BOND ETF

ETF kya hai? ETF kaise kharide. सब कुछ समझे।

अगर आप स्टॉक मार्किट मार्किट में एक नए निवेशक है, या आप अभी-अभी अपने सफर की शुरुवात कर रहे है, शेयर बाजार में तो, शायद आपको ETF क्या होता है? आपको नहीं मालूम होगा। इस पोस्ट में हमलोग ETF kya hai? इसको कैसे ख़रीदे और ETF का फुल-फॉर्म क्या है? इन सभी को जानेंगे।

सबसे पहले हमलोग ये जान लेते है की, ETF का फुल-फॉर्म क्या होता है? ETF full-form Exchange-Traded Fund होता है. आपको मैं बता दूँ की, ETF कोई शेयर नहीं है, जो इसका ETF Share price होगा। लेकिन इसका कीमत जरूर होता है. अब हमलोग ये जानते है की, ETF क्या होता है?

ETF क्या है?

सीधे शब्दों में समझाऊ तो, ETF भी म्यूच्यूअल फण्ड की तरह होता है. लेकिन ETF किसी एक इंडेक्स, एसेट, कमोडिटी या किसी दूसरे सिक्योरिटी को ट्रैक करता है, और उसमे निवेश करता है. ETF एक pooled investment है, जो बहुत हद तक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह काम करता है. इसको आप किसी रेगुलेटेड स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद और बेच सकते है.

जैसे म्यूच्यूअल फण्ड का यूनिट आप खरीद सकते है, वैसे ही आप ETF का भी यूनिट खरीद सकते है. ETF price भी मार्किट मूवमेंट के अनुसार बढ़ता-घटता रहता है.

ETF के प्रकार।

जैसे की हम ये जान चुके है की, ETF किसी एक प्रकार के इंडेक्स को ट्रैक करता है. इसी आधार पर ेट्फ़्के कई प्रकार हो सकते है. उनमे से कुछ को निचे लिस्ट किया है-

  • पैसिव और एक्टिव ETFs
  • बांड ETF
  • स्टॉक ETF
  • कमोडिटी ETF
  • Industry/sector ETF
  • करेंसी ETF

ETF कैसे ख़रीदे?

आप ETF को किसी भी ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकते है, जैसे की, Zerodha(Coin). यहाँ जैसे आप शेयर ख़रीद सकते ठीक वैसे ही, ETF खरीद सकते है. ETF को सबसे पहले NFO के तौर पर लाया जाता है, फिर उसे शेयर बाजार में लिस्ट किया जाता है. ETF किसी AMC(एसेट मैनेजमेंट कंपनी) का प्रोडक्ट होता है.

ETF खरीदने के लिए सबसे पहले आपको अपने ब्रोकर अकाउंट में पैसे डालने होंगे। उसके आप जैसे म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते है, वैसे ही इसको भी खरीद सकते है. इसमें निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट खाता होना जरुरी है. ETF खरीदना कोई बड़ी बात नहीं है. सही ETF चुनना जरुरी होता है.

ETF में निवेश कैसे करे?

अभी के समय में बहुत सारे प्लेटफार्म उपलब्ध है, जहां से आप ETFs में निवेश कर सकते है. लेकिन निवेश करने से भी ज्यादा जरुरी होता है, सही ETF खोजना। यहाँ निवेश करने के लिए आप निचे दिए स्टेप्स को फॉलो कर सकते है.

  • सबसे पहले आप के प्लेटफार्म ढूढ़े जिसकी मदद से आप निवेश करेंगे, इसके लिए आप Zerodha का इस्तेमाल कर सकते है. यहाँ पर आप कमीशन मुक्त निवेश कर सकते है.
  • प्लेटफार्म खोजने के बाद सबसे जरुरी काम है, ETF रिसर्च करना। आज के समय में बहुत सारे ETF है, निवेश करने के लिए. ETF कोई एक स्टॉक या कोई दूसरा सिक्योरिटी नहीं होता है. इसलिए आपको ETF किस इंडस्ट्री/सेक्टर पर ध्यान दे रहा है, उसे समझना आपके लिए जरुरी है. किसी भी ETF को चुनने से पहले आपको 3 सवाल जरूर पूछने चाहिए-(1) इन्वेस्टमेंट टाइम फ्रेम क्या है?(2) उसमे earning और ग्रोथ पोटेंशियल क्या है?(3) उसे सेक्टर/इंडस्ट्री की स्थिति कैसी है?

ETF के फायदे और नुकशान

हर चीज़ के फायदे और नुकशान होते है. निवेशक के तौर पर आपको सिर्फ दो ट्ट्रांसक्शन करना होता है, पहला buy और दूसरा sell का.

फायदे

  • कम एक्सपेंस रेश्यो और कम ब्रोकर कमीशन
  • डायवर्सिफिकेशन के माध्यम से रिस्क मैनेजमेंट
  • ये किसी एक इंडस्ट्री पर फोकस्ड होते है.

नुकशान

  • Active ETF के फी ज्यादा होता है.
  • Highly focused होने के कारण diversification लिमिट हो जाता है.

तो कुछ इस तरह से आप ETF काम कैसे करता है? ETF में निवेश कर सकते है. अगर यहाँ सही से निवेश किया जाये तो, यहाँ से से अच्छा retrun कमाया जा सकता है. तो उम्मीद है की, आप सब ये समझ चुके है की, ETF kya hai? और इसमें निवेश कैसे करे? अगर इस पोस्ट में कुछ भी वैल्यू है तो, इसे दुसरो के साथ शेयर जरूर करे.

What is Bond ETF

आप सभी ETF ( Exchange Traded Fund ) के बारे में जानते होंगे, उसी प्रकार से Bond ETF भी एक तरह का ETF है को की सिर्फ Bond निवेश करता है, अगर आप कम रिस्क में निश्चित रिटर्न लेना चाहते है तो बांड में निवेश करना सबसे अच्छा तरीका है, लेकिंन इसमें निवेश करना हर किसी की लिए संभव नहीं होता क्योकि इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम की जरुरत होती इसके अलावा आपको कौन से बांड में निवेश करना है इसका चुनाव करना भी कठिन काम है, इसके साथ साथ इसमें Liquidity भी नहीं, इन सभी समस्या को समधान करने का एक ही बस तरीका है और वो है Bond ETF के मदद से !

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BOND ETF

Bond ETF जिस प्रकार से Nifty-ETF, Banknifty-ETF, Gold-ETF और Silver ETF है उसी प्रकार से एक तरह का यह भी ETF है जो की Bond में निवेश करता है! यह किस तरह के बांड में निवेश कर रहा है उसके आधार पर भी इसको अलग अलग प्रकार से बाटा गया है! भारत में 2 प्रकार के Bond ETF है

  • Sovereign BOND ETF
  • Corporate BOND ETF

आप सभी तो टेक्निकल एनालिसिस में Gap के बारे में जानते होंगे जो की तब बनता है जब कोई स्टॉक का प्राइस जब आपने Closeing प्राइस के बहुत ऊपर या फिर नीचे बनता है ETF काम कैसे करता है? लेकिन क्या आपको Profit Gap के बारे में पता है अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताते है! … Read more

जब आप किसी शेयर या फिर Future में Intraday, Swing या Position ट्रेडिंग करते है तो उसमे ट्रेड करने का तरीका अलग होता लेकिन जब आप Option में ट्रेडिंग करते है तो उसमे ट्रेड बाकि सभी से अलग होती है आप इसमें अलग अलग तरीको से ट्रेडिंग कर सकते है, आम तौर पर जब शेयर … Read more

आप सभी को तो यह पता है जब आप शेयर मार्केट में किसी शेयर की जो किमत होती है उस किमत पर जब किसी स्टॉक को खरीदते है और जब शेयर आपके ख़रीदे हुए मूल्य से ऊपर जाती है तो आपको फायदा और जब नीचे जाती है तो आपको नुकसान होता है, इसमें आपके पास … Read more

EXCHANGE TRADED FUND

Zerodha

ETF क्या होता है ? ETF और सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में क्या समानता और क्या अंतर है? ETF कितने प्रकार का होता है ? ETF के क्या फायदे है? और ETF इतना पोपुलर क्यों है? ETF में कैसे निवेश किया जा सकता है ?आइए सबसे पहले बात करते है?

ETF क्या होता है ?

EXCHANGE TRADED FUND यानी ETF एक ऐसे BASKET OF SECURITES की तरह होता है, जो STOCK EXCHANGE में सामान्य स्टॉक की तरह ट्रेड होता है,

ETF में निवेश, निजी स्टॉक ट्रेडिंग और म्यूच्यूअल फण्ड, दोनों से मिलता जुलता निवेश का बेहतरीन विकल्प है,

ETF किसी स्टॉक एक्सचेंज के INDEX में शामिल ,ETF काम कैसे करता है? अलग अलग स्टॉक में उसी अनुपात में निवेश करता है, जिस अनुपात में अलग अलग स्टॉक उस इंडेक्स में शामिल किये गए है,

जैसे – NIFTY 50 एक INDEX है , और इस तरह NIFTY 50 ETF एक निफ्टी इंडेक्स पर आधारित फण्ड है, जो केवल NIFTY INDEX में शामिल 50 स्टॉकस में से किसी स्टॉक में निवेश करेगा, और जिस अनुपात में कोई स्टॉक निफ्टी 50 के इंडेक्स में ETF काम कैसे करता है? शामिल है, उसी अनुपात में फण्ड का पैसा, उस स्टॉक में लगाया जायेगा,

और इस तरह निफ्टी 50 ETF में उतार चढाव उसी अनुपात में होगा, जिस अनुपात में निफ्टी 50 के इंडेक्स में होगा,

ETF एक स्टॉक मार्केट के शेयर की तरह LISTED, म्यूच्यूअल फण्ड होता है, जिसकी डेली बेसिस पे ट्रेडिंग होता है,

नार्मल म्यूच्यूअल फण्ड में दिन के ख़तम होने पर स्टॉक का प्राइस या UNDERLYING ETF काम कैसे करता है? ASSET की वैल्यूएशन के बेसिस पे NAV को कैलकुलेट किया जाता है, और उस NAV के BASE पर म्यूच्यूअल फण्ड की खरीद और विक्री होती है,

लेकिन ETF की सुविधा द्वारा आप REALTIME में स्टॉक मार्केट में चल रहे भाव के आधार पर उस ETF को खरीद और बेच सकते है, अगर किसी दिन मार्केट में 5% का उतार चढाव आता है, तो जब भाव कम है तभी निवेशक उस ETF को खरीद सकता है, और जैसे ही भाव बढ़ जाता है, वो उसे बेचकर लाभ कमा सकता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) और म्यूच्यूअल फण्ड में समानता

1. एक तरफ EXCHANGE TRADED FUND एक म्यूच्यूअल फण्ड की तरह है ,जो निवेशको से लिए गए पैसो को किसी खास इंडेक्स के शेयर्स या किसी दुसरे Asset class में निवेश करता है,

2. जिस तरह आप म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे छोटे निवेश करके एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश का लाभ ले पाते है, वैसे ही ETF में निवेश से भी आपको इस तरह के DIVERSIFED पोर्टफोलियो का लाभ मिलता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)और म्यूच्यूअल फण्ड में अंतर

1.सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को स्टॉक मार्केट में बेचा और ख़रीदा नहीं जा सकता लेकिन ETF की खरीद और विक्री किसी स्टॉक की तरह ही स्टॉक मार्केट पर किया जा सकता है,

  1. सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश के लिए आपको DEMAT ACCOUNT की आवश्यकता नहीं होती लेकिन ETF में निवेश के लिए आपको ट्रेडिंग और DEMAT अकाउंट की जरुरत होती है,
  2. म्यूच्यूअल फण्ड किसी फण्ड मेनेजर द्वारा ACTIVE रुप से खूब सारा रिसर्च करके स्टॉकस में निवेश किया जाता है, इस तरह सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड एक ACTIVLY MANAGED FUND है,

जबकि ETF को किसी एक्टिव फण्ड मेनेजर की आवश्यकता नहीं होती, ETF किसी खास INDEX के अन्दर आने वाले ASSET में INDEX की बनावट के अनुसार ही काम करता है, और इस तरह ETF एक PASSIVE MANGAED FUND है,

  1. ETF में निवेश करने के ऊपर लगने वाली फीस यानी खर्च, किसी अन्य सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड में लगने वाले खर्च से काफी काम होता है,
  2. ETF को खरीदने और बेचने, दोनों समय हमें ब्रोकरेज फीस देना होता है, जबकि म्यूच्यूअल फण्ड खरीदने पर हमें EXIT FEES देना होता है, और फण्ड को मैनेज करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड फीस भी देना होता है,
  3. ETF को हम रियल टाइम स्टॉक मार्केट प्राइस पर खरीद और बेच सकते है, जबकि सामान्य म्यूच्यूअल फण्ड को हम DAY TRADING नहीं कर सकते है, और इसमें हमें NAV के मूल्य पर ही खरीदना और बेचना होता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)कैसे खरीदते है?

मान लीजिए आप, देश के सबसे लोकप्रिय ETF GOLDMAN SACHS NIFTY BeEs खरीदना चाहते है,

तो आपको अपने ब्रोकर को GS NFITY BeEs ETF खरीदने का आर्डर देना होगा,

और ब्रोकर स्टॉक से खरीदेगा और एक बार लेन देन पूरा हो जाने पर, वो ETF आपके DEMAT ACCOUNT में आ जायेगा,

लेकिन इस ETF में आने वाले स्टॉक का स्वामित्व गोल्डमन सैक के पास ही रहेगा,जो ETF का स्पोंसर कहलाता है,

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के प्रकार

ETF तीन प्रकार के होते है-

  1. EQUITY ETF – LargeCap ETF, Midcap ETF, Mutlicap ETF,
  2. DEBT ETF
  3. COMMODITY ETF- GOLD ETF

ETF (EXCHANGE TRADED FUND) के क्या फायदे है?

  1. Diversification
  2. TRADED ON STOCK MARKET
  3. LOW FEES
  4. REAL TIME NAV (MARKET PRICE)
  5. TAX BENEFITS
  6. BENETIS OF INDEX INVESTMENT
  7. TRANSPARENCY IN HOLDINGS – DAILY

ETF (EXCHANGE TRADED FUND)इतना पोपुलर क्यों है?

ETF एक कम खर्च में किसी भी देश के स्टॉक इंडेक्स में किया जाने वाला निवेश का विकल्प है, किसी देश का इंडेक्स उस देश के सबसे अच्छे और मजबूत कंपनी के शेयर से मिलकर बना होता है,

और इस तरह ETF में निवेश से पुरे स्टॉक मार्केट के सबसे अच्छे कंपनी में निवेश का लाभ मिल जाता है, जो ETF काम कैसे करता है? कि ETF काम कैसे करता है? एक आम निवेशक या बड़ी निवेशक कंपनी सभी को अच्छा लगता है,

सोने के गहनों, ईटीएफ और बॉन्ड में निवेश करना है तो जान लें ये जरूरी बातें और टैक्स नियम

वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि हाथ में सोना नकदी का अच्छा विकल्प है

सोने के गहनों, ईटीएफ और बॉन्ड में निवेश करना है तो जान लें ये जरूरी बातें और टैक्स नियम

सोना और गहनों के साथ महिलाओं का खासा संबंध रहा है.

खास बातें

  • मेकिंग चार्जेज पर जरूर करनी चाहिए बात
  • एसजीबी सोने में निवेश पर ब्याज देते हैं
  • ईटीएफ एक प्रकार से म्यूचुअल फंड की तरह है.

अकसर देखा जाता है कि लोग सोने में निवेश इसलिए भी करते हैं क्योंकि यह न केवल एक बेहतर विकल्प बल्कि समय पर इसे आसानी से नकद में बदला भी जा सकता है. वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि हाथ में सोना नकदी का अच्छा विकल्प है तो गोल्ड में डिमैट के जरिए निवेश जैसे ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और एसजीबी (सोवरिन गोल्ड बॉन्ड) कीमत लगातार बनाए रखता है. जो भी लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं वह खरीदने के लिए अकसर सही समय देखते हैं. यह जरूरी है कि इसके लिए टैक्स कानून की भी समझ हो.

जानकारों का कहना है कि सोना केवल बाजार की भावनाओं के आधार पर नहीं लेना चाहिए. सबसे पहले हमें तीन बेसिक बातों के बारे में जानना चाहिए. सोने, गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बॉन्ड को समझना भी जरूरी है.

फिजिकल गोल्ड को ऐसा सोना के तौर पर समझा जाए जैसे कि हमने अपने हाथ में सोना ले लिया है. यानि फिजिकल गोल्ड. यह ETF काम कैसे करता है? सोने का सिक्का हो सकता है, सोने का गहना हो सकता है. ऐसा सोना वर्तमान सोने के दाम और सोने के गहने या सिक्का बनाने के दाम जिसे मेकिंग चार्जेज कहते के साथ खरीदा जा सकता है. गहने बनाने का चार्ज सोनार लेता है. वह अकसर खरीदार की पसंद के हिसाब से गहना तैयार करता है. बाद में सोने के वजन और मेहनताना के हिसाब से पैसे लेता है. यही मेकिंग चार्ज होता है जिसकी वजह से हम अकसर देखते हैं कि हर दुकान में एक गहना के दाम दूसरे की दुकान से अलग होता है.

बात गोल्ड ईटीएफ की. यह एक प्रकार से म्यूचुअल फंड की तरह है. फर्क केवल इतना है कि यहां जो भी निवेशक होते हैं उनका पैसा सोने में ही लगाया जाता है. दूसरे शब्दों में यहां पर सोना फिजिकल फॉर्म में नहीं होता बल्कि डीमैट फॉर्म में होता है. गोल्ड ईटीएफ के लिए डिमैट अकाउंट जरूरी है. दूसरे बात फिजिकल गोल्ड की तुलना में गोल्ड ईटीएफ का दाम कनसिस्टेंट होता है.

फिजिकल गोल्ड की अपेक्षा, सोने में निवेश दो तरह से किया जा सकता है. एक गोल्ड ईटीएफ और दूसरा गोल्ड बॉन्ड. एसजीबी (सोवरिन गोल्ड बॉन्ड) सोने में निवेश पर ब्याज देते हैं. यह हर 6 महीने में देय होता है. यह रेट 2.5 प्रतिशत होता है. गोल्ड बॉन्ड या कहें एसजीबी को आधिकारिक बैंकों से खरीदा जा सकता है. यह एनबीएफसी या फिर स्टॉक एक्सचेंज से भी लिया जा सकता है.

पांच जरूरी बातें जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए यदि सोने में निवेश का मन है -

1. फिजिकल गोल्ड बनाम डिमैट गोल्ड
जो निवेशक फिजिकल गोल्ड में निवेश के इच्छुक है उन्हें मेकिंग चार्जेज पर ध्यान देना चाहिए. कम से कम मेकिंग चार्जेज के साथ खरीदें. कई बार देखा गया है कि सोनार मेकिंग चार्जेज में डिस्काउंट देता है. जानकारों का कहना है कि यह खासतौर पर त्योहारों के मौसम में होता है. यह अच्छा होगा कि सोनार से अलग-अलग गहनों पर मेकिंग चार्जेज के बारे में जानकारी ले ली जाए.

अरिहंत केपिटल मार्केट में कमोडिटीज के रिसर्च हेड ने एनडीटीवी से कहा कि अगर बाजार से सोना ले रहे हैं तब या तो सोना डिमैट फॉर्म में ले या फिर गोल्ड कॉयन में लें. बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए निवेशक को अपना पैसा फिजिकल मार्केट या फ्यूचर ETF काम कैसे करता है? मार्केट में भी थोड़ा पैसा लगाना चाहिए.

2. क्या सोने में निवेश करना चाहिए?
सोने में अकसर यह सोच कर निवेश किया जाता है कि यह निवेस में सबसे कम रिस्क का रास्ता है और सुरक्षित है. जानकारों का कहना है कि यही कारण है कि शेयर बाजार में निवेश या इससे संबंधित निवेश विकल्प की तुलना में विपरीत रिश्ता है. सोने में निवेश बाजार की भावनाओं के हिसाब से नहीं होना चाहिए. होना यह चाहिए कि व्यक्ति अपनी वित्तीय जरूरतों और पोर्टफोलियो के साइज के हिसाब से निवेश तय करे. 5nance.com के संस्थापक और सीईओ दिनेश रोहिरा का कहना है कि सोना हमेशा से निवेश का सुरक्षित विकल्प रहा है. खासतौर पर पारिवारिक विपदा या फिर किसी बड़ी भू-राजनीतिक घटना के समय यह काम आता रहा है.

3. कौन सी खास बातों का रखें ध्यान
क्रेडिट एजेंसी केयर के रेटिंग्स एक्सपर्ट की राय में सोने का भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1350 डॉलर तक रहने की उम्मीद है. यह कम समय तक रहेगा. कुछ लंबे समय में मध्य एशिया, अमेरिकी सरकार के बढ़ते कर्ज और बढ़ती महंगाई दर, शेयर बाजार में खतरे और भू-राजनैतिक तनाव के चलते सोना के दाम को बल मिल सकता है. कटारिया का मानना है कि वर्तमान हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले डेढ़ साल में सोने के दाम बढ़ने के ही आसार हैं. किसी को भी मिड टर्म आउटलुक के साथ सोने में निवेश करना चाहिए. यह भी कम से डेढ़ साल से दो साल के लिए ठीक होगा.

4. क्या सोना खरीदने के लिए यह सही समय है?
कई जानकारों की सलाह कि विपत्ति के समय सोना कारगर विकल्प है. बाजार के उतार-चढ़ाव, महंगाई और अस्थिरता के समय भी सोने में निवेश फायदेमंद होता है. रोहिरा का कहना है कि पिछले पांच सालों में सोना फ्लैट ही रहा है कि लेकिन अब बनती परिस्थितियों के चलते पॉजिटिव मोमेंटम बना है. महंगाई दर कम होने से सोना एक अच्छा विकल्प बना है और फिलहाल सोने में निवेश का सही समय है और यह निवेश पांच के लिए करने के मन के साथ किया जाना चाहिए.

आज से लॉन्च हुई भारत बॉन्ड ETF की चौथी किस्त, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

भारत बॉन्ड ETF केवल 'AAA' रेटिंग वाले सरकारी कंपनियों के बॉन्ड्स यानी फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है.

भारत बॉन्ड ETF की चौथी किस्त आज से निवेश के लिए खुल गई है. ये भारत का पहला कॉर्पोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है. इस फंड को मैनेज कर रही एडेलवाइस म्यूचुअल फंड ने कहा है कि ये बॉन्ड पैसा लगाने के लिए 8 दिसंबर तक खुला रहेगा.

क्या होता है भारत बॉन्ड ETF

भारत बॉन्ड ETF केवल 'AAA' रेटिंग वाले सरकारी कंपनियों के बॉन्ड्स यानी फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है. ये एक तय समय के लिए जारी किया जाता है, मैच्योर होने के बाद निवेशक को उसका पैसा रिटर्न के साथ मिल जाता है. इस स्कीम के जरिए सरकारी कंपनियां अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा जुटाती है. भारत बॉन्ड ETF निवेश के लिहाज से बिल्कुल सुरक्षित है और इसमें तय रिटर्न मिलता है, क्योंकि ये सिर्फ AAA रेटिंग वाले वाले बॉन्ड्स में ही निवेश करता है. इसमें 7-7.25% तक का रिटर्न मिलने का अनुमान होता है.

ये 2019 में लॉन्च किया गया था. इस ETF का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 50,000 करोड़ रुपये ETF काम कैसे करता है? को पार कर चुका है. अबतक भारत बॉन्ड ETF की पांच मैच्योरिटी वाली स्कीम्स लॉन्च हो चुकी हैं, 2023, 2025, 2030, 2031 और 2032.

किन निवेशकों के लिए है स्कीम

ये नई भारत बॉन्ड ETF और भारत बॉन्ड फंड ऑफ फंड (FOF) सीरीज अप्रैल 2033 में मैच्योर होगी. भारत बॉन्ड ETF उन कंजर्वेटिव निवेशकों के लिए है जिन्हें फिक्स्ड इनकम की खातिर कम लागत वाले हाई क्वालिटी डेट इंस्ट्रूमेंट की तलाश है.

1,000 करोड़ जुटाएगी सरकार

इस नई सीरीज के जरिए चौथी किस्त में सरकार 1,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है, इसके साथ 4000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन भी है, यानी इसके ऊपर भी सब्सक्रिप्शन मिला तो वो स्वीकार किया जाएगा.पिछले साल सरकार ने इसकी तीसरी किस्त जारी की थी, जिसका इश्यू साइज 1,000 करोड़ रुपये था. वो इश्यू 6.2 गुना ओवर सब्सक्राइब हुआ था और उसे 6200 करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं.

कैसे करें निवेश

अगर डीमैट अकाउंट है तो भारत बॉन्ड ETF-2033 में निवेश कर सकते हैं

अगर डीमैट अकाउंट नहीं है तो भारत बॉन्ड ETF FOF में निवेश कर सकते हैं

भारत बॉन्ड ETF की वेबसाइट (www.invest.edelweissmf.com) पर जाकर डीमैट की जानकारी डालकर निवेश कर सकते हैं

स्मार्टफोन है तो eInvest मोबाइल ऐप या अपने ब्रोकर के जरिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं

ऑफलाइन मोड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं, इसके लिए अपने म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर से बात करें

ऑनलाइन निवेश के लिए UPI और नेटबैंकिंग की सुविधा उपलब्ध है, NEFT, RTGS का भी ऑप्शन है

ऑफलाइन निवेश के लिए आपको निवेश फॉर्म के साथ चेक देना होगा

जब बाजार खुला रहे तो अपने डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए आप कभी भी खरीद या बेच सकते हैं

कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता, लेकिन FOF के केस में अगर निवेश 30 दिन के अंदर निकाला तो 0.10% का एग्जिट लोड, 30 दिन के बाद कोई एग्जिट लोड नहीं

मिनिमम 1000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं, फिर इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल का निवेश

भारत बॉन्ड ETF का पहला इश्यू साल 2019 में आया था, जिससे सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेस (CPSEs) को 12,400 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली थी. दूसरी और तीसरी किस्त में 11,000 करोड़ और 6200 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. इन सबको मिला दिया जाए तो तीन किस्तों में अबतक 29600 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं.

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