मौजूदा POA तब तक वैध रहेंगे, जब तक क्लाइंट इसे वापस नहीं लेता। इस प्रकार, DDPI के निष्पादन के लिए क्लाइंट पर क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है कोई बाध्यता नहीं होगी। इन निर्देश पर्चियों के लिए ग्राहकों की स्पष्ट सहमति की आवश्यकता होती है, जिसमें इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग भी शामिल है।
RBI ने जारी की अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्ट
RBI ने क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है जारी की अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप की अलर्ट लिस्ट (फाइल फोटो)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस सप्ताह अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर विदेशी मुद्रा लेनदेन में शामिल संस्थाओं की एक अलर्ट सूची जारी की। इसमें एक ऐप ऐसा भी है, जो IPL टीम दिल्ली कैपिटल को स्पॉन्सर करता है। यह अवैध संस्था या ऐप लोगों से हाई रिटर्न क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है का वादा करके लुभाते हैं। आरबीआई ने कहा कि इन अवैध प्लेटफॉर्म के यूजर्स पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
अवैध ऐप्स की लंबी सूची क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है में OctaFX शामिल है, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टीम दिल्ली कैपिटल्स का आधिकारिक ट्रेडिंग स्पॉन्सर है। आरबीआई ने इन ऐप को लेकर लोगों को चेताया है और उपयोग नहीं करने की सलाह दी है, वरना यूजर्स पर कार्रवाई भी की जा सकती है। यहां अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स और वेबसाइटों की पूरी सूची है।
अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप
Alpari, AnyFX, Ava Trade, Binomo, e Toro, Exness, Expert Option, FBS, FinFxPro, Forex.com, Forex4money, Foxorex, FTMO, FVP Trade, FXPrimus, FXStreet, FXCm, FxNice, FXTM, HotFores, ibell Markets, IC Markets, iFOREX, IG Market, IQ Option, NTS Forex Trading, Octa FX, Olymp Trade, TD Ameritrade, TP Global FX, Trade Sight FX, Urban Forex, Xm और XTB है।
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Flat खरीदने से पहले इन 6 मह्त्वपूर्ण प्वाइंट्स को जानें, कम पैसे में ले पाएंगे अच्छी डील
- ब्रोकर को 2 से 5 फीसदी तक कमीशन लेता है
- अलग-अलग ब्रोकर से संपर्क करना बेहतर
- बिल्डर हमेशा खरीददार को फ्लैट का बेस रेट बताता है
Flat खरीदने जा रहे हैं। क्या आप रियल एस्टेट सेक्टर से अवगत है? हां या नहीं। अगर हां, तो रियल्टी सेक्टर में बिल्डर, प्रॉपर्टी, प्रोजेक्ट, कीमत, लोकेशन, ब्रोकर आदि के रोल से परिचित क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है होंगे। अगर नहीं या आधी-अधूरी जानकारी है तो हम आपको दे रहे हैं कुछ मह्त्वपूर्ण जानकरी। ये आपको क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है रियल्टी की दुनिया को समझने और सही प्रॉपर्टी चुनने में मदद करेंगे।
क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है
SEBI ने शेयर गिरवी रखने के लिए POA से बदलने के लिए DDPI की शुरुआत की; म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा NFO पर 3 महीने के क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है लिए प्रतिबंध लगाया
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ‘डीमैट डेबिट और प्लेज इंस्ट्रक्शन (DDPI)’ नामक एक नया दस्तावेज पेश किया है क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है जो 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी होगा। DDPI मार्जिन उद्देश्य के लिए स्टॉक को गिरवी रखने और गिरवी रखने के उद्देश्य से पावर ऑफ क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है अटॉर्नी (POA) की जगह लेगा। यह ग्राहक के डीमैट अकाउंट में पंजीकृत होगा।
DDPI की जरूरत:
ग्राहकों क्या ऑनलाइन ब्रोकर वैध है द्वारा स्टॉक ब्रोकरों को POA के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए दिए गए।
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