वॉश ट्रेड और मिलान किए गए ऑर्डर का उपयोग अक्सर वैध ट्रेडिंग वॉल्यूम की उपस्थिति बनाने के लिए पंप और डंप योजना के "पंप" चरण में किया जाता है।

Irdai proposes 3 yrs insurance cover for cars, 5 yrs for two wheelers, know all details

साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? बचने के लिए इन बातों पर दें ध्यान

साइबर धोखाधड़ी के सबसे आम मामलों में पैसे और/या पहचान की चोरी, ईमेल स्पूफिंग, साइबरस्टॉकिंग, वायरस अटैक, सेवा से इनकार (डिनायल ऑफ़ सर्विस) और अनधिकृत ऑनलाइन लेनदेन जैसे कृत्य शामिल हैं। वास्तव में, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, भारत में साइबर अपराधों में 2016 से 2020 के बीच 306% की वृद्धि हुई है और महामारी के वर्ष में प्रतिदिन औसतन 136 साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं।

इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात है कि प्रत्येक वर्ष दर्ज किए गए लगभग 66% मामले साइबर अपराधों की जांच इसलिए नहीं हो पाई कि इसके मामले अचानक बढ़ गये थे। ऐसे में साइबर अपराधों से खुद को बचाने की जिम्मेदारी खुद आम लोगों पर आ पड़ी है।

आइए हम उन महत्वपूर्ण एहतियाती कदम पर नजर डालें, जिनकी मदद से साइबर अपराध की गतिविधियों का शिकार होने से बचा या उसकी संभावना को कम किया जा सकता है। यह शायद साइबर अपराध की गतिविधियों का शिकार होने से बचने की सबसे अच्छी तरकीब है कि आप उन सभी कंप्यूटिंग उपकरणों को नवीनतम एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर से लैस रखें जो इंटरनेट से जुड़े हैं।

स्टॉक मार्केट हेरफेर क्या है?

मार्केट मैनिपुलेशन स्कीम्स सोशल मीडिया, टेलीमार्केडिंग, हाई-स्पीड ट्रेडिंग और अन्य रणनीति का उपयोग जानबूझकर स्टॉक मूल्य को नाटकीय रूप से ऊपर या नीचे करने के लिए करती हैं। जोड़तोड़ तब मूल्य आंदोलन से लाभ। बिना सोचे-समझे निवेश करने वाले निवेशकों को नुकसान या बेकार स्टॉक के साथ छोड़ दिया जाता है।

हालांकि, बाजार में हेरफेर योजनाओं में कुछ सामान्य थीम और चेतावनी संकेत हैं। जानें कि वे क्या हैं, और आप उनसे कैसे बच सकते हैं।

स्टॉक मार्केट मैनिपुलेशन की परिभाषा और उदाहरण

बाजार वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? में हेरफेर एक सुरक्षा के लिए आपूर्ति या मांग को कृत्रिम रूप से प्रभावित करने और इसकी कीमत ऊपर या नीचे चलाकर निवेशकों को धोखा देने और धोखा देने का एक जानबूझकर प्रयास है। जो कृत्रिम मूल्य आंदोलनों की परिक्रमा करते हैं, फिर अन्य निवेशकों की कीमत पर उनसे लाभ लेते हैं।

बाजार में हेरफेर हमेशा स्पष्ट नहीं है। जनवरी 2021 में, खुदरा निवेशकों का साथ मिला Reddit पृष्ठ के इशारे पर GameStop स्टॉक पर हेज फंड की छोटी स्थिति का मुकाबला करने के लिए "वालस्ट्रीटबेट्स।" जबकि इसने GameStop के स्टॉक की कीमत को काफी बढ़ा दिया, यह जल्द ही आ गया नीचे गिर रहा है।

अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने निवेशकों को सोशल मीडिया पर आधारित अल्पकालिक व्यापार के बारे में चेतावनी दी है और ऑनलाइन संदेश बोर्ड, और खुदरा निवेशकों को "अपमानजनक या जोड़ तोड़ व्यापार से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है गतिविधि

कैसे शेयर बाजार हेरफेर काम करता है

हालांकि, विविधताओं की एक अनंत संख्या है, कुछ सामान्य बाजार में हेरफेर योजनाएं हैं:

पंप और डंप

पंप और डंप औसत निवेशक को सीधे तौर पर सुनिश्चित करने के लिए सबसे आम योजनाएं हैं। इनमें छोटी कंपनियां शामिल हैं, जिन्हें माइक्रोकैप्स कहा जाता है या गुल्लक , काउंटर (OTC) पर कारोबार करने वाले शेयरों के साथ। ओटीसी कारोबार करने वाली कंपनियों को एनवाईएसई या नैस्डैक जैसी एक्सचेंज की लिस्टिंग की सख्त जरूरतों को पूरा करने की जरूरत नहीं है। जालसाज अपनी योजनाओं के लिए माइक्रोकैप का उपयोग करते हैं क्योंकि आमतौर पर व्यापार के बारे में बहुत कम सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध होती है और धोखेबाजों के लिए स्टॉक पर नियंत्रण हासिल करना आसान होता है।

जब धोखेबाजों के पास कंपनी स्टॉक का नियंत्रण होता है, तो वे इसे बढ़ावा देने या "पंप" करने के लिए एक समन्वित अभियान शुरू करते हैं। अभियान सोशल मीडिया, ईमेल, फर्जी विश्लेषक रिपोर्ट, फ़ॉनी ट्रेड्स और टेलीमार्केडिंग का उपयोग गलत सूचना फैलाने और माँग बनाने के लिए करता है। एक बार स्टॉक की कीमत बढ़ने के बाद, जालसाज अपने शेयरों को डंप कर देते हैं। अभियान समाप्त हो जाता है, शेयर की कीमत गिर जाती है, और वैध निवेशकों को बेकार स्टॉक के साथ छोड़ दिया जाता है।

व्यक्तिगत निवेशकों के लिए इसका क्या अर्थ है

दुर्भाग्य से, निवेशकों को हर दिन बाजार में हेरफेर योजनाओं द्वारा लिया जाता है और अक्सर थोड़ी मंदी के साथ छोड़ दिया जाता है। मार्केट इंटेलिजेंस का SEC कार्यालय, अमेरिकी न्याय विभाग, CFTC, और अन्य एजेंसियां ​​सक्रिय रूप से बाजार में हेरफेर धोखाधड़ी को पहचानने और रोकने के लिए जिम्मेदार हैं। यदि आपको लगता है कि आप धोखाधड़ी के शिकार हैं या यदि आप गोपनीय रूप से बाजार में हेरफेर की रिपोर्ट करना चाहते हैं, SEC से संपर्क करें .

हालांकि, सबसे अच्छा संरक्षण, सरल कदम हैं जो आप अपने पैसे का निवेश करने से पहले ले सकते हैं।

Cyber insurance policy: ऑनलाइन फ्रॉड के नुकसान से बचना है तो लीजिए साइबर बीमा पॉलिसी, जानिए क्या हैं इसके फायदे

Cyber insurance policy साइबर बीमा पॉलिसी ऑनलाइन फ्रॉड से हुए नुकसान को कवर करती है। हालांकि भारत में अभी इसका चलन पूरी तरह नहीं हुआ है लेकिन जैसे-जैसे साइबर क्राइम के खतरे बढ़ रहे हैं इसकी जरूरत भी बढ़ती जा रही है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में करीब दो साल पहले कोरोना महामारी की दस्तक के साथ ही साइबर अपराध (Cyber Crime) भी काफी बढ़ गए हैं। 'वर्क फ्रॉम होम' कल्चर शुरू होने के साथ वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? भारत में साइबर अपराधों की संख्या खूब बढ़ी है। एक आंकड़े के अनुसार, साइबर फ्रॉड की घटनाएं 2021 में बढ़कर 14.02 लाख हो गई, जो 2018 में महज 2.08 लाख थीं। सबसे अधिक फ्रॉड बैंकिंग सेक्टर में देखने को मिले हैं। सार्वजनिक बैंकों द्वारा प्रकाशित आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एटीएम/डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी के कारण 2020-21 में तकरीबन 63.4 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। इन सबको ध्यान में रखते हुए साइबर बीमा कवर लेना (Cyber Insurance Policy) एक बेहतर विकल्प नजर आता है।

साइबर कवर क्यों जरूरी है

साइबर बीमा, व्यक्तियों या फर्मों के लिए डेटा चोरी से होने वाले नुकसान को कवर करता है। व्यक्तियों के लिए इनमें फिशिंग, आइडेंटिटी हैक करना, बार-बार चेज करना, सोशल मीडिया हैकिंग और इरडा द्वारा सूचीबद्ध अन्य चीजें शामिल हो सकती हैं। बड़े कॉरपोरेट्स में साइबर हमलों की जांच के लिए आमतौर पर फायरवॉल होते हैं। व्यक्तियों के मामले में यह हमेशा संभव नहीं होता है। बहुत से लोग अपने ऑनलाइन लेन-देन में लापरवाही करते हैं, जिसके नुकसान होने के खतरे बढ़ जाते हैं।

वर्तमान में उपलब्ध व्यक्तिगत योजनाएं इरडा द्वारा सूचीबद्ध किए गए 11 साइबर अपराधों में से कुछ या सभी का बीमा करती हैं। कवर 10,000 रुपये से शुरू होकर 5 करोड़ रुपये तक हो सकता है। अधिकांश बीमाकर्ता, बीमाधारक के जोखिम जोखिम और बजट के आधार पर तरह-तरह की स्कीम भी पेश करते हैं। आप बीमा कंपनी से उन साइबर क्राइम्स के बारे में जानकारी ले सकते हैं, जिन्हें आप कवर करना चाहते हैं।

क्या हैं शर्तें

ज्यादातर साइबर पॉलिसीज का सालाना नवीनीकरण किया जाता है। पॉलिसीज में प्रतीक्षा अवधि भी नहीं होती है और 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति इन्हें खरीद सकता है, हालांकि कुछ की आयु सीमा 21 वर्ष है। आपको जो कवर चाहिए, वह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितने नुकसान का खतरा है, चाहे वह पैसा हो, डेटा हो या बैंक खाता विवरण हो। यदि आप ऑनलाइन लेन-देन अधिक करते हैं, तो आपको उच्च कवर की आवश्यकता होगी।

एक व्यक्ति के लिए एक लाख रुपये के कवर का प्रीमियम सालाना 700 रुपये से लेकर 3,000 रुपये तक हो सकता है। बजाज आलियांज व्यक्तिगत साइबर वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? सुरक्षित बीमा पॉलिसी के लिए 1 लाख रुपये की योजना के लिए वार्षिक प्रीमियम 781 रुपये है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड रिटेल साइबर पॉलिसी के लिए यह 2,708 रुपये है। एक वर्किंग प्रोफेशनल के लिए एचडीएफसी एर्गो साइबर सचेत योजना का प्रीमियम 984 रुपये है। अलग-अलग योजनाओं को देखते हुए अपने लिए पॉलिसी चुनने से पहले न केवल प्रीमियम, बल्कि उसमें कवर होने वाली चीजों को ठीक तरह से जांच लें।

प्रॉपर्टी खरीदना और ज्यादा होगा सुरक्षित, इंश्योरेंस कंपनियां पेश करेंगी Title Insurance, जानें क्या होगा फायदा

प्रॉपर्टी खरीदना और ज्यादा होगा सुरक्षित, इंश्योरेंस कंपनियां पेश करेंगी Title Insurance, जानें क्या होगा फायदा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार

Sep 14, 2021 | 7:53 AM

टाइटल (Title) एक लीगल टर्म है जिसका उपयोग किसी संपत्ति के सच्चे मालिक या मालिकों को पहचानने के लिए किया जाता है. एक घर के मालिक के सामने सबसे बड़ा जोखिम उसकी संपत्ति को देश की एक सक्षम अदालत द्वारा अवैध घोषित किया जाना है. इसे ध्यान में रखते हुए, बीमा नियामक, IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस कंपनियों (हेल्थ बीमाकर्ताओं को छोड़कर) को इंडिविजुअल घर मालिकों और आवंटियों के लिए नया Title इंश्योरेंस प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए कहा है.

टाइटल इंश्योरेंस से कवर होगा नुकसान

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने गलत टाइटल के कारण नुकसान को लेकर कंपनियों (डेवलपर) के साथ-साथ व्यक्तियों की विधि के अनुसार देनदारी को ‘कवर’ करने के लिये Title इंश्योरेंस उत्पाद लाने के बारे में सुझाव वित्तीय बाजारों में स्पूफिंग क्या है? देने को लेकर कार्यकारी समूह का गठन किया था.

समूह की सिफारिश के आधार पर इरडा ने साधारण बीमा कंपनियों से संपत्ति की खरीद दस्तावेज को लेकर बीमा पॉलिसी लाने को कहा है.

भारत में टाइटल इंश्योरेंस प्रारंभिक अवस्था में है. इस पर इरडा का सर्कुलर देश में इसकी स्वीकार्यता बढ़ाने में मदद करेगा. वर्तमान में, यह उत्पाद केवल भारतीय बाजार में प्रमोटरों/डेवलपर्स के लिए उपलब्ध है, इस सर्कुलर में नियामक ने अलॉटी/इंडिविजुअल खरीदार के लिए एक खुदरा नीति पेश करने का सुझाव दिया है.

साइबर इंश्योरेंस को लेकर IRDAI ने जारी किए नया नियम

8 सितंबर को IRDAI की तरफ से जारी ताजा सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस में फंड चोरी, आइडेंटिटी चोरी, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग जैसी घटनाओं को शामिल करना जरूरी कर दिया गया है.

नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया) के मुताबिक, कोरोना काल में इंडिविजुअल नेटवर्क पर ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं. लोग घरों पर काम कर रहे हैं ऐसे में साइबर फ्रॉड पर्सनल कंप्यूटर और नेटवर्क को निशाना बना रहे हैं.

IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस के लिए कुछ नियम होंगे, जैसे फंड का चोरी होना, आइडेंटिटी का चोरी होना, सोशल मीडिया डेटा का चोरी होना, साइबर स्टॉकिंग/बुलिंग, मैलवेयर कवर, फिशिंग कवर, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग, मीडिया लाएबिलिटी क्लेम, साइबर एक्सटॉर्शन, डेटा ब्रीचिंग और प्राइवेसी ब्रीचिंग को इसमें कवर करना जरूरी होगा.

साइबर हमले का मुकाबला करने के लिए लीजिए इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद

साइबर हमले का शिकार बनने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस डर ने छुटकारा पाने का एक तरीका है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी. भारत में एचडीएफसी अर्गो और बजाज एलियांज ऐसी बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं.

2017 में साइबर क्राइम के चलते भारतीय लोगों ने 18.5 अरब डॉलर खोए.

नई दिल्ली: फेसबुक के पांच करोड़ एकाउंट हैक होने की खबर आने के बाद से सभी साइबर सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. तमाम सावधानियां रखने के बाद भी एक आम उपभोक्ता से किसी साइबर एक्सपर्ट की तरह जागरुक होने की उम्मीद करना सही नहीं होगा. हैकर्स नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं. ऐसे में साइबर हमले का शिकार बनने की आशंका हमेशा बनी रहती है. इस डर ने छुटकारा पाने का एक तरीका है साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी. भारत में एचडीएफसी अर्गो और बजाज एलियांज ऐसी बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रही हैं.

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