सीआईएसएफ टीम ने 16 लाख रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा के साथ यात्री को आईजीआई एयरपोर्ट पर पकड़ा
दिल्ली में आईजीआई एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ टीम ने एक यात्री को 73,000 सऊदी रियाल के साथ (passenger nabbed by cisf with foreign currency) पकड़ा. इसकी कीमत करीब 16 लाख रुपये आंकी गई है. आरोपी और उससे बरामद विदेशी मुद्रा को कस्टम अधिकारियों को सौंप दिया गया है.
नई दिल्ली: राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की टीम ने एक यात्री को अवैध रूप से विदेशी करेंसी को देश से बाहर ले जाते हुए पकड़ा (passenger nabbed by cisf with foreign currency) है. आरोपी यात्री ने विदेशी करेंसी को अपने ट्रॉली बैग में बनाए हुए नकली तली में छुपा रखा था. बरामद की गई करेंसी सऊदी रियाल है, जिसकी कीमत करीब 16 लाख रुपये आंकी गई है. पकड़े जाने के बाद यात्री को एयरपोर्ट कस्टम के हवाले कर दिया गया है.
सीआईएसएफ के प्रवक्ता एआईजी अखिलेश शुक्ला ने बताया कि आरोपी भारतीय यात्री शेख पप्पू खान, मंगलवार शाम करीब 5 बजे आईजीआई इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल-3 पर पहुंचा था. इस दौरान टर्मिनल में तैनात बल के इंटेलिजेंस की टीम को चेक इन के सी पंक्ति में खड़े यात्री के हाव भाव पर संदेह हुआ. यात्री की जांच करने पर पता चला कि उसे शाम 7 बजकर 25 मिनट पर दिल्ली से दुबई के लिए उड़ान भरने वाली स्पाइसजेट की उड़ान संख्या एसजी 5 से दुबई जाना है. संदेह होने पर उनके सामान की गहन जांच के लिए उन्हें औचक चेकिंग प्वाइंट पर ले जाया गया. यहां एक्स-बीआईएस मशीन के माध्यम से उसके बैग की जांच करने पर फल्स बॉटम की संदिग्ध छवि देखी गई.
इसके बाद, यात्री को चेक-इन औपचारिकताओं को पूरा करने की अनुमति दी गई और भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक उपायों के माध्यम से उसे कड़ी निगरानी में रखा गया. चेक-इन प्रक्रिया और आप्रवासन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, यात्री को खुफिया कर्मचारियों द्वारा रोका गया और प्रस्थान सीमा शुल्क कार्यालय लाया गया. यहां उसके बैग की पूरी तरह से जांच करने पर कस्टम अधिकारियों की उपस्थिति में लगभग 16 लाख रुपये मूल्य के 73,000 सऊदी रियाल का पता चला, जो बैग के नकली तली में छुपाए गए थे.
पूछताछ करने पर वह इतनी बड़ी मात्रा में करेंसी ले जाने के वैध दस्तावेज पेश पेश नहीं कर सका. मामले में आगे की कार्रवाई के लिए यात्री को लगभग 16 लाख रुपये मूल्य के 73,000 सऊदी रियाल के साथ कस्टम अधिकारियों को सौंप दिया गया. अब आगे की जांच कस्टम की टीम करेगी.
विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई
115F. (1) एक अनिवासी भारतीय की जा रही एक निर्धारिती के मामले में, किसी भी लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ एक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति का हस्तांतरण से उत्पन्न होती हैं (परिसंपत्ति तो मूल संपत्ति के रूप में भेजा इस खंड में किया जा रहा है इसके बाद तबादला), कहाँ और निर्धारिती, इस तरह के हस्तांतरण की तारीख के बाद छह महीने की अवधि के भीतर, निवेश किया है 27 [***] पूरे या किसी भी निर्दिष्ट संपत्ति में शुद्ध विचार के किसी भी भाग 28 [***], या किसी भी बचत प्रमाणपत्रों में धारा 10 (जैसे निर्दिष्ट परिसंपत्ति की, खंड (4 बी) में निर्दिष्ट 29 विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई [***], या नई संपत्ति के रूप में भेजा इस खंड में इसके बाद की जा रही इस तरह के बचत पत्र), पूंजीगत लाभ के अनुसार कार्रवाई की जाएगी इस धारा के प्रावधानों के बाद, कि, कहने के लिए है -
नई संपत्ति की लागत मूल संपत्ति के संबंध में शुद्ध विचार से भी कम नहीं है अगर (एक), इस तरह के पूंजी लाभ की पूरी धारा 45 के तहत शुल्क नहीं लिया जाएगा;
(ख) नई संपत्ति की लागत मूल संपत्ति के संबंध में शुद्ध विचार, नई परिसंपत्ति के अधिग्रहण की लागत के रूप में उसी अनुपात हासिल पूंजी का पूरी करने के लिए भालू के रूप में पूंजी लाभ का इतना से भी कम है अगर शुद्ध विचार करने के लिए भालू धारा 45 के तहत शुल्क नहीं लिया जाएगा.
किसी भी नए संपत्ति के संबंध में (मैं) "लागत", एक जमा किया जा रहा है 30 [***] उपखंड में निर्दिष्ट (iii) या उपखंड (वी), खंड (च) धारा के तहत निर्दिष्ट 115C, इस तरह जमा की गई राशि का मतलब है;
(Ii) "शुद्ध विचार", मूल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में पूर्ण प्राप्त विचार के मूल्य या इस तरह के संबंध में पूर्ण और विशेष रूप से किए गए खर्च से कम के रूप में ऐसी संपत्ति के हस्तांतरण का एक परिणाम के रूप में एकत्रित का मतलब हस्तांतरण.
(2) नई परिसंपत्ति इसके अधिग्रहण की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के भीतर, पैसे में स्थानांतरित या (अन्यथा हस्तांतरण के बजाय) बदल जाती है, धारा के तहत आरोप नहीं मूल संपत्ति के हस्तांतरण से उत्पन्न होने वाले पूंजी लाभ की राशि खंड (क) या में प्रदान के रूप में ऐसी नई संपत्ति की लागत के आधार पर 45, खंड (ख), उप - धारा (1) के सिर "राजधानी तहत आय प्रभार्य हो समझा जाएगा जैसा भी मामला हो लाभ "पैसे में (अन्यथा हस्तांतरण के बजाय) नई संपत्ति हस्तांतरित या बदल जाती है, जिसमें पिछले वर्ष की अल्पावधि पूंजी संपत्ति के अलावा और राजधानी की संपत्ति से संबंधित.
ED Action: देश की सबसे बड़ी जब्ती कार्रवाई को मंजूरी, इस बड़ी कंपनी पर कसा ईडी का शिकंजा
दरअसल, ईडी ने 29 अप्रैल को फेमा कानून के तहत शाओमी की इस बैंक जमा को जब्त करने का आदेश जारी किया था। बाद में इस आदेश को प्राधिकरण की स्वीकृति के लिए भेजा गया था।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के सक्षम प्राधिकारी ने चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी शाओमी के 5,551 करोड़ रुपये जब्त करने की कार्रवाई को मंजूरी दे दी। देश के इतिहास में यह सबसे बड़ी जब्ती की कार्रवाई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों में जमा शाओमी की राशि जब्त करने का आदेश 29 अप्रैल को दिया था।
बाद में, मंजूरी के लिए इसे सक्षम प्राधिकारी को भेजा गया। कानूनन यह स्वीकृति अनिवार्य है। देश में विदेशी मुद्रा विनियम के उल्लंघन से निबटने के लिए फेमा का इस्तेमाल किया जाता है। शाओमी भारत में एमआई व शाओमी के नाम से मोबाइल फोन का कारोबार करती है, जो चीन के शाओमी समूह के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
ईडी के अनुसार, शाओमी ने भारत में 2014 में कारोबार शुरू किया और 2015 से देश से धन बाहर भेजना शुरू किया। कंपनी ने तीन विदेशी इकाइयों को रॉयल्टी के नाम पर 5551 करोड़ से अधिक का भुगतान किया। इसमें एक इकाई शाओमी समूह की खुद की है।
अवैध रूप से विदेश भेजी राशि प्राधिकारी ने माना, 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर मूल्य की विदेशी मुद्रा शाओमी ने गैरकानूनी रूप से विदेश भेजी। रॉयल्टी के नाम पर भुगतान सिर्फ विदेशी मुद्रा भारत से बाहर भेजने का बहाना भर था, जो फेमा का खुला उल्लंघन था।
विस्तार
विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के सक्षम प्राधिकारी ने चीन की मोबाइल निर्माता कंपनी शाओमी के 5,551 करोड़ रुपये जब्त करने की कार्रवाई को मंजूरी दे दी। देश के इतिहास में यह सबसे बड़ी जब्ती की कार्रवाई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों में जमा शाओमी की राशि जब्त करने का आदेश 29 अप्रैल को दिया था।
बाद में, मंजूरी के लिए इसे सक्षम प्राधिकारी को भेजा गया। कानूनन यह स्वीकृति अनिवार्य है। देश में विदेशी मुद्रा विनियम के उल्लंघन से निबटने के लिए फेमा का इस्तेमाल किया जाता है। शाओमी भारत में एमआई व शाओमी के नाम से मोबाइल फोन का कारोबार करती है, जो चीन के शाओमी समूह के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
ईडी के अनुसार, शाओमी ने भारत में 2014 में कारोबार शुरू किया और 2015 से देश से धन बाहर भेजना शुरू किया। कंपनी ने तीन विदेशी इकाइयों को रॉयल्टी के नाम पर 5551 करोड़ से अधिक का भुगतान किया। इसमें एक इकाई शाओमी समूह की खुद की है।
अवैध रूप से विदेश भेजी राशि प्राधिकारी ने माना, 5551.27 करोड़ रुपये के बराबर मूल्य की विदेशी मुद्रा शाओमी ने गैरकानूनी रूप से विदेश भेजी। रॉयल्टी के नाम पर भुगतान सिर्फ विदेशी मुद्रा भारत से बाहर भेजने का बहाना भर था, जो फेमा का खुला उल्लंघन था।
ई-नगेट्स गेमिंग एप से ठगी
खान ने ई-नगेट्स के नाम से लोगों को ठगने के लिए मोबाइल गेमिंग एप बनाया था। इस एप के जरिये शुरू विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई में तो मोबाइल गेम खेलने वालों को पैसे मिलते, लेकिन जब पर्याप्त राशि कंपनी के पास आ जाती, तो अचानक से किसी-न-किसी बहाने से पैसा मिलना बंद हो जाता। बाद में एप के सर्वर से सारा डाटा भी नष्ट कर दिया जाता था। खान के खिलाफ छापे में एजेंसी को 17.32 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।
RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.
RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.
RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183
रिजर्व बैंक की चेतावनी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर देखें अलर्ट लिस्ट
रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.
Foreign Travel: जा रहे हैं विदेश घूमने, जानिए कितना कैश ले जा सकते हैं
लोगों की जैसे-जैसे आदमनी बढ़ी है, सौर सपाटा (Travelling) भी बढ़ रहा है। अब तो लोग देशी स्थानों (Domestic Travel) की ही नहीं, विदेशों की भी सैर (Foreign Travel) खूब करने लगे हैं। आप भी यदि विदेशों की सैर करना चाहते हैं तो आइए, आपको बताते हैं विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) से जुड़े नियम।
How much cash is allowed to be carried abroad (File Photo)
- विदेश यात्रा के लिए नकद रूप से कितनी विदेशी मुद्रा साथ ले जा सकते हैं?
नेपाल और भूटान जैसे कुछ देशों को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी देशों की यात्रा पर जा रहे यात्रियों को प्रति यात्रा 3,000 अमरीकी डालर विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई तक के मूल्य के विदेशी मुद्रा नोट या सिक्के खरीदने की अनुमति है। कोई व्यक्ति इससे ज्यादा की राशि ले जाना चाहे तो उस राशि को स्टोर वैल्यू कार्ड, यात्रा चेकों अथवा बैंकर्स ड्राफ्ट के रूप में ले जा सकते हैं। हालांकि, इस के अपवाद हैं: (ए) इराक या लीबिया को जा रहे यात्री, जो विदेशी मुद्रा नोटों तथा सिक्कों के रूप में प्रति यात्रा 5000 अमरीकी डालर ले जा सकते हैं। (बी) इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान, रशियन फेडरेशन तथा पूर्व सोवियत संघ से अलग हुए देशों —सीआईएस— की यात्रा करने वाले यात्री जो विदेशी मुद्रा नोटों तथा सिक्कों के रूप में पूरी विदेशी मुद्रा (250,000 अमरीकी डॉलर) नकद ले जा सकते हैें। - हज/उमराह की तीर्थयात्रा के लिए जाने वालों के लिए क्या नियम है?
हज/उमराह की तीर्थयात्रा पर जा रहे यात्री – पात्रता की पूरी (2,50,000 अमरीकी विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई डॉलर) राशि नकदी में ले जा सकते हैं। - विदेश से लौटते समय कोई भारतीय नागरिक कितनी भारतीय मुद्रा साथ ला सकता है?
भारत का कोई निवासी, जो भारत के बाहर अस्थायी दौरे पर गया है, भारत के बाहर किसी भी स्थान (नेपाल और भूतान को छोड़कर) से अपनी भारत वापसी के समय भारतीय नोट वापस ला सकता है। लेकिन वह 25 हजार रुपये से अधिक नहीं हो। कोई व्यक्ति नेपाल अथवा भूटान से 100 रुपये से अधिक मूल्य वर्ग के भारत सरकार के करेंसी नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट नहीं ला सकता। - भारत का दौरा करते समय कोई व्यक्ति कितनी विदेशी मुद्रा ला सकता है?
विदेश से भारत में आने विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई वाला व्यक्ति अपने साथ किसी सीमा के बिना विदेशी मुद्रा ले आ सकता है। लेकिन, यदि आए मुद्रा नोटों, बैंक नोटों, अथवा यात्री चेकों के रूप में साथ ले आए विदेशी मुद्रा का कुल मूल्य 10,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक है तथा/अथवा केवल विदेशी मुद्रा का मूल्य 5,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से अधिक है तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही कुछ कार्रवाई करनी होगी। उन्हें भारत में आगमन पर मुद्रा घोषणा फॉर्म (सीडीएफ़) में एयर पोर्ट पर कस्टम्स अधिकारियों के समक्ष उसे घोषणा करनी होगी। - क्या विदेश यात्रा करने के लिए खरीदी जाने वाली विदेशी मुद्रा की रुपये में भुगतान किया जा सकता है?
विदेश यात्रा करने के लिए विदेशी मुद्रा किसी अधिकृत व्यक्ति से 50,000 रुपये से कम राशि का रुपये में नकद भुगतान कर खरीद सकते हैं। लेकिन, यदि विदेशी मुद्रा की रकम 50,000 रुपये के समतुल्य अथवा उससे अधिक राशि का है तो पूरा भुगतान क्रास्ड चेक/बैंकर्स चेक/पे ऑर्डर/डिमांड ड्राफ्ट/क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/प्रीपैड कार्ड के माध्यम से किया जा सकता है। - क्या भारत लौटने वाले यात्री को विदेशी मुद्रा वापस करने के लिए कोई समय-सीमा है?
विदेश यात्रा से वापस आने पर यात्रियों को करेंसी नोट तथा यात्री चेकों को वापस करने का नियम है। सामान्य रूप से वापस आने की तारीख से 180 दिन के भीतर इसे वापस कर देना चाहिए। हालांकि, वे चाहें विदेशी मुद्रा में मूल्य कार्रवाई तो भविष्यकालीन उपयोग के लिए विदेशी मुद्रा नोटों अथवा यात्री चेकों के रूप में 2,000 अमरीकी डॉलर रख सकते हैं। - विदेश यात्रा से कितने दिन पहले विदेशी मुद्रा ले सकते हैं?
यात्रा से 60 दिन पहले आप अपनी रकम को विदेशी करंसी में बदलवा सकते हैं। यह काम आप मनी एक्सचेंजर, बैंक या एयरपोर्ट पर करा सकते हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि इस काम को बाद के लिए लटका कर न रखें। यदि आप एयरपोर्ट पर मनी एक्सचेंज करवाते हैं तो वह महंगा पड़ता है। क्योंकि एयरपोर्ट पर मौजूद एक्सचेंजर आमतौर पर बाजार से 3-4 फीसदी ज्यादा दाम वसूलते हैं। - विदेशों में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी हो सकती है?
अगर आप ज्यादा पैसा खर्च करते हैं तो अपना इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड यूज कर सकते हैं। हालांकि इससे बचना चाहिए। क्योंकि, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर आपको कनवर्जन चार्ज के साथ-साथ ट्रांजैक्शन फीस (90-150 रुपये हर बार) भी देनी पड़ेगी। इसके मुकाबले यदि आप नकद पेमेंट करते हैं तो वह सस्ता पड़ता है।
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