Key Points

Share Market Liquidity क्या होता है

Share Market Liquidity का मतलब होता है कि आप जिस भी चीज में Trading कर रहे हैं ( Share, Commodity, Future Contract) उसमें Volume जितना ज्यादा अधिक होता है उसकी Liquidity भी उतनी ही ज्यादा होती है आप उस शेयर को उतनी ही आसानी से खरीद या बेच सकते हैं ! यानी अगर आप उस शेयर किसी भी कीमत पर कितनी भी मात्रा में खरीदना चाहते हैं तो आपको वह शेयर उस कीमत पर मिल जाएगी या फिर अगर आपको किसी शेयर को बेचना है किसी कीमत पर तो आप उस शेयर को उतनी ही आसानी से बेच पाएंगे इसी को लिक्विडिटी कहते हैं !

Liquidity का महत्व

आपको कंपनी के 1000 शेयर आपको खरीदनी है अगर उस शेयर में Liquidity अधिक है तो आप जिस भी कीमत पर मान के चलिए अभी कीमत 1000 रुपए चल रही है तो आप हजार रुपए में खरीदेंगे तो 1000 शेयर आपको उसी कीमत पर मिल जाएगा लेकिन अगर उस में लिक्विडिटी कम है उसमें शेयर बहुत ही कम मात्रा में ट्रेड होते हैं तो हो सकता है आप बाजार शेयर खरीदने के लिए जाए तो इससे उसे शेयर की कीमत जो है वह बढ जाए और आपको कुछ ऐसे हजारों रुपए पर मिलेगा कुछ ₹1010 पर और कुछ शेयर आपको ₹1020 पर मिले, तो ऐसे में आपको शेयर खरीदने के लिए अधिक कीमत देना पड़ा !लिक्विडिटी क्या है?

वहीं दूसरी तरफ से आप ने जो शेयर ₹1000 की कीमत पर खरीदा था उसकी कीमत 1100 ₹ हो जाती है और अब आप उसे बेचना चाहते हैं जब उसकी लिक्विडिटी अधिक है तो आप उस शेयर को 1100 रुपए की कीमत पर बेच पाएंगे लेकिन अगर उसमें लिक्विडिटी कम है तो जब आप उसे बेचने के लिए जाएंगे तो उसकी कीमत कम हो जाएगी और आप को उसे 1100 से कम कीमत पर बेचना पड़ेगा इससे आपको नुकसान है !

यही कारण है कि लोग फ्यूचर एंड ऑप्शन में किसी शेयर में ट्रेडिंग करने के बजाय इंडेक्स Nifty 50 और Nifty Bank में Trading करते हैं, क्योकि इसमें सबसे अधिक Liquidity होती है अगर वे किसी दूसरे शेयर में करते हैं तो उसमें लिक्विडिटी कम होती है !

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Share Market Liquidity

Technical Analysis मे Liquidity का महत्व

शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस में लिक्विडिटी का भी बहुत अधिक महत्व है जब हम किसी कंपनी का टेक्निकल एनालिसिस करते हैं तो अगर उसमें लिक्विडिटी जितनी अधिक होती है उतना ही हमारी एनालिसिस से भी होने की संभावना रहती है इसका कारण यह है कि अगर हम कम लिक्विड स्टॉक में एनालिसिस करते हैं तो वह भी आसानी से Manipulat की जा सकती है जबकि जिस में लिक्विडिटी अधिक होती है उन्हें कर पाना मुश्किल होता है !

इसके अलावा हम Technical Analysis में हम लोग जो Trade कर रहे है उसी का अध्ययन करते है, और लोगो का शेयर के प्रति जितना अधिक Trade करेंगे हमारा Analysis उतना ही अधिक होने कि संभावना होगी !

RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - October 10, 2021 / 02:18 PM IST

RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर 2021 तक सरप्लस लिक्विडिटी (अधिशेष तरलता) को 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक कटौती करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. हालांकि मॉनिटरी कमेटी ने दरों और ग्रोथ प्रोजेक्शन पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए फैसला लिया है. मॉनिटरी कमेटी का फैसला उधारकर्ताओं के लिए अच्छा है लेकिन लिक्विडिटी के विड्रॉल से बॉन्ड यील्ड पर दबाव पड़ेगा, जो अंततः लोन में भी पास हो सकता है. इसको लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है.

क्या कहा गवर्नर शक्तिकांत दास ने?

लिक्विडिटी नॉर्मलाइजेशन रोडमैप की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में सरप्लस लिक्विडिटी अक्टूबर में अब तक औसतन 9.5 लाख करोड़ रुपये है. RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए. यह वर्तमान (current) में लगभग 8.8 लाख करोड़ रुपये है. दास ने अपने संबोधन में लिक्विडिटी को कम नहीं करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए कहा, ‘हम जल्दबाजी नहीं चाहते. हम नाव को हिलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमें किनारे तक पहुंचना है, जो अब दिखाई दे रहा है.

4% पर बनाए रखा RBI ने रेपो रेट

मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने रेपो रेट को 4% पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में 5:1 रेश्यो में वोट किया. RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बनाए रखने का भी फैसला किया. वहीं चालू वित्त वर्ष (current financial year) के लिए, RBI ने रियल GDP ग्रोथ के अपने अनुमान को 9.5% पर बरकरार रखा. RBI ने अपने FY22 के रिटेल इन्फ्लेशन प्रोजेक्शन को 5.3% से घटाकर 5.7% कर दिया. उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन ट्रैजेक्टरी अपेक्षा से अधिक अनुकूल हो गई है. उन्होंने बाजारों को फिर से आश्वासन दिया कि ग्रोथ के लिए लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी और रिवर्स रेपो के माध्यम से अवशोषण होगा जहां भागीदारी स्वैच्छिक है.

रिवर्स रेपो के तहत सरप्लस में और वृद्धि

उन्होंने संकेत दिया कि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्वीजीशन प्रोग्राम (G-SAP) की और आवश्यकता नहीं है. इसके माध्यम से RBI सरकारी बॉन्ड खरीदकर लिक्विडिटी को इंजेक्ट करता था. दास ने कहा RBI ने भारत में तेजी से रिकवरी के लिए महामारी की शुरुआत के बाद से पर्याप्त अधिशेष तरलता (surplus liquidity) बनाए रखी है. सितंबर के दौरान रिवर्स रेपो के तहत अधिशेष (surplus) में और वृद्धि हुई है. इस वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान G-SAP सहित इंजेक्ट की गई कुल तरलता 2.7 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पूरे लिक्विडिटी क्या है? वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान 3.1 लाख करोड़ रुपये की तरलता इंजेक्ट की गई है.

अर्थशास्त्र के संदर्भ में SLR का पूर्ण रूप क्या है?

Key Points

  • SLR- वैधानिक तरलता अनुपात
    • यह एक प्रकार का रिजर्व है जिसे वाणिज्यिक बैंकों को उधारकर्ताओं को अपना पैसा जमा करने से पहले बनाए रखने की आवश्यकता होती लिक्विडिटी क्या है? है।
    • SLR दरों को विनियमित करना भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का एक घटक है।
    • भारतीय रिजर्व बैंक लिक्विडिटी क्या है? बैंकों के लिए (बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत) अपनी संपत्ति का एक निश्चित अनुपात SLR के रूप में रखने की सीमा निर्धारित करता है।
    • बैंकों द्वारा SLR के रूप में निम्नलिखित प्रकार की संपत्तियां आरक्षित की जा सकती हैं:
      • नकद या सोना (अत्यधिक तरल संपत्ति)
      • भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों को मंजूरी दी
      • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य संपत्ति

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      Last updated on Sep 27, 2022

      On 21st December 2022, UGC released a tentative application date notice. As per the notice, the CUET application process will begin in the first week of February 2023. The NTA (National Testing Agency) has released the CUET Exam Dates for the academic year 2023-24. The exam will be conducted from 21st to 31st May 2023. The NTA has also released the reserve dates which are from 1st to 7th June 2023. Candidates can download their admit cards by filling in the application number, date of birth, and security pin as and when released. The CUET (Central Universities Entrance Test) is a common exam conducted by NTA for UG admissions into all the central and many other universities of India.

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      RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

      RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी लिक्विडिटी क्या है? को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए.

      • Money9 Hindi
      • Publish Date - October 10, 2021 / 02:18 PM IST

      RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

      रिजर्व लिक्विडिटी क्या है? बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर 2021 तक सरप्लस लिक्विडिटी (अधिशेष तरलता) को 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक कटौती करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. हालांकि मॉनिटरी कमेटी ने दरों और ग्रोथ प्रोजेक्शन पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए फैसला लिया है. मॉनिटरी कमेटी का फैसला उधारकर्ताओं के लिए अच्छा है लेकिन लिक्विडिटी के विड्रॉल से बॉन्ड यील्ड पर दबाव पड़ेगा, जो अंततः लोन में भी पास हो सकता है. इसको लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है.

      क्या कहा गवर्नर शक्तिकांत दास ने?

      लिक्विडिटी नॉर्मलाइजेशन रोडमैप की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में सरप्लस लिक्विडिटी अक्टूबर में अब तक औसतन 9.5 लाख करोड़ रुपये है. RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए. यह वर्तमान (current) में लगभग 8.8 लाख करोड़ रुपये है. दास ने अपने संबोधन में लिक्विडिटी को कम नहीं करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए कहा, ‘हम जल्दबाजी नहीं चाहते. हम नाव को हिलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमें किनारे तक पहुंचना है, जो अब दिखाई लिक्विडिटी क्या है? दे रहा है.

      4% पर बनाए रखा RBI ने रेपो रेट

      मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने रेपो रेट को 4% पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में 5:1 रेश्यो में वोट किया. RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बनाए रखने का भी फैसला किया. वहीं चालू वित्त वर्ष (current financial year) के लिए, RBI ने रियल GDP ग्रोथ के अपने अनुमान को 9.5% पर बरकरार रखा. RBI ने अपने FY22 के रिटेल इन्फ्लेशन प्रोजेक्शन को 5.3% से घटाकर 5.7% कर दिया. उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन ट्रैजेक्टरी अपेक्षा से अधिक अनुकूल हो गई है. उन्होंने बाजारों को फिर से आश्वासन दिया कि ग्रोथ के लिए लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी और रिवर्स रेपो के माध्यम से अवशोषण होगा जहां भागीदारी स्वैच्छिक है.

      रिवर्स रेपो के तहत सरप्लस में और वृद्धि

      उन्होंने संकेत दिया कि गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्वीजीशन प्रोग्राम (G-SAP) की और आवश्यकता नहीं है. इसके माध्यम से RBI सरकारी बॉन्ड लिक्विडिटी क्या है? खरीदकर लिक्विडिटी को इंजेक्ट करता था. दास ने कहा RBI ने भारत में तेजी से रिकवरी के लिए महामारी की शुरुआत के बाद से पर्याप्त अधिशेष तरलता (surplus liquidity) बनाए रखी है. सितंबर के दौरान रिवर्स रेपो के तहत लिक्विडिटी क्या है? अधिशेष (surplus) में और वृद्धि हुई है. इस वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान G-SAP सहित इंजेक्ट की गई कुल तरलता 2.7 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पूरे वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान 3.1 लाख करोड़ रुपये की तरलता इंजेक्ट की गई है.

      इकोनॉमिक्स शब्दावली: क्या है विदेशी विनिमय मुद्रा बाजार, विशेष आर्थिक क्षेत्र, विनिवेश और वैधानिक तरलता अनुपात?

      विदेशी विनिमय मुद्रा बाजार (Foreign Exchange Market): ऐसा बाजार जहाँ आज की नियत दरों पर मुद्राओं की खरीद बिक्री होती है - पर उस खरीदी-बेची गई मात्रा का वास्तविक हस्तांतरण भविष्य की किसी नियत लिक्विडिटी क्या है? तिथि को ही किया जाता है।

      विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zones): ऐसे भौगोलिक क्षेत्रा जिनमें विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के ध्येय से देश के सामान्य आर्थिक कानूनों को पूर्णतः लागू नहीं किया जाता। विशेष रूप से बनाए गए आर्थिक क्षेत्रों में स्थापित हो चुके हैं। ये देश हैं- जनवादी चीन, भारत, जार्डन, पोलैंड, कजाकिस्तान, पिफलीपीन्स रूस आदि।

      विनिवेश (Disinvestment): किसी कंपनी की पूँजी के एक अंश को जान-बूझ कर बेचना। इस प्रकार धन जुटाने के साथ-साथ उस कंपनी की हिस्सेदारी, रचना या प्रबंधन या दोनों, में बदलाव भी किये जा सकते हैं।

      वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio): रिजर्व बैंक के आदेशानुसार बैंकों द्वारा वुफल जमाओं और सुरक्षित निधियों का तरल रूप में रखा लिक्विडिटी क्या है? जाने वाला अंश। नकद जमा अनुपात के साथ-साथ इस वैधानिक तरलता अनुपात का अनुपालन करना बैकों के लिए अनिवार्य होता है।

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