भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में अपना फॉरेन करेंसी असेट (Foreign Currency Asset) भी घटा है। कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। बीते 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में यह 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है।
लगातार आठवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में आयी गिरावट, 537.518 अरब डॉलर बच गया कोष
LagatarDesk : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठवें सप्ताह गिरावट देखने को मिली है. 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का कोष 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले 16 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. यह पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर था. वहीं 9 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में भंडार 2.23 अरब डॉलर कम होकर 550.87 अरब डॉलर हो गया था. इस तरह सितंबर माह में भारत का कोष 15.884 अरब डॉलर कम हो गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है.
अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.
विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. अगर एफसीए बढ़ती है तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया. वहीं इससे पहले 16 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट्स 4.7 अरब डॉलर घटकर 484.90 अरब डॉलर रह गया था.
आलोच्य सप्ताह में 37.886 अरब डॉलर पर आ गया गोल्ड रिजर्व
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार में भी कमी आयी है. 23 सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे पहले गोल्ड रिजर्व 45.8 करोड़ डॉलर कम होकर 38.186 अरब डॉलर रह गया था. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 93 करोड़ डॉलर घटकर 17.594 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 54 करोड़ डॉलर गिरकर 4.826 अरब डॉलर हो गया.
आरबीआई के अनुसार, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए वो लगातार डॉलर बेच रहा है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. हालांकि आरबीआई का यह उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है. डॉलर को बेचने के बावजूद भारतीय करेंसी लगातार गिर रही है. बताते चलें कि सितंबर 2021 यानी एक साल पहले देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर था. जो एक साल बाद यानी सितंबर 2022 में 545.652 अरब डॉलर रह गया. इस तरह एक साल में भारत का कोष 100 अरब डॉलर कम हुआ है.
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार, वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी
दुनिया भर में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign-Currency Reserves) में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. इसकी वजह है कि भारत से लेकर चेक गणराज्य तक, कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपनी-अपनी मुद्रा को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप किया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल वैश्विक मुद्रा भंडार लगभग 1 लाख करोड़ डॉलर या 7.8 प्रतिशत घटकर 12 लाख करोड़ डॉलर रह गया है. ब्लूमबर्ग ने इस डाटा को कंपाइल करना साल 2003 से शुरू किया था. विदेशी मुद्रा भंडार में यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 96 अरब डॉलर घटा
उदाहरण के लिए, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल 96 अरब डॉलर घटकर 538 अरब डॉलर रह गया है. देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई का कहना है अप्रैल से अब तक के वित्तीय वर्ष के दौरान भंडार में आई गिरावट में 67 प्रतिशत का योगदान एसेट वैल्युएशन बदलाव का है. इसका अर्थ है कि शेष गिरावट, भारतीय मुद्रा को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक के हस्तक्षेप की वजह से है. रुपये में इस साल डॉलर के मुकाबले करीब 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले महीने यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.
जापान ने 1998 के बाद पहली बार मुद्रा को समर्थन देने के लिए सितंबर में येन की गिरावट को धीमा करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए. इसका, इस साल जापान के विदेशी मुद्रा भंडार के नुकसान में लगभग 19% हिस्सा होगा. चेक गणराज्य में मुद्रा हस्तक्षेप ने फरवरी से भंडार को 19% कम किया है. हालांकि गिरावट की भयावहता असाधारण है, लेकिन मुद्राओं की रक्षा के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग करने की प्रथा कोई नई बात नहीं है. जब विदेशी पूंजी की बाढ़ आती है तो केंद्रीय बैंक डॉलर खरीदते हैं और मुद्रा की वृद्धि को धीमा करने के लिए अपने भंडार का निर्माण करते हैं. बुरे समय में वे इससे पूंजी निकालते हैं.
भारत का भंडार 2017 के स्तर से अभी भी 49% अधिक
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अधिकांश केंद्रीय बैंकों के पास अभी भी हस्तक्षेप जारी रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अभी भी 2017 के स्तर से 49% अधिक है, और नौ महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि कुछ केंद्रीय बैंक ऐसे भी हैं, जहां यह भंडार तेजी से खत्म हो रहा है. इस साल 42% की गिरावट के बाद, पाकिस्तान का 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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Foreign Exchange Reserves : फिर घटा अपना विदेशी मुद्रा भंडार, जानते हैं वजह?
नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले
नई दिल्ली
: देश के विदेशी मुद्रा भंडार (India's foreign exchange reserves) में फिर कमी आई है। 16 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपना विदेशी मुद्रा भंडार 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.499 अरब डॉलर रह गया है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सामने आई है। बताया जाता है कि आलोच्य सप्ताह के दौरान वैश्विक घटनाक्रमों की खूब हलचल रही। इस वजह से भारतीय मुद्रा का मूल्य डॉलर (Foreign Currency) के मुकाबले काफी घट गया। इस तेज गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने काफी मात्रा में डॉलर बाजार में बेचे। इसका प्रभाव देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा।
लगातार 7वें हफ्ते घटा विदेशी मुद्रा भंडार, स्वर्ण भंडार में भी आई कमी
नईदिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 7वें हफ्ते गिरावट दर्ज हुई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.271 अरब विदेशी मुद्रा भंडार में कमी डॉलर घटकर 600.423 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले 15 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 31.1 करोड़ डॉलर की गिरावट आई थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अप्रैल, 2022 को समाप्त हफ्ते में 31.1 करोड़ डॉलर घटकर 603.694 अरब डॉलर रह गया था, जबकि 8 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में यह 2.471 अरब डॉलर घटकर 604.004 अरब डॉलर था। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) घटने की वजह से आई है, जो कि कुल मुद्रा भंडार का एक अहम हिस्सा होती है। 22 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में एफसीए 2.835 अरब डॉलर घटकर 533.933 अरब डॉलर पर आ गया।
विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 विदेशी मुद्रा भंडार में कमी में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.
मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार में कमी विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है.
इससे पहले के सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.76 अरब डॉलर घटकर 406.06 अरब डॉलर रह गया था.
इससे पूर्व विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था. आठ सितंबर 2017 को मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था लेकिन उसके बाद से उसमें उतार-चढ़ाव बना रहा.
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