स्कूल से आने के बाद बच्चे घर में बैठकर समय नहीं काट पाते हैं। पार्क में जानवर घूमते रहते हैं इसीलिए बच्चे रोड पर ही खेलते हैं। जब तक बच्चे खेलते हैं तब तक बाहर ही बैठना पड़ता है, क्योंकि कॉलोनी में सांडों को भी आतंक है। बच्चे घर से बाहर न निककं तो मोबाइल पर गेम ख्ोलते हैं।

पूरे उत्तर प्रदेश में आवारा सांडों का आतंक जारी, अब अमरोहा में सांड ने किसान को मार डाला

सांडों की लड़ाई से गिरी स्कूटी, महिला कर्मचारी घायल

नादौन में सांडों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है मंगलवार शाम के वक्त दोस्तों सांडों के बीच हुई लड़ाई में नादौन अस्पताल में कार्यरत एक महिला कर्मचारी जो कि छुट्टी के बाद अपने घर जा रही थी कि अचानक बाजार

संवाद सहयोगी, नादौन : नादौन में बेसहारा पशु का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार शाम को दो सांड लड़ते हुए एक स्कूटी को छूते हुए निकल गए। इससे स्कूटी पर बैठी ज्वालामुखी अस्पताल में कार्यरत एक महिला कर्मचारी संभल नहीं और सड़क पर गिर गई। इससे उसकी टांगों तथा शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोटें आई। मौके पर मौजूद दुकानदारों छुट्टा सांडों का आंतक ने बड़ी मुश्किल से सांडों को बाजार से खदेड़ा और घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया। लोगों का कहना है कि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बाजार सहित अन्य स्थानों पर सांडों की लड़ाई में बाइक सवार सहित राहगीर भी घायल हो चुके हैं परंतु स्थानीय प्रशासन इस मुसीबत से निजात नहीं दिला पाया है। उधर, एसडीम नादौन दिलेराम धीमान ने बताया कि सूचना मिलते ही नादौन नगर पंचायत के अधिकारियों को इस समस्या से निपटने के लिए आदेश दे दिए हैं। वहीं, अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर दामन में बताया कि महिला कर्मचारी को काफी चोटें आई हैं।

बच्चों का पार्क, छुट्टा जानवरों के हवाले

बच्चों का पार्क, छुट्टा जानवरों के हवाले

शहर की कॉलोनियों छुट्टा सांडों का आंतक में पार्क तो हैं, लेकिन देखरेख न होने के कारण पार्क बदहाल हैं। कहीं छुट्टा जानवरों ने पार्क में अड्डा बना रखा है तो किसी पार्क को स्थानीय लोगों ने ही कू्ड़ा डालकर डलावघर बना दिया है। ऐसे में कॉलोनी के बच्चे पार्को में खेलने नहीं जाते हैं। कई पार्क तो ऐसे हैं, जहां छुट्टा जानवर, जैसे सांड, गाय, घोड़ा और कुत्तों का आतंक है। इसके कारण पार्क में बच्चे खेलने के लिए ही नहीं जा पाते हैं। कुछ पार्क ऐसे भी हैं जिन्हें कॉलोनी के निवासियों ने ही डलावघर बना दिया है। वह अपने घरों का कूड़ा-कचरा पार्क में डाल देते हैं। इससे बच्चों को खेलने के लिए जगह ही नहीं मिलती है। परेशान बच्चे घर में मोबाइल और टीवी देखकर देखकर समय काटते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के पार्को को बचाने का कैंपेन शुरू किया है। इसमें राजेन्द्र नगर के आचार्य नरेन्द्र देव पार्क और जनकपुरी के रानी लक्ष्मीबाई पार्क छुट्टा सांडों का आंतक की कहानी बता रहे हैं

Aligarh News: अलीगढ़ में आवारा सांडों का आतंक, एक सप्ताह में दो किसानों को उतारा मौत के घाट

Garima Singh

stray bull

आवारा सांड (Photo- Social Media)

अलीगढ़ : अलीगढ़ में आवारा सांड का आतंक बढ़ गया है। आवारा सांडों ने एक सप्ताह में दो ग्रामीणों की जान ले ली। आवारा सांडों के आतंक से इलाके में दहशत का माहौल है। रविवार को बुजुर्ग महावीर सिंह शौच करने घर से जंगल जा रहे थे। इसी बीच रास्ते मे सांड के प्रहार से बुजुर्ग की मौत हो गई। इस घटना से गांव के लोग दहशत में है। वहीं बुजुर्ग की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुला हाल है। घटना थाना गौंडा के गांव लधौली का है।

ग्रामीणों को बना रहा निशाना

इससे पहले 18 जुलाई को छुट्टा सांडों का आंतक थाना गंगीरी के गांव रतरोई निवासी 32 वर्षीय किसान कर्णपाल सिंह घर से खेत में पानी लगाने के लिये गया था। तभी रास्ते में गांव के ही एक व्यक्ति के जुते पड़े खेत में आवारा सांड ने किसान कर्णपाल सिंह को घेर लिया और पटक-पटक कर किसान कर्णपाल सिंह को मौत के घाट उतार दिया। किसान की छाती, पेट व पैरों में अपने सींग घुसा कर मार डालने के बाद सांड रातभर मरे पड़े किसान के पास ही बैठा रहा। सुबह होते ही सांड वहां से चला गया जब सुबह शौच को जाने वाले लोगों ने देखा तो परिजनों को बताया। किसान कर्णपाल की मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। किसान कर्णपाल ने अपने पीछे एक बेटा व एक बेटी व विधवा मां को रोते बिलखते छोड़ा है।

गौशाला में सरकारी व्यवस्था हवा-हवाई

अलीगढ़ में छुट्टे सांड़ का आतंक जारी है। कई इलाके में ग्रामीणों को सांड़ निशाना बना रहे हैं। छुट्टा मवेशी एक तरफ गांव में खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। छुट्टा सांडों का आंतक तो वहीं दूसरी तरफ अब ग्रामीणों की जान भी ले रहे हैं। छुट्टा मवेशियों को रखने के लिए गांवों में गौशाला बनाई गई है, लेकिन लचर व्यवस्था के चलते छुट्टा छुट्टा सांडों का आंतक छुट्टा सांडों का आंतक मवेशी किसानों की परेशानी की सबब बने हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव नवाब सिंह ने बताया कि आवारा पशुओं के हमले में किसानों की जान जा रही है.आवारा पशु जंगली, खतरनाक और ताकतवर होता है, जो किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ग्रामीणों की जान भी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि योगी सरकार आवारा पशुओं के संरक्षण के लिए गौशाला बनवाई है, लेकिन सब व्यवस्था हवा-हवाई है. किसानों को उसके रहमोकरम पर ही छोड़ दिया है।

कुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड

शहर में मुख्य सडक़ों से लेकर कॉलोनी- मोहल्लों में सांडों का आतंक है। पिछले दिनों गोवंश के व्यवस्थापन के लिए हुई बैठक में कलेक्टर ने शहर की सडक़ों पर घूम रहे 500 सांडों को जंगल में भेजने के निर्देश दिए थे। इस पर नगर निगम मदाखलत अधिकारियों द्वारा सांडों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

कुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड

ग्वालियर। शहर में ट्रैफिक में बाधक बन रहे 150 सांडों को पकडकऱ बरई के पास के जंगलों में छोड़ा गया है। इसके लिए नगर निगम के मदाखलत अमले द्वारा छह दिन से अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में सांड शहर की सडक़ों पर दिखाई दे रहे हैं।

मिलती जुलती खबरें

उत्तर प्रदेश छुट्टा सांडों का आंतक को मिले स्‍वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक, जानिए किस जिले में कितने नायक

बुर्का पहनकर पूजा क्यों कर रही थीं महिलाएं , क्या है पूरा मामला पढ़ें यहां

Assembly Election Result 2022: एमसीडी, हिमाचल और उप चुनाव दे रहे गवाही, भाजपा को नफा कम, नुकसान ज्यादा

Assembly Election Results 2022: गुजरात-हिमाचल से ज्यादा रहेगी मैनपुरी और रामपुर पर नजर, जानिए क्या होगा मुलायम के गढ़ मैनपुरी में

रेटिंग: 4.76
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 424