अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर
मात्र 12,500 रूपए महीने निवेश कर पाएं 50 लाख रूपए
म्यूचुअल फंड में लंबे समय तक निवेश करके आप बड़ा अमाउंट आसानी से पा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको नियमित रूप से हर महीने इसमे अपने लक्ष्य के हिसाब से निवेश करना होगा। आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे मात्र 12,500 रूपए हर महीने निवेश करके 50 लाख रूपए अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर बहुत ही आसानी से पा सकते हैं।
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सरकार दे रही सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका, 28 फरवरी से आवेदन शुरू, चेक करें कीमतों के साथ सभी डिटेल्स
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कॉरपोरेट बॉन्ड फंड : स्थिर रिटर्न और जोखिम भी नहीं
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NHAI अपने पहले प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के जरिए 5,000-6,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाने को लेकर चर्चा कर रही है। आइए InvIT के बारे में डिटेल में जानते हैं
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एलआईसी नया फंड ऑफर (NFO) सब्सक्रिप्शन के लिए 20 अक्टूबर को खुलेगा और 3 नवंबर को बंद होगा। एक वर्ष से पहले स्कीम से निकलने पर 1 फीसदी एग्जिट लोड होगा। जानिए पूरी डिटेल्स
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अब म्यूचुअल फंड्स के जरिए होगी आपकी चांदी, ऐसे करें निवेश
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Investment: हर महीने 1000 रुपये का निवेश करके बनाएं लाखों, जानिए क्या हैं विकल्प
पैसे से हर किसी की जिंदगी खुशहाल बनी रहती है. पैसा नहीं होने पर लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ऐसे में पैसे कमाने के साथ-साथ निवेश भी करते रहना चाहिए. ताकि भविष्य की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकें.
Published: October 29, 2020 5:08 PM IST
आज के आधुनकि जीवन में हर किसी की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही हैं. इसके साथ कोई भी व्यक्ति जीवन भर काम नहीं करना चाहता है. ऐसे में अपने भविष्य को सुरक्षित करने और सभी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए निवेश करना बहुत आवश्यक हो जाता है.
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लेकिन निवेश करने से पहले अपनी आय का आकलन करना पड़ता है. साथ ही यह भी तय करना पड़ता है कि किस जरूरत को पूरा करने के लिए आप निवेश करना चाह रहे हैं. यह भी तय करना होगा कि कितना पैसा निवेश करना चाहते हैं और कहां पर निवेश करना चाहते हैं.
पहले तो आपको निवेश और बचत के अंतर को समझना जरूरी है. अक्सर लोग बचत तो करते हैं, लेकिन निवेश नहीं करते. जब आप निवेश करते हैं तो आप इसे केवल सुरक्षित नहीं रखते, बल्कि इसे बढ़ाने का प्रयत्न करते हैं. निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेर सारे पैसे हों. आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश करके अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं.
हम आपको यहां पर ऐसे ही पांच तरीके बता रहे हैं जहां हर महीने 1000 रुपये निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
कंपनियों के शेयरों में निवेश
शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक में हर महीने 1000 रुपये निवेश करके आप अपना पोर्टफोलियो अच्छा बना सकते हैं. हालांकि, इतनी कम राशि में आप बड़ी कंपनियों के महंगे स्टॉक्स में अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर निवेश नहीं कर पाएंगे, लेकिन कई ऐसी कंपनियां हैं जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है. ऐसी कंपनियों का शेयर खरीदकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें और शेयर इस मकसद से खरीदें कि आपको इसे 7 से 10 साल के बाद बेचना है. इसलिए ऐसी कंपनी के शेयर खरीदें जिसके फंडामेंटल्स काफी मजबूत हों.
रेकरिंग टर्म डिपॉजिट
रेकरिंग डिपॉजिट (RD) एक तरह का टर्म डिपॉजिट है जो निवेशकों की रेगुलर सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है. RD अकाउंट में हर महीने मिनिमम 100 रुपये निवेश किया जा सकता है. इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है. इसमें ग्राहकों को 3 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक Interest मिलता है. यह भी फिक्स्ड डिपाजिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है, लेकिन यहां निवेश के लिए अधिक सहूलियत है. FD में जहां एक मुश्त पैसा लगाना पड़ता है, RD में आप SIP की तरह अलग-अलग इंस्टालमेंट में मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड्स में निवेश
आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में हर महीने कम से कम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और वे कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड्स निवेश का एक अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Funds स्कीम चुन सकते हैं. Mutual Funds के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. SIP के जरिये आप इसमें निवेश कर सकते हैं. आप चाहें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund), डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक छोटी बचत योजना है, जिसमें आप 100 रुपये से लेकर कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं. इस समय इस पर 6.8 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. आप इसे पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक से खरीद सकते हैं. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये का टैक्स अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर बेनिफिट मिलता है. अगर आप पांच साल के लिए NSC में हर महीने 1000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में इसमें 12,000 रुपये जमा होते हैं, लेकिन पांच साल के बाद यही अमाउंट 16,674 रुपये हो जाती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करने में सबसे कम जोखिम है. इसमें पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं रहता है. अभी PPF पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है और सरकार इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर 1.5 लाख तक का टैक्स लाभ भी देती है. इसका लॉक पीरियड 15 साल है. 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट अलग से मिलेगा.
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शेयरों में करना चाहते हैं SIP तो जान लें ये जरूरी बातें
SIP के जरिए आप निवेश करेंगे तो बार-बार बाजार की चाल पर नजर रखने की झंझट नहीं रहेगी. साथ ही एक ही बार में बड़ी रकम डालने की जरूरत नहीं है
- Money9 Hindi
- Publish Date - June 14, 2021 / 12:18 PM IST
म्यूचुअल फंड की तरह ही आप सीधे शेयरों में भी खुद SIP कर सकते हैं. SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. जैसे आप म्यूचुअल फंड में हर महीने एक तय राशि निवेश के लिए रखते हैं, वैसे ही इस तय रकम से आप सीधे शेयरों में खरीदारी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में एक SIP से आप कई शेयरों में निवेश करते हैं और आपको युनिट्स अलॉट की जाती हैं. ठीक ऐसे ही आप कोई एक कंपनी चुनकर या अलग-अलग शेयरों का एक बास्केट बनाकर हर महीने एक तय तारीख को निवेश कर सकते हैं.
SIP के फायदे
SIP के जरिए आप निवेश करेंगे तो बार-बार बाजार की चाल पर नजर रखने की झंझट नहीं रहेगी. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं और इक्विटी में निवेश का जोखिम रखते हैं तो आप सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं. अगर आपके पास ढेर सारे शेयर खरीदने के लिए एकमुश्त रकम नहीं है या आप एक ही बार में सारा पैसा नहीं लगाना चाहते तो आप अच्छी वैल्यू और ग्रोथ वाली कंपनियों में SIP एक्टिव करके छोटी रकम में निवेश कर सकते हैं.
इक्विटी शेयरों में SIP के दो तरीके हैं – या तो आप एक तय रकम की SIP करें या तय शेयरों की. आप हर महीने 5 शेयर खरीदने की SIP चालू कर सकते हैं और उस हिसाब से जितनी रकम बनेंगी वो खाते से कट जाएगी. जिस तारीख की SIP है अगर उस दिन छुट्टी होती है तो उसके अगले वर्किंग दिन ये ट्रांजैक्शन होगा.
कैसे करें?
अगर आपके पास पहले से डीमैट खाता है तो इसके लिए नया खाता खुलवाने की जरूरत नहीं है. लेकिन, अगर अब तक आपके पास डीमैट खाता नहीं, तो मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के पास आपको खाता खुलवाना होगा जहां आपके खरीदे शेयर डीमैट में स्टोर होंगे. ज्यादातर ब्रोकरेज ऑनलाइन आसानी से डीमैट खाता खुलवा रहे हैं. गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में SIP के लिए डीमैट की जरूरत नहीं होती.
डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा की वेबसाइट के मुताबिक, SIP फीचर के लिए आप एक बास्केट बनाकर SIP कर सकते हैं. आपने जो SIP चुनी है उसमें भी बदलाव करने, उसे रोकने या उसे बंद करने का विकल्प मिलेगा. ध्यान रहे कि आप SIP को शेयर बाजार के कारोबारी समय के बीच ही शेड्यूल करवा सकते हैं जो सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक है. वहीं, म्यूचुअल फंड SIP में अलॉटमेंट एक दिन पहले की NAV (नेट एसेट वैल्यू) पर होता है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज भी DIY SIP की सुविधा है. इसके लिए आपको अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग-इन कर DIY SIP टैब पर जाना होगा और एक नया SIP बास्केट बनाना होगा. ये काम ऑफलाइन भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए फॉर्म भरकर भेजना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
एक बास्केट में आप किसी एक कंपनी के शेयर में SIP की रकम और शेयरों की संख्या में अलग अलग रख सकते हैं लेकिन एक बास्केट के लिए ट्रांजैक्शन की तारीख एक ही होगी. अगर आप अलग-अलग तारीख को ये ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए अलग बास्केट बना सकते हैं.
ध्यान रहे कि SIP से कॉस्ट एवरेजिंग होती है लेकिन आप मार्केट टाइम नहीं कर पाएंगे. कॉस्ट एवरेजिंग यानि, बाजार के उतार-चढ़ाव और आपके निवेश के मुताबिक शेयरों का औसत भाव तय होता जाएगा. हो सकता है कि आपकी एक महीने की खरीदारी की तारीख पर शेयर में उछाल रहा हो तो वहीं दूसरी तारीख पर गिरावट – इस तरह आपको एक औसत भाव अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर पर शेयर मिलेंगे. दूसरी तरफ मार्केट टाइमिंग में आप तब खरीदारी करते हैं जब आपको लगता है कि शेयर निचले भाव पर ट्रेड कर रहा है.
Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
Glod Investment: सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस (Dhanteras) से शुरू हो रहा दिवाली (Diwali) का पर्व लोगों को निवेश का मौका भी देता है, सोने-चांदी (Gold Investment) में निवेश, प्रॉपर्टी (Property) में या कहीं और. इस दिन को शुभ मानते हुए निवेश की योजना कई लोग मना रहे होंगे. साथ ही पहली बार निवेश करने वाले भी इस त्योहार का इंतजार कर रहे होंगे.
तो धनतेरस और दिवाली के अवसर पर कहां कर सकते हैं निवेश, कैसी हो सकती है निवेश की रणनीति? पहली बार निवेश कर रहे हैं तो कैसे और कहां से करें शुरुआत?
Dhanteras-Diwali पर कहां करें निवेश, जिससे मिलेगा ज्यादा रिटर्न? 5 टिप्स
1. सोना खरीदने की योजना बना रहे निवेशकों के पास क्या विकल्प है?
धनतेरस पर सोने में निवेश करने का विकल्प अच्छा है. जब शेयर मार्केट में बहुत उतार चढ़ाव हो और गिरावट बनी हुई हो तो ऐसे में सोना कभी निराश नहीं करता है, लॉन्ग टर्म में ही सही लेकिन सोना अच्छा रिटर्न देता है. इस समय सोना खरीदने अब एसआईपी के जरिए भी खरीदें शेयर का मौका अच्छा है, क्योंकि दाम पिछले साल के मुकाबले कम है. इस समय एमसीएक्स पर सोने की कीमत 50 हजार रुपये के आसपास चल रही है. ऐसे में तीन तरीकों से सोने में निवेश किया जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ (ETF): निवेशकों के पास स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ की यूनिट खरीदने और बेचने का विकल्प होता है. गोल्ड ईटीएफ सालभर में ही अच्छा रिटर्न देते हैं. इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट चाहिए होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: सोने में सुरक्षित निवेश सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को माना जाता है क्योंकि यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं, इसमें सोने की गुणवत्ता की चिंता भी नहीं होती है. SGB पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. बॉन्ड की मैच्योरिटी पूरी होने पर निवेशकों को 1 ग्राम सोना की मौजूदा कीमत के हिसाब से भुगतान किया जाता है.
डिजिटल गोल्ड:डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन सोना खरीदने का तरीका है. इसके जरिए गोल्ड आपके पास फिजिकल ना होकर डिजिटल वॉलेट में स्टोर हो जाएगा. इसकी भी आप खरीदी बिक्री कर सकते हैं. वहीं आप डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड में भी कुछ अतिरिक्त चार्जेज देकर बदल सकते हैं.
2. किन सेक्टर्स में कर सकते हैं निवेश?
मिंट से बातचीत में अपसाइड एआई के को-फाउंडर धनतेरस, दिवाली के त्योहार के साथ अतनु अग्रवाल ने कहा कि हम मशीन के जरिए इंवेस्ट करते हैं जो कि निवेश करने से पहले मार्केट को समझता है, इसका फायदा है कि ये लोगों की तरह किसी भावना में निवेश नहीं करता. अतनु अग्रवाल ने बताया कि निवेशक फार्मा सेक्टर्स, बैंकिग, फाइनेंशियल और इंश्यॉरेंस सेक्टर्स, सीमेंट, इंडस्ट्रीयल सेक्टर्स या केमिक्ल में निवेश कर सकते हैं.
इसके अलावा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि धनतेरस, दिवाली के त्योहार के अलावा मार महंगाई की भी है और खतरा मंदी का है. इसलिए कुछ ऐसे सेक्टर्स में भी निवेश करना चाहिए जो महंगाई/मंदी से दूर हो या उनपर इसका असर नहीं पड़ता हो. एक्सपर्ट इसके लिए खासकर दो सेक्टर्स का सुझाव देते हैं. एक है, एफएमसीजी- फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड यानी की खाने पीने का आइटम, जैसे दूध, मैगी या फ्रिज, टीवी, आदी और दूसरा है पावर एनर्जी के सेक्टर्स.
3. कैसा हो पोर्टफोलियो?
इस दिवाली आप अपने पोर्टफोलियो को भी ठीक कर ले. सबसे जरूरी बात जब शेयर बाजार में बड़ा उतार चढ़ाव हो, महंगाई और मंदी का खतरा हो तो ऐसे में अर्थशास्त्री शरद कोहली कहते हैं आपको अपने पोर्टफोलियो का 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में रखना चाहिए. इसके अलावा- एक ही फंड हाउस के सभी फंड न लें, फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह से और खराब फंड की पहचान कर उससे बाहर निकले. पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाय करना तो जरूरी है लेकिन कई बार बहुत ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन भी नुकसानदायक होता है.
इसके अलावा एक्सपर्ट सुझाते हैं जो बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वे एफडी में निवेश करें जिसपर आजकल ठीक-ठीक रिटर्न मिल रहा है, इसके अलावा प्रोविडेंट फंड, सरकारी बॉन्ड में निवेश की सलाह भी जाती है. गोल्ड में निवेश करना है तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में ही निवेश करें और अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाएं.
4. निवेश की रणनीति कैसी हो?
मिंट से बातचीत में अतनु अग्रवाल ने बताया कि, पैसा बनाने के लिए मजबूत निवेश चाहिए. मजबूत निवेश का एक मतलब होता है आप ऐसी जगहों पर निवेश करें जिनका आपस में कोई लेना देना नहीं है. जैसे इक्विटी (शेयर मार्केट) और फिक्सड डिपॉजिट इन दोनों में कोई संबंध नहीं है. एक तरफ जहां शेयर बाजार में उतार चढ़ाव होता है वहां फिक्सड डिपॉजिट में ब्याज दर एक ही होती है. इसलिए आप स्टॉक्स, डेट (Debt) और एफडी तीनों में निवेस करें. इसी तरह गोल्ड, रियल एस्टेट और क्रिप्टो में भी आपस में कोई संबंध नहीं है.
शेयरों में करना चाहते हैं SIP तो जान लें ये जरूरी बातें
SIP के जरिए आप निवेश करेंगे तो बार-बार बाजार की चाल पर नजर रखने की झंझट नहीं रहेगी. साथ ही एक ही बार में बड़ी रकम डालने की जरूरत नहीं है
- Money9 Hindi
- Publish Date - June 14, 2021 / 12:18 PM IST
म्यूचुअल फंड की तरह ही आप सीधे शेयरों में भी खुद SIP कर सकते हैं. SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. जैसे आप म्यूचुअल फंड में हर महीने एक तय राशि निवेश के लिए रखते हैं, वैसे ही इस तय रकम से आप सीधे शेयरों में खरीदारी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में एक SIP से आप कई शेयरों में निवेश करते हैं और आपको युनिट्स अलॉट की जाती हैं. ठीक ऐसे ही आप कोई एक कंपनी चुनकर या अलग-अलग शेयरों का एक बास्केट बनाकर हर महीने एक तय तारीख को निवेश कर सकते हैं.
SIP के फायदे
SIP के जरिए आप निवेश करेंगे तो बार-बार बाजार की चाल पर नजर रखने की झंझट नहीं रहेगी. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं और इक्विटी में निवेश का जोखिम रखते हैं तो आप सीधे शेयरों में निवेश कर सकते हैं. अगर आपके पास ढेर सारे शेयर खरीदने के लिए एकमुश्त रकम नहीं है या आप एक ही बार में सारा पैसा नहीं लगाना चाहते तो आप अच्छी वैल्यू और ग्रोथ वाली कंपनियों में SIP एक्टिव करके छोटी रकम में निवेश कर सकते हैं.
इक्विटी शेयरों में SIP के दो तरीके हैं – या तो आप एक तय रकम की SIP करें या तय शेयरों की. आप हर महीने 5 शेयर खरीदने की SIP चालू कर सकते हैं और उस हिसाब से जितनी रकम बनेंगी वो खाते से कट जाएगी. जिस तारीख की SIP है अगर उस दिन छुट्टी होती है तो उसके अगले वर्किंग दिन ये ट्रांजैक्शन होगा.
कैसे करें?
अगर आपके पास पहले से डीमैट खाता है तो इसके लिए नया खाता खुलवाने की जरूरत नहीं है. लेकिन, अगर अब तक आपके पास डीमैट खाता नहीं, तो मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के पास आपको खाता खुलवाना होगा जहां आपके खरीदे शेयर डीमैट में स्टोर होंगे. ज्यादातर ब्रोकरेज ऑनलाइन आसानी से डीमैट खाता खुलवा रहे हैं. गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में SIP के लिए डीमैट की जरूरत नहीं होती.
डिस्काउंट ब्रोकर जेरोधा की वेबसाइट के मुताबिक, SIP फीचर के लिए आप एक बास्केट बनाकर SIP कर सकते हैं. आपने जो SIP चुनी है उसमें भी बदलाव करने, उसे रोकने या उसे बंद करने का विकल्प मिलेगा. ध्यान रहे कि आप SIP को शेयर बाजार के कारोबारी समय के बीच ही शेड्यूल करवा सकते हैं जो सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक है. वहीं, म्यूचुअल फंड SIP में अलॉटमेंट एक दिन पहले की NAV (नेट एसेट वैल्यू) पर होता है.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज भी DIY SIP की सुविधा है. इसके लिए आपको अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग-इन कर DIY SIP टैब पर जाना होगा और एक नया SIP बास्केट बनाना होगा. ये काम ऑफलाइन भी किया जा सकता है लेकिन इसके लिए फॉर्म भरकर भेजना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
एक बास्केट में आप किसी एक कंपनी के शेयर में SIP की रकम और शेयरों की संख्या में अलग अलग रख सकते हैं लेकिन एक बास्केट के लिए ट्रांजैक्शन की तारीख एक ही होगी. अगर आप अलग-अलग तारीख को ये ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए अलग बास्केट बना सकते हैं.
ध्यान रहे कि SIP से कॉस्ट एवरेजिंग होती है लेकिन आप मार्केट टाइम नहीं कर पाएंगे. कॉस्ट एवरेजिंग यानि, बाजार के उतार-चढ़ाव और आपके निवेश के मुताबिक शेयरों का औसत भाव तय होता जाएगा. हो सकता है कि आपकी एक महीने की खरीदारी की तारीख पर शेयर में उछाल रहा हो तो वहीं दूसरी तारीख पर गिरावट – इस तरह आपको एक औसत भाव पर शेयर मिलेंगे. दूसरी तरफ मार्केट टाइमिंग में आप तब खरीदारी करते हैं जब आपको लगता है कि शेयर निचले भाव पर ट्रेड कर रहा है.
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