मैक्रोइकॉनॉमिक्स और अंतर्राष्ट्रीय वित्त में, पूंजी खाता एक अर्थव्यवस्था में निवेश लेनदेन के शुद्ध प्रवाह को रिकॉर्ड करता है। यह भुगतान संतुलन के दो प्राथमिक घटकों में से एक है, दूसरा चालू खाता (Current Account) है।
बैंक खाते कितने प्रकार के होते है?
इस प्रकार का खाता मुख्य रूप से उद्यमी, फर्म और कंपनियों के लिए होता है। जिसके अकाउंट में पैसे की लेन देन सबसे ज्यादा होती है उनके पास चालू खाता होता है। ऐसे अकाउंट में लाखों रुपए आते हैं और निकालें भी जाते हैं। यानी कि अकाउंट पैसों के आदान-प्रदान में कार्यरत रहता है। इस प्रकार के खाते की खास बात यह है कि इसमें जमा करने या फिर पैसे निकालने के लिए किसी भी प्रकार की सीमा नहीं होती। चालू खाते के खाताधारक को उसके अकाउंट में पड़ी राशि का इंटरेस्ट नहीं मिलता।
नाम सुनते ही आपको समझ में आ गया होगा कि सेविंग अकाउंट बचत करने के लिए खोला जाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बचाए हुए पैसे पर इंटरेस्ट मिले तो आपको भी अपना बचत खाता खुलवाना पड़ता है। आप कितने पैसे जमा करवाएंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा। कोई भी सामान्य व्यक्ति, कंपनी में काम करने वाला, सरकारी नौकरी करने वाला, पेंशन पर रहने वाला या फिर कोई विद्यार्थी हो जिसे अपने पैसों को बचा कर रखना हो वह सेविंग अकाउंट खोल सकता है। इस खाते में से आप कभी भी अपने पैसे निकाल सकते हो और खाते में पैसे जमा भी करवा सकते हो।
आवर्ती खाता:
इस प्रकार के खाते में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं और जिसके जरिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा ब्याज मिले। इस प्रकार के अकाउंट में एक खास राशि निर्धारित की गई अवधि मे हर महीने अकाउंट में जमा करवानी पडती है। निर्धारित की गई समय अवधि के समाप्त हो जाने पर ब्याज के साथ धनराशि का भुगतान कर दिया जाता है। राशि जमा करने के लिए न्यूनतम अवधि 1 साल की और अधिकतम अवधि 10 साल की होती है। ब्याज का दर जमा किए गए धनराशि और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान मे अलग-अलग होती है। उदाहरण के स्वरूप में यदि आप 10,000 हर महीने जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा। और यदि आप 4000 जमा करवाते हो तो आपको कम ब्याज मिलेगा। वैसे ही यदि आप ज्यादा समय चालू खाते के प्रकार क्या हैं? के लिए पैसे जमा करवाते हो तो आपको ज्यादा ब्याज मिलेगा और यदि आप कम समय के लिए पैसे जमा कराते हो तो आपको कम ब्याज मिलेगा।
सावधी जमा खाता:
इस प्रकार के खाते में एक खास अवधि के लिए एक विशेष धनराशि जमा की जाती है। यहां पर एक बार ही धनराशि जमा करानी होती है और एक बार ही निकाल सकते हो। इसमें भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते। आपको निर्धारित की गई अवधि के पहले पैसे निकलवाने हो तो आपको बैंक द्वारा निर्धारित की गई पेनल्टी देनी पड़ती है। इसके बाद से आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। फिक्स डिपॉजिट में खाताधारक को सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है। ब्याज का दर जमा की अवधि और पैसे के आधार पर निर्धारित किया जाता है जो अधिकतर 10 सालों तक होती है।
Last Final Word
यह थी बैंक में पाए जाने वाले खाते के बारे में जानकारी। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जानकारी से आपको फायदा रहा होगा। यदि आपके मन में अभी भी कोई सवाल हो गया हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइएगा। हमारा आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।
चालू खाते के फायदे एवं नुकसान | Advantages and Disadvantages of Current Bank Account.
Current Bank Account की आवश्यकता आम तौर पर आम लोगों को न होकर केवल बिज़नेस करने वाले लोगों को होती है | कहने का अभिप्राय यह है की किसी भी व्यक्ति या इकाई द्वारा बैंक में चालू खाता उसकी बिज़नेस की आवश्यकता को ध्यान में रखकर खोला जाता है | आम तौर पर Current Bank Account कंपनियों, फर्मों, सार्वजनिक इकाइयों, ऐसे बिजनेसमैन जिन्हें दिन में कई बार खाते से लेन देन की आवश्यकता होती है के बीच काफी प्रसिद्ध है |
चालू खाते की खूबी यह होती है की इसमें एक दिन में कितनी बार भी लेन देन किये जा सकते हैं यही कारण है की Current Bank Account में जमा धनराशि पर कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसी प्रकार का कोई ब्याज नहीं देता है | चालू खाताधारक अपने खाते में पैसे जमा, निकासी एवं अन्य लेन देन भी आसानी से कर सकता है इसलिए ऐसे खातों को डिमांड डिपाजिट अकाउंट भी कहा जाता है | जहाँ तक एक चालू खाता खोलने का सवाल है लगभग सभी प्रकार के निजी एवं सार्वजनिक व्यवसायिक बैंक में यह खोला जा सकता है |
चालू खाता होने के फायदे (Advantages of Current Bank Account):
एक चालू खाता अर्थात Current Bank Account होने के अनेकों फायदे हो सकते हैं लेकिन इनमें से कुछ फायदों की लिस्ट निम्नवत दी गई है |
- चालू खाते बिज़नेस इकाइयों को बड़ी मात्रा में रसीदी एवं भुगतान की एक बड़ी मात्रा को व्यवस्थित रूप से सँभालने की इजाजत देते हैं |
- ऐसे खातों में लगाये जाने वाले नकदी शुल्क के साथ नियमित तौर पर असीमित पैसे निकासी की अनुमति होती है |
- बैंक की गृह शाखा जहाँ चालू खाता अर्थात Current Bank Account खोला गया हो में पैसे जमा कराने पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है | मतलब की गृह शाखा में उद्यमी कितने भी और कितनी बार भी पैसे जमा करा सकता है | लेकिन इसके अलावा उसी बैंक की अन्य शाखाओं में भी थोड़ी बहुत फीस का भुगतान करके भी पैसे जमा किये जा सकते हैं |
- Current Bank Account के माध्यम से खाताधारक अपने लेनदारों को चेक, पे आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट प्रत्यक्ष रूप से भुगतान करने के लिए जारी कर सकता है |
- बैंक चालू खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी प्रदान करते हैं |
- हालांकि चालू खाते की तरलता के कारण इस पर किसी प्रकार का कोई ब्याज अर्जित नहीं किया जा सकता लेकिन अकाउंट बैलेंस पर बेहद कम ब्याज की उपलब्धता इस प्रकार के खाताधारकों को इनके उपयोग के लिए और भी आकर्षक बनाता है |
- बिज़नेस इकाइयों को Current Bank Account होने के अन्य भी अनेकों फायदे जैसे फ्री इन्वार्ड रेमिटेंस, किसी भी लोकेशन से जमा एवं निकासी, किसी भी लोकेशन को ट्रान्सफर इत्यादि मिलते हैं |
- बिजनेसमैन बिना किसी सीमा के अपने खाते से पैसे निकाल सकता है लेकिन यदि भारत सरकार ने इस पर कोई कर लगाया होगा तो उसे यह देना पड़ेगा |
- Current Bank Account देश की औद्योगिक प्रगति को सुविधा एवं गति प्रदान करता है क्योंकि इसके न होने पर उद्यमियों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है |
- बिज़नेस को तेज एवं सुविधाजनक लेनदेन करने के लिए बैंकों द्वारा इन्हें इन्टरनेट बैंकिंग एवं मोबाइल बैंकिंग भी प्रदान की जाती है |
- इसके अलावा कोई भी उद्यमी अपने Current Bank Account के माध्यम से कभी भी और कहीं भी और अनेकों लोकेशन पर फण्ड निकाल एवं ट्रान्सफर कर सकता है |
चालू खाता के नुकसान (Disadvantages of Current Bank Account):
चालू खाता के नुकसान कुछ इस प्रकार से हैं |
- Current bank Account पर ब्याज न मिलने या बेहद कम मिलने की वजह से उद्यमी ब्याज के माध्यम से कमाई चालू खाते के प्रकार क्या हैं? करने के अवसर को गँवा देता है |
- चालू खाते को नियमित रूप से ऑपरेट करने में खाताधारक पर कुछ अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है क्योंकि अधिकांश पैकेज अतिरिक्त सेवाओं के लिए अतिरिक्त चार्ज करते हैं |
- इस प्रणाली में कागज़ी कार्यवाही और प्रिंट वर्क होने की वजह से यह समय खाने वाला एवं लम्बा हो जाता है |
- कॉर्पोरेट बिज़नेस ट्रांजेक्शन की वजह से बैंकों को बड़ी फीस देनी पड़ सकती है |
- हालांकि Current bank Account में एक दिन में कितनी भी बार पैसे जमा किये जा सकते हैं लेकिन एक दिन में पैसे निकालने की सीमा इनमे तय होती है |
बैंक खाते के प्रकार
कोई भी बैंक किसी भी व्यक्ति के तीन प्रकार के खाते खोल सकता है जिसके बारे में हमने आपको नीचे बताया है।
बचत खाता ( Savings Account)
बचत खाता वो अकाउंट होता है जो व्यक्ति इसलिए इस्तेमाल करता है जिससे वो अपने बचाए हुए पैसों को बैंक में डाल कर सुरक्षित रख सकें और जरूरत पड़ने के समय उसमे से पैसा निकाल कर अपनी जरूरतें पूरी कर सके।
सेविंग अकाउंट(बचत खाता) पर पैसा रखने से बैंक भी आपको कुछ परसेंट का इंटरेस्ट प्रति वर्ष आपको देती हैं और इस तरह आपका पैसा सुरक्षित भी रहता है और आपका पैसा खुद बढ़ता भी रहता है।
चालू खाता (Current Account)
चालू खाते की बात करे तो यह अलग प्रकार का बैंक खाता होता जिसका इस्तेमाल आम नागरिक नही करते। इस खाते का इस्तेमाल मुख्य तौर पर व्यापारी लोग करते है जिनको रोज का लेन देन होता है।
इस तरह के बैंक खाते पर किसी भी तरह की कोई ट्रांजेक्शन लिमिट नही होती और आप कितने भी ट्रांजेक्शन दिन में कर सकते हो बिना किसी असुविधा के। ऐसे बैंक खातों पर आपको किसी भी तरीके का ब्याज भी प्राप्त नहीं होता है।
बैंक बैलेंस कैसे चेक करे?
आप अपना बैंक खाते में कितने पैसे है वो विभिन्न तरीकों से पता कर सकते है।
- सबसे पहले जब आप अपना बैंक खाता खुलवाते है तो आपको एक पासबुक दी जाती हैं जिससे आपको नियमित चालू खाते के प्रकार क्या हैं? समय पर अपडेट करवाना होता है जिसके बाद आपके अकाउंट में कितना पैसा बचा हुआ है वो आपको उस पर दिख जाएगा।
- दूसरा तरीका हैं कि जब आप अपना बैंक खाता खुलवाते है इस समय आपको एटीएम कार्ड की सुविधा मिलती है जिसके द्वारा आप कभी भी किसी भी एटीएम से अपना पैसा आपके अकाउंट से निकाल भी सकते है और साथ चालू खाते के प्रकार क्या हैं? ही साथ कही भी अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर सकते है।
- तीसरा तरीका अभी हाल ही के सालो में उत्पन हुआ है जिसमे आप अपने बैंक अकाउंट को किसी भी यूपीआई के ऐप के साथ लिंक कर सकते है जिसके बाद आप अपना बैंक अकाउंट बैलेंस अपने घर पर बैठे बैठे पता कर सकते है।
- आप अपने बैंक से नेट बैंकिंग की भी सुविधा प्राप्त कर सकते है और आप इस सुविधा के द्वारा भी किसी भी समय अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक कर सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (F.A.Q.)
- बैंक अकाउंट खोलने के लिए आपकी न्युनतम उम्र कितनी होनी चाहिए?
बैंक खाता खोलने के लिए ऐसी कोई न्युनतम उम्र नहीं है। अगर आप की उम्र एक साल चालू खाते के प्रकार क्या हैं? से भी कम है तब भी आपका बैंक खाता खुल सकता है बस उस समय आपके मां या पिता को आपका गार्डियन माना जायेगा।
- आप अपने बैंक अकाउंट से नेट बैंकिंग की सुविधा कब से प्राप्त कर सकते हो?
अपने खाते पर नेट बैंकिंग की सुविधा आपके 18 वर्ष पूरे होने के बाद कर सकते हो।
- अपना बैंक खाते का बैलेंस किस चालू खाते के प्रकार क्या हैं? प्रकार चेक कर सकते हो?
आप बैंक खाते का बैलेंस पासबुक द्वारा, नेट बैंकिंग द्वारा, एटीएम कार्ड के द्वारा और यूपीआइ ऐप के द्वारा कभी भी और किसी भी समय चेक कर सकते हो।
भुगतान संतुलन (शेष) से क्या अभिप्राय है ? |भुगतान संतुलन के घटक | Components of Balance of payments in Hindi
भुगतान संतुलन के मुख्य रूप से चार घटक होते है । वे है चालू खाता ( Current Account), पूँजी खाता ( Capital Account), सरकारी भुगतान खाता अथवा सरकारी रिजर्व परिसम्पत्ति खाता ( Official Settlement Account) तथा अशुद्धियां एवं भूल-चूक ( Error & Ommission) |
A चालू खाता:
- वास्तविक या आय सृजित करने वाले व्यवहारों को भुगतान संतुलन के चालू खाते में दिखाया जाता है । चालू खाता अल्पकालीन वास्तविक लेन-देन का लेखांकन होता है । चालूखाते के चालू खाते के प्रकार क्या हैं? लेन-देन को वास्तविक लेन-देन का खाता कहा जाता है क्योंकि इसमें सम्मिलित की जाने वाली समस्त मदों का वास्तविक रूप में लेन-देन किया जाता है। इन मदों का अर्थव्यवस्था के आय , उत्पादन व रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
- वस्तुओं का आयात एवं निर्यातः इसमें दृश्यों मदों को सम्मिलित किया जाता है ।
- सेवाएँ: इसके अन्तर्गत अदृश्य मदें आती है।
- उपहार या भेंट: इसे हस्तान्तरण भुगतान भी कहते हैं ।
पूंजी खातों का महत्व [Importance of Account]
जब आप एक कंपनी शुरू करते हैं और बैंक ऋण चाहते हैं, तो बैंक यह देखना चाहेगा कि आपने व्यवसाय में कितना निवेश किया है। अगर मालिक को कंपनी में कोई दिलचस्पी नहीं है, तो वह दूर जा सकता है और पैसे रखने वाले बैग को छोड़ सकता है।
यदि आप एक कंपनी शुरू करते हैं, तो आपको शुरू करने के लिए कुछ पैसे निवेश करने होंगे। कंपनी में निवेश के रूप में उपयोग किए जाने वाले धन को प्राप्त करने के लिए आपको व्यक्तिगत ऋण लेने की आवश्यकता हो सकती है।
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