एबीसीडी पैटर्न क्या है?
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General Knowledge: QWERTY की बजाए ABCD फॉर्मेट में क्यों नहीं होता की-बोर्ड? जानिए वजह
Did You Know Keyboard Facts: आपने की-बोर्ड पर हमेशा QWERTY पैटर्न में ही लेटर्स देखे होंगे. QWERTY पैटर्न में लेटर्स को अरेंज करने की खास वजह है. आइए जानते हैं QWERTY की बजाए ABCD फॉर्मेट में क्यों नहीं होते की-बोर्ड पर लेटर्स.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 जून 2022,
- (अपडेटेड 28 जून 2022, 9:32 AM IST)
Why Keyboard Letters Are Not in Alphabetical Order: शहरों से लेकर गांव तक आज के समय में कंप्यूटर और लैपटॉप की दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं. ज्यादातर लोग आजकल लैपटॉप और कंप्यूटर की दुनिया से वाकिफ हैं. लेकिन क्या आपने कभी अपने कंप्यूटर या लैपटॉप के की-बोर्ड को ध्यान से देखा है? क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों की-बोर्ड पर दिए गए लेटर्स QWERTY पैटर्न में अरेंज होते हैं?
की-बोर्ड पर हम रोजाना टाइप करते हैं. हमने इस बात पर कभी न कभी जरूर गौर किया होगा कि की-बोर्ड पर दिए गए लेटर्स एल्फाबेटिकल ऑर्डर में नहीं दिए होते. सारे की-बोर्ड एबीसीडी पैटर्न क्या है? QWERTY पैटर्न में आते हैं. आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है.
की-बोर्ड पर ABCD की बजाए QWERTY पैटर्न में बटन देने के पीछे की वजह है टाइपराइटर. पहले के जमाने में टाइपराइटर्स पर ABCD पैटर्न में बटन हुआ करते थे. ABCD पैटर्न के चलते प्रोफेशनल टाइपराइटर्स बहुत तेजी में टाइप करते थे. सारे बटन लाइन में होने की वजह से उनकी टाइपिंग स्पीड बेहद ज्यादा होती थी. आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले बटनों को बार-बार जल्दी-जल्दी दबाने से कई बटन जाम हो जाते थे. इसी वजह से की-बोर्ड पर एल्फाबेटिकल ऑर्डर में लेटर्स नहीं होते.
QWERTY में होने का क्या है फायदा?
की-बोर्ड पर QWERTY पैटर्न में बटन देने की वजह टाइपिंग स्पीड को कम करने की थी ताकि की-बोर्ड पर बटन खराब न एबीसीडी पैटर्न क्या है? हों. QWERTY की-बोर्ड में ज्यादातर यूज होने वाले लेटर्स को अलग-अलग रखा गया ताकि टाइपिंग के दौरान स्पीड में मामूली कमी की जा सके और की-बोर्ड को खराब होने से बचाया जा सके.
12वीं के नंबर एबीसीडी पैटर्न क्या है? नहीं, एंट्रेंस से होंगे 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन, UGC चेयरमैन ने समझाई CUET पैटर्न की ABCD
चेयरमैन ने कहा कि छात्रों के इस नए पैटर्न की परीक्षा में छात्रों को मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन का जवाब देना पड़ेगा और यह टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड होगा.
By: ABP Live | Updated at : 22 Mar 2022 03:06 PM (IST)
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए इस साल से एक बड़ा बदलाव आने वाला है. अब 12वीं के नंबर के आधार पर नहीं बल्कि प्रवेश परिक्षा के आधार पर सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिला मिलेगा. ये परीक्षा कैसी होगी, सिलेबस क्या होगा, प्रश्न किस तरीके के पूछे जाएंगे, सभी सवालों के जवाब जानने के लिए ABP ने UGC के चेयरमैन डॉक्टर जगदीश कुमार से खास बातचीत की.
डॉक्टर जगदीश कुमार ने कहा कि अब तक हमारे देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को बहुत हाई स्कोर लाना पड़ता था इसके अलावा अलग अलग यूनिटी में प्रवेश परीक्षा भी देना पड़ता था. तो हमने फैसला किया कि साल 2023 से किसी भी यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन प्रवेश पाने के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा रखी जाएगी.
टेस्ट में बच्चों से क्या पूछा जाएगा
उन्होंने कहा कि आने वाले 1 अप्रैल को NTA 12वीं पास छात्रों के अलग-अलग सब्जेक्ट के लिए एक सिलेबस रिलीज करेगा. UGC के चेयरमैन डॉक्टर जगदीश कुमार ने कहा कि CUET पैटर्न में एक अनिवार्य रूप से लैंग्वेज पेपर होगा. और 6 अलग-अलग सब्जेक्ट एबीसीडी पैटर्न क्या है? पर एबीसीडी पैटर्न क्या है? छात्र परीक्षा दे पाएंगे. इसके अलावा छात्र फॉरेन लैंग्वेज में भी परीक्षा दे सकते हैं.
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क्या है CUET पैटर्न
चेयरमैन ने कहा कि छात्रों के इस नए पैटर्न की परीक्षा में छात्रों को मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन का जवाब देना पड़ेगा और यह टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड होगा. जिसका मतलब है कि छात्र कॉपी पर अपने सवाल का हल कर कंप्यूटर में टिक मार्क करेंगे.
इस तरीके से परीक्षा देने पर हर क्षेत्र के बच्चों को बराबर का अवसर मिले ये UGC कैसे सुनिश्चित कर सकता है. इस सवाल के जवाब में चेयरमैन डॉक्टर जगदीश कुमार ने कहा कि प्रवेश परीक्षा के दौरान हम ध्यान रखेंगे कि बच्चें अपनी मात्र भाषा में भी परीक्षा दे पाएं. ऐसा करने से उन्हें सवाल समझने में आसानी होगी और हर किसी को प्रवेश परीक्षा देने का समान अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि CUET 13 भाषाओं में कंडक्ट एबीसीडी पैटर्न क्या है? किया जाएगा. जिसमें एक अंग्रजी और 12 मात्र भाषाएं होंगी.
उनसे पूछा गया कि देश में अब भी ऐसे कई राज्य हैं जहां बच्चों को कंप्यूटर चला पाने का अवसर नहीं मिला है. ऐसे में उसे अचानक टेस्ट के लिए बैठा दिया जाना बच्चे के लिए चैलेंजिंग हो सकता है. इस मामले को लेकर UGC ने क्या सोचा है. जवाब में उन्होंने कहा कि CUET परीक्षा में पार्टिसिपेट करने के लिए किसी बच्चे को कंप्यूटर ऑपरेट करना आए ये जरूरी नहीं है. बच्चों को बस टिक मार्क करना है जो काफी आसान है. हालांकि नेगेटिव मार्किंग भी होगी.
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Published at : 22 Mar 2022 02:53 PM (IST) Tags: CUET Exam 2022 Central universities admission CUET Exam registration 2022 CUET Exam pattern 2022 CUET Exam date 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
अब बच्चे पढ़ रहे ए फॉर एंड्रॉयड, बी फॉर ब्लूटूथ
जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। समय के साथ सब कुछ बदल रहा है। आधुनिक दौर में जिस तरह से बच्चे स्मार्ट हो रहे हैं। उसी तरह से पढ़ाई भी स्मार्ट हो रही है। नतीजतन बच्चों को अंग्रेजी की वर्णमाला भी नए पैटर्न पर सिखाई जा रही है। सालों पुराना पैटर्न ए फॉर एप्पल, बी फॉर बॉल बदलकर अब ए फॉर एंड्रायड, बी फॉर ब्लूटूथ हो गया है। इसे स्मार्टफोन की दिवानगी कहें या फिर बच्चों की रुचि, अब टीचर भी बच्चों को उनकी रुचि के मुताबिक पढ़ाना पसंद कर रहे हैं। बच्चे जिस तरीके से जल्दी समझते हैं, उनके लिए वही तरीका अपनाया जा रहा है।
एबीसीडी का यह नया पैटर्न जितना शिक्षकों के लिए आसान है, एबीसीडी पैटर्न क्या है? उतना ही बच्चों के लिए भी। शहर के कुछ स्कूलों में इस पैटर्न को अपना लिया गया है। ये बच्चों के लिए बेहद आसान तरीका है। वे इन शब्दों को जल्दी सीखकर याद रख पाते हैं।
स्मार्ट जनरेशन की स्मार्ट एबीसीडी
न्यू जनरेशन के लिए बनाया गया अंग्रेजी वर्णमाला का ये पैटर्न हर किसी को पसंद आ रहा है। स्कूलों ने इसे अपने कोर्स में शामिल कर लिया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी न्यू जनरेशन की ये वर्णमाला तेजी से वायरल हो रही है। पहली बार स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे पहले अंग्रेजी वर्णमाला सिखाई जाती है। पहले इन्हें ए फॉर एप्पल, बी फॉर बॉल, सी फॉर कैट पढ़ाया जाता था, लेकिन अब इन्हें ए फॉर एंड्रायड, बी फॉर ब्लूटूथ और सी फॉर चैट पढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास में बच्चों को मोबाइल दिखाकर पूछा जाता है कि ये क्या है, तब बच्चे इसे एंड्रायड फोन, डाउनलोड जैसे शब्द अपने आप से बताते हैं। नई पीढ़ी स्मार्ट ही पैदा हो रही है। ढ़ाई के बच्चे की डिक्शनरी में ब्लूटूथ, स्मार्ट फोन, गेम डाउनलोड जैसे शब्द शामिल हैं।
नई जनरेशन की अंग्रेजी वर्णमाला
ए फॉर एंड्रायड, बी फॉर ब्लूटूथ, सी फॉर चैट, डी फॉर डाउनलोड, ई फॉर ईमेल, एफ फॉर फेसबुक, जी फॉर गूगल, एच फॉर हार्ड डिस्क, आई फॉर आई-फोन, जे फॉर जावा, के फॉर किबोर्ड, एल फॉर लैपटॉप, एम फॉर मैसेंजर, एन फॉर नीरो, ओ फॉर ओपरा मिनी, पी फॉर प्ले स्टोर, क्यू फॉर क्विकहील, आर फॉर रैम, एस फॉर सर्वर, टी फॉर ट्विटर, यू फॉर यूएसबी, वी एबीसीडी पैटर्न क्या है? फॉर वीडियो, डब्ल्यू फॉर वाई-फाई, एक्स फॉर एक्सपो, वाय फॉर यू-ट्यूब, जेड फॉर जॉर्पिया।
बच्चों को पढ़ाना हुआ आसान
बच्चों को स्मार्ट क्लास में जब एंड्रायड फोन दिखाया जाता है। तब वो अपने आप से बताते हैं कि ये एंड्रायड फोन है। इससे चैट करते हैं। मैसेंजर होता है। नई जेनरेशन की स्मार्ट एबीसीडी को पढ़ाना बच्चों को ज्यादा आसान है, क्योंकि बच्चे घर में सभी को मोबाइल इस्तेमाल करते देखते हैं। लैपटॉप पर काम करते देखते हैं। इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करके उन्हें अंग्रेजी की वर्णमाला सीखाना आसान होता है। इसे उन्हें याद नहीं कराना होता। वो अपने आप इन शब्दों को बोलते हैं। बच्चे काफी स्मार्ट हो गया है। उनकी पढ़ाई का तरीका में स्मार्ट होना चाहिए। इसे नर्सरी, केजी आदि कक्षाओं में अपनाया जा चुका है। वर्षा चौहान, प्राचार्य, रॉयल स्कूल
कीबोर्ड के बटन ABCD (अल्फाबेटिकल) क्यों नहीं होते, क्या कोई रीजन है या गलती | GK IN HINDI
कंप्यूटर या लैपटॉप में कीबोर्ड का उपयोग हम सब करते हैं। अब तो मोबाइल में भी कीबोर्ड होता है। कीबोर्ड का उपयोग शुरू करने से पहले आपके ध्यान में भी यह सवाल जरूर आया होगा कि कीबोर्ड के बटन ABCD (अल्फाबेटिकल) क्यों नहीं होते। यह बिल्कुल अजीब से क्यों होते हैं। आइये इस मजेदार सवाल का जवाब जानते हैं:
कंप्यूटर का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक का नाम
कंप्यूटर का आविष्कार 19वीं सदी में चार्ल्स बैबेज नामक एक प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रोफेसर ने किया था। इसलिए उन्हें 'कंप्यूटर का पिता' भी कहा जाता है। हालांकि तब से लेकर अब तक कंप्यूटर में कई बदलाव हुए।
कंप्यूटर के कीबोर्ड की कहानी
जब शॉल्स शब्दों की पद्धती और क्रम का निर्धारण कर रहे थे तो उन्होंने यह पाया की जब क्रम को सीधा रखा गया तो बटन जाम हो रहे थे और एक के बाद एक होने एबीसीडी पैटर्न क्या है? की वजह से दबाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। उस समय टाइपराइटर में बैकस्पेस का बटन नहीं होता था। यही वजह है कि कीबोर्ड में क्वार्टी (QWERTY) शब्दों का इस्तेमाल शुरू किया गया, ताकि टाइप करने में आसानी हो।
सरल शब्दों में कीबोर्ड के बटन अल्फाबेटिकल क्यों नहीं होते
सबसे पहले कंप्यूटर कीबोर्ड के बटन अल्फाबेटिकल ही किए गए थे लेकिन तब टाइप करने में बहुत परेशानी हो रही थी। उन एबीसीडी पैटर्न क्या है? दिनों की बोर्ड में बैक स्पेस का बटन नहीं था। एक बार गलती होने के बाद उसे रिमूव करके दोबारा नहीं लिखा जा सकता था। काफी सारे प्रयोग करने के बाद कंप्यूटर के कीबोर्ड में बटन कुछ इस तरीके से लगाए गए ताकि सामान्य जीवन में उपयोग होने वाले ज्यादातर शब्दों को आसानी से एबीसीडी पैटर्न क्या है? दोनों हाथ का उपयोग करते हुए टाइप किया जा सके। इसका नाम क्वार्टी (QWERTY) रखा गया।
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