एलीगेटर इंडिकेटर को पहली बार “बिल एम. विलियम्स” द्वारा 1995 में अपनी पुस्तक “ट्रेडिंग चाओस” में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। इस बुक में विलियम्स ने ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग की दुनिया को विस्तृत रूप से समझाया है।

Alligator Indicator in Hindi

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए कई तरह के टेक्निकल इंडिकेटर प्रदान किए जाते है तो आपको मार्केट के ट्रेंड और अलग-अलग मार्केट मूवमेंट का संकेत देते है । आज इस लेख में ऐसे ही एक इंडिकेटर alligator indicator in hindi में विस्तार में बात करेंगे।

एलीगेटर का नाम सुनकर आपके दिमाग में जानवर की पिक्चर बन रही होगी लेकिन उसे जानवर के मुँह, जबड़े की तरह का आकर जब शेयर मार्केट चार्ट में बनता है तो वह आपको आने वाले ट्रेंड और प्राइस Indicators कितने होते है की जानकारी प्रदान करता है ।

एलीगेटर इंडिकेटर

एलीगेटर इंडिकेटर को पहली बार “बिल एम. विलियम्स” द्वारा 1995 में अपनी पुस्तक “ट्रेडिंग चाओस” में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। इस बुक में विलियम्स ने ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग की दुनिया को विस्तृत रूप से समझाया है।

बिल विलियम्स ने एलीगेटर इंडिकेटर के अलावा, Accelerator/Decelerator Oscillator, Awesome Oscillator, Fractals Indicator, Gator oscillator जैसे इंडियकटर्स को दुनिया के सामने पेश किया था।

एलीगेटर इंडिकेटर का परिचय

अपनी सर्च से विलियम्स ने पाया की मार्केट में ट्रेंड सिर्फ 20% से 30% समय के लिए ही होता है और 70% से 80% के लिए मार्केट sideways यानी चोप्पी रहती है। इसीलिए उन्होंने एलीगेटर इंडिकेटर को प्रस्तुत किया जो आपको यह समझने में मदद करता है की बाज़ार ट्रेंड की स्थिति है या sideways, जिससे आप टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis in hindi) कर ट्रेड करने की सही पोजीशन ले सकते है। इसका नाम एलीगेटर भी इसलिए रखा गया क्योंकि एक घड़ियाल काफी समय तक शांत रहता है और भूख लगने पर मुँह खोलता है।

ये तो पता चल गया की ये इंडिकेटर आपको आने वाले ट्रेंड की जानकारी देता है लेकिन ये किस तरह से बनता और इसको कैलकुलेट कैसे किया जाता है । एलीगेटर इंडिकेटर में तीन मूविंग रेखाएं होती है, जिन्हें जबड़ा, दांत और होंठ कहा जाता है।

  • जबड़ा: ये 13-पीरियड मूविंग एवरेज के डेटा से बनाया गया है और चार्ट पर ब्लू लाइन का प्रयोग करके दर्शाया जाता है।
  • दांत: रेड लाइन से ये आपको 8-पीरियड के मूविंग एवरेज की जानकारी प्रदान करता है।
  • होंठ: 5-पीरियड का मूविंग एवरेज जो ग्रीन लाइन से दिखाया जाता है।

ये तीनो लाइन आपको मार्केट के बारे में काफी जानकारी देता है और अक्सर ट्रेडर को एक सही प्राइस में ट्रेड करने में लाभदायक होता है ।

एलिगेटर इंडिकेटर का उपयोग कैसे करते है

एक जानवर के भाँती इस इंडिकेटर में तीन तरह के संकेत होते है जिससे स्लीपिंग, जागृत और भूखा इंडिकेटर का नाम दिया गया है । अब इसका तातपर्य क्या है उसके बारे में नीचे दिया गया है:

स्लीपिंग एलीगेटर

स्लीपिंग एलीगेटर का मतलब होता है की एलिगेटर अभी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है। जब एलीगेटर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता तब लाल , हरी और नीली रेखाएं एक दूसरे के बिल्कुल पास होती है या आपस में जुडी होती है तो उस समय मार्केट में अपट्रेंड और डाउनट्रेंड का अभाव होता है। इस तरह की स्थिति को चोप्पी मार्केट भी कहा जाता है।

जागृत एलीगेटर

जागृत एलिगेटर का मतलब है की एलीगेटर अब उठ गया है और अब कोई प्रतिक्रिया करेगा इसीलिए जब लाल और नीली मूविंग रेखाएं एक ही दिशा में बढ़ती है और हरी मूविंग रेखा उनके बीच से होकर गुजरती है तो इससे यह पता चलता है की मार्केट में अब ट्रेंड बनने वाला है। यह ट्रेंड ऊपर की ओर भी जा सकता है और नीचे की तरफ भी जा सकता है।

भूखा एलीगेटर

भूखे एलिगेटर का मतलब है की एलिगेटर को भूख लगी है और अब शिकार करने के लिए अपना मुँह खोलेगा। ऐसी स्थिति में हरी रेखा , लाल रेखा के ऊपर मूव होती है और लाल रेखा नीली रेखा के ऊपर होती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू हो जाता है।

लेकिन जब इन रेखाओं का क्रम उल्टा हो जाता है तो मार्केट में डाउनट्रेंड शुरू हो जाता है।

एलिगेटर इंडिकेटर से शेयरों को खरीदना और बेचना

एलीगेटर इंडिकेटर से निवेशक मार्केट में शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए संकेत की सहायता लेते है।

शेयर कब ख़रीदे : जब एलीगेटर जागता है तो शिकार के लिए अपना मुँह खोलता है। जब एलीगेटर अपना मुँह खोलता है तो चार्ट में सभी रेखाएं अलग-अलग हो जाती है।

जब हरी लाइन, लाल रेखा के ऊपर और लाल रेखा नीली मूविंग एवरेज से ऊपर आती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू होने लगता है। जिसका मतलब है की आप अभी शेयर को खरीद सकते है।

शेयर कब बेचे : जब एलीगेटर इंडिकेटर में हरी रेखा ,लाल रेखा और नीली रेखा के नीचे होती है तो उस समय आपको अपने शेयरों को बेच देना चाहिए। क्योंकि उस समय मार्केट sideways की स्थिति में चली जाती है।

शेयर Indicators कितने होते है कब होल्ड करे: जब तीनो रेखाएं एक दूसरे के काफी नज़दीक होती है तो उस समय किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहिए और अगर आपने स्टॉक ख़रीदा हुआ है तो इस समय उसे बेचने का निर्णय नहीं लेना चाहिए ।

निष्कर्ष

आशा करते है की यह लेख आपको (alligator indicator in hindi) एलिगेटर इंडिकेटर को में समझने में आपकी मदद करेगा। एलीगेटर इंडिक्टर क्योंकि कम समय वाले चार्ट में एक सही संकेत नहीं देता है इसलिए इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए लाभदायक नहीं होता है । तो अगर आप स्विंग या पोसिशनल ट्रेड करना चाह रहे है तो इस इंडिकेटर का इस्तेमाल कर मार्केट में एक सही निर्णय ले सकते है।

अगर आप स्टॉक मार्केट को अच्छे से समझना चाहते है या स्टॉक मार्केट में निवेश करना सीखना चाहते है तो उसेक लिए हमारे द्वारा प्रदान किए स्टॉक मार्केट कोर्स के लिए सब्सक्राइब करें ।

Start Learning through Free & Pro Stock Market Courses!

Install Stock Pathsahla and Get Exclusive 20% off on all subscriptions.Use Coupon Code SPWEB20

सूचक कितने प्रकार के होते है

CarliReifsteck

They indicators which is acquired from naturally source.

For example : Litmus, clove and onion etc.

(II). Man made indicator :

They indicators which is made by human in laboratory.

For example : Methyl Orange, Phenolphthalein

These are very most important man made indicators. Which is used for recognise acid and base in laboratory.

Alligator Indicator in Hindi

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए कई तरह के टेक्निकल इंडिकेटर प्रदान किए जाते है तो आपको मार्केट के ट्रेंड और अलग-अलग मार्केट मूवमेंट का संकेत देते है । आज इस लेख में ऐसे ही एक इंडिकेटर alligator indicator in hindi में विस्तार में बात करेंगे।

एलीगेटर का नाम सुनकर आपके दिमाग में जानवर की पिक्चर बन रही होगी लेकिन उसे जानवर के मुँह, जबड़े की तरह का आकर जब शेयर मार्केट चार्ट में बनता है तो वह आपको आने वाले ट्रेंड और प्राइस की जानकारी प्रदान करता है ।

एलीगेटर इंडिकेटर

एलीगेटर इंडिकेटर को पहली बार “बिल एम. विलियम्स” द्वारा 1995 में अपनी पुस्तक “ट्रेडिंग चाओस” में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था। इस बुक में विलियम्स ने ट्रेडिंग और Indicators कितने होते है इन्वेस्टिंग की दुनिया को विस्तृत रूप से समझाया है।

बिल विलियम्स ने एलीगेटर इंडिकेटर के अलावा, Accelerator/Decelerator Oscillator, Awesome Oscillator, Fractals Indicator, Gator oscillator जैसे इंडियकटर्स को दुनिया के सामने पेश किया था।

एलीगेटर इंडिकेटर का परिचय

अपनी सर्च से विलियम्स ने पाया की मार्केट में ट्रेंड सिर्फ 20% से 30% समय के लिए ही होता है और 70% से 80% के लिए मार्केट sideways यानी चोप्पी रहती है। इसीलिए उन्होंने एलीगेटर इंडिकेटर को प्रस्तुत किया जो आपको यह समझने में मदद करता है की बाज़ार ट्रेंड की स्थिति है या sideways, जिससे आप टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis in hindi) कर ट्रेड करने की सही पोजीशन ले सकते है। इसका नाम एलीगेटर भी इसलिए रखा गया क्योंकि एक घड़ियाल काफी समय तक शांत रहता है और भूख लगने पर मुँह खोलता है।

ये तो पता चल गया की ये इंडिकेटर आपको आने वाले ट्रेंड की जानकारी देता है लेकिन ये किस तरह से बनता और इसको कैलकुलेट कैसे किया जाता है । एलीगेटर इंडिकेटर में तीन मूविंग रेखाएं होती है, जिन्हें जबड़ा, दांत और होंठ कहा जाता है।

  • जबड़ा: ये 13-पीरियड मूविंग एवरेज के डेटा से बनाया गया है और चार्ट पर ब्लू लाइन का प्रयोग करके दर्शाया जाता है।
  • दांत: रेड लाइन से ये आपको 8-पीरियड के मूविंग एवरेज की जानकारी प्रदान करता है।
  • होंठ: 5-पीरियड का मूविंग एवरेज जो ग्रीन लाइन से दिखाया जाता है।

ये तीनो लाइन आपको मार्केट के बारे में काफी जानकारी देता है और अक्सर ट्रेडर को एक सही प्राइस में ट्रेड करने में लाभदायक होता है ।

एलिगेटर इंडिकेटर का उपयोग कैसे करते है

एक जानवर के भाँती इस इंडिकेटर में तीन तरह के संकेत होते है जिससे स्लीपिंग, जागृत और भूखा इंडिकेटर का नाम दिया गया है । अब इसका तातपर्य क्या है उसके बारे में नीचे दिया गया है:

स्लीपिंग एलीगेटर

स्लीपिंग एलीगेटर का मतलब होता है की एलिगेटर अभी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है। जब एलीगेटर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता तब लाल , हरी और नीली रेखाएं एक दूसरे के बिल्कुल पास होती है या आपस में जुडी होती है तो उस समय मार्केट में अपट्रेंड और डाउनट्रेंड का अभाव होता है। इस तरह की स्थिति को चोप्पी मार्केट भी कहा जाता है।

जागृत एलीगेटर

जागृत एलिगेटर का मतलब है की एलीगेटर अब उठ गया है और अब कोई प्रतिक्रिया करेगा इसीलिए जब लाल और नीली मूविंग रेखाएं एक ही दिशा में बढ़ती है और हरी मूविंग रेखा उनके बीच से होकर गुजरती है तो इससे यह पता चलता है की मार्केट में अब ट्रेंड बनने वाला है। यह ट्रेंड ऊपर की ओर भी जा सकता है और नीचे की तरफ भी जा सकता है।

भूखा एलीगेटर

भूखे एलिगेटर का मतलब है की एलिगेटर को भूख लगी है और अब शिकार करने के लिए अपना मुँह खोलेगा। ऐसी स्थिति में हरी रेखा , लाल रेखा के ऊपर मूव होती है और लाल रेखा नीली रेखा के ऊपर होती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू हो जाता है।

लेकिन जब इन रेखाओं का क्रम उल्टा हो जाता है तो मार्केट में डाउनट्रेंड शुरू हो जाता है।

एलिगेटर इंडिकेटर से शेयरों को खरीदना और बेचना

एलीगेटर इंडिकेटर से निवेशक मार्केट में शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए संकेत की सहायता लेते है।

शेयर कब ख़रीदे : जब एलीगेटर जागता है तो शिकार के लिए अपना मुँह खोलता है। जब एलीगेटर अपना मुँह खोलता है तो चार्ट में सभी रेखाएं अलग-अलग हो जाती है।

जब हरी लाइन, लाल रेखा के ऊपर और लाल रेखा नीली मूविंग एवरेज से ऊपर आती है तो मार्केट में अपट्रेंड शुरू होने लगता है। जिसका मतलब है की आप अभी शेयर को खरीद सकते है।

शेयर कब बेचे : जब एलीगेटर इंडिकेटर में हरी रेखा ,लाल रेखा और नीली रेखा के नीचे होती है तो उस समय आपको अपने शेयरों को बेच देना चाहिए। क्योंकि उस समय मार्केट sideways की स्थिति में चली जाती है।

शेयर कब होल्ड करे: जब तीनो रेखाएं एक दूसरे के काफी नज़दीक होती है तो उस समय किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहिए और अगर आपने स्टॉक ख़रीदा हुआ है तो इस समय उसे बेचने का निर्णय नहीं लेना चाहिए ।

निष्कर्ष

आशा करते है की यह लेख आपको (alligator indicator in hindi) एलिगेटर इंडिकेटर को में समझने में आपकी मदद करेगा। एलीगेटर इंडिक्टर क्योंकि कम समय वाले चार्ट में एक सही संकेत नहीं देता है इसलिए इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए लाभदायक नहीं होता है । तो अगर आप स्विंग या पोसिशनल ट्रेड करना चाह रहे है तो इस इंडिकेटर का इस्तेमाल कर मार्केट में एक सही निर्णय ले सकते है।

अगर आप स्टॉक मार्केट को अच्छे से समझना चाहते है या स्टॉक मार्केट में निवेश करना सीखना चाहते है तो उसेक लिए हमारे द्वारा प्रदान किए स्टॉक मार्केट कोर्स के लिए सब्सक्राइब करें ।

Start Learning through Free & Pro Stock Market Courses!

Install Stock Pathsahla and Get Exclusive 20% off on all subscriptions.Use Coupon Code SPWEB20

अरुण संकेतक क्या है?

Aroon Indicator

1995 में तुषार चंदे द्वारा विकसित, अरुण संकेतक में दो मुख्य संकेतक शामिल हैं जो विशेष रूप से किसी भी आगामी प्रवृत्ति या वर्तमान प्रवृत्ति में किसी बड़े बदलाव को निर्धारित करने के लिए विकसित किए गए हैं। यह एक ट्रेंडिंग की लोकप्रियता का पता लगाने में मदद करता हैमंडी, विचाराधीन प्रवृत्ति की ताकत का निर्धारण, और बहुत कुछ।

मुख्य रूप से दो आरोन संकेतक हैं, अर्थात -

  • एरोन अप - एक ऊपर की ओर बढ़ रहा है, और
  • अर्रोन डाउन - वह जो नीचे की ओर जाता हो।

उन्हें आमतौर पर बुलिश और बियरिश अरुण के रूप में जाना जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, अप इंडिकेटर का उपयोग नवीनतम 25-दिवसीय उच्च स्थापित करने के लिए किया जाता है, जबकि डाउन इंडिकेटर का उपयोग मुख्य रूप से पिछले 25-दिवसीय निम्न के बाद से कुल दिनों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

अरुण अप ने सुझाव दिया कि पिछली नई ऊंचाई दर्ज किए जाने के बाद से कितने दिन हो चुके हैं। इसी तरह, अरून डाउन का उपयोग यह रिपोर्ट करने के लिए किया जाता है कि नया निम्न दर्ज किए जाने के बाद से कितने दिन बीत चुके हैं। यदि अप इंडिकेटर अरून को नीचे से पार करता है, तो नवीनतम अपट्रेंड शुरू होने वाला है। उसी समय, यदि डाउन इंडिकेटर अरून अप को पार करता है, तो यह इंगित करता है कि एक डाउनट्रेंड शुरू होने वाला है।

आरोन अप एंड डाउन इंडिकेटर को समझना

संकेतक मुख्य विंडो से एक अलग विंडो में तैयार किए जाने हैं, जो मूल्य कार्रवाई को दर्शाता है। मान प्रतिशत अवधि में मापा जाना है। अरून का मान ऊपर और नीचे से 0 से 100 . यदि हम इसे एक उदाहरण के साथ मानते हैं, तो अरून-अप के 100 के पार होते ही एक नया अपट्रेंड शुरू होने की अत्यधिक संभावना है।

अरून-अप के बीच 70 और 100 संकेत देता है कि अपट्रेंड जल्द ही शुरू हो जाएगा।

अगर अरुण-डाउन 70 को पार करता है और 100 तक पहुंचने वाला है, तो यह इस बात का संकेत है कि एक डाउनट्रेंड शुरू होने वाला है। एक समय ऐसा भी आता है जब अरुण अप और अरुण डाउन दोनों समानांतर चलते हैं। इससे पता चलता है कि कीमत मजबूत हो रही है। इसलिए, अरुण संकेतकों का उपयोग करने का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि शेयर बाजार में आखिरी बार उतार-चढ़ाव कब हुआ।

संकेतक का मूल्य जितना अधिक होता है, उतना ही हाल ही में उच्च और निम्न हुआ। उच्च मूल्य एक मजबूत प्रवृत्ति का प्रदर्शन करते हैं, जबकि निम्न मूल्य कमजोर प्रवृत्ति का संकेत देते हैं।

सरल शब्दों में, एरोन संकेतक को एक विशिष्ट अवधि में निम्न और उच्च के बीच के समय के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। सूचक का उपयोग आमतौर पर यह पहचानने के लिए किया जाता है कि प्रवृत्ति में परिवर्तन कब होता है और कब नहीं होता है। शेयर बाजार और किसी भी प्रकार की संपत्ति के लिए, संकेतक 25 अवधियों के लिए उच्च और साथ ही निम्न की गणना करता है। यह पिछले प्रमुख उच्च और निम्न के बाद से कुल अवधियों को भी रिकॉर्ड करता है। यह इन नंबरों को नोट करता है और उन्हें Aroon Up and Down सूत्र में दर्ज करता है। जैसे ही प्रवृत्ति का मूल्य 100 के करीब पहुंचता है, यह एक मजबूत प्रवृत्ति का संकेत देगा। दूसरी ओर, जब मूल्य 0 के करीब जाता है, तो यह एक कमजोर प्रवृत्ति को दर्शाता है।

ट्रेडिंग में ADX इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें

ट्रेडिंग में ADX इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें – आधिकारिक Olymp Trade ब्लॉग

ADX, एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स का संक्षिप्त रूप है। शुरुआत में इसे 1978 में 1 दिन की समय सीमा पर शेयर बाजार में दीर्घकालिक ट्रेंड का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। अब, यह अक्सर Olymp Trade प्लेटफार्म में उपलब्ध बाजार के किसी भी क्षेत्र में किसी भी समय सीमा में प्रयोग किया जाता है।

अतिरिक्त विवरण और स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए डैश युक्त नीला शब्द और चित्रों के ऊपर स्थित हरे बिंदु के साथ अंतर्क्रिया करें।

दृश्य सामग्री पर अधिक विवरण यहां होंगे।

शब्द की परिभाषा या स्पष्टीकरण यहां उपलब्ध होगा।

विषय-वस्तु:

ADX इंडिकेटर क्या है और इसे कहां पाया जा सकता है?

प्राय, प्लेटफ़ॉर्म पर दो मुख्य प्रकार के भिन्न-भिन्न इंडिकेटर उपलब्ध होते हैं: ट्रेंड इंडिकेटर और ऑसिलेटर । दृष्टिगत Indicators कितने होते है रूप में, ऑसिलेटर्स को अक्सर एक अलग चार्ट द्वारा दर्शाया जाता है जो मूल्य प्रदर्शन चार्ट के अनुरूप होता है। ADX इंडिकेटर इस दूसरे प्रकार के अंतर्गत आता है।

इस तरह से, जब आप Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर नीचे बाई तरफ कंपास चिन्ह को दबाते हैं, तो आपको ऑसिलेटर्स खंड में ADX इंडिकेटर प्राप्त होगा। जैसा कि आप देख सकते हैं, इसमें तीन रेखाएँ होती हैं जो स्क्रीन के निचले भाग में ऊपर और नीचे जाती हैं।

ADX Indicator on the Olymp Trade Platform - 2022/03/05

मैं ADX इंडिकेटर को कैसे निर्धारित कर सकता हूँ?

एक बार जब आप अपने चार्ट में ADX इंडिकेटर जोड़ लेते हैं, तो आप इसे ज़रूरत अनुरूप बदलने के लिए ग्राफ़ के ऊपरी-बाएँ कोने में इसके नाम पर दबा सकते हैं।

तीन रेखायें में से प्रत्येक का रंग बदलने के अलावा, आप अवधियों की संख्या निर्धारित कर सकते हैं। वे डिफ़ॉल्ट रूप से 14 पर निर्धारित होते हैं, और अधिकांश ट्रेडर इसे वहीँ पर रखना पसंद करते हैं। अन्य इसे 12, 18, 21, या विभिन्न अवधियों में निर्धारित करते हैं, आमतौर पर 7 से 30 की सीमा में।

Technical Indicator ADX - How to Set the ADX Indicator on the Olymp Trade Platform - 2022/03/05

प्राय, आपके द्वारा निर्धारित अवधि की संख्या जितनी अधिक होगी, आपका ADX इंडिकेटर उतना ही अधिक दीर्घकालिक होगा। अवधियों की संख्या जितनी कम होगी, बाजार के क्षणिक उतार-चढ़ाव के प्रति यह उतना ही संवेदनशील होगा।

ADX इंडिकेटर की व्याख्या

इंडिकेटर की तीन रेखाओं का अर्थ निम्न है:

  • +DI रेखा असेट मूल्य वृद्धि को इंगित करती है।
  • -DI रेखा असेट मूल्य में कमी का संकेत देता है।
  • ADX रेखा बाजार, ट्रेंड या फ्लैट (सपाट) में ट्रेंड की अवस्था का संकेतक है।

सीमा 0 और 100 के बीच बदलती है:

  • 20 से नीचे की ADX संख्या बताती है कि ट्रेंड कमजोर है।
  • 20 से 40 की ADX संख्या का मतलब है कि ट्रेंड मजबूत है।
  • 40 से 60 तक की ADX संख्या एक बहुत शक्तिशाली ट्रेंड को इंगित करता है।
  • 60 ADX से अधिक की ADX संख्या अत्यंत दुर्लभ हैं।

यहाँ ADX और DI रेखाओं के बर्ताव की व्याख्या करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • यदि बाजार में ऊपर या नीचे का ट्रेंड होता है, तो DI सिग्नल रेखाओं के बीच की दूरी बढ़ जाती है, और ADX बढ़ जाता है।
  • इसके विपरीत, जब बाजार में कम गतिविधि होती है, तो DI सिग्नल रेखाओं के बीच की दूरी कम हो जाती है और ADX गिर जाता है।
  • यदि +DI रेखा अन्य रेखा से ऊपर होती है, तो यह अपवर्ड ट्रेंड का संकेत होता है।
  • हालांकि, यदि -DI रेखा अन्य से ऊपर होती है, तो यह डाउनवर्ड ट्रेंड का संकेत होता है।
  • यदि +DI और -DI रेखाएं क्रॉस करती हैं, तो यह ट्रेंड परिवर्तन का संकेत है।

ADX इंडिकेटर उपयोग का उदाहरण

नीचे के चित्र में, ADX रेखा लाल है, और DI रेखाएँ नीली और भूरी हैं।

24 और 25 फरवरी को, FTSE 100 7,200 के निचले स्तर पर स्थित था, जो बाद में एक नए अपट्रेंड की शुरुआत के रूप में परिवर्तित हुआ। उस अवधि के दौरान, लाल ADX रेखा 51.259 की ओर बढ़ी जबकि DI रेखा नीचे थी।

इसकी व्याख्या एक बहुत शक्तिशाली ट्रेंड की शुरुआत के रूप में की जा सकती थी।

3 मार्च को जब FTSE 100 7,400 से नीचे था, लाल ADX रेखा नीचे थी, जबकि DI रेखाएं दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब पहुँच रही थीं। हमारी स्पष्टीकरण पद्धति के अनुसार, तात्पर्य यह है कि ट्रेंड कमजोर था।

रेटिंग: 4.94
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 324