इन्हीं अलग – अलग स्थितियों के आधार पर कैंडल की संरचना भी अलग – अलग होती है।

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न इंट्राडे स्टेटर्जी 70% विनिंग रेट

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न टॉप और बॉटम में बनता है। और इसका विनिंग रेट भी अच्छा है अगर आप हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न पर ट्रेड लेते हो। तो आपका स्टॉप लॉस भी काफी छोटा होता है। स्टॉप लॉस छोटा होने के कारण प्रॉफिट बड़ा हो जाता है। और हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न आपको वैसे तो हर जगह देखने को मिल जाएगा। लेकिन हमको हर जगह ट्रेड नहीं करना।

आपको सिर्फ उसी जगह काम करना है। जहा पर यह मार्केट रिवर्स होने का चांस ज्यादा रहता है। वह जगह हम सपोर्ट और रजिस्टेंस से पता करते हैं। आपको हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को सपोर्ट रेजिस्टेंस पर ढूंढ़ना है।

उसके बाद हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न बनता है। तो उसके ब्रेकआउट पर ट्रेड ले सकते हैं। आइए जानते हैं हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न कैसा दिखता है।

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न कितने प्रकार के होते है।

  • हैमर कैंडल
  • इनवर्टेड हैमर

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न दो प्रकार के होते हैं एक तो सिंपल हैमर कैंडल दूसरा इनवर्टेड हैमर कैंडल इसको आप बड़े आसान से चार्ट पर पहचान सकते हो। इसकी पहचान यह है कि हैमर कैंडल सीधा हथौड़े की जैसा दिखता है। इनवर्टेड हैमर कैंडल उल्टा हथौड़ी की तरह दिखता है।

हैमर कैंडल इनवर्टेड हैमर

दोस्तों आपको हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर कैंडल में थोड़ा क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? बहुत विग यानि कैंडल की परछाई कभी कभी कैंडल में देखने को मिल सकता है। तो हम उसको भी हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर कैंडल ही मानेंगे। और कैंडल के ब्रेक आउट पर भी ट्रेड ले सकते हैं।

इसके ब्रेकआउट पर हमें ट्रेड लेना होता है। और यह पेटर्न टॉप पर बनता है तो आप ऐसी के ऊपर स्टॉप लॉस लगा सकते हो। बाइचांस एक या दो केंडल के बाद हमर पेटर्न बनता है तो आप हैमर के ऊपर वाले कैंडल पर स्टॉप लॉस लगा सकते है। और यह पैटर्न में कलर नहीं देखना होता है।

अगर रेजिस्टेंस पर हरे या लाल कलर का हैमर या इनवर्टेड हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न देखने को मिलता है। तो हमें बेरिश ट्रेड लेना है। और वैसे ही सपोर्ट पर अगर हरा या लाल हैमर या इनवर्टेड हैमर देखने को मिलता है। तो हमें बुलिश ट्रेड लेना है यह बातों का ध्यान रखें।

यह पॉइंट का फॉलो करे।

  • टाइम फ्रेम 1 घंटा और 5 मिनट यूज करे।
  • 1 घंटे टाइम फ्रेम में आपको सपोर्ट रेजिस्टेंस ड्रॉ करना है।
  • 5 मिनट के चार्ट पर हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न ढूंढना है।
  • हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न के ब्रेकआउट पर ही ट्रेड लेना है।
  • हमारा टारगेट नेक्स्ट सपोर्ट या रेजिस्टेंस होगा।
  • हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न के ऊपर या निचे स्टॉप लॉस लगाना है। अगर हैमर कैंडल और इनवर्टेड हैमर के पीछे एक या दो कैंडल बना हुआ है तो हैमर कैंडल या इनवर्टेड हैमर के पीछे वाले केंडल के ऊपर या निचे स्टॉप लॉस लगाना है।

सपोर्ट और रजिस्टेंस कैसे ड्रॉ करें।

जिस भी स्टॉक किया इंडेक्स में आप ट्रेड करना चाहते हैं। उसको पहले 1 घंटे के टाइम पर में बदलें। उसके बाद जैसे की आज ट्रेड करना है। तो मैं कल और परसों का हाई और लो को जॉन बना के ड्रॉ कर लूंगा। यही हमारा सपोर्ट और रजिस्टेंस कुछ इस प्रकार दिखेगा ।

एक घंटा टाइम फ्रेम बैंक निफ़्टी चार्ट

सपोर्ट और रेजिस्टेंस ड्रॉ करने के बाद 5 मिनट के टाइम फ्रेम में चार्ट को कन्वर्ट कर लेना है। 5 मिनट के टाइम फ्रेम में सपोर्ट और रजिस्टेंस कुछ इस प्रकार दिखेगा।

एक घंटा टाइम फ्रेम बैंक निफ़्टी चार्ट सपोर्ट और रजिस्टेंस

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न इंट्राडे स्टेटर्जी

अब ट्रेड लेना है। जब आप को दिखे की सपोर्ट या रजिस्टेंस पर हैमर कैंडल या इनवर्टर हैमर कैंडल बनता है। तो उसके ब्रेकआउट पर ट्रेड लेना है। रूल के हिसाब से स्टॉपलॉस लगाना है। नीचे कुछ फोटो में समझाया गया है। थोड़ा ध्यान से देखो।

अधिक पढ़ें

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न इंट्राडे स्टेटर्जी

मेरी सलाह

दोस्तों यह बात आपको ध्यान रखना है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको 90% काम नहीं करना पड़ता है। सिर्फ इंतजार करना पड़ता है और यह इंतजार किस चीज का करना है। कि सेटअप जो भी है आपका उसको चार्ट पर बनने में 90% हमें इंतजार करना पड़ता है।

बस और चार्ट पर हमारा सेटअप बनने के बाद हमें 10 परसेंट ही काम करना पड़ता है। और यह चीज आपको ध्यान रखनी है। ताकि आप यह सेटअप बनने से पहले ट्रेड ना लो। और अपना ट्रेड लेने के बाद अपने टारगेट और स्टॉप लॉस पर ही पोजीशन को एग्जिट करो। और अपने मनी मैनेजमेंट को फॉलो जरूर करना जो भी आपने बनाया है।

ताकि आपका बड़ा लोस ना हो और आप लंबे समय तक मार्केट में बने रहो। और ट्रेड लेने से पहले आपको कम से कम क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? 3 महीने की बैक टेस्टिंग करनी है बैक टेस्टिंग करने के बाद ही ट्रेड ले। क्योंकि आपने अभी सिर्फ यही स्ट्रेटजी को समझा है। सीखा नहीं है आपको सीखने के लिए चार्ट में अपनी आंखों को ट्रैन करना होगा।

और इसके लिए आपको कम से कम तीन चार महीने की बैक टेस्टिंग करनी होगी। जिससे कि आपके आंखें ट्रेन होगा। और आपको एक कॉन्फिडेंस आएगा ट्रेड लेते समय। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपकी कोई राय है। तो हमें वह भी बता सकते हैं ऐसे ही स्टेट्रजी के लिए और आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

Tag: कैंडलस्टिक इन हिंदी

कैंडलस्टिक चार्ट की जानकारी – 2, लाल कैंडलस्टिक की जानकारी

  • Post author

लाल रंग की कैंडलस्टिक का मतलब क्या है, लाल कैंडलस्टिक कैसे बनती है

पिछले भाग में हमने आपको हरे रंग की कैंडल की जानकारी दी थी. अब हम यह देखेंगे की कैंडलस्टिक चार्ट की लाल रंग की कैंडल किस प्रकार से बनती है. इसके लिए हम मान लेते है किसी एक शेयर में एक दिन के open, high, low और close के भाव इस प्रकार है.

Date Open high Low close
03-01-2017 100 102 96 98

इसमें ऊपर 03-01-2017 का open का भाव 100 रूपये है, इसी प्रकार high price यानि दिन भर का सबसे ज्यादा का भाव 102 रूपये है, उस दिन का low price यानि दिन भर का सबसे कम भाव 96 रूपये है, और close price 98 रूपये है. अब आप यहाँ पर देख सकते है की 03-01-2017 को यह शेयर 100 रूपये पर खुल कर शाम को 98 रूपये पर बंद हुआ यानि यह शेयर उस दिन नीचे गिर कर बंद हुआ तो इसकी कैंडल लाल रंग की बनेगी. यह कैंडल कुछ इस प्रकार की होगी.

यहाँ पर कैंडल का सबसे निचला हिस्सा दिन भर का low price बताता है. कैंडल का वह हिस्सा जिसमे लाल रंग है वह कैंडल की बॉडी कहलाता है. लाल रंग की कैंडल की बॉडी का ऊपर का हिस्सा open price और बॉडी का नीचे का हिस्सा close price बताता है. कैंडल का सबसे ऊपर का हिस्सा दिन भर का high price बताता है. open और high के बीच की लाइन को कैंडल की टेल या विक (tail or wick) भी कहते है. इसी प्रकार close और low के बीच की लाइन को कैंडल की टेल या विक (tail or wick) भी कहते है.

यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है की हरे और लाल रंग की कैंडल में open और close price अलग-अलग और एक दुसरे के बिलकुल उलटे होते है.

Doji के प्रकार | Engulfing Candle क्या है ?

Doji भी किसी Candles Stick Chart पर बनने वाली कैंडल की एक संरचना पर ही आधारित होती है। जैसा कि आप जान चुके हैं कि कैंडल किसी स्टॉक के भाव के खुलने और बन्द होने की स्थिति बताती है तथा हर बार ये स्थित अलग – अलग हो सकती है।

doji-ke-prakar

इन्हीं अलग – अलग स्थितियों के आधार पर कैंडल की संरचना भी अलग – अलग होती है।

डोजी भी क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? इसी प्रकार की एक कैंडल स्टिक संरचना है, जो बाजार में आगे क्या होने वाला है इसका संकेत देती है ।

आपको पता है कि किसी शेयर का भाव खुलने के बाद या तो बढ़ता है या फिर घटता है।

परंतु कभी – कभी ऐसा भी होता है कि मार्केट खुलने के बाद किसी शेयर का भाव घटता है या बढ़ता है लेकिन मार्केट बंद होने के समय तक भाव अपने खुलने के भाव के नजदीक ही आकर बंद होता है ।

ऐसी स्थिति में चित्रानुसार चार्ट पर कैंडल की जो आकृति बनती है, इसी आकृति को क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? Doji कहते है।

Doji का अर्थ यह होता है कि इस स्टॉक में खरीद या बिक्री करने वालो में से किसी का भी पक्ष ज्यादा मजबूत नही रहा, इस कारण से उस स्टॉक में अस्थिरता बनी रही,

इससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में उस शेयर के भाव में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है,

हो सकता है कि उस क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? शेयर के भाव बहुत ज्यादा नीचे गिर जाए, या ये भी हो सकता है कि भाव बहुत ऊपर चढ़ जाए।

डोजी से हमे यह दिशा मिल जाती है कि बाजार किस ओर जाने वाला है अतः Doji एक स्पष्ट संकेतक की तरह कार्य करता है।

यदि डोजी की संरचना ऊपर Resistance पर बन रही हो तो यह स्पष्ट संकेत है कि अब इस शेयर के भाव नीचे गिरेंगे।

और यदि Doji की संरचना नीचे Support पर बन रही है तो यह संकेत होता है कि अब इस शेयर के भाव बढ़ने वाले हैं।

Doji के संकेत को और पुख्ता करने के लिए साथ मे दूसरे अन्य चार्ट पैटर्न का समर्थन ले लेना उचित होता है।

Doji की संरचना ‘जोड़’ ( Plus ), अथवा क्रॉस के आकार जैसी दिखती है तथा यह चार्ट पर भिन्न – भिन्न प्रकार से बनती है ।

कैंडल स्टिक क्या होतें है इन्हें कैसे समझें ? What is Candlestick How to understand them?

अगर आप स्टॉक, कॉमोडिटी या क्रिप्टो मार्केट में ट्रैडिंग या निवेश करतें है तो आपके सामने कैन्डल स्टिक चार्ट काफी बार आया होगा । काफी लोग इसे बड़े अच्छे से समझते है । वही पर काफी लोगों को इसे समझने में दिक्कत होती है । उनकी इस दिक्कत का कारण होता है या तो वह नए नए इस ट्रैडिंग या निवेश की दुनिया में आते है या किसी जान पहचान वाले के जरिए उन्हें कैन्डल स्टिक को जानने के फायदे पता लगते हैं। जिसकी उत्सुकता में वह भी कैन्डल स्टिक को सीखना चाहते है। आज इस लेख में हम कैन्डल स्टिक के बारे में जानेंगे।

कैन्डल स्टिक क्या होती है?

ट्रैडिंग और निवेश की दुनिया में कैन्डल स्टिक का अपना अलग ही महत्व है। जो कोई भी ट्रैडिंग या निवेश करने आता है उसे शुरुआत के दिनों में कैन्डल स्टिक को समझने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शुरुआत में तो समझ ही नहीं आता है कि यह क्या है ?

सामान्यतः कैन्डल स्टिक दो घटकों से मिलकर बनी होती है। एक हिस्सा बॉडी (BODY) होता है तो दूसरा हिस्सा विक या शैडो (WICK or SHADOW) कहलाता है। मगर इन दो क्या एक लाल कैंडलस्टिक आपको बताता है? घटकों से मिलकर बनी कैन्डल स्टिक हमें काफी सारी अन्य जानकारियाँ दे जाती है।

तो आइये आज जानतें हैं कैन्डल स्टिक के बारे में :

कैन्डल स्टिक कहां से और कब आई ?

हालांकि कैन्डल स्टिक की बीती कहानी बताने से कोई खास फर्क तो नहीं आएगा मगर फिर भी इसे जान लेना चाहिए। इसके बनाने वाले का जिक्र न हो तो शरुआत करना अधूरा लगता है।

दो शब्दों में बताना चाहेंगे की कैन्डल स्टिक को जापान में सन 1700 के करीब होमा नाम के एक चावल के व्यापारी ने बनाया था। तब से चलते - चलते आज कैन्डल स्टिक का यह रूप हमारे सामने है।

क्या दिखाती है कैन्डल स्टिक ?

दरअसल एक कैन्डल स्टिक हमें चार तरह की जानकारी देती है:

1. कैन्डल के शुरू होने का स्तर (A)

2. कैन्डल के खत्म या बंद होने का स्तर (B)

3. कैन्डल की उच्चतम स्तर (C)

4. कैन्डल का न्यूनतम स्तर (D)

यह चार जानकारी हमें एक कैन्डल स्टिक देती है। मगर इन चार जानकारियों को देखने और समझने का खेल कैन्डल के रंग पर निर्भर करता है।

कैन्डल स्टिक को संभवतः दो रंगों से प्रस्तुत किया जाता है जिसमे एक रंग तेजी और एक रंग गिरावट को दर्शाता है। आमतौर पर यह लाल और हरे रंग से दर्शाया जाता है। जिसमें हरा रंग तेजी और लाल रंग गिरावट को दर्शाता है। दोनों ही दशाओं में कैन्डल को पढ़ने और देखने का नजरिया बदल जाता है। आइये हम इसे चित्र के द्वारा दर्शाते हैं।

हरे रंग की कैन्डल स्टिक

हरे रंग की कैन्डल स्टिक (GREEN CANDLE STICK) के चित्र में (A) कैन्डल के उस स्तर को दर्शाता है जहा से कैन्डल बनना शुरू हुई है यानि यह नीचे से बनना शुरू होती है । (B) उस स्तर को दर्शता है जहां पर कैन्डल बननी बंद हो जाती है। (C) और (D) को विक या शैडो (WICK OR SHADOW) कहा जाता है। (C) दर्शाती है कि स्तर कितना ऊपर तक गया है मगर वहाँ रुकने की बजाए वापस आ गया। (D) दर्शाती है कि स्तर कितना नीचे तक गिरा मगर वहाँ रुके बिना वापस ऊपर आ गया।

कुछ हरे रंग की कैन्डल स्टिक में नीचे की विक नहीं बनती जिसका मतबल होता है कि कैन्डल शुरू होने के बाद उसके स्तर में कोई गिरावट नहीं आई है।

इसी प्रकार कुछ कैन्डल की ऊपर की विक नहीं होती जिसका मतलब है कि कैन्डल अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुई है यानि उसका अधिकतम मूल्य और बंद होने का मूल्य समान होता है।

लाल रंग की कैन्डल स्टिक

मगर लाल रंग की कैन्डल में यह सब थोड़ा उलट होता है। हरे रंग की कैन्डल स्टिक जहाँ स्तर में तेजी को दर्शाती है तो वही लाल रंग की कैन्डल गिरावट को दर्शाती है। हरे रंग की कैन्डल शुरू होने के बाद ऊपर की तरफ बढ़ती है तो वहीं पर लाल रंग की कैन्डल शुरू होने के बाद नीचे की तरफ बढ़ती है।

लाल रंग की कैन्डल स्टिक के चित्र में (A) कैन्डल के उस स्तर को दर्शाता है जहा से कैन्डल बनना शुरू हुई है यानि यह ऊपर से बनना शुरू होती है । (B) उस स्तर को दर्शता है जहां पर कैन्डल बननी बंद हो जाती है। (C) और (D) को विक या शैडो (WICK OR SHADOW) कहा जाता है। (C) दर्शाती है कि स्तर कितना ऊपर तक गया है मगर वहाँ रुकने की बजाए वापस आ गया। (D) दर्शाती है कि स्तर कितना नीचे तक गिरा मगर वहाँ रुके बिना वापस ऊपर आ गया।

इसी प्रकार कुछ लाल कैन्डल की ऊपर की विक नहीं होती जिसका मतलब है कि कैन्डल अपने शुरुआत के स्तर से ही गिरावट को दर्शाती आ रही है और कैन्डल शुरुआती स्तर से एक बार भी ऊपर की तरफ नहीं गई है।

लाल रंग की कैन्डल स्टिक में भी कभी - कभार नीचे की विक नहीं बनती जिसका मतबल होता है कि कैन्डल शुरू होने के बाद उसके स्तर में कोई गिरावट आई है और वह अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुई है यानि कैन्डल स्टिक का न्यूनतम स्तर और बंद होने का स्तर समान होता है।

कैन्डल स्टिक में समय अविधि

कैन्डल स्टिक का पैटर्न अलग - अलग समय अविधि पर अलग - अलग तरह से दिखता है।

बताना चाहेंगे कि आप कैन्डल स्टिक चार्ट पर एक कैन्डल की समय अविधि को भी बदल सकते है, यहाँ हम चार्ट की समय अविधि की बात नहीं कर रहें हैं । एक कैन्डल की समय अविधि को बदलने से एक कैन्डल स्टिक आपको उस निर्धारित समय में कितना उतार-चढ़ाव हुआ है यह सब दर्शाती है।

आप अगर कैन्डल स्टिक चार्ट को 5 मिनट की समय अविधि पर सेट करना चाहते है तो आपको एक कैन्डल 5 मिनट की हलचल को कैन्डल के मध्यम से दर्शाती है।

आप अगर कैन्डल स्टिक चार्ट को 15 मिनट की समय अविधि पर सेट करना चाहते है तो आपको एक कैन्डल 15 मिनट की हलचल को कैन्डल के मध्यम से दर्शाती है और ऐसे ही 1 घंटा , 1 दिन, 1 सप्ताह और 1 साल की अविधि का भी विकल्प होता है।

कैन्डल स्टिक का निष्कर्ष

कैन्डल स्टिक को समान्यतः इसी तरह से पढ़ा जाता है और कोई भी कैन्डल आपको यही चार जानकारियाँ ही देती है। मगर कैन्डल स्टिक से मिलके बनने वाले पैटर्न आपको काफी जानकारियाँ प्रदान करते है। बस आपको इस पैटर्न को कैसे पढ़ना है यह सिखना होता है। कैन्डल स्टिक के और भी कई प्रारूप हमारे सामने आ गए है जैसे कि हालो कैन्डल और हेकनेशी कैन्डल जो कि कैन्डल स्टिक का ही उपयोग कर बनाए गए हैं। पर इन्हें पढ़ने के लिए भी आपको साधारण कैन्डल स्टिक को पढ़ना और समझना आना चाहिए।

कैंडल स्टिक पैटर्न (शेयर बाजार)

हेलो दोस्तों आज मैं आपको कैंडल स्टिक क्या होता है इसको कैसे पहचानते हैं .

और यह ट्रेडिंग में क्या काम करती है आज मैं इसके बारे में आपको जानकारी बताऊंगा ।

कैंडल क्या होती है इसके बारे में लगभग सभी लोगों को जानकारी होगी कैंडल का मतलब मोमबत्ती होता है इसका इस्तेमाल बर्थडे और रोशनी करने के लिए एवम अंधेरे में मार्गदर्शन करने के लिए काम में लिया जाता है इसी तरह से शेयर मार्केट में भी कैंडल स्टिक का महत्वपूर्ण रोल है।

यह मार्केट में भी मार्गदर्शन करती है मार्केट किस तरफ जाएगा । इन कैंडल स्टिक से हमें पता चलता है इसीलिए इन कैंडल स्टिक की जानकारी होना जरूरी है। यह भी मार्केट में दिशा बताता है जैसे मोमबत्ती उजाला करके रास्ता दिखाती है वैसे ही इन कैंडल स्टिक का भी यही काम है।

मार्केट में दो तरह की कैंडल होती है पहली बुलिश कैंडल /up trand/ buy side दूसरी होती है बेरिश कैंडल जो की down trans/ sell side होती है। दोस्तों आपको ऊपर दिए गए चित्र में हरे कलर की एक कैंडल दिख रही है उसे बुलिश कैंडल कहते हैं यह नीचे से ओपन होती है और ऊपर की तरफ बंद होती है। इस कैंडल में ग्रीन कलर का जो एरिया है उसे हम कैंडल की बॉडी कहते हैं और इसके नीचे और ऊपर पतली सी पूछ जैसे दिख रही है ऊपर की तरफ जो पतली लाइन दिख रही है वह इसका हाई high है और नीचे की तरफ law है।

इसी तरह से जो लाल कलर की कैंडल दिख रही है इसमें यह कैंडल ऊपर की तरफ से ओपन होती है और नीचे की तरफ बंद होती है। जैसे कि हरे कलर की कैंडल में नीचे से ओपन होती है और ऊपर की तरफ बंद होती है।

दोस्तों कैंडल स्टिक के बहुत सारे पैटर्न होते हैं जिसका हम आगे पढ़ेंगे कुछ कैंडल स्टिक नीचे दिए गए चित्र में दर्शाया गया है

दोस्तों इन कैंडल स्टिक की सहायता से हम मार्केट का मूवमेंट समझ सकते हैं मार्केट किस तरफ जा सकता है इन कैंडल स्टिक से हमें काफी जानकारी प्राप्त हो सकती है। और जो दोस्त मार्केट में लोस कर रहे हैं वह मार्केट को अच्छे से समझे समझे बिना जानकारी के कोई भी ट्रेड ना करें क्योंकि बिना जानकारी के मार्केट में काम करना मतलब पैसा बर्बाद करना है और यह नियम सभी लोगों के लगता है।

दोस्तों थोड़ा-थोड़ा समझेंगे क्योंकि एक साथ लिखने एवम पड़ने पर दोनों बोर हो जाएंगे इसलिए मैं थोड़ा थोड़ा करके आप लोगों को जानकारी बताऊंगा जितनी मैं जानता हूं बाकी तो मार्केट है मूवमेंट होता रहता है।

रेटिंग: 4.37
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 189