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Stock Market फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? Fundamental Analysis in Hindi.
1) फंडामेंटल एनालिसिस याने की " वास्तविकता की पहचान।" सच्चाई की जांच। सही है ?
2) किसी चीज के बारें में हकीकत जानना मतलब "सही मूल्य जानना।"
3) किसी का बॅक-ग्राउंड, क्षमता, अनुकूलता और दिक्क्तों का " सही मायनों में विश्लेषण" करना।
अच्छा, अब इसे स्टॉक मार्केट से जोड़ते हैं तो यह हुआ Stock Market फंडामेंटल एनालिसिस। तो, आगे बढ़ते हुए समज़ते है की स्टॉक मार्केट का फंडामेंटल एनालिसिस करना याने की, उसके वास्तविकता का सही मायनों में विश्लेषण करना। आसान है ना ? बस इसी तरह से साथ बनें रहिये।
फंडामेंटल एनालिसिस का महत्व
फंडामेंटल एनालिसिस में देश और दुनिया की स्थिती, आर्थिक स्थिती और विकास, स्टॉक मार्केट की स्थिती, और जिस कंपनी में निवेश करना है उसकी स्थिती और विकास का बारीकी से स्टडी किया जाता है।
स्टॉक मार्केट में, कम्पनी के शेयर्स की ट्रेडिंग होती रहती है। डिमांड और सप्लाई के कारण कीमत ऊपर-नीचे होती रहती है। ऐसे में हमें लॉन्ग टर्म के लिए कोई शेअर लेना हो तो उस "शेअर का सही वास्तविक मुल्य क्या है ?" और आगे आने वाले कुछ सालों में "उसकी कितनी ग्रोथ हो सकती है ?" इसका पता लगाने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस करना होता है।
इस स्टडी से हमें यह जानकारी हासिल होती हैं की, स्टॉक मार्केट में शेअर को अपनी सही कीमत मिल रही है या नहीं। और जो "शेअर अंडर-वैल्यूड है" उसे निवेश के लिए चुन सकते है।
फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे ?
1 ) मॅक्रो इकॉनोमिक्स
इसमें "कंट्री का स्टडी" होता है। जैसे की इकोनॉमी, नैसर्गिक घटक, पॉलिटिक्स, कायदे-कानून। याने की जो फॅक्टर्स हमारी लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को प्रभावित कर सकते हैं उनका समावेश होता है।
राष्ट्रीय उत्पन्न और महंगाई का स्तर, आर्थिक विकास का स्तर, भाववाढ, बेरोजगारी का स्तर, G.D.P. का स्तर और बदलाव इनका मॅक्रो इकॉनोमिक्स में स्टडी किया जाता है।
2 ) माइक्रो इकॉनोमिक्स
इसे "सुक्ष्म अर्थशास्त्र" कहते है। इसमें कंट्री के अर्थ-व्यवस्था के विविध अंग किस तरह से कार्य करते हैं ? इसका स्टडी किया जाता है।
अर्थ-व्यवस्था के अंग याने की बाजार, डिमांड, सप्लाई, विभिन्न वस्तुओं की अलग-अलग कीमतें, लोगों की आदतें और व्यवहार, "कम्पनीज का उत्पादन और वितरण।" इनके बदलने से किस तरह से कीमतों में बदलाव होते है। और कीमतों के बढ़ने से और गिरने से अर्थ-व्यवस्था पर किस के तरह के प्रभाव पड़ सकते फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? हैं। यह जानना महत्वपुर्ण होता है।
2- क्या मैं फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकता हूँ?
आप बिलकुल बन सकते हैं। ये एक ग़लतफ़हमी है कि सिर्फ़ चार्टर्ड अकाउंटंट या कॉमर्स के बैकग्राउंड वाले लोग ही अच्छे फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बन सकते हैं। एक अच्छा फ़ंडामेंटल एनालिस्ट बनने के लिए आपको बस कुछ चीज़ें सीखनी होंगी। :
- वित्तीय स्टेटमेंट को समझना
- हर बिज़नेस को उसकी इंडस्ट्री के परिप्रेक्ष्य के साथ समझना होगा
- ज़रूरी गणित को जानना होगा
इस अध्याय में हम ऊपर की लिस्ट में से पहली दो चीज़ों को सीखेंगे जिससे हमें फ़ंडामेंटल एनालिसिस आ सके।
1.3 – मुझे टेक्निकल एनालिसिस आती है, फंडामेंटल एनालिसिस समझने की क्या जरुरत है?
टेक्निकल एनालिसिस आपको छोटे फ़ायदे दिलाती है। ये आपको बाज़ार में एंट्री और एग्ज़िट का सही समय बताती है। लेकिन ये सम्पत्ति बढ़ाने का सही तरीका नहीं है। आप अमीर तभी बन सकते हैं जब आप फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? अच्छा लांग टर्म निवेश करें। वैसे अच्छा ये होगा कि आप टेक्निकल ऐनालिसिस और फ़ंडामेंटल ऐनालिसिस दोनों को इस्तेमाल करें। इसे समझने के लिए एक बार फिर से आयशर मोटर्स के चार्ट पर नज़र डालते हैं।
मान लीजिए एक निवेशक आयशर मोटर्स को फंडामेंटल तौर पर मजबूत शेयर मानकर उस में निवेश करता है। उसने 2006 में कंपनी के शेयर में पैसे लगाए , जैसा कि आप चार्ट में देख सकते हैं कि 2006 से 2010 के बीच में स्टॉक ने कोई खास पैसे नहीं बनाए। शेयर में तेजी 2010 के बाद ही शुरू हुई। इसका यह भी मतलब हुआ कि फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर किए गए इस निवेश में आयशर मोटर्स ने निवेशक को अच्छा रिटर्न नहीं दिया। 2006 से 2010 के बीच इस निवेशक ने अगर छोटे-छोटे ट्रेड किए होते तो उसको ज्यादा फायदा हो सकता था। टेक्निकल एनालिसिस इस तरह के छोटे सौदों के लिए फायदेमंद होता है । इसीलिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का इस्तेमाल साथ – साथ करना चाहिए। इसी पर आधारित है पैसे निवेश करने की एक महत्वपूर्ण रणनीति जिसको कोर सैटेलाइट स्ट्रैटेजी ( The Core Satellite Strategy ) कहते हैं।
1.4 फंडामेंटल एनालिसिस के टूल्स यानी उपकरण
फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इस्तेमाल की जाने वाले टूल्स बहुत ही साधारण होते हैं जो कि सबके लिए मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको चाहिए :
- कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट – फंडामेंटल एनालिसिस के लिए आपको जो भी सूचनाएं चाहिए वह कंपनी की एनुअल रिपोर्ट यानी वार्षिक रिपोर्ट में होती हैं आप इसे कंपनी के वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
- इंडस्ट्री से जुड़ा डेटा – यह जानने के लिए कि कंपनी कैसा काम कर रही है आपको इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ डेटा भी चाहिए। यह डेटा भी मुफ्त उपलब्ध होता है। इसके लिए आपको उस फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? इंडस्ट्री एसोसिएशन यानी संगठन की वेबसाइट पर जाना होता है।
- समाचार या खबरों पर नज़र – हर दिन की खबर आपको कंपनी के बारे में , इंडस्ट्री के बारे में और अर्थव्यवस्था के बारे में जानकारी देती रहती है। एक अच्छा समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल आपके लिए काम आ सकता है।
- माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल ( MS Excel ) – हालांकि ये मुफ्त नहीं है लेकिन यह आपके फंडामेंटल एनालिसिस की गणनाओं के लिए काफी जरूरी है।
क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? किसी शेयर में निवेश से पहले जानें इसकी अहमियत
शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है। इसके लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के एनालिसिस होते हैं। पहला फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाता है व कभी एक एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति को अपनाया जाता है।
टेक्निकल एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में अधिक कांप्लेक्स है। इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर का एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रुझानों ध्यान में रखकर का अनुमान लगाया जाता है।
इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं। अब अगर जैसे P/E Ratio की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की बहूत उम्मीद है जब P/B Ratio कम होता है तो स्टॉक अंडरवैल्यूड है। साथ ही, इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी ध्यान देखते हैं जो अगर एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है। जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली होती हैं और कर्ज से मुक्त होती हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत होते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? – Fundamental Analysis In Hindi (Full Information)
फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? Fundamental Analysis In Hindi , Fundamental Analysis क्या है – Fundamental analysis kya hai , Fundamental analysis in Hindi ,किसी Share का Fundamental Analysis कैसे करें दोस्तों आज के समय हर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहा है और तकनीकी उपलब्धता के कारण शेयर मार्केट की पहुंच आज प्रत्येक जन जन तक हो चुकी है
ऐसे में कोई भी शेयर को खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो चुका है तो लोग बहुत ही ज्यादा हर किसी शेयर को खरीद लेते हैं और उसमें नुकसान उठा लेते हैं हमें कोई भी Share खरीदने से पहले या Stock खरीदने से पहले उसका Fundamental Analysis in Hindi और टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए
What Is Fundamental Analysis In Hindi : Fundamental Analysis Kya Hai
किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसका एनालिसिस करना होता है स्टॉक मार्किट में कंपनी का दो तरीके से एनालिसिस किया जाता है एक होता है Technical Analysis और दूसरा Fundamental Analysis. आज में आपको बताऊंगा की फंडामेंटल एनालिसिस क्या है – Basic of fundamental Analysis In Hindi
फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है: एक साल से अधिक समय के लिए जब किसी शेयर में निवेश किया जाता है तो उसे इन्वेस्टिंग कहते है और Investing के लिए Share ढूंढ़ने की प्रक्रिया को ही Fundamental Analysis कहते है।
फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी का बहुत की बारीकी से विश्लेषण किया जाता है की कंपनी का बिज़नेस कैसा है, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्किट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर क़र्ज़ कितना है।
Fundamental Analysis को 2 भागों में बांटा जाता है
- Qualitative Analysis (गुणात्मक विश्लेषण): Qualitative Analysis में कंपनी क्या व्यापार कर रही है, प्रोडक्ट और सर्विस, मैनेजमेंट एनालिसिस, बिज़नेस मॉडल इन सभी का एनालिसिस किया जाता है।
- Quantitative Analysis(मात्रात्मक विश्लेषण): Quantitative Analysis में कंपनी के वित्तीय हालत को दिखाने वाले नंबर्स का एनालिसिस किया जाता है जैसे: फाइनेंसियल स्टेटमेंट (Balance Sheet,Profit & Loss Statement, Cash Flow Statement), विभिन्न तरह के रेश्यो, Sales Growth, Profit Growth का एनालिसिस किया जाता है।
सभी Successful Investor जो की Long Term Investing करते है वे फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? सभी Stock चुनने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है। Fundamental Analysis एक बढ़िया बिज़नेस को ढूंढने में मदद करता है जिसका शेयर अभी डिस्काउंट पर मिल रहा हो।
हाइलाइट्स
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.
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