साउथ ही नहीं बॉलीवुड में भी धमाल मचाने वाले हैं KGF के मेकर्स, 3000 करोड़ करेंगे इनवेस्ट
KGF And Kantara Producer To Invest: कन्नड़ ब्लॉकबस्टर 'केजीएफ' और 'कंतारा' के प्रोडक्शन हाउस होम्बले फिल्म्स का लक्ष्य आने वाले पांच वर्षों में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में 3,000 करोड़ का निवेश करना है.
By: ABP Live | Updated at : 23 Dec 2022 04:20 PM (IST)
कांतार और केजीएफ के निर्माता करेंगे बड़ी इन्वेस्टमेंट . (Photo- Instagram)
KGF And Kantara Producer To Invest: कन्नड़ ब्लॉकबस्टर 'केजीएफ' और 'कंतारा' के प्रोडक्शन हाउस होम्बले फिल्म्स का लक्ष्य आने वाले पांच वर्षों में भारतीय मनोरंजन उद्योग में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करना है. हम्बेल फिल्म्स के संस्थापक विजय किरागंदूर ने कहा कि कंपनी सभी दक्षिण भाषाओं में फिल्में बनाने की योजना बना रही है.
ईटाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "हम भारत में मनोरंजन उद्योग में अगले पांच वर्षों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का इरादा रखते हैं. हमारा मानना है कि मनोरंजन उद्योग अधिक से अधिक विकसित होगा. हर साल एक इवेंट मूवी समेत पांच-छह फिल्में होंगी. अभी हमारी योजना सभी दक्षिण भाषाओं में फिल्में बनाने की है.'' निर्माता ने कहा, लक्ष्य सांस्कृतिक रूप से निहित कहानियों के माध्यम से व्यापक दर्शकों तक पहुंचना है.''
उन्होंने कहा, "हम कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं जो वैश्विक दर्शकों द्वारा पसंद किया जाए, लेकिन हम चाहते हैं कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा में निहित हो. हम युवा पीढ़ी के लिए कुछ पीछे छोड़ना चाहते हैं. हम भारतीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देना चाहते हैं."
हिंदी में भी करें इनवेस्ट
अपने दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए, बैंगलोर स्थित प्रोडक्शन बैनर ने हिंदी फिल्म उद्योग के लेखकों और फिल्म निर्माताओं के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है. विवरण का खुलासा किए बिना, होम्बले फिल्म्स के साथी चालुवे गौड़ा ने कहा कि उन्होंने बॉलीवुड के दो प्रमुख लेखकों को बैनर के लिए फिल्में लिखने के लिए अनुबंधित किया है.
एक निवेश योजना स्थापित करें
सुव्यवस्थित नगर विकास बगैर नियोजन संभव नहीं है । संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश, नगर नियोजन के माध्यम से स्वच्छ एवं स्वस्थ्य पर्यावरणीय विकास तथा उपयुक्त अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है ।
रोजना 2 रु जोड़कर पाएं 36000 रुपये पेंशन, इस सरकारी योजना मे जल्द ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार के माध्यम से पेंशन योजनाओं का लाभ प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाओं को शुरू किया गया है। ऐसी ही एक योजना भारत सरकार के द्वारा शुरू की गयी जिसमें नागरिक 2 रूपए प्रतिदिन के आधार पर निवेश करके सालाना 36 हजार रूपए की पेंशन राशि को प्राप्त कर सकते है। अपने बुढ़ापा जीवन को सुरक्षित बनाये रखने के लिए सभी लाभार्थी नागरिक सरकार की इस योजना में निवेश करके प्रतिमाह के आधार पर 3 हजार रूपए की पेंशन राशि का लाभ प्राप्त कर सकते है। यह सभी नागरिकों को पेंशन योजना से संबंधी लाभ प्राप्त करने हेतु एक महत्वपूर्ण योजना है। जिसमें उन्हें 60 वर्ष की अवस्था के बाद इस योजना का लाभ मिलेगा।
2 रुपए रोज लगाने पर 36 हजार की पेंशन
केंद्र सरकार के माध्यम से यह पीएम किसान मानधन योजना के रूप में यह स्कीम शुरू की गयी है जिसमें 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष की आयु वाले नागरिक प्रतिमाह के आधार पर निवेश कर 60 वर्ष की अवस्था के बाद 3 हजार रूपए की पेंशन राशि का लाभ ले सकते है। PKMY के अंतर्गत नागरिकों एक निवेश योजना स्थापित करें को प्रतिदिन के आधार पर 2 रूपए का निवेश करना होगा ,जिसके पश्चात उन्हें सालाना रूप में निवेश की गयी राशि के आधार पर 36 हजार रूपए की पेंशन राशि प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
भारत सरकार की इस स्कीम के अंतर्गत पेंशन राशि का लाभ प्राप्त करने हेतु लाभार्थी नागरिक को 18 वर्ष की आयु से निवेश करना होगा। यदि 18 वर्ष से व्यक्ति के द्वारा स्कीम में निवेश किया जाता है तो उन्हें प्रतिमाह के आधार पर 55 रूपए की राशि को योजना में निवेश करना होगा। जो प्रतिदिन के आधार पर 1.80 रूपए की कुल राशि हो रही है। सभी लाभार्थी व्यक्तियों को यह स्कीम उनकी आयु के आधार पर निवेश करने का अवसर प्रदान करती है।
पीएम किसान मानधन योजना के लाभार्थी
केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ 15 हजार रूपए से कम कमाने वाले व्यक्ति प्राप्त कर सकते है। जिसमें किसान नागरिक ,श्रमिक नागरिक ,हाउस हेल्प, मोची, दर्जी, रिक्शा चालक एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले सभी व्यक्तियों को शामिल किया गया है। अपने बुढ़ापे जीवन में पर्याप्त पूंजी का साधन बना रहने के लिए सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्कीम है जिसमें वह अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर निवेश करके प्रतिमाह के आधार पर पेंशन राशि का लाभ प्राप्त करने में सहायक होंगे। असंगठित क्षेत्रों में लगभग 42 करोड़ से अधिक नागरिकों को केंद्र सरकार की इस योजना से लाभांवित किया जायेगा।
पेंशन योजना का लाभ लेने हेतु दस्तावेज
पीएम किसान मानधन योजना के तहत पेंशन राशि का लाभ प्राप्त करने हेतु नागरिकों को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड ,बैंक अकाउंट ,मोबाइल नंबर से संबंधी सभी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। साथ ही योजना में आवेदन करने के लिए अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र CSC में जाकर आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर सकते है। इस योजना हेतु लाभार्थी नागरिक श्रम विभाग ,राज्य बीमा निगम आयोग ,एवं भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय के माध्यम से भी योजना हेतु अप्लाई कर सकते है।
Upcoming IPO in 2023: अगले साल ये कंपनियां लाने जा रही हैं आईपीओ, कमाई का शानदार मौका
Upcoming IPO in India 2023 List: इस साल भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों के नेतृत्व में बाजार की अस्थिरता के कारण मुख्य रूप से आईपीओ बाजार में मंदी देखी गई.
Upcoming IPO in 2023: निवेशकों का मानना है कि आईपीओ में लॉन्ग में तगड़ा रिटर्न देने की क्षमता है.
Upcoming IPO 2022: इस साल शेयर बाजार में कई दिग्गज कंपनियां अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (एक निवेश योजना स्थापित करें IPO) लेकर आई. इनमें से कुछ कंपनियों ने अपने निवेशकों को मालामाल कर दिया. वहीं, कुछ कंपनी के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा. वहीं, साल 2021 में भी कई कंपनियों ने आईपीओ के जरिये निवेशकों को शानदार मुनाफा कराया था. इस दौरान आईपीओ से कुल 1.3 ट्रिलियन रुपये की राशि जुटाई गई थी. लेकिन 2022 में यह तेजी जारी नहीं रह सकी. इस साल अब तक, कंपनियों ने आईपीओ के जरिये कुल 618.5 अरब रुपये जुटाए गए हैं, जो कि पिछले साल बाजार की तुलना में आधे से भी कम है. इस साल भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों के नेतृत्व में बाजार की अस्थिरता के कारण मुख्य रूप से आईपीओ बाजार में मंदी देखी गई.
यह भी पढ़ें
हालांकि, इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को लेकर निवेशकों में गजब का क्रेज देखा जा रहा है. क्योंकि उनका मानना है कि आईपीओ में लॉन्ग में तगड़ा रिटर्न देने की क्षमता है. ऐसे में आप भी अगर आईपीओ में निवेश करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए एक शानदार मौका आने वाला है. कई कंपनियां अगले साल यानी 2023 में आईपीओ लॉन्च करने के लिए कमर कस चुकी हैं.
हम आपको ऐसे 5 आईपीओ के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 2023 में बाजार में दस्तक देने वाले हैं.
बायजूस (Byju's)
देश की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी एक निवेश योजना स्थापित करें कंपनी बायजूस (Byju's) अगले साल अपना आईपीओ पेश करने जा रही है. यह साल 2023 का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है.कंपनी का दावा है कि उसके प्ल्टफॉर्म पर 50 मिलियन से ज्यादा रजिस्टर्ड स्टूडेंट हैं , जिसमें 3.5 मिलियन पेड सब्सक्रिप्शन हैं. वहीं, पिछले पांच सालों में कंपनी ने विलय और अधिग्रहण सौदे के जरिये खूब तरक्की की है. वित्त वर्ष 2022 में बायजूस ने 100 बिलियन का ग्रॉस रेवेन्यु हासिल किया, जो पिछले वित्त वर्ष में 22.8 बिलियन एक निवेश योजना स्थापित करें डॉलर था. वहीं, पिछले तीन साल में कंपनी का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 21.2 फीसदी रहा है. इसके अलावा अब एक निवेश योजना स्थापित करें तक बायजू ने कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, टाइगर ग्लोबल और ब्लैकरॉक जैसे निवेशकों से 5.5 अरब अमेरिकी डॉलर (447 अरब रुपये) फंड जुटाए हैं.
मामाअर्थ (Mamaearth)
नेचुरल ब्यूटी एंड पर्सनल केयर ब्रांड मामाअर्थ की पैरंट कंपनी होसाना कंज्यूमर भी अगले साल अपना आईपीओ पेश करेगी. साल 2016 बेबी केयर ब्रांड के रूप में स्थापित मामाअर्थ ब्यूटी एंड स्किनकेयर ब्रांड है.इसने पिछले 8 वर्षों में काफी मुनाफा कमाया है.इस अवधि के दौरान मामाअर्थ ने कई ब्रांडों का अधिग्रहण किया .जिसकी वजह से कंपनी ने 105 फीसदी की सीएजीआर से रेवेन्यू हासिल किया है.इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022 में कंपनी मुनाफे में रही है. कंपनी ने 2023 में आईपीओ के माध्यम से 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर (24.39 अरब रुपये) जुटाने की अपनी योजना का खुलासा किया है. यह इस नए फंड का उपयोग देश भर में ऑफलाइन स्टोर स्थापित करने के लिए करेगा. अब तक, मामाअर्थ ने सिकोइया इंडिया, स्टेलारिस वेंचर्स और फायरसाइड वेंचर्स जैसे निवेशकों से 9.07 बिलियन रुपये जुटाए हैं.
स्विगी (Swiggy)
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) भी अगले साल आईपीओ जारी करने वाली कंपनियों की लिस्ट में एक निवेश योजना स्थापित करें शुमार है. कंपनी ने 2023 में आईपीओ के माध्यम से लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर (81.31 अरब रुपये) जुटाने की योजना बनाई है. साल 2014 में शुरु हुई यह कंपनी फिलहाल देश के 500 से अधिक शहरों में फूड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइड करती है. पिछले तीन वर्षों में, कंपनी का रेवेन्यू 25.4% बढ़ा है. इसका घाटा भी 7 अरब रुपये से अधिक घट गया. कंपनी ने 1 लाख 50 हजार से अधिक रेस्टोरेंट्स के साथ पार्टनपशिप की हुई है. इसके पास 260 हजार से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स का एक बड़ा नेटवर्क है.
गो फर्स्ट (Go First)
एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) अगले साल अपना आईपीओ लॉन्च करने जा रही है. इसके जरिए कंपनी की योजना 3600 करोड़ रुपए जुटाने की है. कंपनी इस आईपीओ के जरिए जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान में करेगी. साल 2005 में स्थापित इस कंपनी के लिए आईपीओ काफी अहम रहने वाला है. पिछले साल कंपनी के रेवेन्यू में 16.4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. यह साल 2021 में 10.80 बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली एयरलाइन कंपनी रही है.
पश्चिम बंगाल की छात्र क्रेडिट कार्ड योजना बैंकरों का विश्वास हासिल करने में विफल
शेयर बाजार 10 घंटे पहले (25 दिसम्बर 2022 ,02:15)
© Reuters. पश्चिम बंगाल की छात्र क्रेडिट कार्ड योजना बैंकरों का विश्वास हासिल करने में विफल
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
कोलकाता, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (डब्ल्यूबीएससीसी) योजना, जिसे जून 2021 में बहुत धूमधाम से लॉन्च किया एक निवेश योजना स्थापित करें गया था, अभी तक बैंकरों का विश्वास जीतना बाकी है क्योंकि ऋणों का वास्तविक संवितरण इसकी स्थापना के बाद से केवल 17 प्रतिशत आवेदक तक ही पहुंच पाया है।राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी), पश्चिम बंगाल, जिसमें राज्य और राज्य सरकार दोनों में काम करने वाले बैंकरों के प्रतिनिधि शामिल हैं, ने शुक्रवार को आयोजित अपनी नवीनतम बैठक में खुलासा किया कि पिछले साल जून में अपनी स्थापना के बाद से अलग-अलग बैंक डब्ल्यूएसबीसीसी योजना के तहत ऋण के लिए 2,20,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। हालांकि, अब तक योजना के तहत 38,000 से कम आवेदकों को वास्तव में ऋण दिया एक निवेश योजना स्थापित करें गया है, जबकि 21,000 आवेदक अंतिम मंजूरी और वितरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शेष आवेदनों को खारिज कर दिया गया है।
एसएलबीसी की लगभग हर बैठक में, समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार द्वारा गारंटी के समर्थन के बावजूद योजना के तहत ऋण देने में बैंकरों की अनिच्छा के बारे में शिकायत की है। इस योजना के तहत ऋण एक निवेश योजना स्थापित करें के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के माता-पिता के आय प्रमाणपत्र के लिए बैंकों द्वारा जोर देने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद नाराजगी व्यक्त की थी।
एक समय तो राज्य सरकार ने राज्य सरकार, उसके विभिन्न निकायों और उपक्रमों द्वारा जमा की गई विभिन्न जमा राशि को उन बैंकों से वापस लेने की बात भी कही थी, जो इस योजना के तहत ऋण देने में अनिच्छा दिखाते हैं। हालांकि, इन सबके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, जैसा कि एसएलबीसी-पश्चिम बंगाल के आंकड़ों से स्पष्ट है।
बैंकरों के भी अपने तर्क हैं। बैंकिंग क्षेत्र के वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई (NS: SBI )) स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय सचिव अशोक मुखर्जी के अनुसार, केवल राज्य सरकार की गारंटी ऋण की मंजूरी के लिए पूर्ण कारक नहीं है, क्योंकि ऋण के पिछले उदाहरण हैं सरकारी गारंटी गैर-निष्पादित संपत्तियों में बदल रही है।
उन्होंने कहा, बैंक को इस बात से संतुष्ट होना होगा कि ऋणों की अदायगी क्षमता अधिक है और इसीलिए वे सहायक दस्तावेजों पर जोर देते हैं। यही कारण है कि एक सीमा से अधिक ऋण राशि के मामले में बैंक संपाश्र्विक सुरक्षा भी मांगते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 647