एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि बिडेन प्रशासन क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इस डिजिटल एसेट के रिस्क और फायदे को समझना चाहता है.

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान

  • Money9 Hindi
  • Updated On - September 3, 2021 / 11:45 AM IST

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश? इन 9 बातों का रखें ध्यान

हाई रिटर्न के कारण क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने समय के साथ काफी लोकप्रियता हासिल की है. केवल एक क्लिक पर ही आसानी से खरीदी और बिक्री की प्रक्रिया ने इसे खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया है. छोटे शहरों से लेकर महानगरों में रहने वाले लोगों में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर आकर्षण बढ़ा है और वे इसमें निवेश करना चाहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में जाने से पहले आपको इन नौ चीजों के बारे में जान लेनी चाहिए.

Cryptocurrencies: क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है ? क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें ? ये है पूरा प्रॉसेस

crypto currency

क्या होती है डिजिटल करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी को समझना वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम क्रिप्टोकरेंसी को समझना से ही होता है। जहां एक ओर किसी भी देश की करेंसी के लेन-देन के बीच में एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है। लेकिन बावजूद इस उतार चढ़ाव के इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
Investment in Crypto Currencies: इस समय बिटक्वाइन सहित ज्यादातर मुख्य क्रिप्टोकरेंसी (crypto currency) में गिरावट देखने को मिल रही है. बिटक्वाइन, इथेरियम, डॉजक्वाइन, कार्डानो सहित ज्यादातर करेंसी अपने हाई से 30 फीसदी से ज्यादा टूट चुकी हैं. बहुत सारे निवेशक इस गिरावट में निवेश का क्रिप्टोकरेंसी को समझना मौका देख रहे हैं. वहीं, नए निवेशकों में अभी क्रिप्टो के प्रति आकर्षण बना हुआ है. लेकिन बहुत सारे निवेशकों के सामने बड़ा सवाल ये होता है कि इसमें निवेश कैसे करें. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.

Crypto को लेकर अमेरिका की टेंशन का रूस-यूक्रेन युद्ध कनेक्शन

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क्या क्रिप्टो पर अमेरिकी की टेढ़ी नजर के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध है? अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और अन्य संघीय एजेंसियों को वित्तीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के प्रभाव का अध्ययन करने का निर्देश दिया है.

राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की सरकारी निगरानी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो फेडरल रिजर्व से यह पता लगाने का आग्रह करता है कि क्या केंद्रीय बैंक को अपनी डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी को समझना CBDC) बनानी चाहिए.

100 से ज्यादा देश अपने CBDC लाने पर कर रहे काम

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई देश खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं. भारत भी वित्तवर्ष 23 में ही अपनी सीबीडीसी का पायलट ट्रायल करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए अब कई दिनों से काम कर रहा है. इसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी किया था.

RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?

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इस फैसले का रूस पर क्या पड़ेगा असर?

यह कार्रवाई तब हो रही है जब सांसदों और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही थी कि रूस यूक्रेन के आक्रमण के कारण अपने बैंकों, कुलीन वर्गों और तेल उद्योग पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर सकता है.

हालांकि बिडेन प्रशासन ने इसपर तर्क दिया है कि रूस क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करके US और यूरोपीय व्यापार के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले जो बिडेन की सरकार इस फैसले पर काम कर रही थी.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का है इरादा, आगे बढ़ने से पहले पांच जरूरी बातें

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) लगातार सुर्खियों में है। इससे जुड़े फायदे नुकसान पर चर्चा तेजी से जारी है। इस बीच लोग अचानक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं, क्रिप्टो से जुड़े स्कैम होने की संभावनाएं भी जताई जाती रही है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को रेग्यूलेट करने के लिए फिलहाल भारत में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ है। हालांकि एडवर्टाइजिंग काउँसिल ने अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 के बाद क्रिप्टो से जुड़े विज्ञापनों में डिस्क्लेमर देने क्रिप्टोकरेंसी को समझना जरूरी कर दिया गया है। जिसमें विज्ञापन देने वालों को ये साफ साफ लिखना होगा कि क्रिप्टो करेंसी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है, इसमें निवश करना जोखिम भरा हो सकता है।

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राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्रिप्टोक्यूरेंसी की सरकारी निगरानी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो फेडरल रिजर्व से यह पता लगाने का आग्रह करता है कि क्या केंद्रीय बैंक को अपनी डिजिटल मुद्रा (CBDC) बनानी चाहिए.

100 से क्रिप्टोकरेंसी को समझना ज्यादा देश अपने CBDC लाने पर कर रहे काम

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई देश खुद की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं. भारत भी वित्तवर्ष 23 में ही अपनी सीबीडीसी का पायलट ट्रायल करेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुद की डिजिटल करेंसी लाने के लिए अब कई दिनों से काम क्रिप्टोकरेंसी को समझना कर रहा है. इसका जिक्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में भी किया था.

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हालांकि बिडेन प्रशासन ने इसपर तर्क दिया है कि रूस क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख करके US और यूरोपीय व्यापार के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएगा. अधिकारियों ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले जो बिडेन की सरकार इस फैसले पर काम कर रही थी.

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