Candle

Candle Stick Chart Pattern

What are Candlesticks in stock Market?

स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह जहां बहुत सारे लोग किसी लिस्टेड कंपनी का स्टॉक को खरीद और बिक्री के लिए उपयोग में लाते हैं। क्या लोग कभी भी कोई स्टॉक को खरीद या बेच देते हैं? जवाब होगा नहीं। लोग खरीदने या बेचने के लिए पहले उस कंपनी के बारे में पूरी तरीके से जानकारी प्राप्त करते हैं अब वह तरीका या तो टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा जानकारी प्राप्त करना हो या फिर उस कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा जानकारी प्राप्त करना हो।

अगर हम बात करें टेक्निकल एनालिसिस तो यहां पर लोग टेक्निकल चार्ट उस कंपनी का देखते हैं यह टेक्निकल चार्ट अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं उनमें से एक का नाम candlestick chart है। जिसके बारे में आज हम विस्तार से चर्चा करेंगे। यहां पर हम देखने वाले हैं कि candlestick chart कैसे बनता है बे क्या चीजें हैं जिससे मिलकर candlestick chart बनता है इन सभी बातों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और अलग-अलग candlestick किस प्रकार के होते हैं इसकी बात करेंगे।

What are Candlesticks in stock Market? कैंडल्स क्या है?

कैंडल स्टॉक मार्केट में खरीद और बिक्री कर रहे लोगों के लिए मूल्यों का उतार-चढ़ाव का एक हरी कैंडल को समझना संकेतात्मक प्रारूप है। जो हमें बाजार में खरीद और बिक्री होने के मूल्यों को सांकेतिक रूप में बताता है। कैंडल्स को बनने के लिए एक निश्चित समय अवधि में होने वाले खरीद और बिक्री के मूल्य का उपयोग कर बनाया जाता है।

यहां पर एक शब्द हरी कैंडल को समझना समय अवधि का जिक्र किया गया है जिसको समझना बहुत ही जरूरी है मान लीजिए कि अपना भारत में स्टॉक मार्केट 9:15 हरी कैंडल को समझना a.m. में खुलता है और 3:30 p.m. मे बंद हो जाता है। हमारे शेयर बाजार का यह पूरी अवधि जितने समय बाजार खुला होता है यह एक दिन का पूर्ण अवधि है। इसके अलावा अगर हम इस पूरी अवधि को और छोटे-छोटे समय अंतराल में बांटना चाहे तो हम इस पूरे अवधि को छोटे-छोटे समय अंतराल में बांट सकते हैं।

अगर आपने शेयर बाजार में काम किया हो तो देखा होगा कि कैंडल्स अलग-अलग समय अंतराल में बना होता है उदाहरण के लिए 5 मिनट का कैंडल, 15 हरी कैंडल को समझना मिनट का कैंडल, 30 मिनट का कैंडल, 1 घंटे का कैंडल, 2 घंटे का कैंडल, 1 दिन का कैंडल, 1 सप्ताह का कैंडल हरी कैंडल को समझना और महीने का कैंडल इस तरीके से अलग अलग समय अंतराल का एक एक कैंडल बना होता है।

कैंडल कैसे बनता है?

कैंडल कैसे बनता है इस सवाल का जवाब समझने के लिए हम किसी भी एक समय अंतराल का उपयोग करेंगे जिसके माध्यम से हम समझने का प्रयत्न करेंगे कि कैंडल्स बनने कि जो आधारभूत बिंदु है वह क्या है। मान लीजिए कि 5 मिनट का समय अंतराल हमने लिया है जिसमें एक कैंडल को बनने के लिए न्यूनतम समय 5 मिनट लगेगा अब इस 5 मिनट में शेयर बाजार में बहुत सारे लोग किसी एक ही प्रकार के शेयर को या तो खरीद रहे होंगे या बेच रहे होंगे।

मान लीजिए कि जब यह समय की शुरुआत हो रही होगी उस शुरुआती सेकंड में किसी व्यक्ति ने शेयर की खरीदारी एक निश्चित भाव ₹100 में खरीद कर उस शेयर का उस 5 मिनट के छोटे समय अंतराल में खरीदारी की शुरुआत की जिसके पश्चात और भी बहुत सारे लोग खरीदारी या बिकवाली के लिए अपने स्टॉक ब्रोकर के टर्मिनल पर अपना सौदा लगा रखे होंगे और उनकी खरीदारी बिकवाली हो रही होगी।

उसी क्रम में हम यह मानकर चलते हैं कि उस 5 मिनट की समय अवधि में सबसे कम पर जो सौदा बिका वह ₹90 पर बिका फिर उस 5 मिनट के समय अवधि में एक सौदा जो सबसे ऊंचे भाव पर बिका जो ₹110 का था और उस 5 मिनट का समय अवधि समाप्त होते-होते सबसे अंतिम का सौदा अगर ₹105 पर बिका तो हमें कैंडल को बनाने के लिए इन्हीं चार भाव की आवश्यकता होती है।

कैंडल और उसके रंग का संबंध।

What are Candlesticks in stock Market? कैंडल और उसके रंग में बहुत ही गहरा संबंध है कैंडल्स का रंग हमें भाव के चलने की दिशा को बताता है अगर भाव अपने न्यूनतम स्तर से चलकर उच्चतम स्तर की दिशा में जाती है तो उस क्रम में बनने वाले कैंडल का रंग सामान्य तौर पर हरा रखा जाता है यद्यपि इसे अपने मन मुताबिक अलग-अलग रंगों में रखा जा सकता है फिर भी अधिकतर लोग इसे हरा रंग में ही रखते हैं जो यह बताता है कि भाव नीचे से ऊपर के तरफ चल रहा है।

इसी तरह से अगर हरी कैंडल को समझना कैंडल का रंग लाल से दिखाया गया है तो इसका सामान्यतः अर्थ यह होता है कि भाव उच्चतम स्तर से गिरते हुए निम्नतम स्तर के और चल रहा है तो इस क्रम में बनने वाले कैंडल का रंग लाल से दिखाया जाता है जो सामान्य हरी कैंडल को समझना तौर पर यह बताता है कि मार्केट में विक्रेता का बोलबाला है।

कैंडल का हरा रंग अच्छी खरीदारी की सूचक है उसी तरह से लाल रंग की कैंडल अच्छी बिकवाली का सूचक होता है अच्छी खरीदारी से मतलब है की अधिकतम लोग उस दिन खरीदारी के मानसिकता के साथ बाजार में आए हैं और लाल कैंडल का मतलब है कि अधिकतम लोग बिकवाली के मानसिकता के साथ बाजार में काम कर रहे हैं।

Doji के प्रकार | Engulfing Candle क्या है ?

Doji भी किसी Candles Stick Chart पर बनने वाली कैंडल की एक संरचना पर ही आधारित होती है। जैसा कि आप जान चुके हैं कि कैंडल किसी स्टॉक के भाव के खुलने और बन्द होने की स्थिति बताती है तथा हर बार ये स्थित अलग – अलग हो सकती है।

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इन्हीं अलग – अलग स्थितियों के आधार पर कैंडल की संरचना भी अलग – अलग होती है।

डोजी भी इसी प्रकार की एक कैंडल स्टिक संरचना है, जो बाजार में आगे क्या होने वाला है इसका संकेत देती है ।

आपको पता है कि किसी शेयर का भाव खुलने के बाद या तो बढ़ता है या फिर घटता है।

परंतु कभी – कभी ऐसा भी होता है कि मार्केट खुलने के बाद किसी शेयर का भाव घटता है या बढ़ता है लेकिन मार्केट बंद होने के समय तक भाव अपने खुलने के भाव के नजदीक ही आकर बंद होता है ।

what is Japanese charts Candlesticks pattern - कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है

यदि आप stock market, commodity market अथवा currency market में ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करते है तो आपको कैंडल स्टिक चार्ट पैटर्न का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है,इनका अविष्कार जापान के चावल के व्यापारियों ने किया था इसलिए इनको Japanese Candlesticks Pattern के नाम से जाना जाता है। यह रियल टाइम प्राइस एक्शन को दर्शाता है, इसके साथ आप lagging indicator टेक्निकल टूल्स का उपयोग करके बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं जैसे RSI, Stochastic Oscillator आदि, इनका उपयोग केवल सिग्नल को कन्फर्म करने के लिए करना चाहिए, ज्यादातर बड़े निवेशक यही युक्ति अपनाते हैं। आप एक technical indicator यूज़ करके श्योर हो सकते कि Candlestick pattern जो बता रहा है वह सही है या नहीं। इस पोस्ट को पड़ने के बाद आप किसी भी कैंडलस्टिक चार्ट को बहुत ही आसानी से समझ सकते हैं। Price action strategy को समझने के लिए Technical Analysis के साथ -साथ कैडलस्टिक्स पैटर्न को समझना भी बहुत ही जरूरी है तभी आप stocks में entry तथा exit के सही समय के बारे में जान पाएगें। Japanese Candlestick Chart Pattern Analysis in Hindi.

Basic Candle Stick Pattern:


Candlestick दो प्रकार की होती हैं, पहली bullish candlestick (बुलिश ) तथा दूसरी bearish candlestick (बेयरिश), बुलिश कैंडलस्टिक हरे या सफेद रंग होती हैं तथा बेयरिश लाल या काले रंग की होती है। बुलिश यानि बुल्स (BULLS ) जो मार्केट को ऊपर ले जाना चाहते हैं, बेयर्स ( BEARS) जो मार्केट को गिरना चाहते हैं। स्टॉक मार्केट में एक तरह से बुल्स और बेयर्स के बीच में फाइट होती रहती है जिस दिन मार्केट गिरता है उस दिन बेयर्स की जीत होती है तथा लाल रंग की कैंडल बनती है तथा जिस दिन मार्केट चढ़ता है उस दिन बुल्स की जीत होती है तथा हरे रंग की कैंडल बनती है। कैंडल के रंग से हमे यह पता चल जाता है कि stock market को कंट्रोल कौन कर रहा है ? बुल्स या बेयर्स तथा कौन कंट्रोल खो रहा है ? इनके हिसाब से हम अपनी प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।

यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस से ऊपर है तो हरे अथवा सफेद रंग की कैंडल बनेगी और यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस से नीचे है तो लाल अथवा काले रंग की कैंडल बनेगी। आप उपर्युक्त चित्र में देख सकते हैं। Candlestick के बीच का जो हिस्सा होता है उसे Real body कहते हैं। Real body के ऊपर और नीचे जो पतली लाइन होती है उसे शैडो (shadow ) या विक (wick )कहते हैं। Upper shadow का टॉप शेयर के हाई प्राइस को दर्शाता है तथा Lower shadow का निचला सिरा शेयर के low प्राइस को दर्शाता हरी कैंडल को समझना है। यदि कैंडल की रियल बॉडी छोटी होती है तो यह कम मात्रा में buying और selling के रुझान को दर्शाती है।
लम्बी हरी जापानी कैंडलस्टिक स्ट्रांग बाइंग प्रेशर को दर्शाती है, इसमें शेयर के प्राइस अपने खुलने के प्राइस से ऊपर बंद होते हैं। लम्बी लाल कैंडलस्टिक स्ट्रांग सेलिंग प्रेशर को दर्शाती है तथा इसमें प्राइस अपने खुलने के प्राइस से नीचे बंद होते हैं। छोटी शैडो वाली Japanese candlestick ये दर्शाती है कि ज्यादातर ट्रेडिंग सेशन अपने ओपनिंग एवं क्लोजिंग प्राइस के आसपास ही घूमता रहा।

कैंडलस्टिक पैटर्न कई प्रकार हैं उन्हें निम्नलिखित कैटेगरी में बाँटा जा सकता हैं -


एक - बेसिक कैंडलस्टिक पैटर्न
दो - सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न
तीन - डबल कैंडलस्टिक पैटर्न
चार - ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न
Opening and closing time of stock market in India

Candlesticks pattern एक हरी कैंडल को समझना बड़ा सब्जेक्ट है इसलिए इसको एक पोस्ट में कवर नहीं किया सकता, इसके ऊपर मैं और भी पोस्ट लिख रही हूँ। कृपया कैंडलस्टिक पैटर्न की सम्पूर्ण जानकारी के लिए उन्हें भी पढ़े।
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कैंडलस्टिक चार्ट की जानकारी – भाग 4, Falling three methods

आज हम कैंडलस्टिक के Falling three methods पैटर्न के बारे में सीखेंगे. यह पैटर्न या ग्राफ किसी शेयर या स्टॉक में बिकवाली (selling) के बने रहने की पहचान बताता है, या यह कह सकते है की यह कैंडलस्टिक पैटर्न किसी स्टॉक में चल रहे Bearish trend की पहचान करता है. बिकवाली का मतलब है की लोग उस स्टॉक या शेयर को बेच रहे है और उसका भाव गिरता जा रहा है. यहाँ पर यह बताना आवश्यक है की इस कैंडलस्टिक पैटर्न की विश्वसनीयता मध्यम से ज्यादा के बीच होती है. इस पैटर्न में पाँच कैंडलस्टिक होती है जो की पाँच दिन की ट्रेडिंग को दर्शाती है. यह कैंडलस्टिक ग्राफ तब बनता है जब दो लाल कैंडल के बीच तीन हरी कैंडल बनती है. इसमें पहली कैंडल बड़ी, लम्बी तथा लाल रंग की होती है. उसके बाद अगली तीन कैंडल हरी रंग की होती है. यह तीनों हरी कैंडल, छोटी होती है और पहली लाल कैंडल की बॉडी के बीच ही रहती है. यह तीनों हरी कैंडल पहली हरी कैंडल के high (हाई) या सबसे ऊपर के भाव से नीचे ही बंद होती है. आखिरी दिन की लाल कैंडल एक नया Low या निन्म्तम (सबसे कम) भाव बनाती है और उसका अकसर उसका close पहली लाल कैंडल के नीचे ही होता है.

Candlestick के भाग

कैंडल स्टिक के ३ भाग होते है।

कैंडलस्टिक में कुल ४ चीजे रहती हैं।

Open, Close, High और Low .

एक उदहारण के तौर पर अगर एक कैंडलस्टिक एक प्राइस पे खुलता या शुरू होता हैं तो उसे हम ओपनिंग प्राइस कहते हैं

उसे दिन प्राइस जितना निचे गया हैं तो उसे हम Lowest Price कहते हैं।

और प्राइस उस दिन जितना ऊपर गया हैं तो उसे हम Highest Price कहेंगे।

और कैंडल जहापे ख़तम हुआ हैं तो उसे हम Closing Price कहेंगे।

Japanese Candlestick से हमें क्या पता चलता हैं ?

जब शेयर बाजार खुलता हैं और जिस प्राइस पे कैंडलस्टिक खुलती हैं तब हमें उसका Opening Price पता चलता हैं।

जब शेयर बाजार ऊपर या निचे जाता हैं तब हमें Candlestick का Highest Price और Lowest Price पता चलता हैं।

और जब शेयर बाजार बंद हो जाता हैं तब हमें Candlestick का Closing Price पता चलता हैं।

और सारे पिछले Japanese Candlestick से मिलकर एक Candlestick Chart Pattern बनता हैं।

हर एक कैंडलस्टिक स्टॉक में होने वाले उतार चढाव को दिखता हैं एक समय के जरिये।

जैसे की 1 Min,1 Hour,1 Day,1 Week या 1 Month.

निष्कर्ष

अगर आप नए ट्रेडर या इन्वेस्टर हो तो Candlestick से अपने शेयर मार्किट सिखने की शुरवात करना बहुत ही अच्छा पर्याय हैं। क्योकि Candlestick Technical Analysis की जढ़ हैं। Candlestick सबसे आसान और जल्दी समझने वाली चार्ट पद्धति हैं।

  • (आप Candlestick की प्रैक्टिस Tradingview.com पर कर सकते हैं ।)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

Q.1. Japanese Candlestick क्या हैं ?

Ans: Japanese Candlestick Technical Analysis में एक तकनीक हैं जिससे हमें किसी शेयर की Open, Close, High और Low Price का पता चलता हैं .

Q.2. Candlestick सीखना क्यों जरुरी हैं ?

Ans: स्टॉक ट्रेडिंग को सिखने के लिए हमें टेक्निकल एनालिसिस सिखने की जरुरत होती हैं और टेक्निकल एनालिसिस अच्छेसे सिखने के लिए हमें Candlestick को अच्छेसे सीखना बोहोत जरुरी हैं।

Q.3. Candlestick के कितने भाग होते हैं ?

Ans: कैंडल स्टिक के ३ भाग होते है।
1. Upper Shadow
2. Body
3. Lower Shadow

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