[Delivery Trading] What is Delivery Trading meaning in Hindi | Delivery Trading Rules in Hindi | Intraday vs Delivery Trading

हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में जानगे की What is Delivery Trading meaning in Hindi एंड Delivery Trading rules in Hindi. ये तो आप सभी को पता ही है की आज के समय सभी लोग अपने Money investश करके उसको कई गुना बढ़ाना चाहते है जिसके चलते लोग कही भी Invetment करना स्टार्ट कर देते है जिसके चलते लोग अपने पैसे से हाथ धो बैठते है।

ऐसे में यदि आप नही चाहते ही आपका निवेश किया हुआ पैसा डूब जाये तो Delivery Trading Best Option है, जहाँ पर आपको Long Term में प्रॉफिट मिलता ही मिलता है। ऐसे में अगर आप भी Delivery Trading me Invest करना चाहते हो, लेकिन आपको नही पता की Delivery Trading kya hai और Delivery based Trading में कैसे निवेश करे? तो आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे । जिससे की हम आपको आसानी से समझा सकेगे की Delivery Trading rules in Hindi क्या क्या है ।

What is Delivery Trading meaning in Hindi

यह Delivery Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है, जिसमे ट्रेडर को Buy Sell करने के उपर कोई time limit नही होती है। बल्कि आपको इसमें एक ही दिन शेयर को खरीद कर उसको उसी दिन बेचने का अवसर नही प्रदान किया जाता है। Delivery Trading में ट्रेडर अपने Stock को लम्बे समय तक होल्ड करके रख सकता है, जिसके चलते तब तब ट्रेडर के शेयर उसके Demat Account में रहते है जब तक की ट्रेडर अपनी Delivery Trading Hold करके रख सकता है जिसके चलते सभी ट्रेडर इस Delivery Trading की मदद से अपने लिए बहुत ही आसानी से Trading कर अपने लिए Profit Book कर लेते हो इस प्रकार की ट्रेडिंग को ही हम Delivery Trading के नाम से जानते है।

Delivery Trading meaning in Hindi

यह Delivery Trading एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमे आप अपने डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है शेयर को Intraday Trading की तरह व् Swing Trading की तरह इन्वेस्ट नही कर सकते है। बल्कि आपको इसमें आपको अपने Shares Buy कर आप Same Day नही बेच सकते है। बल्कि आप चाहे तो आप इसके बाद आप कभी भी 1 महीने या 1 साल बाद अपने शेयर को डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है प्रॉफिट के साथ बेच सकते हो, यदि हम इसको आसान भाषा में साम्झने की कोशिश करे तो ये Delivery Trading एक प्रकार की Long Term Delivery Trading है।

Delivery Trading Rules in Hindi

यदि आप Delivery in Stock Market में इन्वेस्ट करना चाहते है तो सबसे पहले आप Delivery Trading relatd लाभ डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है और हानियों के बारे में जरुर जान ले, जिससे की आप आसानी से सही समय Delivery Trading से जुड़े लाभ और हानियों के बारे में जान कर अपने investment को डूबने से बचा सको:-

  • Delivery Trading एक Long Term Trading है जोकि आपको एक अच्छा return देती है, जिससे की आप अच्छा खासा Profit कमा सकते है।
  • इस Delivery Trading में आप अपने शेयर को पहले दिन खरीद कर नही बेच सकते हो, इसके अलावा आप अपने शेयर को किसी भी दिन बेच सकते हो।
  • Delivery Trading का सबसे बड़ा नुक्सान आप अपने शेयर को खरीद कर उसी दिन Profit के साथ नही बेच सकते हो।
  • इसमें Depository Participant (DP) charge लिया जाता है जिससे की आपका प्रॉफिट मार्जिन कम हो जाता है।

Delivery Trading Tips – Delivery Trading kaise kre

यदि आप Delivery Trading krna चाहते हो लेकिन आपको नही पता की Delivery Trading kaise kre तो आप हमारे द्वारा बताये गये निम्नलिखित points को step by step follow कर सकते हो। जिसकी मदद से आप आसानी से डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है Delivery Trading कैसे करे के बारे में जान सकोगे:-

  • सबसे पहले आपको किसी एक Broker को डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है choose करके उसमे अपना Demat Account बना लेना है और उसके बाद आपको login हो जाना डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है है।
  • अब आप अपनी पसंद के हिसाब से जिस भी company के Shares Buy चाहते है आपको उस शेयर को select करना होगा, और उसके आपको Types Trading वाले option पर click करके आप Delivery Trading को choose कर लेना है।
  • इसके बाद आपको Buy करना है और payment process complete करना है, payment process complete होते ही आपकी payment कट जाएगी और आपका शेयर successful आपके द्वारा ख़रीदा जायेगा।
  • इसके बाद जब भी आपको लगता है के अब अपने होल्ड किये स्टॉक सेल करना चाहते है तो सेल कर सकते है।

InTraday vs Delivery Trading

InTraday TradingDelivery Trading
InTraday Trading में किस भी शेयर को morning time Buy कर लिया जाता है । फिर उसी दिन जब कभी भी Profit दीखता है तो सेल कर दिया जाता है।Delivery Trading में Shares को Buy किया जाता है फिर 1 हफ्ता , मैना , वर्ष जब तक Shares Hold कर सकते है वेट किया जाता है। जैसे ही Stock me Profit दीखता है Stock Hold Sell कर दिया जाता है। इसको आप Long Term Trading भी कह सकते है।
InTraday Trading के लिए अच्छे खासे पैसे की जरूरत होती है । क्योके इस प्रकार से InTraday Trading Profit लेने के लिए बड़ी मात्रा में Shares Buy करने पड़ते है।Delivery Trading में आप मोटे मुनाफे के लिए Long Term के साथ इन्वेस्ट करते है तो आपको कम पैसे की इंवेटमेंट के साथ सब्र की जरूरत होती है।
Delivery Trading vs InTraday

FAQ Delivery Trading

जबकि Intraday Trading कम पूंजी खातों और मार्जिन भुगतान का अवसर देती है, डिलीवरी ट्रेडिंग के लिए इसके लेनदेन के लिए पूरी राशि की आवश्यकता होती है। एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में, यदि कोई छोटे और छोटे अंतराल पर शेयरों के मूल्य का आकलन और पूर्वानुमान कर सकता है, तो Intraday Trading एक अच्छा विचार है।

हां, आप शेयर बाजार में बिना किसी समस्या के उसी दिन डिलीवरी शेयर बेच सकते हैं। हालांकि, आपके ट्रेड को डिलीवरी के बजाय इंट्राडे माना जाएगा, भले ही ट्रेड को सीएनसी या एमआईएस ऑर्डर टाइप में रखा गया हो।

एक ही दिन में शेयर खरीदना और बेचना Intraday Trading है। और जब आप उसी दिन अपने शेयर नहीं बेचते हैं, तो आपका ट्रेड Delivery Trade बन जाता है।

निष्कर्ष

मैं आशा करता हूँ, आप सभी को What is Delivery Trading meaning in Hindi और Delivery Trading कैसे करते है अच्छे से समझ आया होगा । यदि अभी भी आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप हमें comments में जरुर बता सकते है । हमें आपके सभी सवालों का जवाब देते हुए बहुत ख़ुशी होती है। हमारे साथ जुड़े रहने और इसी डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है प्रकार की Share Market related jankari के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे। धन्यावाद।

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Syan Gyan काफी समय से Money Investment , Money Management , Finacial , Share market , Mutual Fund रिलेटेड जानकारी के लिए बुक्स स्टडी कर रहे है और Finance related आर्टिकल लिख रहे है। यह हमारा मकसद आसान भाषा में Share market , Finace रेलतद जानकारी देना है। धन्यावाद।

Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

क्या होता है डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

क्या सिर्फ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग बनाम स्विंग ट्रेडिंग में अंतर क्या है करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

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