल रहा है। आज उनके धरने में हरियाणा राजनीतिक,खाप व किसान नेता पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छात्रों की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि इस पॉलिसी को सरकार को वापस ले लेना चाहिए, यह छात्रों के हित में नहीं है।
बता दें कि एमबीबीएस छात्रों के धरने सही स्ट्राइक मूल्य कैसे चुनें का आज 38वां दिन है। उनके समर्थन में आज कांग्रेस के गोहाना और बरोदा विधायक जगबीर मलिक व इंदु राज नरवाल,गठवाला खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप मलिक,बिकेयू नेता सत्यवान नरवाल पहुंचे। इस दौरान विधायक जगबीर मलिक और इंदु राज नरवाल ने कहा कि एमबीबीएस स्टूडेंट्स की यह छात्राएं बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में बैठी हुई है। जबकि उनकी मांगे जायज है। हमारे नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सही स्ट्राइक मूल्य कैसे चुनें मीटिंग कर एमबीबीएस स्टूडेंट्स के धरने का समर्थन किया है। साथ ही पॉलिसी को नाजायज बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन छात्रों का पूरा समर्थन करती है। उनकी मांगों को लेकर आगामी विधानसभा में मुद्दा उठाया जाएगा।
वहीं गठवाला खाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप मलिक और किसान नेता सत्यवान नरवाल के साथ अन्य खाप के सदस्यों ने भी एमबीबीएस स्टूडेंट्स की मांगों को सही ठहराते हुए कहा सरकार यह गलत पॉलिसी लेकर आई है। एक गरीब परिवार का छात्र इतना पैसा कैसे दे पाएगा। उनका सपना अधूरा रह जाएगा। केवल अमीर बच्चे ही डॉक्टर बन पाएंगे।
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