सीबीडीटी ने उदाहरण समझाया नियम
सीबीडीटी ने इसे एक उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि अगर 'ए' वीडीए को 'बी' वीडीए के बदले दिया जा रहा हो, तो इस स्थिति में दोनों ही पक्ष खरीदार होने के साथ विक्रेता भी हैं। सीबीडीटी ने कहा, "ऐसे में दोनों ही पक्षों को वीडीए ट्रांसफर के संदर्भ में टैक्स देना होगा। दूसरे पक्ष को इसका साक्ष्य देना होगा, ताकि दोनों वीडीए की अदला-बदली हो सके। फिर दोनों ही पक्षों को टीडीएस विवरण में चालान नंबर के साथ इसका उल्लेख करना होगा।"
खरीदारों के लिए राहत लेकर आई यह व्यवस्था
नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा यह व्यवस्था खरीदारों के लिए राहत बनकर आई है। ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी नहीं रहती। सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते कहा था कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक फीसद टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर होगी।
सरकार ने Cryptocurrency पर TDS को लेकर जारी किया नोटिफिकेशन, क्रिप्टो निवेशक एक जुलाई से ध्यान रखें ये नियम
एक जुलाई से प्रभावी होगी घोषणा
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी या वीडीए पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी। यह प्रावधान एक जुलाई से प्रभावी होने वाला है। इस साल के बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स संबंध में स्पष्टता आई है। एक अप्रैल से ऐसे लेनदेन पर 30 फीसद आयकर के अलावा उपकर और अधिभार भी लगता है। डिजिटल मुद्रा मद में 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक फीसद टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया था। यह एक जुलाई से लागू होगा। निर्धारित व्यक्तियों के लिये टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये सालाना है। इसमें व्यक्ति/हिंदु अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी।
क्रिप्टो पर भारी-भरकम टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई पर सरकार कैसे टैक्स वसूलेगी, समझिए आसान भाषा में
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट में ट्रांजैक्शन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनके चलते वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए एक खास टैक्स सिस्टम जरूरी हो गया है। अब किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर के जरिए होने वाली आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।'
वहीं उन्होंने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर में अगर कोई नुकसान होता है तो इसे दूसरे किसी अन्य सोर्स से हुई कमाई के साथ सेट ऑफ नहीं किया जा सकेगा।
ऐसे में आपके मन भी सवाल होगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कैसे लगेगा? तो चलिए इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। इसके लिए हमने बात की टैक्स एक्सपर्ट कार्तिक गुप्ता से:
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले देश में करोड़ों लोग हैं। वे कैसे टैक्स के दायरे में आएंगे या सरकार उनकी पहचान कैसे कर पाएगी? और भी सवाल हैं, जो निवेशकों के मन में हैं। उनके जवाब दे रहे हैं बैंक बाजार डॉट कॉम के CEO आदिल शेट्टी.
1. क्रिप्टो पर TDS कैसे कटेगा?
क्रिप्टो करंसी की दुनिया में इसे लागू करना जटिल होगा, क्योंकि ट्रेडिंग के लिए भी अभी भारत में TDS नहीं कटता। इसकी पूरी गाइडलाइन का इंतजार करना चाहिए।
2. क्रिप्टो खरीदने-बेचने वालों की पहचान भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स नहीं होती, तो फिर TDS किससे वसूला जाएगा?
भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज KYC कर रहे हैं। सरकार चाहे तो इससे खरीदार की पहचान कर सकती है। हालांकि, विदेश की क्रिप्टो एक्सचेंज से खरीद करने वालों की पहचान करना अभी मुश्किल दिख रहा है।
3. क्या ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए क्रिप्टो खरीदने वालों की पहचान संभव है?
नहीं। इसीलिए उम्मीद है कि ब्लॉकचेन का भी KYC होने लगेगा।
4. क्रिप्टो का रेगुलेशन कैसे संभव है? रेगुलेटरी अथॉरिटी कौन होगी?
यह अभी क्लियर नहीं है कि अथॉरिटी कौन होगी या रेगुलेशन के नियम क्या होंगे। रेगुलेशन का फ्रेमवर्क सरकार को इस उद्योग के साथ मिलकर निवेशकों की जरूरतों को ध्यान रखते हुए बनाना होगा। सरकार ने टैक्स लगाकर अभी सिर्फ पहला कदम उठाया है। आगे रास्ते धीरे-धीरे खुलते जाएंगे। इस मामले में कई ग्रे एरिया हैं, जिन्हें लेकर सरकार को गाइडलाइन तैयारी करनी है। उसके बाद ही स्थिति साफ हो सकती है।
5. क्या देश में कोई सरकारी नियंत्रण वाली क्रिप्टो एक्सचेंज बन सकती है?
सरकार ने भारतीय डिजिटल रुपए की घोषणा की है। यह भी क्रिप्टो की तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए ही चलेगा। फिर भी इससे क्रिप्टो में निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी।
6. भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा क्रिप्टो में लग चुके हैं, क्या वे लोग कभी ट्रैक हो पाएंगे?
KYC के जरिए निवेश किया होगा तो ट्रेस किए जा सकेंगे।
Cryptocurrency में पैसा लगाने वालों को एक और झटका! क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 28% GST लगाने की तैयारी
GST on crypto! जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.
GST on cryptocurrencies! देश में क्रिप्टो निवेशकों को एक और झटका लग सकता है. गुड्स एंड सर्विसेज टैकस (GST) काउंसिल क्रिप्टोकरेंसीज पर 28 फीसदी टैक्स लगाने पर विचार कर रही है. यह भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स टैक्स रेट लॉटरी, कैसिनो और बेटिंग पर लगता है. रिपोटर्स के मुताबिक, अगर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में यह प्रस्ताव आता है, तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन (माइनिंग, खरीद-बिक्री) पर 28 फीसदी का भारी-भरकम लग सकता है. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक कब होगी, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. इससे पहले, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी और NFTs से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया था.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एसेट्स अलग-अलग क्लासीफाई किया गया है. फरवरी में बजट 2022-23 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्स का एलान किया था. इसमें 1 फीसदी टीडीएस (Tax Deduction at Source) भी शामिल है. 1 अप्रैल से क्रिप्टो की कमाई पर टैक्स का यह प्रावधान लागू हो गया है.
जानकारी के मुताबिक, 28 फीसदी का GST 30 फीसदी के क्रिप्टो इनकम टैक्स से अलग होगा. इसके अलावा, एक तय लिमिट से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर 1 फीसदी का TDS काटने पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं, किसी दोस्त या रिलेटिव को क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल असेट गिफ्ट करने पर भी टैक्स लायबिलिटी बनेगी. वर्चुअल डिजिटल असेट पर टैक्स लागू करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में नया सेक्शन 115BBH को जोड़ा गया था.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत
पिछले महीने अमेरिका के दौरे पर गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है. यह बहुत बड़ा मार्केट हो गया है. ऐसे में अब एक ग्लोबल रेग्युलेशन की जरूरत है, ताकि इसके चलते होने वाले किसी तरह की मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोका जा सके. यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता है.
बता दें, बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स जरूर लगाया गया था. लेकिन, अभी तक किसी तरह के डिजिटल एसेट को रेग्युलेट नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने साफ-साफ कहा था कि टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देना नहीं है.
Cryptocurrency Tax : भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर खरीदार या क्रिप्टो एक्सचेंज में से किसे देना होगा टैक्स? जानिए 1 जुलाई से क्या होगी नई व्यवस्था
Cryptocurrency Tax : यह व्यवस्था खरीदारों के लिए राहत बनकर आई है। ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स नहीं रहती। सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते कहा था कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक फीसद टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर होगी।
क्रिप्टोकरेंसीज लेनदेन पर एक जुलाई से लागू हो रहा टीडीएस
नई दिल्ली : आयकर विभाग (Income Tax Department) ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल परिसंपत्ति (VDA) या क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के आदान-प्रदान में खरीदार एवं विक्रेता दोनों को ही अपने स्तर टीडीएस (TDS) काटना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 194एस के मुताबिक खरीदार को वीडीए के लेनदेन में कर कटौती करनी होगी। आयकर विभाग की नियंत्रक संस्था सीबीडीटी ने कहा, "इस तरह, एक्सचेंज से इतर किए जाने वाले डिजिटल परिसंपत्ति लेनदेन में खरीदार को आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत कर कटौती करने की जरूरत है।" सीबीडीटी ने कहा कि ऐसी देनदारी के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि कटौती किए गए कर का भुगतान किया जा चुका हो।
सीबीडीटी ने उदाहरण समझाया नियम
सीबीडीटी ने इसे एक उदाहरण के जरिये समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि अगर 'ए' वीडीए को 'बी' वीडीए के बदले दिया जा रहा हो, तो इस स्थिति में दोनों ही पक्ष खरीदार होने के साथ विक्रेता भी हैं। सीबीडीटी ने कहा, "ऐसे में दोनों ही पक्षों को वीडीए ट्रांसफर के संदर्भ में टैक्स देना होगा। दूसरे पक्ष को इसका साक्ष्य देना होगा, ताकि दोनों वीडीए की अदला-बदली हो सके। फिर दोनों ही पक्षों को टीडीएस विवरण में चालान नंबर के साथ इसका उल्लेख करना होगा।"
खरीदारों के लिए राहत लेकर आई यह व्यवस्था
नांगिया एंडरसन एलएलपी के भागीदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा यह व्यवस्था खरीदारों के लिए राहत बनकर आई है। ऐसा न होने पर खरीदारों को खुद ही टीडीएस की लागत उठानी पड़ती और विक्रेता से वसूली की गुंजाइश भी नहीं रहती। सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते कहा था कि एक्सचेंजों के जरिये होने वाले वीडीए लेनदेन में एक फीसद टीडीएस काटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से एक्सचेंजों पर होगी।
सरकार ने Cryptocurrency पर TDS को लेकर जारी किया नोटिफिकेशन, क्रिप्टो निवेशक एक जुलाई से ध्यान रखें ये नियम
एक जुलाई से प्रभावी होगी घोषणा
वित्त भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी या वीडीए पर टीडीएस लगाने की घोषणा की गई थी। यह प्रावधान एक जुलाई से प्रभावी होने वाला है। इस साल के बजट में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में स्पष्टता आई है। एक अप्रैल से ऐसे लेनदेन पर 30 फीसद आयकर के अलावा उपकर और अधिभार भी लगता है। डिजिटल मुद्रा मद में 10,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर एक फीसद टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया था। यह एक जुलाई से लागू होगा। निर्धारित व्यक्तियों के लिये टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये सालाना है। इसमें व्यक्ति/हिंदु अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी।
Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म. पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
विदेश से खरीदे क्रिप्टो पर भी लग सकता है टैक्स, 11 एक्सचेंज ने 81 करोड़ की जीएसटी चोरी की
भारतीय एक्सचेंज की ओर से विदेश से खरीदे गए और भारत में खरीदी-बिक्री करने वाले क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लग सकता है। इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
भारतीय एक्सचेंज की ओर से विदेश से खरीदे गए और भारत में खरीदी-बिक्री करने वाले क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लग सकता है। इस मामले से जुड़े लोगों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कर विभाग इस बात की जांच कर रहा है भारत में ट्रेडिंग की अनुमति देने वाले एक्सचेंज अपनी क्रिप्टोकरंसी का प्रबंधन कैसे करते हैं और क्या कोई तत्व या लेनदेन है जहां वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो सकता है।
इस समय भारत में कई क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज संचालित हैं लेकिन इनमें से बड़े एक्सचेंज के पास ही वास्तव में भारतीयों निवेशकों को बेचने और खरीदने के लिए अपनी किप्टोकरंसी उपलब्ध है। कुछ बड़े एक्सचेंज की भारत से बाहर भी शाखाएं हैं जिनके पास बड़ी मात्रा में क्रिप्टो असेट्स हैं। यह एक्सचेंज बिक्री से पहले क्रिप्टो को भारतीय एंटिटी को हस्तांतरित करते हैं।
देश के 11 क्रिप्टो एक्सचेंज ने संयुक्त रूप से 81.54 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी है। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी प्राधिकरण ने यह कर चोरी पकड़ी और जुर्माने के साथ 95.86 करोड़ रुपये वसूले हैं। जीएसटी चोरी करने वालों में कई नामी-गिरामी क्रिप्टो भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स एक्सचेंज भी शामिल हैं।
Cryptocurrency पर 30% टैक्स के अतिरिक्त लग सकती है 28% जीएसटी!
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में ट्रेड करना और मुश्किल हो सकता है। दरअसल सरकार क्रिप्टोकरंसी पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने को लेकर विचार कर रही है। यह 28 फीसदी जीएसटी क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स से अलग होगी।
नई दिल्ली, एएनआइ/बिजनेस डेस्क। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद, क्रिप्टोकरेंसी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल आगामी बैठक में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर सकती है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है। माना जा रहा है कि प्रस्तावित 28 प्रतिशत जीएसटी क्रिप्टो परिसंपत्ति लेनदेन से आय पर 30 प्रतिशत आयकर के अतिरिक्त होगी। बता दें कि केंद्रीय बजट भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव रखा था। नए नियम 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं।
नए नियमों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी सहित सभी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाले लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगेगा। क्रिप्टोकरेंसी सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाला लाभ कर योग्य है, भले ही करदाता की कुल आय 2.5 लाख रुपये की सीमा से भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स कम हो। 28 फीसदी जीएसटी लगाने से क्रिप्टोकरेंसी पर भारी टैक्स लगने लगेगा। जहां तक कराधान के स्तर का संबंध है, यह क्रिप्टोकरेंसी को कैसीनो, सट्टेबाजी और लॉटरी के बराबर ले आएगा।
गौरतलब है कि भारत, रिजर्व बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पेश करने की योजना बना रहा है। इस वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में ऐलान किया था कि भारत में क्रिप्टोकरंसी टैक्स भारतीय रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया/सीबीडीसी जारी करेगा।
इससे अलग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल के अंत में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा था कि भारत इसके नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा।
उन्होंने कहा था कि क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। उन्होंन कहा था कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 703