खाद्य तेल की कीमतें कम करने के लिए केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र; स्टॉक लिमिट ऑर्डर पर कार्रवाई के दिए निर्देश
DFPD ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिख त्योहारी सीजन से पहले खाद्य तेलों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए कहा है।
केंद्र ने बताया है कि उसने सभी राज्यों को खाद्य तेल की कीमतों (edible oil prices) में कमी सुनिश्चित करने के लिए एक पत्र लिखा है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) ने कहा है कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food and Public Distribution) (DFPD) ने खाद्य तेल पर स्टॉक सीमा आदेश को लेकर राज्य सरकारों को विशेष निर्देश दिए हैं। इसके लिए आज यानि सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक भी होनी है। विभाग ने अपने पत्र में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी है।
मंत्रालय के मुताबिक, डीएफपीडी सचिव सुधांशु पांडे ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में उपभोक्ताओं को राहत और त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया है। उन्होंने यह भी बताया है कि DFPD खाद्य तेलों की कीमतों और उपभोक्ताओं के लिए उनकी उपलब्धता की निगरानी भी कर रहा है। आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए इस सभी कदम उठाये जा रहे हैं।
खाद्य तेल की कीमतों को लेकर केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र
मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अब इसके लिए एक वेब पोर्टल बनाने सहित कई कदम उठा रहा है। इसके अलावा सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं। सभी राज्यों और खाद्य तेल उद्योग संघों के साथ बातचीत के आधार पर स्टॉक प्रकटीकरण अधिसूचना जारी की गई है। इन सबके अलावा डीएफपीडी ने साप्ताहिक खाद्य तेलों/तिलहन के स्टॉक की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है।
मंत्रालय ने कहा, "उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के लिए खाद्य की मांग और खपत अलग-अलग है। हालांकि, खाद्य तेलों और तिलहनों की स्टॉक सीमा मात्रा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य, केंद्र शासित प्रदेश द्वारा खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए लगाई गई पिछली स्टॉक सीमा पर विचार कर सकते हैं। साथ ही यह विचार किया जा सकता है कि किसी भी हितधारक (रिफाइनर, मिलर, थोक व्यापारी आदि) को भंडारण क्षमता के दो महीने से अधिक का स्टॉक नहीं रखना चाहिए।"
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BCCL was incorporated in January, 1972 to operate coking coal mines operating in the Jharia & Raniganj Coalfields, taken over by the Govt. of India on 16th Oct,1971 to ensure planned development of the scarce coking coal resources in the country.It is a Public Sector Undertaking engaged in mining of coal and allied activities. It occupies an important place in as much as it produces bulk of the coking coal mined in the country.
मध्य प्रदेश सरकारी नौकरी में आयु सीमा में छूट का आदेश - age limit Relaxation Order in MP government jobs
मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में छूट का आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केवल MPPSC के लिए इसकी घोषणा की थी परंतु उनकी घोषणा के साथ ही सभी शासकीय सेवाओं में आयु सीमा में छूट का प्रश्न स्वाभाविक रूप से उपस्थित हो गया था।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार (शैलबाला ए. मार्टिन) अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 07-46 / 2021 / आ.प्र. / एक दिनांक 18 सितंबर 2022 जारी किया गया है जिसमें शासन के समस्त विभाग, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर, समस्त लिमिट ऑर्डर क्या है? मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को बताया गया है कि इस विभाग के संदर्भित परिपत्र (विभागीय परिपत्र क्रमांक सी-3-8 /2016/1 / 3 भोपाल दिनांक लिमिट ऑर्डर क्या है? 04 जुलाई 2019) द्वारा राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्तियों के लिये अधिकतम आयु सीमा संबंधी निर्देश जारी किये गये है।
कोविड-19 के कारण विगत तीन वर्षों से भर्ती परीक्षाएं नियमित आयोजित नहीं की जा सकी हैं, अतः अभ्यार्थियों के हितो को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन दिसम्बर 2023 तक अभ्यार्थियों की अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट भरे जाने वाले पदों के संबंध में जारी प्रथम विज्ञापन में प्रदान करता है।
लिमिट ऑर्डर क्या है?
IFCI shall consider proposals of Loan Against Shares (LAS) up to Rs. 50 crore in respect of companies with external rating of A and above and whose equity shares are listed on BSE and/or NSE.
SC ने नागपुर मेट्रो की जमीन निजी कंपनी को देने के उच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त किया
न्यायालय ने नागपुर मेट्रो रेल निगम लिमिटेड की अपील को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश लागू नहीं होगा.’’
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें नागपुर मेट्रो रेल निगम को एक भूखंड का कब्जा निजी फर्म को सौंपने का आदेश दिया गया था.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति एम एम सुंद्रेश की पीठ ने रेखांकित किया कि उच्च न्यायालय को फर्म द्वारा दाखिल याचिका पर इस तथ्य के मद्देनजर सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी कि भूखंड के मालिकाना हक को लेकर ‘संशय' की स्थिति है.
कंपनी ने जिलाधिकारी द्वारा 25 अगस्त 2015 के आवंटन आदेश के आधार पर भूखंड की मिल्कियत नागपुर मेट्रो रेल निगम को देने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
अदालत ने कहा कि जबतक लंबित याचिका में भूखंड की मिल्कियत स्पष्ट नहीं हो जाती, तबतक सार्वजनिक योजना को इस तरह से नहीं रोका जा सकता.
शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि जिलाधिकारी ने अगस्त 2015 में नागपुर जिला स्थित 9,343 वर्ग मीटर लिमिट ऑर्डर क्या है? जमीन मेट्रो निगम को आवंटित की थी.
इसमें रेखांकित किया गया कि शुरुआत में जुलाई 1995 में जमीन महाराष्ट्र पर्यटन निगम द्वारा कंपनी को उप पट्टे पर 30 साल के लिए दी गई थी और यह शर्त निर्धारित की गई थी कि सार्वजनिक उद्देश्य के लिए पट्टे को राज्य रद्द कर सकती है.
पीठ ने कहा कि वर्ष 2002 में पर्यटन निगम ने जुलाई 1995 में दिए पट्टे को रद्द कर दिया, जिसके बाद फर्म ने निगम के खिलाफ वाद दाखिल किया.
न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मेट्रो निगम द्वारा जमीन पर कब्जे को अवैध बताकर ‘त्रृटि की है. इसलिए, जबतक संबंधित भूखंड को लेकर मूल लिमिट ऑर्डर क्या है? वादी (फर्म) का अधिकार साबित नही हो जाता, जिसका फैसला लंबित दीवानी मामले के जरिये होगा, मूल वादी की रिट याचिका उच्च न्यायालय द्वारा नहीं सुनी जा सकती.''
न्यायालय ने नागपुर मेट्रो रेल निगम लिमिटेड की अपील को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश लागू नहीं होगा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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