Foreign Exchange Reserves: कम हो रहा है देश का विदेशी मुद्रा भंडार, घटकर 528.37 अरब डॉलर पर पहुंचा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है। 14 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 डॉलर पर आ गया। इसकी जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने दी। 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई थी जब विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। साल भर पहले समान अवधि में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
लगातार गिर रहा है रुपये
देश में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का कारण रुपया का डॉलर के मुकाबले कमजोर होने को माना जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये के तेजी से गिरने के कारण रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है। 14 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में FCA 2.82 अरब डॉलर की कमी के साथ 468.668 अरब डॉलर पर आ गया। विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर भंडार में FCA एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
गोल्ड रिजर्व में भी कमी
14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश के स्वर्ण भंडार में कमी देखी गई है। समाप्त सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया। इसके साथ साथ SDR 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है। इसके साथ साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में रखी भारत की आरक्षित निधि बीते सप्ताह में 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब डॉलर रह गया।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर
शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने साप्ताहिक आंकड़े जारी किए हैं. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गईं. देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 28 अक्टूबर 2022, 11:41 PM IST)
देश में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर बड़ी गिरावट हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को डाटा जारी किया है. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 4.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 528.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है. अब ये दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सालभर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह रुपये की गिरावट को थामने का प्रयास माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रा भंडार से मदद प्राप्त कर रहा है.
Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा, एसडीआर बढ़ा
Forex Reserves: 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।
प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।
आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।
विस्तार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर है।
प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।
आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।
India Forex Reserves: एक हफ्ते में 11 अरब डॉलर के उछाल के साथ तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार
RBI Data: बीते चार हफ्ते से लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी आई है और बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है.
By: ABP Live | Updated at : 09 Dec 2022 06:57 PM (IST)
प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )
India Forex Reserves Data: लगातार चौथे हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी आई है और ये बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) के आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक 2 दिसंबर,2022 को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 11.02 अरब डॉलर की उछाल के साथ 561.16 अरब डॉलर रहा है जो 25 नवंबर को खत्म हफ्ते में 550.14 अरब डॉलर रहा था. हालांकि साल की शुरूआत में रहे 632.7 अरब डॉलर के भंडार से ये अभी भी कम है.
आरबीआई ने करेंसी मार्केट में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने डॉलर बेचा था जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखने को मिली थी. लेकिन अब 2 दिसंबर को खत्म होने वाले हफ्ते में ये अब 561.16 अरब डॉलर रहा है. विदेशी करेंसी एसेट्स भी 2 दिसंबर को खत्म हफ्ते में9.694 अरब डॉलर के उछाल के साथ 496.984 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है. हालांकि गोल्ड रिजर्व 1.086 अरब डॉलर के उछाल के साथ 41.025 अरब डॉलर रहा है. वहीं आईएमएफ के पास जमा फंड में 75 मिलियन डॉलर की कमी आई है और ये 5.108 अरब डॉलर रहा है.
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़े इजाफे की वजहों पर नजर डालें तो माना जा रहा है कि हाल के दिनों में आरबीआई ने डॉलर की जबरदस्त खरीदारी की है. वहीं अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर रहा था लेकिन रुपये को गिरने से बचाने के लिए आरबीआई डॉलर बेचती रही है.
बुधवार 8 दिसंबर, 2022 को मॉनिटरी पॉलिसी के एलान के दौरान आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा डॉलर की मजबूती के बाद भी बाकी करेंसी के मुकाबले रुपये कम गिरा है और विदेशी मुद्रा भंडार भी संतोषजनक बना हुआ है.
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Published at : 09 Dec 2022 06:57 PM (IST) Tags: dollar India's forex reserves RBI Data हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से आई गिरावट, जानिए RBI के खजाने में अब कितना बचा है
Foreign Exchange Reserves: एकबार फिर से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व को लगातार बेचा जा रहा है.
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
गिरते रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व का इस्तेमाल
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है. आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं. एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है.
गोल्ड रिजर्व में 1.35 अरब डॉलर का इजाफा
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी. जबकि 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास रखी भारत की आरक्षित निधि समीक्षाधीन सप्ताह में 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गई.
रुपया 82.75 के स्तर पर बंद हुआ
इधर अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. रुपए में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.89 पर खुला और बाद में 82.59 के उच्च स्तर तथा 82.91 के निचले विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर स्तर को छूने के बाद अंत में गुरुवार के बंद भाव के मुकाबले चार पैसे मजबूत होकर 82.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को रुपया अपने सर्वकालिक निम्न स्तर से उबरकर 21 पैसे की तेजी के साथ 82.79 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
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