दायरे में रहेगा राजकोषीय घाटा
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने आज कहा कि केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में 4.36 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय करने के बावजूद राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेगी। सरकार ने चालू वित्त विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 फीसदी तय किया है। वित्त विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार वर्ष 2023 के लिए पूरक अनुदान मांग की पहली खेप पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि राजस्व बढ़ने के साथ सरकार मौजूदा हालात में ज्यादा कोष आवंटित करने में सक्षम रही है। वित्त मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि अप्रैल से नवंबर के दौरान शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 24.3 फीसदी बढ़कर 8.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 62 फीसदी है।
सरकार को उम्मीद है कि वह चालू वित्त वर्ष के 14.2 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को आराम से हासिल विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार कर लेगी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैंने बजट में राजकोषीय घाटे के बारे में प्रतिबद्धता जताई थी और मौजूदा परिस्थिति से स्पष्ट संकेत मिलता है कि हम तय किया गया लक्ष्य हासिल करने में सक्षम होंगे।’ सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.9 फीसदी था जिसे वित्त वर्ष 2023 में कम कर 6.4 फीसदी पर लाना वित्त वर्ष 2022 विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार के बजट में की गई वित्तीय समेकन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे को वाजिब स्तर तक घटाया जाएगा।
विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत वृद्धि, निजी क्षेत्र पर कम कर्ज तथा उच्च विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ज्यादा बेहतर स्थिति में है। हालांकि सार्वजनिक कर्ज ज्यादा है मगर बैंकिंग क्षेत्र में सुधार हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक नरमी को वहन करने में अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है। भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार ज्यादा नहीं है और इसका घरेलू बाजार काफी बड़ा है। देश की आंतरिक स्थिति में बीते एक दशक में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’
मुद्रास्फीति जनित मंदी के विपक्ष के दावे की आलोचना करते हुए सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति जनित मंदी की स्थिति तब होती है जब विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार अर्थव्यवस्था में नरमी हो और मुद्रास्फीति काफी ज्यादा हो। उन्होंने कहा, ‘ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.88 फीसदी पर आ गई है और थोक मुद्रास्फीति भी 21 विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार महीने के निचले स्तर (5.85 फीसदी) पर रह गई है। इस तरह मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के सहज दायरे में है।’
खुदरा मुद्रास्फीति को रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे में लाने के लिए वित्त मंत्री ने केंद्र के नीतिगत उपायों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘हम आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए महंगाई और कम करेंगे।’ रुपये में गिरावट के बारे में सीतारमण ने कहा कि भारतीय मुद्रा अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुई है। गैर-निष्पादित आस्तिरयों पर सीतारमण ने कहा कि फंसा कर्ज धीरे-धीरे कम हो रहा है। 2018 में कुल कर्ज का यह 14.58 फीसदी था जो मार्च 2022 में घटकर 7.28 फीसदी रह गया।
Bussines News: आज के शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले इतना हुआ कमजोर
The Chopal, मुंबई, 20 दिसंबर: आज घरेलू शेयर बाजारों में कच्चे तेल के दामों में आए उछाल के चलते आज मंगलवार को भारतीय रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर 11 पैसे अधिक हो गया। हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि विदेशों में प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कमजोर डॉलर ने स्थानीय मुद्रा को संभाला और गिरावट को आज विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार कुछ रोक दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.69 प्रति डॉलर पर आज खुला। बाद में यह 11 पैसे के नुकसान के साथ 82.73 प्रति डॉलर पर खबर लिखें जानें तक कारोबार कर रहा था।
सोमवार को बीते कारोबारी सत्र में रुपया 13 पैसे टूटकर 82.62 प्रति डॉलर पर कारोबार करते बंद हुआ था। इसी बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 % के नुकसान से 104.33 तक आज शुरुवाती कारोबार में आ गया।
Currency: अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए मोदी सरकार का मास्टर प्लान, बाइडेन भी भारत के इस फैसले से हैरान!
Zee News हिन्दी 1 दिन पहले Zee विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार News हिन्दी
International Trade: मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
Indian Currency: वर्तमान में अमेरिकी डॉलर (विदेशी मुद्रा व्यापार बाजार Dollar) की कीमत काफी महंगी है तो वहीं भारतीय रुपये की कीमत काफी सस्ती है. लेकिन अब भारतीय रुपया डॉलर से टक्कर लेने के लिए तैयार है. दरअसल, मोदी सरकार की ओर से हाल ही में कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जो कि रुपये को आने वाले सालों में डॉलर की तुलना में मजबूत भी कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद रुपये को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इन्हीं कदमों में से एक मोदी सरकार की ओर से इंटरनेशनल ट्रेड (International Trade) का फैसला भी लिया गया है.
जताई सहमति
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती रही है. हालांकि अब मोदी सरकार ने इसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर फैसला लिया है और भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भारतीय रुपये में करने की संभावना तलाश रहा है. इसके लिए भारत कुछ देशों से लगातार बातचीत भी कर रहा है. इस बीच कुछ देशों ने रुपये में व्यापार करने में सहमति भी जता दी है.
श्रीलंका सहमत
वहीं भारत उन देशों को तलाश रहा है, जिनके पास डॉलर की कमी है. इस क्रम में श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करने पर सहमत हो गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (CBSL) ने कहा कि वह भारतीय रुपये को श्रीलंका की विदेशी मुद्रा के रूप में नामित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.
भारतीय रुपये का इस्तेमाल
श्रीलंकाई बैंकों ने भारतीय रुपये में ट्रेडिंग के लिए कथित रूप से स्पेशल वोस्ट्रो रुपी अकाउंट्स या SVRA नामक स्पेशल रुपी ट्रेडिंग अकाउंट खोला है. इसके साथ ही श्रीलंका और भारत के नागरिक एक दूसरे के बीच अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की बजाय भारतीय रुपये का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं भारत के इस कदम से अमेरिका भी हैरान है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जरूर भारत के इस फैसले पर नजर बनाकर रख सकते हैं.
अवसर तलाश रहा भारत
वहीं रूस भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो सकता है जो कि आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल करे. इसके अलावा भारत ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्समबर्ग और सूडान समेत कई दूसरों देशों में भी रुपये में कारोबार करने के अवसर तलाश रहा है. वहीं रुपये के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनने से उम्मीद है कि भारत का व्यापार घाटा कम होगा और वैश्विक बाजार में इसे मजबूत करने में मदद मिलेगी.
Share Market : रुपया शुरुआती कारोबार में चार पैसे टूटकर 82.80 प्रति डॉलर पर
मुंबई : स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट और वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की भावना के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया कमजोर खुला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.84 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला। बाद में यह चार पैसे के नुकसान के साथ 82.80 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 27 पैसे टूटकर 82.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसी बीच, छह मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत के नुकसान से 104.27 पर आ गया।
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बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के संकेत से मुद्रा में उछाल आया
मुंबई: मुंबई मुद्रा बाजार में आज रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत दोतरफा उतार-चढ़ाव के बाद धीमी गिरावट के साथ बंद हुई। बकेट कीमत रु. आज सुबह 82.71 रु. 82.66 रुपये के ऊंचे भाव के बाद आज निचले भाव पर खुला। 82.89 से रु. 82.75 बंद हुआ था। रुपया आज चार पैसे टूटा।
इस बीच ऐसे संकेत मिले कि विश्व बाजार में विभिन्न प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर का वैश्विक सूचकांक आज दबाव में रहा और एक समय वैश्विक सूचकांक टूटकर 104 के भीतर आ गया था। डॉलर का यह ग्लोबल इंडेक्स आज 104.79 के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 103.94 से 104.04 होने का इशारा कर रहा था।
विश्व बाजार समाचार के अनुसार, जापान में बैंक ऑफ जापान ने एक ऐसी नीति को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है जो दीर्घकालिक ब्याज दरों में वृद्धि के लिए अनुकूल होगी। बॉन्ड यील्ड के दोतरफा दायरे में बढ़ने की खबर थी।
इसके बाद, ऐसे संकेत मिले कि विश्व बाजार में जापानी मुद्रा येन की कीमत डॉलर के मुकाबले बढ़ी और चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। जापानी मुद्रा में आज 2.60 प्रतिशत की तेजी आई।
आज रुपये के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड में 47 पैसे की गिरावट आई। पाउंड की कीमत रु. 100.16 से रु. यह 100.54 था। हालांकि, आज यूरोप की मुद्रा यूरो के भाव में रुपये के मुकाबले 22 पैसे की तेजी आई। यूरो की कीमत बढ़कर रु। 88.05 से रु. यह 88.03 था। इस बीच, जापानी मुद्रा येन में आज रुपये के मुकाबले 3.22 प्रतिशत की तेजी आई। रुपये के मुकाबले चीनी मुद्रा 0.28 प्रतिशत अधिक रही।
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