मेक इन इंडिया

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भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया कहां करें निवेश गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है:

चुनौतियों का सामना

सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है।

सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।

29 दिसंबर 2014 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है।

कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। 'इनवेस्ट इंडिया' में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है।

निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य

  • मध्यम अवधि में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य
  • 2022 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि
  • विनिर्माण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना
  • समावेशी विकास के लिए ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण
  • घरेलू मूल्य संवर्धन और निर्माण में तकनीकी गहराई में वृद्धि
  • भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
  • विशेष रूप से पर्यावरण के संबंध में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना

आर्थिक विकास के आगे की दिशा

  • भारत ने अपनी उपस्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप दर्ज करायी है
  • 2020 तक इसे दुनिया की शीर्ष तीन विकास अर्थव्यवस्थाओं और शीर्ष तीन निर्माण स्थलों में गिने जाने की उम्मीद है
  • अगले 2-3 दशकों के लिए अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश। गुणवत्तापूर्ण कर्मचारियों की निरंतर उपलब्धता।
  • जनशक्ति की लागत अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है
  • विश्वसनीयता और व्यावसायिकता के साथ संचालित जिम्मेदार व्यावसायिक घराने
  • घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद
  • शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमतायें
  • विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार

भारत में परेशानी मुक्त व्यापार

'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।

अब जब व्यापार करने की बात आती है तो भारत काफी कुछ प्रदान करता है। अब यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है जो स्थिर अर्थव्यवस्था और आकर्षक व्यवसाय के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। भारत में निवेश करने के लिए यह सही समय है जब यह देश सभी को विकास और समृद्धि के मामले में बहुत कुछ प्रदान कर रहा है।

PPF Interest Rate 2022 : इस स्कीम में 10,000 से भी कम में करें निवेश, करोड़पति बनकर होंगे रिटायर

PPF Interest Rate 2022 : पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund ) यानी पीपीएफ निवेश की सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय निवेश योजना है ! यह डाकघर एक छोटी बचत योजना है जिसे एक सुरक्षित वित्तीय साधन माना जाता है ! आप हर महीने पीपीएफ ( PPF ) में कुछ पैसा लगाकर करोड़पति बन सकते हैं ! लंबी अवधि के निवेश ( Investment ) के लिए पीपीएफ बेहतर विकल्प है, जो अच्छा रिटर्न देता है !

PPF Interest Rate 2022

PPF Interest Rate 2022

PPF Interest Rate 2022

पीपीएफ ( Post Office PPF ) में आप एक साल में 1.5 लाख रुपये यानी 12,500 रुपये प्रति माह तक निवेश कर सकते हैं ! इसी तरह अगर आप 7,500 रुपये महीने का निवेश करते हैं तो 55 साल की उम्र तक आप करोड़पति बन सकते हैं ! इसके लिए आपको 20 साल में निवेश शुरू करना होगा ! सामान्य भविष्य निधि ( Post Office Public Provident Fund ) में कोई भी भारतीय खाता खोल सकता है ! इसे नाबालिग के नाम से भी खोला जा सकता है !

पीपीएफ खाता ( PPF Account ) संयुक्त रूप से नहीं खोला जा सकता है ! लेकिन इसके लिए नॉमिनी बनाया जा सकता है ! कोई भी व्यक्ति अपने नाम से एक से अधिक पीपीएफ खाता नहीं खोल सकता, चाहे वह डाकघर ( Post Office ) में हो या बैंक में ! एक वित्तीय वर्ष के भीतर पोस्ट ऑफिस पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है ! परिपक्वता अवधि समाप्त होने से पहले खाता बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन यह कुछ परिस्थितियों में हो सकता है !

PPF कितना मिलता है ब्याज

सरकार पोस्ट ऑफिस के पीपीएफ खाते ( Post Office PPF Account) पर सालाना 7.1% का ब्याज देती है ! इसमें 15 साल के लिए निवेश किया जाता है ! मसलन अगर आप 30 साल की उम्र में हर महीने 12,500 रुपये निवेश ( Investment ) करते हैं ! तो 25 साल बाद आप करोड़पति बन जाएंगे ! महीने के लिए 12,500 रुपये के निवेश का कुल मूल्य 15 साल बाद 40,68,209 रुपये हो जाएगा !

Post Office Public Provident Fund की विशेषताएं

  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund ) पर 7.9 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलता है ! जो सालाना आधार पर संयोजित होता है !
  • इसमें व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं !
  • आप इस योजना में एकमुश्त या 12 किस्तों में पैसा जमा कर सकते हैं !
  • पोस्ट ऑफिस पीपीएफ योजना ( Post Office PPF Scheme ) में यदि खाताधारक पहले वर्ष में 500 कहां करें निवेश रुपये जमा करता है ! और बाद के वर्षों में न्यूनतम राशि जमा नहीं करता है, तो वह खाता बंद कर दिया जाएगा !
  • इसमें एक संयुक्त खाता नहीं खोला जा सकता है और भारत का नागरिक केवल एक ही खाता खोल सकता है !
  • खाता नकद या चेक द्वारा खोला जा सकता है और चेक के मामले में, चेक की तारीख खाता खोलने की तारीख के समान होनी चाहिए !
  • इसमें खाता खोलने के समय के साथ-साथ खाता खोलने के बाद भी नामांकन की सुविधा उपलब्ध है !
  • पीपीएफ अकाउंट ( PPF Account ) को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर किया जा सकता है !

इसकी परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है ! और इसे परिपक्वता के एक वर्ष के भीतर 5 वर्ष की और अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है ! उसके बाद आप फिर से उसी तरह बढ़ा सकते हैं ! इस योजना ( Public Provident Fund ) में जमाकर्ता आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के पात्र हैं ! ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री है !

आप इस योजना में जिस वर्ष में निवेश किया है ! उस वर्ष के अंत से एक वर्ष के अंत से पहले लेकिन उससे पांच वर्ष के भीतर ऋण भी ले सकते हैं ! इस योजना ( Public Provident Fund Scheme ) में जिस वर्ष आपने खाता खोला है ! उस वर्ष के अंत से पांच वर्ष की समाप्ति के बाद निकासी की जा सकती है !

Public Provident Fund आप 10 हजार से कम में भी निवेश कर सकते हैं (PPF Interest Rate 2022)

इसी तरह अगर आप 10,000 रुपये से कम निवेश करना चाहते हैं ! जैसे पीपीएफ ( PPF ) में 7,500 रुपये महीने जमा करना, तो आप 55 साल की उम्र तक करोड़पति बन जाएंगे ! लेकिन इसके लिए आपको 20 साल की उम्र में निवेश ( Investment ) करना शुरू करना होगा ! अगर आप समाया भविस्य निधि योजना ( Public Provident Fund Scheme ) में 15 साल के लिए 7.1 फीसदी ब्याज पर 7,500 रुपये जमा करते रहेंगे ! तो कुल मूल्य 24,40,926 रुपये होगा !

कमाई कम है ? SIP में करें निवेश, जानिए ऑनलाइन कैसे करें शुरू

रामानुज सिंह

जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है। वे हर महीने थोड़ी-थोड़ी बचत करते हैं। उनके लिए SIP में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद होगा। जानिए इसमें ऑनलाइन निवेश कैसे करें।

Income is low ? Invest in SIP, know how to start online

  • मासिक वेतन पाने वालों एसआईपी में निवेश फायदेमंद है
  • इसके जरिये म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया जाता है
  • निवेशक को 500 रुपए की राशि एसआईपी शुरू कर सकते हैं

व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan), जिसे आमतौर पर SIP के तौर पर जाना जाता है। यह निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजनाओं में नियमित रूप से एक निश्चित राशि को निवेश करने की अनुमति देता है। एसआईपी के तहत, निवेशकों द्वारा चुने गए म्यूचुअल फंड की ओर किसी एक बचत खाते से हर महीने एक निश्चित राशि काटी जाती है।

पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट्स के अनुसार, एसआईपी के माध्यम से निवेश करना मासिक वेतन पाने वालों के लिए म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने का सबसे अच्छा तरीका है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन प्लान है, जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है। जो एक साथ ज्यादा निवेश नहीं करते हैं। विभिन्न योजनाएं हैं जो निवेशक को 500 रुपए की राशि के साथ एसआईपी शुरू करने की कहां करें निवेश अनुमति देती हैं।

SIP ऑनलाइन कैसे शुरू करें?

  1. एसआईपी शुरू करने के लिए पैन कार्ड, एक एड्रेस प्रूफ, एक पासपोर्ट साइज फोटो और एक चेक बुक की जरुरत होती है।
  2. म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नो योर कस्टमर (KYC) आवश्यकताओं का पालन करना अनिवार्य है।
  3. KYC पूरा होने के बाद आप फंड हाउस की वेबसाइट पर जा सकते हैं और अपनी पसंद का SIP चुन सकते हैं।
  4. नया अकाउंट रजिस्टर करने के लिए 'Register Now' लिंक पर क्लिक करें।
  5. फॉर्म जमा करने से पहले, आपको सभी पर्सनल डिटेल और कॉन्टैक्ट इनफॉर्मेशन भरना आवश्यक है।
  6. ऑनलाइन लेन-देन के लिए एक यूजरनेम और पासवर्ड चुनें।
  7. बैंक खाते की डिटेल प्रस्तुत किया जाना चाहिए जिससे SIP भुगतान काटा जाएगा।
  8. अपने यूजर नेम के साथ लॉग इन करने के बाद आप जिस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं उसे चुनें।
  9. एक बार रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाने पर और फंड हाउस से कंफर्मेशन मिलने के बाद निवेश शुरू कर सकते हैं।
  10. SIP आमतौर पर 35-40 दिनों के अंतराल के बाद शुरू होते हैं।

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First Salary कहां करें निवेश, ऐसे करें प्लानिंग

First Salary कहां करें निवेश, ऐसे करें प्लानिंग

डीएनए हिंदी: पहली नौकरी और सैलरी मिलने पर जो खुशी होती है वह खुशी कुछ अलग ही होती है. अक्सर लोग अपनी पहली सैलरी से अपने पेरेंट्स, भाई-बहन के लिए गिफ्ट्स खरीदते हैं लेकिन अगर इसी सैलरी से निवेश करने की आदत पड़ जाए तो सोचिये इन्वेस्टमेंट पर होने वाले मुनाफे से आपको कितनी खुशी होगी. हालांकि आपके लिए यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि कौन से इन्वेस्टमेंट प्लान से आपको ज्यादा मुनाफा होगा. यहां हम आपको कुछ ऐसे इन्वेस्टमेंट आप्शन बताएंगे जिसमें आप अपनी पहली सैलरी से निवेश करना शुरू कर सकते हैं.

म्युचुअल फंड में निवेश

पहली सैलरी से निवेश करने का सबसे अच्छा आप्शन है म्युचुअल फंड. इसके जरिए आप एक SIP (Systematic Investment Plan) शुरू कर सकते हैं. हालांकि कभी भी निवेश करने से पहले अपनी कमाई, उम्र और फाइनेंशियल कहां करें निवेश गोल का जरुर ध्यान रखें. साथ ही अलग-अलग स्कीम्स की भी स्टडी करें. आप SIP 100 रुपये के निवेश से भी शुरू कर सकते हैं. साथ ही जैसे-जैसे आपकी कमाई बढ़ती जाए आप निवेश की सीमा को बढ़ा सकते हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश

निवेश की सबसे सुरक्षित कैटेगरी में फिक्स्ड डिपॉजिट को माना जाता है. इस विकल्प को कोई भी चुन सकता है. ये निवेश उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो बिना रिस्क उठाये मुनाफा कमाना चाहते हैं. हालांकि वर्तमान समय में FD में दूसरे निवेश की तुलना में इंटरेस्ट रेट काफी कम मिलता है. बावजूद इसके यह काफी सुरक्षित निवेश का जरिया है.

PPF

पीपीएफ (Public Provident Fund) भारत सरकार की सबसे पॉपुलर स्कीम है. यह सुरक्षित निवेश के साथ-साथ आकर्षक ब्याज कहां करें निवेश भी देता है. साथ ही कम्पाउंडिंग का फायदा 20 साल में आपको काफी मुनाफा दे सकता है. इसमें निवेश करने से टैक्स में छूट भी मिलती है. इसमें आप निवेश करने के लिए 500 रुपये से भी शुरू कर सकते हैं.

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PPF, EPF, GPF का अंतर जानें और पता लगाएं आपको कहां करना चाहिए निवेश?

Money Tips

PPF, EPF, GPF difference: भविष्य निधि (Provident Fund) एक निवेश कोष है जो स्वेच्छा से नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किसी व्यक्ति की सेवानिवृत्ति का समर्थन करने के लिए दीर्घकालिक बचत के रूप में सेवा करने के लिए स्थापित किया जाता है। विभिन्न प्रकार के भविष्य निधि हैं जिनका उपयोग संगठनों द्वारा कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है जैसे कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)।

प्रत्येक भविष्य निधि के अंतर और लाभ यहां बताए गए हैं…

1. Employee Provident Fund (EPF):

ईपीएफ लाभ एक संगठन के कर्मचारियों को दिया जाता है। प्रति माह 15,000 रुपये तक की मूल आय वाले कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करने के लिए, 20 से अधिक कर्मचारियों वाले निजी क्षेत्र के व्यवसायों को ईपीएफ को अपनाने की आवश्यकता है। उच्च आधार वेतन अर्जित करने वाले कर्मचारियों के लिए, यह एक वैकल्पिक लाभ है।

एक नियोक्ता (employer) अपने मूल वेतन का 12% योगदान देता है और नियोक्ता एक समान योगदान देता है। एक कर्मचारी अपने योगदान के स्तर को 12% से ऊपर बढ़ाने का विकल्प चुन सकता है।

ईपीएफ के लाभ:

  • सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त पीएफ निकासी
  • कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत नियमित पेंशन
  • कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (ईडीएलआई) के तहत बीमा लाभ

नियोक्ता के 12% योगदान में से 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है और बाकी ईडीएलआई में जाता है जबकि कर्मचारियों का 12% योगदान ईपीएफ में जाता है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा सरकार से परामर्श के बाद ब्याज दर की घोषणा की जाती है। अन्य दो भविष्य निधि की तुलना में दर अधिक है।

मूल (बेसिक + डीए) वेतन के 12 प्रतिशत तक नियोक्ता का संपूर्ण मिलान योगदान कर मुक्त है।

2. Public Provident Fund (PPF):

जैसा कि नाम से पता चलता है, हर कोई इस फंड का उपयोग कर सकता है, चाहे वे सेना में हों, व्यवसाय के स्वामी हों, पेशेवर हों या स्व-नियोजित हों। पैन वाला कोई भी व्यक्ति अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए पीपीएफ खाता पंजीकृत करने के लिए पात्र है और उन्हें किसी दिए गए वित्तीय वर्ष में अपने पैन का उपयोग करके खोले गए सभी खातों में कुल 1.5 लाख रुपये तक जमा करने की अनुमति है। पीपीएफ खाते में 15 साल की परिपक्वता अवधि होती है, जिसे परिपक्वता पर 5 साल के ब्लॉक के लिए बार-बार बढ़ाया जा सकता है।

पीपीएफ के लाभ:

  • सरकार पीपीएफ की दर तिमाही आधार पर घोषित करती है और इसे आम तौर पर मौजूदा सावधि जमा दरों से अधिक रखा जाता है।
  • खाताधारक परिपक्वता पर पूरी राशि को एकमुश्त निकाल सकता है या योगदान के साथ या बिना खाते को 5 साल के लिए बढ़ा सकता है।
  • तीसरे से छठे वर्ष तक, एक पीपीएफ खाताधारक जमा के खिलाफ उधार ले सकता है और छठा वर्ष समाप्त होने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है।
  • और पढ़िए – Senior Citizen: गुड न्यूज! एक नहीं ये दो बैंक वरिष्ठ नागरिकों को FD पर दे रहे हैं 9 फीसदी तक ब्याज

3. General Provident Fund(GPF):

सरकारी कर्मचारी जिन्होंने 31 दिसंबर, 2003 को या उससे पहले सरकार के लिए काम करना शुरू किया और जो अपनी सेवानिवृत्ति कोष के निर्माण के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत पेंशन भुगतान प्राप्त कर रहे हैं, वे जीपीएफ के लिए पात्र हैं। सरकारी कर्मचारी जो अर्हता प्राप्त करते हैं, वे अपने वेतन का 100% योगदान कर सकते हैं, जिसमें न्यूनतम 6% का योगदान होता है।

पीपीएफ की तरह जीपीएफ में सिर्फ कर्मचारी ही योगदान करते हैं, लेकिन इनमें अंतर यह है कि जीपीएफ आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं है और निवेश की सीमा अब एक वित्तीय वर्ष में 5 लाख रुपये निर्धारित की गई है।

जीपीएफ के लाभ:

जीपीएफ में निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है और दी जाने वाली ब्याज दर मौजूदा एफडी दरों से कहां करें निवेश अधिक है।
सेवानिवृत्ति के समय, जीपीएफ में जमा धन को एकमुश्त राशि के रूप में निकाला जा सकता है। कुछ उद्देश्यों के लिए, आंशिक निकासी के विकल्प उपलब्ध हैं।

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