Mutual Funds Investment : अच्छे रिटर्न हासिल करने के हैं ये बड़े फॉर्मूले, नहीं डूबेगा पैसा
पैसों के बेहतर निवेश के लिए म्युचुअल फंड्स एक बेहतर विकल्प हैं, लेकिन अधिकांश लोग इसकी खासियत, प्रकार और निवेश की जानकारी नहीं होने से लाभ नहीं उठा पाते या नुकसान उठा बैठते हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 02 Jul 2021 02:53 PM (IST)
Investment : म्युचुअल फंड को लेकर कॉमन जानकारी है कि मॉडरेट रिस्क के साथ 5-10 सालों तक किया गया इनवेस्टमेंट आपको 15 प्रतिशत तक रिटर्न देने में सक्षम है. हालांकि निवेश करने से पहले फंड के बारे में पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है. दरअसल म्युचुअल फंड इक्विटी में इंवेस्ट करते हैं, इसलिए इनकी वोलेटीलिटी अधिक होती है, यानी इसका उतार चढ़ाव, यह वजह है कि फाइनेंस एक्सपर्ट इसमें लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट की सलाह देते हैं. म्युच्युअल फंड्स में 5 या 10 साल तक किया गया निवेश मुद्रास्फीति या महंगाई की दर के अनुपात में बहुत अच्छे रिटर्न देने वाले होते हैं.
फीचर्स और टाइप
इसमें एक फंड मैनेजर होता है, जो आपके पैसे को अलग-अलग स्टॉक में लगाकर मुनाफा कमाता है और रिटर्न देकर एवज में अपने लिए कुछ अमाउंट कमीशन के तौर पर रख लेता है. फंड हाउस मैनेज करने के लिए ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी होती हैं, जैसे एचडीएफसी म्युचुअल फंड एसबीआई म्यूचुअल फंड, आदित्य बिरला म्युचुअल फंड आदि.
म्यूचुअल फंडस तीन तरह के होते हैं, इक्विटी, डेब्ट और हाईब्रीड. आप निवेश जोखिम के प्रकार रिस्क लेने में सक्षम हैं तो इक्विटी में पैसा लगा सकते हैं, कम रिस्क लेकर ठीक मुनाफा चाहते हैं तो डेब्ट में निवेश कर सकते हैं, मॉडरेट रिस्क-रिटर्न लेना चाहते हैं तो हाइब्रिड निवेश जोखिम के प्रकार में निवेश बेहतर होगा. म्यूचल फंड कई सेक्टर में भी बंटे होते हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर और एफएमसीजी हैं. अगर आप अनुमान लगा सकते हैं कि भविष्य में कौन सा सेक्टर मुनाफे का हो सकता है तो आप वहां निवेश कर सकते हैं. कुछ टैक्स सेविंग फंड होते हैं, जहां निवेश कर आप टैक्स डिडक्शन अंडर सेक्शन 80c के तहत छूट पा सकते हैं. मगर यहां आप पैसा नहीं निकाल पाएंगे, क्योंकि 3 साल का लॉक इन पीरियड लग जाता है.
इन्वेस्टमेंट कैसे करें
पहला तरीका है एसआईपी दूसरा लमसम. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आप सीधे ले सकते हैं, इससे आपको रेगुलर सेविंग इन्वेस्टमेंट की आदत बन जाएगी. मगर लमसम इंवेस्ट की सलाह तब दी जाती है, जब मार्केट क्रैश कर चुकी हो और भविष्य में इसके बढ़ने की संभावना बन रही हो.निवेश जोखिम के प्रकार
पहले इन्हें चेक करें
पहले फंड का 5 से 10 साल का रिटर्न प्रोसेस चेक करना जरूरी है. कमीशन रेशो भी चेक करना होगा, यह 1-2 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. एंट्री-एग्जिट लोड भी निवेश जोखिम के प्रकार चेक करना होगा. यानी जब आप निवेश कर रहे हो तब आपका कितना पैसा कट सकता है और मेच्योरिटी के बाद पैसा पाएंगे तो कितना पैसा कटेगा.
ऐसे लगाएं पैसा
एक बार ऑनलाइन या कंसलटेंट के जरिए टारगेट गोल सेट कर केवाईसी कराएं. पैन, आधार और कैंसिल चेक म्युचुअल फंड कंपनी को देकर निवेश के लिए वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा. घर कर्मचारी आपसे घर आकर जरूरी डॉक्यूमेंट ले लेंगे. दूसरा तरीका है ऑनलाइन, जिसके लिए कई ऐप्स आ चुकी हैं, जिनके जरिए भी निवेश किया जा सकता है.
अंत में कितना फायदा
पहला फायदा, हाई रिटर्न का है, मॉडरेट रिस्क पर भी अच्छी लिक्विडिटी मिलती है. आप कभी भी पैसा डाल सकते हैं और कभी भी पैसा निकाल सकते हैं. नुकसान है, हाई वोलैटिलिटी का. मार्केट के उतार-चढ़ाव के चलते यह -50% भी जा सकता है और इतना ही ऊपर जा सकता है. अगर मान भी लें कि हर साल 15 परसेंट रिटर्न नहीं मिलेगा, लेकिन 5-10 के लंबे पीरियड के बाद एवरेज रिटर्न 13-15% तक मिल जाएगा.
Published at : 02 Jul 2021 02:53 PM (IST) Tags: Equity Finance Money Investment inflation Return Mutual fund risk expert formula Better Investment Volatility Moderate Risk Debt and Hybrid हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
संपत्ति आवंटन के 4 लाभ
एसेट एलोकेशन एक निवेश रणनीति है जिसमें निवेशक कई प्रकार के एसेट क्लास के लिए अपने निवेश डॉलर का एक निश्चित प्रतिशत अलग रखते हैं। उनके पैसे का एक हिस्सा स्टॉक में जा सकता है, जबकि दूसरा प्रतिशत बॉन्ड में जाता है। इस प्रकार का निवेश निवेशकों के लिए कुछ निश्चित लाभ प्रदान करता है।
निवेशकों के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। संपत्ति आवंटन निवेशकों को नियमों के एक विशिष्ट सेट के अनुसार विविधता लाने की अनुमति देता है। इस रणनीति के साथ, आप अपने सभी अंडे एक टोकरी में नहीं डालेंगे। यदि एक प्रकार की संपत्ति खराब प्रदर्शन कर रही है, तो आपके पास पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए कई अन्य संपत्तियां हैं। कई मामलों में, स्टॉक खराब प्रदर्शन करेंगे, जबकि भौतिक संपत्ति जैसे सोना और चांदी का मूल्य आसमान छू रहा है। यदि आप लंबी अवधि के प्रदर्शन में रुचि रखते हैं, तो आपको एक विशिष्ट परिसंपत्ति आवंटन के अनुसार अपने पोर्टफोलियो में विविधता निवेश जोखिम के प्रकार लाने की आवश्यकता है।
आपके पोर्टफोलियो में विविधता लाते समय, वित्तीय विशेषज्ञ आपके पोर्टफोलियो के 10% तक उच्च-उपज निवेश करने की सलाह देते हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग जैसे उच्च जोखिम वाले निवेशों के लिए, यदि आप हार जाते हैं तो आप परेशान नहीं होंगे।
एक द्विआधारी विकल्प एक निश्चित समय और तारीख पर एक अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत के आधार पर एक “हां / नहीं” प्रस्ताव है। यदि ग्राहक समाप्ति के समय सही ढंग से अनुमान लगाता है, तो ग्राहक को भुगतान किया जाएगा (माइनस ब्रोकर फीस) और यदि गलत अनुमान लगाया जाता है, तो स्थिति खो जाएगी। यदि आप द्विआधारी विकल्पों में व्यापार करने पर विचार करते हैं, तो अपने लिए ब्रोकर चुनना महत्वपूर्ण है। कई दलालों ने जांच की और जाहिर है, उन सभी के बीच कुछ अंतर हैं।
प्रत्येक निवेशक के पास जोखिम सहनशीलता का एक अनूठा स्तर होता है। जब निवेश की बात आती है, तो कुछ लोगों को जोखिम पसंद होता है और कुछ लोग बिना किसी जोखिम के बदले में छोटे रिटर्न प्राप्त करना पसंद करते हैं। परिसंपत्ति आवंटन के साथ, हर प्रकार के निवेशक को समायोजित किया जा सकता है। आप एक ही समय में अपने जोखिम सहनशीलता के स्तर को पूरा करते हुए अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। परिसंपत्ति आवंटन के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाकर, आप एक ही समय में अपने रिटर्न में वृद्धि करते हुए संभावित जोखिम की मात्रा को कम कर सकते हैं।
सेवानिवृत्ति की तैयारी के लिए बहुत से लोग संपत्ति आवंटन का उपयोग करते हैं। जब आप छोटे होते हैं और आपके पास काम करने के लिए बहुत समय होता है, तो अधिकांश शेयरों में निवेश करना समझ में आता है। अतिरिक्त जोखिम उठाना ठीक है क्योंकि आप गलतियों की भरपाई कर सकते हैं। हालाँकि, जब आप सेवानिवृत्ति के करीब होते हैं, तो आप अधिक रूढ़िवादी पोर्टफोलियो रखना चाहते हैं। जरूरी नहीं कि आप अपने अधिकांश पैसे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं। अगर शेयर बाजार में गिरावट है, तो आप समय पर रिटायर नहीं हो पाएंगे। जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आप अपने अधिक पोर्टफोलियो को बांड और अन्य कम जोखिम वाले निवेशों में आवंटित करना चाह सकते हैं। इस तरह, आप अभी भी शेयरों में निवेश के साथ आने वाले सभी जोखिमों को उठाए बिना कुछ अच्छे रिटर्न ला सकते हैं।
परिसंपत्ति आवंटन का एक अन्य लाभ यह है कि आप लाभदायक निवेश पा सकते हैं। बहुत से लोग एक विशेष प्रकार के निवेश में फंस जाते हैं और उनके पास आने वाले अन्य सभी विकल्पों को बंद कर देते हैं। उदाहरण के लिए, बहुत से लोग शेयर बाजार में इतने फंस जाते हैं कि वे विदेशी मुद्रा या कमोडिटी बाजार के साथ आने वाले अवसरों को देखने में विफल हो जाते हैं। जब आप अपने पोर्टफोलियो की एक निश्चित राशि को कई अलग-अलग प्रकार के निवेशों में विविधता प्रदान करते हैं, तो आप देख सकते हैं कि वास्तव में क्या काम करता है और क्या नहीं। आप उन निवेशों के लिए अधिक धन आवंटित कर सकते हैं जो अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अन्य निवेशों के लिए कम आवंटित करते हैं।
रियल एस्टेट निवेश किस प्रकार का उच्चतम आरओआई है (निवेश पर वापसी)
रियल एस्टेट निवेश सबसे लाभदायक निवेश टूल में सबसे पहले आता है। एक लाभदायक निवेश के लिए, अचल संपत्ति के चयन में निर्णय लेने की प्रक्रिया में कुछ बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए। सही समय पर सही अचल संपत्ति में निवेश करना, सेक्टर के बारे में जानकारी होना और विभिन्न विकल्पों की खोज करना बहुत महत्वपूर्ण है। निवेश से पहले अचल संपत्ति के निवेश पर रिटर्न का अच्छी तरह से मूल्यांकन किया जाना चाहिए। निवेश पर रिटर्न एक वाणिज्यिक शब्द है जिसका उपयोग अतीत और भविष्य के वित्तीय रिटर्न का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ROI को मूल रूप से निवेश की लाभप्रदता के प्रमुख संकेतक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अचल संपत्ति में एक अच्छा आरओआई विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। ये कारक, स्थान से संपत्ति के प्रकार तक, जोखिम और संपत्ति वित्तपोषण के लिए, अचल संपत्ति निवेश रिटर्न को प्रभावित करते हैं।
एक अचल संपत्ति निवेश निर्णय लेने वालों की प्राथमिकता यह तय करना चाहिए कि निवेश क्या होगा। सभी आवासीय, वाणिज्यिक संपत्ति या भूमि निवेश पर विचार करने के लिए अलग-अलग महत्वपूर्ण बिंदु हैं। यह तय करने के लिए कि कौन सा रियल एस्टेट सबसे अच्छा निवेश होगा, आपको विकल्पों का सही विश्लेषण करना चाहिए। निवेश पर रिटर्न अचल संपत्ति के प्रकार पर निर्भर करता है। हर किसी के लिए सबसे अच्छा विकल्प अलग हो सकता है।
लंबी अवधि में फील्ड निवेश
अचल संपत्तियों में, एकमात्र निवेश उपकरण जिसमें उत्पादन नहीं होता है वह भूमि है। आप सबसे आलीशान घर बना सकते हैं, लेकिन उनमें से सबसे कीमती कीमती जमीन है। आज, बढ़ती आबादी के प्रभाव के साथ बड़े शहरों का विकास, हर दस साल में शहर के बाहर लगभग दस किमी बढ़ता है। शहर के केंद्र के पास एक क्षेत्र सबसे आकर्षक अचल संपत्ति है यदि आपके पास कम से कम दस साल तक इंतजार करने का विकल्प है। जब संबंधित नगर पालिका द्वारा ज़ोनिंग स्थिति की व्यवस्था की जाती है और भवन निर्माण परमिट जारी किया जाता है, तो वह क्षेत्र, जो भूमि बन जाता है, अपने निवेशक के लिए सबसे अधिक लाभदायक निवेश होगा।
मध्यम अवधि में भूमि निवेश
बढ़ती आबादी के साथ, आवासीय भूमि, जो बढ़ती आवास आवश्यकता के लिए अधिक मूल्यवान हो गई है, हर साल अधिक मूल्यवान हो रही है। तथ्य यह है कि यह आसानी से बिक्री योग्य है और समय के साथ अधिक मूल्यवान हो जाता है क्योंकि यह सबसे लाभदायक अचल संपत्ति के बीच भूमि निवेश करता है। जैसे-जैसे भूमि निवेश के आसपास निर्माणों और हरित क्षेत्रों की संख्या बढ़ती है, भूमि का मूल्य भी बढ़ता जाता है।
अल्पावधि में आवासीय निवेश
आवासीय या निवेश उद्देश्यों के लिए, आप घर खरीदकर अपनी बचत का मूल्यांकन कर सकते हैं। आवास की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, खासकर पिछले दस निवेश जोखिम के प्रकार वर्षों में। बढ़ते निर्माण और भूमि खर्च के अलावा, वार्षिक मुद्रास्फीति भी आवास की कीमतों में लगातार वृद्धि करती है। जैसे, इस उम्मीद के साथ एक घर खरीदना कि वह मूल्य प्राप्त करेगा एक लाभदायक निवेश उपकरण हो सकता है। जब किरायेदार घर में बसा हो तो आप अतिरिक्त आय पा सकते हैं। शहर के केंद्र में मकान किराए पर लेना आसान है, और किराये की कीमतें अपेक्षाकृत अधिक हैं। इसके अलावा, आप लाभ के लिए खरीदे गए आवासीय निवेश से उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए शहर के नए विकसित क्षेत्रों और नए खुले परिवहन नेटवर्क के करीब पड़ोस की ओर जा सकते हैं।
रेंटल इनकम के लिए कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश
आवासीय निवेश के साथ, आप एक वाणिज्यिक अचल संपत्ति निवेश का चयन कर सकते हैं जो साल-दर-साल इसके मूल्य में वृद्धि करके महंगाई से आपकी बचत को बचाता है और किराये की वापसी होती है। एक अन्य कारक जो इस प्रकार के निवेश को आकर्षक बनाता है, जिसकी किराये की आय घर के किराये की कीमतों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है, यह है कि किरायेदार को संपत्ति को साफ और अच्छी तरह से बनाए रखना चाहिए। विशेष रूप से कॉर्पोरेट कंपनियों के किरायेदारों को इस निवेश से लाभ होगा।
Mutual Funds Investment : अच्छे रिटर्न हासिल करने के हैं ये बड़े फॉर्मूले, नहीं डूबेगा पैसा
पैसों के बेहतर निवेश के लिए म्युचुअल फंड्स एक बेहतर विकल्प हैं, लेकिन अधिकांश लोग इसकी खासियत, प्रकार और निवेश की जानकारी नहीं होने से लाभ नहीं उठा पाते या नुकसान उठा बैठते हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 02 Jul 2021 02:53 PM (IST)
Investment : म्युचुअल फंड को लेकर कॉमन जानकारी है कि मॉडरेट रिस्क के साथ 5-10 सालों तक किया गया इनवेस्टमेंट आपको 15 प्रतिशत तक रिटर्न देने में सक्षम है. हालांकि निवेश करने से पहले फंड के बारे में पूरी जानकारी लेना बेहद जरूरी है. दरअसल म्युचुअल फंड इक्विटी में इंवेस्ट करते हैं, इसलिए इनकी वोलेटीलिटी अधिक होती है, यानी इसका उतार चढ़ाव, यह वजह है कि फाइनेंस एक्सपर्ट इसमें लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट की सलाह देते हैं. म्युच्युअल फंड्स में 5 या 10 साल तक किया गया निवेश मुद्रास्फीति या महंगाई की दर के अनुपात में बहुत अच्छे रिटर्न देने वाले होते हैं.
फीचर्स और टाइप
इसमें एक फंड मैनेजर होता है, जो आपके पैसे को अलग-अलग स्टॉक में लगाकर मुनाफा कमाता है और रिटर्न देकर एवज में अपने लिए कुछ अमाउंट कमीशन के तौर पर रख लेता है. फंड हाउस मैनेज करने के लिए ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी होती हैं, जैसे एचडीएफसी म्युचुअल फंड एसबीआई म्यूचुअल फंड, आदित्य बिरला म्युचुअल फंड आदि.
म्यूचुअल फंडस तीन तरह के होते हैं, इक्विटी, डेब्ट और हाईब्रीड. आप रिस्क लेने में सक्षम हैं तो इक्विटी में पैसा लगा सकते हैं, कम रिस्क लेकर ठीक मुनाफा चाहते हैं तो डेब्ट में निवेश कर सकते हैं, मॉडरेट रिस्क-रिटर्न लेना चाहते हैं तो हाइब्रिड में निवेश निवेश जोखिम के प्रकार बेहतर होगा. म्यूचल फंड कई सेक्टर में भी बंटे होते हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर और एफएमसीजी हैं. अगर आप अनुमान लगा सकते हैं कि भविष्य में कौन सा सेक्टर मुनाफे का हो सकता है तो आप वहां निवेश कर सकते हैं. कुछ टैक्स सेविंग फंड होते हैं, जहां निवेश कर आप टैक्स डिडक्शन अंडर सेक्शन 80c के तहत छूट पा सकते हैं. मगर यहां आप पैसा नहीं निकाल पाएंगे, क्योंकि 3 साल का लॉक इन पीरियड लग जाता है.
इन्वेस्टमेंट कैसे करें
पहला तरीका है एसआईपी दूसरा लमसम. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आप सीधे ले सकते हैं, इससे आपको रेगुलर सेविंग इन्वेस्टमेंट की आदत बन जाएगी. मगर लमसम इंवेस्ट की सलाह तब दी जाती है, जब मार्केट क्रैश कर चुकी हो और भविष्य में इसके बढ़ने की संभावना बन रही हो.
पहले इन्हें चेक करें
पहले फंड का 5 से 10 साल का रिटर्न प्रोसेस चेक करना जरूरी है. कमीशन रेशो भी चेक करना होगा, यह 1-2 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. एंट्री-एग्जिट लोड भी चेक करना होगा. यानी जब आप निवेश कर रहे हो तब आपका कितना पैसा कट सकता है और मेच्योरिटी के बाद पैसा पाएंगे तो कितना पैसा कटेगा.
ऐसे लगाएं पैसा
एक बार ऑनलाइन या कंसलटेंट के जरिए टारगेट गोल सेट कर केवाईसी कराएं. पैन, आधार और कैंसिल चेक म्युचुअल फंड कंपनी को देकर निवेश के लिए वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा. घर कर्मचारी आपसे घर आकर जरूरी डॉक्यूमेंट ले लेंगे. दूसरा तरीका है ऑनलाइन, जिसके लिए कई ऐप्स आ चुकी हैं, जिनके जरिए भी निवेश किया जा सकता है.
अंत में कितना फायदा
पहला फायदा, हाई रिटर्न का है, मॉडरेट रिस्क पर भी अच्छी लिक्विडिटी मिलती है. आप कभी भी पैसा डाल सकते हैं और कभी भी पैसा निकाल सकते हैं. नुकसान है, हाई वोलैटिलिटी का. मार्केट के उतार-चढ़ाव के चलते यह -50% भी जा सकता है और इतना ही ऊपर जा सकता है. अगर मान भी लें कि हर साल 15 परसेंट रिटर्न नहीं मिलेगा, लेकिन 5-10 के लंबे पीरियड के बाद एवरेज रिटर्न 13-15% तक मिल जाएगा.
Published at : 02 Jul 2021 02:53 PM (IST) Tags: Equity Finance Money Investment inflation Return Mutual fund risk expert formula Better Investment Volatility Moderate Risk Debt and Hybrid हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
कम जोखिम में ज्यादा लाभ, पढ़ें कहां और कैसे करें निवेश
ईटीएफ उन निवेशकों के लिए इक्विटी में एक्सपोजर लेने का एक उत्कृष्ट, सुविधाजनक, सबसे सस्ता तरीका है, जिनके पास लंबी अवधि के लक्ष्य हैं और बिना ज्यादा जोखिम उठाए इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं.
इक्विटी के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ गया है. बड़ी संख्या में निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं और बेहतर रिटर्न पाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन वे बाजार के जोखिम को लेकर चिंतित भी रहते हैं. बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करते हुए बेहतर रिटर्न पाने का एक बेहतर विकल्प है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ. पढ़ें गुरजीत सिंह कालरा हेड, ईटीएफ सेल्स, आइसीआइसीआइ प्रू एएमसीई की एक्सपर्ट राय
ईटीएफ उन निवेशकों के लिए इक्विटी में एक्सपोजर लेने का एक उत्कृष्ट, सुविधाजनक, सबसे सस्ता तरीका है, जिनके पास लंबी अवधि के लक्ष्य हैं और बिना ज्यादा जोखिम उठाए इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं. ईटीएफ की डायविर्सिफिकेशन इसे व्यक्तिगत स्टॉक की तुलना में कम अस्थिर बनाती है. इससे भी महत्वपूर्ण बात निवेश जोखिम के प्रकार यह है कि बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान, प्रत्यक्ष निवेश के विपरीत, इंडेक्स फंड में उतार-चढ़ाव का कम प्रभाव दिखता है.
विदेशी निवेश के अनुकूल है भारत
ईटीएफ में निवेश करके, निवेश जोखिम या अतिरिक्त तनाव के बिना बाजार से जुड़े रिटर्न को प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा, ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हैं और डीमैट खाते के माध्यम से बाजार के कारोबारी समय में कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है.
बाजार में सीधे निवेश की चुनौती
शेयर बाजार कई कारणों से अस्थिर होता है. ये कारण बाजार की भावनाओं को प्रभावित करते हैं. एक खुदरा निवेशक के लिए, उन सभी कारकों पर अपडेट बने रहना संभव नहीं हो सकता है. तेज और अक्सर नकारात्मक मूल्य परिवर्तनों का निवेशक के इक्विटी निवेश अनुभव पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. अपेक्षित ज्ञान और अनुभव के बिना, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है.
ईटीएफ है समाधान
इस तरह के नकारात्मक अनुभव को कम करने के लिए, ईटीएफ का उपयोग करना एक विवेकपूर्ण निर्णय है. अधिकांश ईटीएफ इंडेक्स फंड होते हैं, यानी वे स्टॉक मार्केट इंडेक्स के समान सिक्योरिटीज रखते हैं. चूंकि वे इंडेक्स होल्डिंग्स को दोहराते हैं, इसलिए वे अंतर्निहित इंडेक्स के समान रिटर्न उत्पन्न करते हैं. उदाहरण के लिए, निफ्टी 50 इंडेक्स ईटीएफ, निफ्टी 50 के सभी शेयरों को इंडेक्स के समान अनुपात में रखता है. नतीजतन, यह निफ्टी 50 इंडेक्स द्वारा उत्पन्न रिटर्न को ही दिखाता है. इसी तरह, बीएसइ 500 ईटीएफ 500 कंपनियों में निवेश करता है और निवेशकों को भी बीएसइ 500 ईटीएफ में निवेश करके उनमें भाग लेने का मौका देता है.
निवेश जोखिम को करता है कम
ईटीएफ के माध्यम से निवेश कर निवेशक डायवर्सिफाइड तरीके से इक्विटी में निवेश का अनुभव और निवेश जोखिम को समायोजित करते हुए रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. यह बाजार के भावनात्मक पूर्वाग्रह और खास स्टॉक से जुड़े जोखिम को भी कम करता, जबकि प्रत्यक्ष निवेश में जोखिम अधिक होता है.
कहां निवेश करते हैं आप अपनी गाढ़ी कमाई, इन तीन बैंकों में मिल रहा है बंपर ब्याज, पढ़ लें ये निवेश जोखिम के प्रकार निवेश जोखिम के प्रकार जरूरी खबर
बढ़ रही ईटीएफ निवेशकों की संख्या
पिछले एक साल से, भारत में निवेशक ईटीएफ को लेकर काफी उत्साहित हैं. ईटीएफ फोलियो की संख्या 19 लाख से बढ़कर 42.5 लाख हो गयी है, निवेश जोखिम के प्रकार निवेश जोखिम के प्रकार और इसी तरह एयूएम 1.5 लाख करोड़ से बढ़ कर 2.8 लाख करोड़ रुपया हो गया है.
मिलता है डायवर्सिफिकेशन का लाभ
ईटीएफ की दुनिया में विभिन्न प्रकार के विकल्प रहते हैं. ऐसे ईटीएफ हैं, जो मार्केट कैप आधारित हैं जैसे निफ्टी ईटीएफ, सेंसेक्स ईटीएफ, मिडकैप ईटीएफ, बीएसई 500 ईटीएफ इत्यादि. इसके अलावा, आइटी, बैंक, हेल्थकेयर इत्यादि जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर आधारित ईटीएफ भी होते हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई निवेशक एक सेक्टर पर बुलिश है, जैसे आइटी सेक्टर, और आइटी कंपनियों के एक समूह का एक्सपोजर लेना चाहता है, तो आइटी ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प उपलब्ध होता है.
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