सब पूछ रहे Crypto Tax से जुड़े ये 5 बड़े सवाल, अब खुद वित्त मंत्रालय ने दिए जवाब
Tax on Cryptocurrency in India: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30% का टैक्स लगाने की बात कही गई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 05 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 5:59 PM IST)
- टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो को वैध करना नहीं
- एग्री इनकम छोड़कर हर इनकम है टैक्सेबल
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारी-भरकम टैक्स (Tax on Cryptocurrency) का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2022-23 में अन्य प्रावधानों के साथ-साथ कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन (115BBH) जोड़ा जाएगा. यह सेक्शन वर्चुअल डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स (Income Tax) की वसूली से संबंधित है. इसकी घोषणा को भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स लेकर देशभर में क्रिप्टो के फ्यूचर और नए टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए.
'बिजनेस टुडे' टेलीविजन के सिद्धार्थ जराबी और साक्षी बत्रा ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की. पेश है बातचीत का संपादित अंश
सवालः सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाकर क्या उसे वैध कर रही है?
सीबीडीटी के चेयरमैन जे.बी. महापात्र का जवाबः आपके इस सवाल का जवाब है - ना. टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो ट्रेडिंग या उससे होने वाले किसी तरह के फायदे या नुकसान को कानूनी रूप से वैध बनाना नहीं है. एक विभाग के तौर पर हम किसी बिजनेस या किसी भी सेक्टर के बिजनेस, किसी प्रोफेशन या फिर ट्रांजैक्शन की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हमें ट्रेड के बाद टैक्सेशन के पहलू को देखने का अधिकार प्राप्त है.
सवालः भारत के क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम कितना बड़ा है?
महापात्रः हमें भारत में काम कर रहे कुछ एक्सचेंज के बारे में जानकारी है. ऐसा कहा जा रहा है कि इनकी संख्या 40 है. इनमें से 10 बड़े एक्सचेंज हैं. सबसे बड़े एक्सचेंज का टर्नओवर 34,000 करोड़ भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स रुपये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मार्केट का आकार काफी बड़ा है. अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 10 करोड़ लोगों ने किसी-ना-किसी रूप में क्रिप्टो में इंवेस्ट किया भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स है. यह रकम काफी कम से काफी अधिक है. हमें यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि निवेश की रकम छोटी है या बड़ी है. हमें क्वालिटी और इंवेस्टमेंट के सोर्स को लेकर इंटरेस्ट है. हम ऐसा यह देखते हैं कि इनकम का सोर्स वैध है या अवैध. अगर अवैध सोर्स से हुई कमाई को निवेश किया गया है तो ना सिर्फ ट्रेड से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है बल्कि पूरे अवैध इंवेस्टमेंट पर भी टैक्स लग जाता है. इस तरह इनकम टैक्स से क्रिप्टो मार्केट में एक तरह का ऑर्डर या अनुशासन लाया जा सकता है.
सवालः वर्चुअल डिजिटल एसेट्स क्या हैं?
महापात्रः आईटी एक्ट के 247A में डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को परिभाषित किया गया है. सिंपल शब्दों में कहा जा सकता है कि क्रिप्टोग्राफिक तरीके से जेनरेट किया गया कोई भी कोड या कोई भी इंफॉर्मेशन या कोई भी फॉर्मूला जिसमें कोई निहित मूल्य है और जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट या स्टोर किया जा सकता है, उसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है. इसमें NFT भी शामिल है.
सवालः क्या 30 फीसदी टैक्स की दर बहुत ज्यादा नहीं है?
महापात्रः मुझे नहीं लगता है कि टैक्स की यह दर बहुत ऊंची है. कंपनियों से भी 30 फीसदी का टैक्स लिया जा रहा है. फर्म और एलएलपी से भी इसी रेट से टैक्स लिया जाता है.
सवालः कानून के बिना क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स क्यों?
वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथनः इनकम टैक्स एक्ट में कृषि से होने वाली इनकम को छोड़कर किसी भी अन्य इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम इस कानून से पहले भी टैक्सेबल है, आज भी है और एक अप्रैल के बाद भी रहेगी. केवल टैक्स का रिजीम बदल रहा है. यह एक अप्रैल से पहले भी टैक्सेबल है लेकिन 30 फीसदी की दर से नहीं है. अभी यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन जैसे इनकम के क्लासिफिकेशन पर बेस्ड है. ऐसे में टैक्स को लेकर स्पष्टता लाने के लिए इसमें यह बदलाव किया गया है. लीगल और अनरेग्युलेटेड इनकम दोनों टैक्सेबल है. यहां तक कि अवैध आय भी टैक्सेबल है. अगर कोई आईएएस अधिकारी रिश्वत लेता है तो वह भी टैक्सेबल है. हालांकि, क्रिप्टो अवैध नहीं है.
Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में क्रिप्टो कमाई पर टैक्स के तय हैं नियम, जानिए क्या है अंतर
Crypto Tax India vs US: भारत और अमेरिका में बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर टैक्स नियमों में काफी अंतर है और मूल रूप से इनकी प्रकृति ही अलग है.
दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. (Image- Pixabay)
Crypto Tax India vs US: दुनिया भर में क्रिप्टो को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि भारत समेत कुछ देशों में इस पर टैक्स का प्रावधान कर दिया है. केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स प्रावधानों का ऐलान किया. वहीं अमेरिका में इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS) ने पहली बार 2014 में क्रिप्टो को लेकर टैक्स से जुडे प्रावधान तय किए. दोनों देशों में बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर टैक्स नियमों में काफी अंतर है और मूल रूप से इनकी प्रकृति ही अलग है जैसे कि क्रिप्टो को किस प्रकार का एसेट समझा जाए, इसे लेकर दोनों देशों में अलग-अलग प्रावधान हैं.
क्रिप्टो एसेट्स का वर्गीकरण
इस साल के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट् को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के तौर पर माना. हालांकि इन्हें एसेट्स माना गया है लेकिन वर्चुअल डिजिटल एसेट्स टैक्स के मामले में अन्य प्रकार के एसेट्स से अलग हैं. केंद्रीय बजट 2022 के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसीज को कैपिटल एसेट्स माना जाता है. ऐसे में जब क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री पर मुनाफा होता है तो इस पर लांग टर्म क्रिप्टो एसेट्स या शॉर्ट टर्म क्रिप्टो एसेट्स के आधार पर टैक्स चुकाना होता है. अमेरिकी कानून के मुताबिक एक साल से कम की एसेट होल्डिंग शॉर्ट टर्म है.
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नुकसान एडजस्ट करने का प्रावधान
भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर एक्विजिशन कॉस्ट को छोड़कर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है और अगर नुकसान हुआ है तो इसे सेट ऑफ या कैरी फारवर्ड नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य प्रकार के कैपिटल एसेट्स (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को छोड़) की बिक्री पर नुकसान हुआ है तो कुछ शर्तों के साथ कैपिटल एसेट्स गेन के साथ सेट ऑफ किया जा सकता है और अगर नहीं कर पा रहे हैं तो इसे अगले आठ साल तक इसे कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी इनकम टैक्स कानून के तहत क्रिप्टो एसेट्स में निवेश पर अगर नुकसान हआ है तो इसे आय के अन्य स्रोत से सेट ऑफ कर सकते हैं. अगर इस नुकसान को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं तो इसे आगे निवेश से हुए मुनाफे से सेट ऑफ के लिए कैरी फारवर्ड भी कर सकेंगे.
गिफ्ट पर टैक्स
बजट 2022 में केंद्र सरकार ने एक सीमा से अधिक बिक्री वैल्यू के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस का प्रावधान किया है. वहीं गिफ्ट में अगर क्रिप्टो मिलता है तो इस पर भी टैक्स चुकाना होगा, अगर इसकी फेयर मार्केट वैल्यू एक थ्रेसहोल्ड लिमिट के ऊपर होती है लेकिन रिश्तेदारों व खास मौके पर मिले गिफ्ट पर एग्जेम्प्शन मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की बात करें तो क्रिप्टो एसेट्स एसेट्स में पेमेंट पर कोई विदहोल्ड टैक्स नहीं है. इसके अलावा गिफ्ट भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स मिलने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा लेकिन अगर भविष्य में इसकी बिक्री करते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जिस शख्स ने क्रिप्टो गिफ्ट में दिया है, उसकी जानकारी सरकार को दे, अगर इसकी वैल्यू एक लिमिट के ऊपर है.
कारोबारी लेन-देन में प्रावधान
अगर किसी गुड्स या सर्विसेज के बदले में क्रिप्टो से भुगतान मिला है तो टैक्सपेयर को इस पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा यानी कि शुरुआती खरीद भाव और मौजूदा भाव के अंतर पर. वहीं जिसे पेमेंट मिला है, उसे आय मानते हुए रेगुलर टैक्स रेट्स के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं दूसरी तरफ भारत में बजट 2022 में सरकार ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है कि जब इसका इस्तेमाल करेंसी के तौर पर किया जाएगा तो कैसे टैक्स देनदारी बनेगी. यहां अभी ‘ट्रांसफर’ को लेकर स्पष्टता की जरूरत है.
क्रिप्टो के अन्य प्रयोग पर टैक्स प्रावधान
भारत में केंद्रीय बजट 2022 में स्टेकिंग, माइनिंग, लेंडिंग, बॉरोइंग, एयरड्रॉप्स, फोर्क्स, वॉलेट ट्रांसफर्स, पी2पी ट्रांसफर्स, गेमिंग, गिफ्टिंग, डोनेशंस इत्यादि से हुई आय को लेकर कोई प्रावधान नहीं तय किए हैं. वहीं अमेरिका में अगर आप माइनिंग, किसी गुड्स या सर्विसेज के प्रमोशन या पेमेंट के लिए क्रिप्टो पाते हैं तो इसे रेगुलर टैक्सेबल इनकम माना जाता है. इस पर जिस दिन इसे प्राप्त किया है, उस दिन के बाजार भाव पर अपने रेगुलर इनकम टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.
(Article: Archit Gupta, Founder and CEO, Clear (formerly ClearTax))
आज से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर लगेगा भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स 30 फीसदी का टैक्स, जानें क्या पड़ेगा असर
आज से क्रिप्टोकरेंसी भी कर के दायरे में आ गई है और शुक्रवार से इसपर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. दरअसल एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है. जिसके साथ ही आज से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर कर देना होगा.
बजट 2022 के दौरान क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर कर वसूलने की घोषणा की गई थी.
आज से क्रिप्टोकरेंसी भी कर के दायरे में आ गई है और शुक्रवार से इसपर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. दरअसल एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है. जिसके साथ ही आज से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर कर देना होगा. जिन लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है उनपर नए वित्त वर्ष के साथ ही टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा.
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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 के दौरान क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी या अन्य क्रिप्टो एसेट से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी तक कर वसूलने का ऐलान किया था. इस घोषणा पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चेयरमैन जे बी महापात्र ने कहा था कि बजट में क्रिप्टो करेंसी या ऑनलाइन डिजिटल संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की घोषणा आयकर विभाग के लिए देश में इस मुद्रा के कारोबार की ‘गहराई' का पता लगाने, निवेशकों तथा उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मददगार होगी. इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा.
आयकर रिटर्न में मिलेगा संशोधन का विकल्प
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स के अलावा आज से कई आयकर प्रस्ताव भी लागू हो जाएंगे. 50 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति की बिक्री पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने के संशोधित दिशा-निर्देश भी एक अप्रैल से लागू होगा. संशोधित नियमों के अनुसार रिटर्न या स्टाम्प शुल्क मूल्य, जो भी अधिक हो, उस पर एक भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स प्रतिशत का टीडीएस काटा जाएगा.
अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से मूल आईटीआर में कोई चूक होने पर आयकरदाताओं के पास अपने आयकर रिटर्न में संशोधन करने का विकल्प होगा. करदाताओं को इस तरह का संशोधित रिटर्न प्रत्येक वित्त वर्ष में केवल एक बार दाखिल करने की अनुमति होगी.
इसके अलावा एक अप्रैल, 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाली आय पर 30 फीसदी कर लगेगा. इस आय पर करदाताओं की कुल आय 2.50 लाख रुपये की सीमा से कम होने के बावजूद कर लगाया जाएगा.
नांगिया एंडरसन एलएलपी भागीदार नीरज अग्रवाल ने कहा कि धारा 14 ए के तहत खर्चों को शामिल करने की अनुमति एक अप्रैल, 2022 से नहीं होगी. छूट प्राप्त आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्च पर कटौती की अनुमति नहीं होगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी पर लागू हो रहा नया नियम, बिक्री में मुनाफे पर ही देना होगा 30% टैक्स
मान लें किसी व्यक्ति ने 10,000 रुपये में बिटकॉइन खरीदा और उसे 12,000 रुपये में बेच दिया. इससे उसे 2,000 रुपये का फायदा हुआ. इस 2,000 रुपये पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा जो 600 रुपये होगा. बेचने पर अगर घाटा होता है, तो उस पर टैक्स नहीं देना होगा.
नए वित्त वर्ष के पहले दिन यानी 1 अप्रैल से कई बदलाव देखने को मिलेंगे. एक बड़ा बदलाव क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स (Tax on cryptocurrency) का है. हालिया बजट में वित्त मंत्री ने इसका ऐलान किया था. इसमें कहा गया कि सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) या क्रिप्टो एसेट पर 30 परसेंट टैक्स लगेगा, अगर उसे बेचने पर फायदा होता है. इसके अलावा, जब-जब कोई क्रिप्टो एसेट बेचा जाएगा, तब-तब उसकी बिक्री का 1 परसेंट टीडीएस कटेगा. इस टीडीएस (TDS on cryptocurrency) को साल के अंत में क्रिप्टो टैक्स के साथ सेट-ऑफ किया जा सकेगा. रुपये-पैसे में टैक्स और टीडीएस की कटौती कैसे होगी, आपको कितने रुपये चुकाने होंगे, इस रिपोर्ट में हम इसी पर बात करेंगे.
यह जानना जरूरी है कि भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि क्रिप्टो टैक्स को बिजनेस के खर्च के साथ सेट-ऑफ नहीं कर सकते. इसके टीडीएस को सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टो टैक्स के साथ ही सेट-ऑफ किया जा सकता है. सरकार ने एक बात और साफ किया है कि टैक्स और टीडीएस का अर्थ यह न समझा जाए कि क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को वैध दर्जा मिल गया है. 1 अप्रैल से बिटकॉइन या इथीरियम जैसे किसी भी क्रिप्टोकरेंसी से कमाई करते हैं, तो उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके विपरीत स्टॉक ट्रेडिंग पर टैक्स रेट शून्य से 15 परसेंट तक होगा. 15 परसेंट टैक्स तब लगेगा जब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का टैक्स भरा जाएगा.
कहा जाता है कि भारत में लगभग 1 करोड़ क्रिप्टोकरेंसी के यूजर हैं जिन्होंने 2021 में तकरीबन 100 अरब डॉलर की ट्रेडिंग की. भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग धड़ल्ले से जारी है और टैक्स का प्रावधान लगने के बाद इसमें और तेजी देखी जा रही है. लोगों को भरोसा हो गया है कि सरकार क्रिप्टो पर कोई पाबंदी नहीं लगाएगी. हालांकि क्रिप्टो के लेनदेन में टैक्स चोरी की शिकायतें आ रही हैं जिस पर सीबीडीटी और ईडी भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है.
कैसे कटेगा टैक्स
क्रिप्टोकरेंसी बेचने पर लाभ होता है तो उसका 30 परसेंट टैक्स देना होगा. उदाहरण के लिए, मान लें किसी व्यक्ति ने 10,000 रुपये भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स में क्रिप्टो खरीदा और उसे 12,000 रुपये में बेच दिया. इससे उसे 2,000 रुपये का फायदा हुआ. इस 2,000 रुपये पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा जो 600 रुपये होगा. आप जब तक उस क्रिप्टो को नहीं बेचेंगे और उस पर मुनाफा नहीं कमाएंगे, तबतक कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी. साल भर कोई व्यक्ति कई बार क्रिप्टो की खरीद-बिक्री करता है, लेकिन अगर उसे नफा के बदले नुकसान होता है, तो कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी.
टीडीएस का नियम
सरकार ने टीडीएस का भी नया नियम बनाया है. क्रिप्टोकरेंसी का ट्रांजैक्शन करने पर 1 परसेंट टीडीएस काटा जाएगा. यह टीडीएस क्रिप्टो एक्सचेंज वाले पहले ही काट लेंगे. इसका नियम है कि क्रिप्टो बेचने या खरीदने पर आपको घाटा हो या नफा, 1 परसेंट टीडीएस जरूर काटा जाएगा. मान लें आपने 40,000 रुपये में बिटकॉइन खरीदा है और उसे 40,000 रुपये में ही बेच रहे हैं. 1 परसेंट टीडीएस काटने के बाद आपके हाथ में 39,600 रुपये ही आएंगे. अगर आप इसी पैसे से इथीरियम या एनएफटी खरीद रहे हैं और बाद में उसे बिना किसी मुनाफे के बेच रहे हैं तो 1 परसेंट टीडीएस और कटेगा. आपको 39,204 रुपये ही मिलेंगे. हालांकि टीडीएस की इस कटौती को साल के अंत में इनकम टैक्स के साथ सेट-ऑफ कर सकते हैं.
Cryptocurrency में पैसा लगाने वालों को एक और झटका! क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 28% GST लगाने की तैयारी
GST on crypto! जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.
GST on cryptocurrencies! देश में क्रिप्टो निवेशकों को एक और झटका लग सकता है. गुड्स एंड सर्विसेज टैकस (GST) काउंसिल क्रिप्टोकरेंसीज पर 28 फीसदी टैक्स लगाने पर विचार कर रही है. यह टैक्स रेट लॉटरी, कैसिनो और बेटिंग पर लगता है. रिपोटर्स के मुताबिक, अगर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्ताव आता है, तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन (माइनिंग, खरीद-बिक्री) पर 28 फीसदी का भारी-भरकम लग सकता है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एसेट्स अलग-अलग क्लासीफाई किया गया है. फरवरी में बजट 2022-23 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स का एलान किया था. इसमें 1 फीसदी टीडीएस (Tax Deduction at Source) भी शामिल है. 1 अप्रैल से क्रिप्टो की कमाई पर टैक्स का यह प्रावधान लागू हो गया है.
जानकारी के मुताबिक, 28 फीसदी का GST 30 फीसदी के क्रिप्टो इनकम टैक्स से अलग होगा. इसके अलावा, एक तय लिमिट से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर 1 फीसदी का TDS काटने पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं, किसी दोस्त या रिलेटिव को क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल असेट गिफ्ट करने पर भी टैक्स लायबिलिटी बनेगी. वर्चुअल डिजिटल असेट पर टैक्स लागू करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में नया भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स सेक्शन 115BBH को जोड़ा गया था.
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ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत
पिछले महीने अमेरिका के दौरे पर गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है. यह बहुत बड़ा मार्केट हो गया है. ऐसे में अब एक ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत है, ताकि इसके चलते होने वाले किसी तरह की मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोका जा सके. यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता है.
बता दें, बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स जरूर लगाया गया था. लेकिन, भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स अभी तक किसी तरह के डिजिटल एसेट को रेग्युलेट नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने साफ-साफ कहा था कि टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देना नहीं है.
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