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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न
आप इस विचार को कि गुप्तकालीन सिक्काशास्त्रीय कला की उत्कृष्टता का स्तर बाद के समय में देखने को नहीं मिलता, किस प्रकार सिद्ध स्थिर सिक्कों के प्रकार करेंगे?
हल करने का दृष्टिकोण:
• कथन के पक्ष में तर्क
सिक्कों में प्रयुक्त धातु, सिक्के का आकार तथा स्वरूप, सिक्कों की माप, निर्माण विधि सिक्काशास्त्रीय कला के विभिन्न पहलू हैं। चूँकि सिक्के उस काल की आर्थिक स्थिति के साथ संस्कृतिक और राजनीतिक दशाओं का भी वर्णन करते है। अत: इतिहास तत्त्व में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है।
गुप्ताकालीन स्थिर सिक्कों के प्रकार राजाओं ने सोने-चांदी-तांबे तथा निक्षित धातु के विभिन्न आकार के सिक्के चलाए जिनमें रानी प्रकार, धनुधीरी तथा वीणावादन प्रकार अंकित कराई। इन सिक्कों पर हिंदू पौराण्कि पंरपरओं को भी दर्शाया गया। सिक्कों पर उत्कीर्ण किवदंतियाँ इस काल की कलात्मक उत्कृष्टता की उदाहरण हैं।
लेकिन गुप्तोत्तर काल में जहाँ एक ओर सिक्कों के उपयोग में कमी आई। वहीं इनमें नैतिकता तथा कलात्मकता का अभाव भी देखने को मिलता है। माप में भी गुप्तकालीन सिक्कों की अपेक्षा बाद के काल में सिक्कों में गिरावट देखने को मिलती है। मुद्राओं में निर्गत करने वाले राजाओं के नाम का भी उल्लेख नहीं मिलता हैं व्यापार में गिरावट के साथ ही निम्न कोटि की मिश्रधातु के बने सिक्कों का प्रचलन वदा।
दान के सिक्कों से बन गया देश का इकलौता संग्रहालय
वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर : लौहनगरी अपनी कई विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है, जिसमें यहां का सिक्का संग्रहालय भी है। झारखंड-बिहार में ऐसा संग्रहालय तो है ही नहीं, यह देश का इकलौता निजी सिक्का संग्रहालय है। इसकी एक विशेषता यह भी है कि यह दान के सिक्कों से ही शुरू हुआ और आज भी चल रहा है। साकची के स्ट्रेट माइल रोड पर स्थित इस संग्रहालय का उद्घाटन टाटा स्टील के तत्कालीन सीओओ (चीफ ऑपरेटिंग आफिसर) हेमंत एम. नेरुरकर ने 29 अप्रैल 2009 को किया था। शुरुआती दौर में इसके लिए टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ. जेजे ईरानी व पूर्व डिप्टी एमडी डॉ. टी. मुखर्जी ने दुर्लभ सिक्के दान किए थे। इसके बाद तो सिक्कों के कई शौकीनों ने इसमें सिक्के दिए। जमशेदपुर क्वाइन क्लब के सचिव पी. बाबू राव ने बताया कि हाल ही में क्लब के पुराने सदस्य निताई बनर्जी ने जर्मनी के दुर्लभ स्थिर सिक्कों के प्रकार सिक्के दिए हैं, जिसे अभी तक म्यूजियम में रखा नहीं जा सका है। टाटा स्टील के स्थिर सिक्कों के प्रकार पूर्व इंजीनियर निताई बनर्जी जर्मनी में ही बस गए हैं। रांची के एक दुर्लभ सिक्का विक्रेता ने भी इसमें सिक्के दिए हैं। दानदाताओं की वजह से यह क्वाइन म्यूजियम चल रहा है। क्लब के अध्यक्ष जुस्को के प्रबंध निदेशक आशीष माथुर भी इसमें विशेष रुचि लेते हैं।
निम्नलिखित स्थिर सिक्कों के प्रकार में से किसने सिंह निहन्ता प्रकार के सिक्के जारी किए?
Key Points
- चंद्रगुप्त-द्वितीय ने शेर कातिल प्रकार के सिक्के जारी किए।
- चंद्रगुप्त ने अपने पिता द्वारा जारी किए गए सिक्कों के प्रकार को जारी नहीं रखा और उनमें दो नए जोड़ दिए।
- उन्होंने मानक प्रकार, स्थिर सिक्कों के प्रकार तीरंदाज प्रकार, बाघ-हत्यारे प्रकार को शेर-कातिल प्रकार में परिवर्तित किया, गीतकार प्रकार को सोफे प्रकार से बदल दिया।
- कुमारगुप्त प्रथम, जिसने सोलह प्रकार के सोने के सिक्के जारी किए, उसका प्रतिनिधित्व आर्चर (हुगली), घुड़सवार (मिदनापुर और हुगली), हाथी-सवार (हुगली), शेर-हत्यारा (बोगरा, हुगली और बर्दवान) और कार्तिकेय द्वारा किया स्थिर सिक्कों के प्रकार स्थिर सिक्कों के प्रकार जाता है। (बर्दवान) बंगाल में प्रकार।
व्यापारी ने बनाया देश-विदेश के पुराने सिक्कों का करेंसी म्यूजियम, लिम्का बुक में दर्ज है नाम
फरीदाबाद [ओम प्रकाश पांचाल]। तेल और मसालों के व्यापारी सतीश सिंघल का काम हर समय 99 के फेर में ही पड़े रहने का है, पर उनका जो स्थिर सिक्कों के प्रकार शौक है, वो भी माया के इर्दगिर्द ही है। औद्योगिक जिले के सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल के पास देश-विदेश के हजारों सिक्कों का वर्ष 1808 से लेकर 2019 तक का अनोखा संग्रह है। सतीश सिंघल ने इस अनोखी करेंसी का म्यूजियम भी बना रखा है।
सिंघल ने 30 जून 2018 को तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल की सलाह पर काेइन एंड करेंसी म्यूजियम की स्थापना की थी। इस शौक ने उनका नाम इंडिया स्थिर सिक्कों के प्रकार बुक ऑफ रिकार्ड व लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में भी दर्ज है।
ज्योतिष: सिक्कों का जेब से गिरना होता है शुभ, मिलता है ये लाभ
कई बार आपने देखा होगा कि जब हम तैयार होकर कहीं बाहर जा हरे होते हैं जो जेब में पैसे रखते वक्त कुछ सिक्के गिरते हैं। कई बार कपड़े पहनने के वक्त सिक्के गिरते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस प्रकार से सिक्कों का गिरना शुभ दिनों का संकेत होता है। कई बार आप किसी को पैसे दे रहे होते हैं तो भी हाथ से सिक्के गिर जाते हैं। लेकिन आपको जानकर खुशी होगी कि ऐसा होना आपके लिए लाभकारी होता है। सिक्का गिरे या नोट दोनों की आपके लिए शुभ संकेत लेकर आते हैं।
ऐसी मान्यता है कि आपकी जेब से पैसे गिर रहे हैं तो आने वाले निकट समय में मां लक्ष्मी की कृपा होगी। यानी आपको कहीं से अचानक स्थिर सिक्कों के प्रकार धन लाभ होगा। इतना ही नहीं व्यापार या आर्थिक समझौतों में फैसले भी आपके पक्ष में होंगे।
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