ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स
Trading Account क्या होता है ,कैसे खोले और क्या है इसके फायदे ?
- Post last modified: July 12, 2020
- Post author: Yogesh Singh
- Post category: Share Market
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हेलो दोस्तों ! Trading account के बारे में पढ़ने से पहले आप हमारे पिछली पोस्ट डीमैट अकाउंट क्या होता है ? वह जरूर देख ले | चलिए आगे बढ़ते है क्या आप को पता है Trading Account क्या होता है (What is trading account in hindi)? कैसे आप भी Trading Account खोल सकते है ? इसके क्या क्या फायदे है ?बाजार में निवेश करने के लिए Trading Account क्यों जरुरी है ?आईये विस्तार में जानते है |
Trading Account क्या होता है (What is Trading Account in Hindi )?
ट्रेडिंग खाते का उपयोग शेयरों को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किया जाता है। यदि आप शेयर बाजार में शेयर्स की लेन-देन करना चाहते हैं तो आपके पास ट्रेडिंग खाता होना अनिवार्य है।
ट्रेडिंग खाते की मदद से आप शेयर्स खरीदने की पेमेंट कर पाते है और शेयर्स बेचने पर बेचे हुए शेयर्स की राशि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में आ जाती है | जिसे सेविंग बैंक अकाउंट में भी स्थानांतरित किया जा सकता है |
शेयर्स की लेन देन करने की प्रक्रिया को पूरा के लिए केवल ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स ट्रेडिंग अकाउंट का होना ही काफी नहीं है आपके पास डीमैट अकाउंट और सेविंग बैंक अकाउंट का भी होना भी अनिवार्य है ताकि आपका ब्रोकर आपके खरीदे हुए शेयर्स को डीमैट अकाउंट में रख सके और शेयर्स खरीदेने पर उनके पैसे को सेविंग अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सके और शेयर्स बेचने पर पैसो को ट्रेडिंग अकाउंट में रख सके और आप ट्रेडिंग अकाउंट से वह पैसे अपने सेविंग अकाउंट में भी ट्रांसफर कर सकते है |
Trading Account खुलवाने के लिए कौन कौन से Documents की जरुरत पड़ती है ?
ट्रेडिंग खाता खुलवाने के लिए आपके पास नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ती है|
- पैन कार्ड (Pan Card)
- आधार कार्ड (Aadhar Card)
- २ पासपोर्ट फोटो (2 Passport Size Photos)
- बैंक विवरण (6 month bank statement or ITR filing)
Trading Account को कैसे Open किया जाता है?
Trading Account सिर्फ स्टॉक ब्रोकर के द्वारा ही खोला जाता है और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने किये आपके पास Demat Account जरुर होना चाहिए |
Discounted Brokers के आ जाने से Demat और Trading अकाउंट खुलवाने की प्रक्रिया काफी किफायती हो गयी है तो आप अपना Demat और Trading अकाउंट Upstox,Zerodha जैसे Discounted Brokers के पास भी खुलवा सकते है | यहाँ तक की ब्रोकर्स तो फ्री में डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा के देते है वह भी एक साल फ्री Maintenance के साथ फ्री में अकाउंट खुलवाने के लिए आप Upstox and Angel Broker जैसे Discounted Brokers पास जा सकते है |
- Trading Account खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना अनिवार्य है और उसके साथ पहचान पत्र और एक सेविंग अकाउंट भी होना चाहिए ताकि ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आप इसमें से फंड ट्रांसफर कर सके.
- सबसे पहले आपको एक ब्रोकर खोजने की आवश्यकता है जिसके साथ आप एक ऑनलाइन Trading Account खोलना चाहते हैं।
- एक बार जब आप सारे आवश्यक दस्तावेजों के साथ इस फॉर्म को upload कर लेते हैं तो आपकी ब्रोकिंग कंपनी के पास यह फॉर्म आ जाता है और सब कुछ सही होने पर इसके तुरंत बाद वो आपको Login Credentials प्रदान कर देते है |
Trading Account के फायदे
- Trading Account आपको Margin Money की सुविधा प्रदान करता है जिसके मदद से आप कम पैसे में ज्यादा मूल्य वाले स्टॉक्स पे ट्रेड कर सकते है |
- Trading Account से आप दुनिया में कई भी रहते हुए सिर्फ मोबाइल के एक क्लिक से शेयर्स खरीद और बेच सकते है |
- Online Trading Account की मदद से जब एक स्थान से दूसरे स्थान पर धनराशि स्थानांतरित करने की बात आती है तो इसमें कोई कठिनाई नहीं होती है ।
- Trading account खोलते ही देश के विभिन्न प्रकार के स्टॉक एक्सचेंजों तक आप की पहुंच हो जाती है। जिससे आपको अपने निवेश को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद मिलते है और निश्चित रूप से आपके पास shares को तलाशने के लिए अधिक विकल्प होते है ।
- Trading account की मदद से आप कभी भी अपने मोबाइल से खाते तक पहुंचने का लाभ उठा सकते हैं ।
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Conclusion
आज हमने जाना की Trading Account क्या होता है किसी निवेशक के लिए यह कितना जरुरी है | अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |
निवेश के मंत्र 73: जानिए आपके लिए क्यों जरूरी है डीमैट अकाउंट और घर बैठे इसे खोलने की प्रक्रिया
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
स्रोतः एंजेल ब्रोकिंग
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
18 साल से कम उम्र के बच्चों का कैसे खुलता है बैंक अकाउंट? किन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
How to open bank account for kids: बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है.
बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है.
How to open bank account for kids: बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है. इसके साथ उन्हें इससे पैसे को किया मैनेज किया जाता है, यह भी सिखाया जा सकता है. ऐसे अकाउंट्स को माइनर अकाउंट कहते हैं. यह अकाउंट उन लोगों के लिए होते हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है. इस अकाउंट में बचत का पैसा रखने पर भविष्य में बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी आदि पर खर्च किया जा सकता है.
कौन खोल सकता है अकाउंट ?
- नाबालिग की ओर से अभिभावक अकाउंट खोल सकता है.
- नाबालिग के साथ मिलकर अभिभावक ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकता है.
- नाबालिग के नाम पर कानूनी अभिभावक भी खोल सकता है.
- 10 साल या उससे ज्यादा उम्र का नाबालिग अपने नाम पर खोल सकता है, जिसका संटालन उसके द्वारा ही होगा.
अकाउंट को खोलने के लिए आम अकाउंट खोलने वाला फॉर्म ही भरना होगा. इसमें नाबालिग का नाम, घर का पता, अभिभावक की डिटेल्स और हस्ताक्षर को भी लिखना होगा.
जरूरी दस्तावेज
अकाउंट खोलने के लिए फॉर्म के साथ ये दस्तावेज होना जरूरी हैं
Post Office TD: ये सरकारी स्कीम 10 लाख पर देगी 3.8 लाख ब्याज, 1 साल से 5 साल तक निवेश के हैं विकल्प
- नाबालिग की जन्मतिथि का प्रूफ
- अभिभावक के केवाईसी दस्तावेज
- नाबालिग का आधार कार्ड
अकाउंट का संचालन
10 साल से कम उम्र के नाबालिग के लिए, अभिभावक को अकाउंट का संचालन करना होता है. हालांकि, 10 साल की उम्र से ज्यादा वाले बच्चे खुद अकाउंट का संचालन कर सकते हैं.
18 साल की उम्र होने पर
एक बार नाबालिग की उम्र 18 साल होने पर अकाउंट को रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदलना होगा. इसके बाद, अभिभावक खाताधारक की ओर से अकाउंट का संचालन नहीं कर सकता है. इसके लिए नाबालिग व्यक्ति जो अब बालिग हो गया है. उसकी केवाईसी डिटेल्स के साथ ऐप्लीकेशन फॉर्म को सब्मिट करना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
बैंक इन अकाउंट्स पर रोजाना के ट्रांजैक्शन की सीमा रखते हैं. इसके साथ माता-पिता को नाबालिग के अकाउंट पर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन की इजाजत मिलती है, जिससे वे अपने बच्चों के ट्रांजैक्शन पर ध्यान रख सकें.
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ऑनलाइन नॉमिनेशन से परिचय
अब आप अपने ट्रेडिंग और डीमैट खाते में एक या उससे ज़्यादा नॉमिनी को Console पर ऑनलाइन ही रजिस्टर कर सकते हैं बिना किसी परेशानी के। अगर आपका अकाउंट डॉर्मेंट होजाता है जो एक साल तक बिना ट्रेडिंग या एक्टिविटी की वजह से माना जाता है तब आपको वापस KYC करके अपने अकॉउंट को एक्टिवेट करना होगा
यदि आप ये हमारे नोटिफिकेशन भेजने के बावजूद भी नहीं करते हैं तब हम आपके नॉमिनी को ईमेल या SMS द्वारा सूचित करेंगे। यह इसलिए किया जाता है ताकि आपके नॉमिनी को आपके ट्रेडिंग और डीमैट खाते और उनके नॉमिनी होने के बारे में जानकारी दी जाये अगर कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई हो।
संदर्भ
डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया 2016 में ही पूर्ण रूप से ऑनलाइन करदी गयी थी (आधार e – sign के द्वारा ) , लेकिन नॉमिनी को जोड़ना अब तक एक फिजिकल प्रोसेस ही थी। यह इसलिए था क्यूंकि जो प्रोसेस MCA द्वारा बताई गयी थी उसमे फिजिकल फॉर्म का अन्य विटनेस हस्ताक्षरों के साथ जमा करना अनिवार्य था। इसका रेगुलेशन अभी हाल ही में बदला गया है , अब SEBI ने 3 नॉमिनी तक ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट में बिना कोई मुश्किल e-sign द्वारा जोड़ने की अनुमति जारी की है।
जब आप अपने ब्रोकर द्वारा अकाउंट खोलते हैं तो आप दो तरीके के अकाउंट खोलते हैं :
- एक ट्रेडिंग अकाउंट जो एक्सचेंज (NSE, BSE, MCX) पर रजिस्टर्ड है। ये वह अकाउंट है जिसमे आप अपने फंड्स और F&O पोसिशन्स को रखते हैं। अगर आपके इस अकाउंट में कोई एक्टिविटी ना की गयी हो तो आपके फंड्स क्वार्टरली सेटलमेंट तहत आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए जायेंगे और नॉमिनेशन जो आपके बैंक खाते पर लागु किया हो उसको वैलिड ही रखा जायेगा ऐसे फंड्स के लिए। अगर किसी कारन आपके ट्रेडिंग अकाउंट में फिर भी फंड्स ऐसे ही पड़े हों तो उनको आपके नॉमिनी को ट्रांसफर किया जा सकता है । F&O पोसिशन्स को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता इसलिए वो पहले लिक्विडेट और सेटल किये जाएंगे फिर आपके बैंक खाते या नॉमिनी को ट्रांसफर कर दिये जाएंगे।
- एक डीमैट अकाउंट जो डिपॉज़िटरी के साथ रजिस्टर्ड हो (CDSL पर Zerodha )। ये वो अकाउंट है जिसमे आप अपने शेयर्स या सेक्युरिटीज़ को डीमैट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में रख सकते हैं। सेक्युरिटीज़ जब एक बार आपके डीमैट में आजायें तो इनको इसी तरह हमेशा के लिए रख सकते हैं जब तक आप इनको बेच दे या किसी और डीमैट में ट्रांसफर ना करदें। इसलिए ज़रूरी है आप अपने इस अकाउंट में नॉमिनी को जोड़ें। नॉमिनी को जोड़ने के साथ ये भी ज़रूरी है की आप अपने डीमैट अकाउंट होने की जानकारी आपके नॉमिनी को बताएं। जैसे हमने पहले भी बताया है हम आपके नॉमिनी को ईमेल या SMS द्वारा सूचित करेंगे अगर आपका अकाउंट वापस KYC ना करने पर या किसी और वजह से डॉर्मेंट होजाये।
नॉमिनी को सूचित करना क्यों ज़रूरी है?
एक हाल ही में हुए सर्वे से पता चला है की हिंदुस्तान के डिपॉजिट्स में ₹ 82,000 करोड़ तक का कार्पस बेदावा पड़ा हुआ है। यह सिर्फ अनुमान है और इसमें शामिल:
- बेदावा प्रोविडेंट फण्ड अकाउंट – ₹ 26,497 Cr
- बेदावा बैंक अकाउंट – ₹ 18,381 Cr
- निष्क्रिय म्युचुअल फन अकाउंट – ₹ 17,880 Cr
- बेदावा LIC पॉलिसीस – ₹ 15,167 Cr
- प्रौढ़ फिक्स्ड डिपाजिट – ₹ 4,820 Cr
- बेदावा डिविडेंड्स – ₹ 4,100 Cr
ये सारे बेदावा शायद इसलिए हैं क्यूंकि इनके नॉमिनी को इन एसेट्स के होने की जानकारी ही नहीं है । हम आशा करते हैं की अलर्ट फीचर द्वारा हम ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण अवसरों में सारे कस्टमर्स के नॉमिनी को सूचित कर पाएं ।
और क्यूंकि हम डायरेक्ट म्यूच्यूअल फंड्स को डीमैट के रूप में Coin पर उपलब्ध करते हैं , ये नॉमिनेशन आपके उन सारे म्यूच्यूअल फण्ड होल्डिंग्स और आपके दुसरे सेक्युरिटीज़ के साथ सारे फंड्स को भी कवर करेगा।
नॉमिनी को कैसे जोड़ें।
ये आप Console पर जाकर कर सकते हैं, अगर आप एक से ज्यादा नॉमिनी जोड़ना चाहते हैं तो आपको ये लिखना ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स होगा की आप हर नॉमिनी को कितना प्रतिशत देना चाहते है , आप 100% तक बाँट सकते है।
निवेश के मंत्र 73: जानिए आपके लिए क्यों जरूरी है डीमैट अकाउंट और घर बैठे इसे खोलने ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स की प्रक्रिया
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
स्रोतः एंजेल ब्रोकिंग
पिछले कुछ वर्षों में निवेश की प्रक्रिया में भारी बदलाव देखा गया है। नई तकनीक के साथ चीजें अधिक गतिशील हो गई हैं। आज, ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है। आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंस को मैनेज करना परेशानियों से भरा हो सकता है। शुक्र है, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 ने सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सेक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है।
शेयरों या अन्य सेक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय, एक डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है, जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सेक्योरिटी रखते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है। अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है। डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैट रियलाइजेशन के कंसेप्ट का उपयोग करता है। डीमैट रियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। डीमैट खाता एक छत के नीचे निवेशक के सभी शेयरों को संग्रहित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है: इनमें सरकारी सेक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए सवालों के अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें। फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें। अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है। आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे।
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं। यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट संचालित कर सकता है।
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