Physics Wallah bana kaise? thodi mushkil, sabka saath, aur dher saare pyaar se!

Physics Wallah Web Series: फिजिक्स वाला के अलख पांडे अब अमेजन मिनी टीवी पर भी

राज एक्सप्रेस। शिक्षक और विद्यार्थियों के संघर्षों को दिखाने वाली एक और वेब सीरीज OTT प्लेटफार्म पर बहुत जल्द दस्तक देने जा रही हैं यह सीरीज 15 दिसंबर को मिनी टीवी पर स्ट्रीम की जायेगी बता दें, इसके टोटल 6 एपिसोड होंगे। यूट्यूब पर अलख पांडे के स्टूडेंट्स और उनके चाहने वाले इस सीरीज को लेकर काफी उत्साहित हैं।

फिजिक्स वाला वेब सीरीज के बारे में :

फिजिक्स वाला एक बायोपिक सीरीज है, जो एक युवा शिक्षक की कहानी है। जो सुलभ और आधुनिक शिक्षा प्रणाली की सहायता से देश के हर स्टूडेंट की मदद करना चाहता है। काफी सारी असफलताओ को देखने के बाद अन्तत: सफलता उनके कदम चूमती है। और जैसे कहा जाता है कि सफलता के हजारो दुश्मन होते है वैसे ही युवा शिक्षक अलख पांडे को भी बहुत सारी चुनौतियो का सामना करना पड़ता है। यह बायोपिक सीरीज इसी संघर्ष के बारे में हमे अवगत कराती है।

सीरीज में कुल 6 एपिसोड्स-

अपने ज्ञान को हर बच्चे तक पहुंचने के सपने को पूरा करने के लिए उसे आर्थिक तंगी से लेकर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, मगर जुनून थमने नहीं देता। कॉरपोरेट घरानों की मोनोपॉली और आंतरिक संघर्षों को भी कहानी में गूंथा गया है। सीरीज में कुल 6 एपिसोड्स है।

कोचिंग संस्थानों पर आधारित वेब सीरीज :

कोचिंग संस्थानों पर आधारित वेब सीरीज में अब और नाम जुड़ने वाला हैं , इससे पहले भी कोटा फैक्ट्री नामक वेब सीरीज ने कोटा के स्टूडेंट्स तथा टीचर्स के संघर्षो को दिखाया था, हालांकि कोटा फैक्ट्री एक काल्पनिक सिरीज है। जीतू कुमार इसमें फिजिक्स के टीचर का ही किरदार निभाते हैं। यह सीरीज नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है। ऋतिक रोशन स्टारर फिल्म सुपर 30 भी इसी विचारधारा पर निर्मित मूवी थी और अब इसी में एक और नाम शामिल हो चुका हैं फिजिक्स वाला वेब सीरीज, यह भी Physics Wallah के अलख पांडे के संघर्ष से भरे जीवन पर आधारित हैं।

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note kar lo Dec 15 ki date kyunki aa raha hai #PhysicsWallahOnminiTV pic.twitter.com/zps5htaSVZ

— Amazon miniTV (@amazonminiTV) December 9, 2022

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सौंदर्य, स्वास्थ्य और जीवन शैली विकल्प

आयुर्वेद, चिकित्सा की एक प्राकृतिक प्रणाली, भारत में 3,000 से अधिक साल पहले उत्पन्न हुई थी। आयुर्वेद शब्द संस्कृत के शब्द आयुर (जीवन) और वेद (विज्ञान या ज्ञान) से लिया गया है। इस प्रकार, आयुर्वेद जीवन के ज्ञान का अनुवाद करता है। इस विचार के आधार पर कि रोग किसी व्यक्ति की चेतना में असंतुलन या तनाव के कारण होता है, आयुर्वेद शरीर, मन, आत्मा और पर्यावरण के बीच संतुलन हासिल करने के लिए कुछ जीवनशैली हस्तक्षेपों और प्राकृतिक उपचारों को प्रोत्साहित करता है।

आयुर्वेद उपचार एक आंतरिक शुद्धि प्रक्रिया के साथ शुरू होता है, इसके बाद एक विशेष आहार, हर्बल उपचार, मालिश चिकित्सा, योग और ध्यान किया जाता है।

सार्वभौमिक अंतर्संबंध की अवधारणाएं, शरीर का संविधान (प्रकृति), और जीवन शक्ति (दोष) आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्राथमिक आधार हैं। उपचार के लक्ष्य व्यक्ति की अशुद्धियों को दूर करने, लक्षणों को कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, चिंता कम करने और जीवन में सामंजस्य बढ़ाने में सहायता करते हैं। आयुर्वेदिक उपचार में तेल और आम मसालों सहित जड़ी-बूटियों और अन्य पौधों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

भारत में, आयुर्वेद को पारंपरिक पश्चिमी चिकित्सा, पारंपरिक चीनी चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा और होम्योपैथिक चिकित्सा के बराबर चिकित्सा देखभाल का एक रूप माना जाता है। भारत में आयुर्वेद के चिकित्सक राज्य-मान्यता प्राप्त, संस्थागत प्रशिक्षण से गुजरते हैं। वर्तमान में, आयुर्वेदिक चिकित्सकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में लाइसेंस प्राप्त नहीं है, और आयुर्वेदिक प्रशिक्षण या प्रमाणन के लिए कोई राष्ट्रीय मानक नहीं है। हालांकि, आयुर्वेदिक स्कूलों ने कुछ राज्यों में शैक्षणिक संस्थानों के रूप में स्वीकृति प्राप्त की है।

मानक, पारंपरिक चिकित्सा देखभाल के संयोजन में पूरक चिकित्सा के रूप में उपयोग किए जाने पर आयुर्वेद के सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।

पश्चिमी या भारतीय शोधों में कई आयुर्वेदिक सामग्रियों का गहन अध्ययन नहीं किया गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग किए जाने वाले कुछ उत्पादों में जड़ी-बूटियाँ, धातुएँ, खनिज, या अन्य सामग्रियाँ होती हैं जो अनुचित तरीके से या प्रशिक्षित चिकित्सक के निर्देश के बिना उपयोग किए जाने पर हानिकारक हो सकती हैं। आयुर्वेदिक दवाओं को संयुक्त राज्य अमेरिका में दवाओं के बजाय पूरक आहार के रूप में विनियमित किया जाता है, इसलिए उन्हें पारंपरिक दवाओं के लिए सुरक्षा और प्रभावकारिता मानकों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं होती है। ये दवाएं पश्चिमी दवाओं के प्रभावों के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं या उनके खिलाफ काम कर सकती हैं। जिन आयुर्वेदिक चिकित्सकों का आप उपयोग करना चाहते हैं, उनके प्रशिक्षण और पृष्ठभूमि की जांच करें।

आपके द्वारा अपने डॉक्टर के साथ उपयोग किए जाने वाले किसी भी आयुर्वेदिक उपचार पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। जो महिलाएं गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं, या जो लोग बच्चे के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा का उपयोग करने की सोच रहे हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि किसी बीमारी या स्थिति का निदान एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा किया गया है जिसके पास उस बीमारी या स्थिति के प्रबंधन के लिए पर्याप्त पारंपरिक चिकित्सा प्रशिक्षण और अनुभव है। जबकि मानक, पारंपरिक चिकित्सा देखभाल के संयोजन में पूरक चिकित्सा के रूप में उपयोग किए जाने पर आयुर्वेद के सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, इसे विशेष रूप से गंभीर स्थितियों का इलाज करते समय मानक, पारंपरिक चिकित्सा देखभाल को प्रतिस्थापित नहीं करना चाहिए।

भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल, जो चीन-PAK से लेकर आधी दुनिया तक कर सकती है हमला

नई दिल्ली। भारत (India) की सबसे ताकतवर मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 ICBM) का सफल परीक्षण किया गया. यह टेस्ट रात में किया गया. पहली बार मिसाइल को इसकी पूरी रेंज में दागा गया. यानी इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया. इस मिसाइल को डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल (Missile) की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.

अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) का वजन 50 हजार किलोग्राम है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. इसके ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार (nuclear weapon) लगा सकते हैं. इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर (rocket booster) हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी गति साउंड की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है.

ये है अग्नि मिसाइल की रेंज
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है. इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, सफल व्यापारी किन व्यापारिक प्रणालियों का उपयोग करते हैं जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. अगर टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है तो उसका बचना मुश्किल है.

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अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर (mobile launcher) का उपयोग करते हैं. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है. इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में पहली बार योजना बनाई थी.

भारत अगर इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप का कुछ हिस्सा, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया तक हमला कर सकता है. इस मिसाइल की सबसे खास बात है इसकी MIRV तकनीक (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स). इस तकनीक में मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड (Warhead) की संख्या बढ़ाई जा सकती है. यानी एक मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना लगा सकता है.

अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) की तैनाती स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) में की गई है. इस कमांड के तहत ही भारत की सभी मिसाइलों का संचालन किया जाता है. इसमें पृथ्वी, अग्नि और सूर्य जैसी मिसाइलें शामिल हैं. सूर्य मिसाइल अभी बनी नहीं है. इसकी रेज 12 से 16 हजार किलोमीटर होगी. उससे पहले अग्नि-6 बनाई जाएगी जो 8 से 12 हजार किलोमीटर रेंज की होगी. इसी कमांड में समुद्र में मौजूद सैन्य मिसाइलें भी शामिल हैं. जैसे- धनुष, सागरिका आदि.

अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. अग्नि-5 मिसाइल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के सफल व्यापारी किन व्यापारिक प्रणालियों का उपयोग करते हैं लिए बेहतरीन हथियार है.

50 हजार किलोग्राम वजन वाली अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम का कंट्रोल एंड गाइडेंस सिस्टम नियंत्रित करता है. यह इस मिसाइल पर ही लगा होता है. इसे सिस्टम ऑन चिप (SOC) आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहते हैं. MIRV तकनीक यानी मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते है. यानी एक ही मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले अलग-अलग 2 से 10 टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकता है.

CIBIL Score : अगर लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, तो थोड़ा रुक जाइए, पहले इसके बारे में जान लें, जो करेगा आपकी मदद

CIBIL Score : अगर आप किसी तरह के लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपने सिबिल स्कोर के बारे में जानकारी करनी चाहिए, क्योंकि आपका अप्लिकेशन तभी प्रासेस किया जाएगा जब आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा.

Updated: December 16, 2022 12:29 PM IST

CIBIL Score : अगर लोन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं, तो थोड़ा रुक जाइए, पहले इसके बारे में जान लें, जो करेगा आपकी मदद

CIBIL Score : CIBIL स्कोर या क्रेडिट स्कोर (Credit Score) किसी व्यक्ति के क्रेडिट इतिहास का आइना होता है. कोई भी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान उधारकर्ता की विश्वसनीयता की जांच करने के लिए इसका इस्तेमाल करता है. CIBIL द्वारा क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है, जो भारत में क्रेडिट ब्यूरो में से एक है.

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इसमें आपके क्रेडिट इतिहास का तीन अंकों का संख्यात्मक सार होता है. यह 300 से लेकर 900 के बीच हो सकता है. उत्कृष्ट CIBIL स्कोर 750-900 के बीच होता है. एक अच्छा सिबिल स्कोर 650-750 के दायरे में आता है. 550-650 के बीच का CIBIL स्कोर औसत श्रेणी में आता है, और 300-500 की सीमा में आने वाला खराब श्रेणी में आता है.

सिबिल स्कोर चेक करने का तरीका

  • सिबिल स्कोर की गणना किसी व्यक्ति के कम से कम 6 महीने के ऐतिहासिक वित्तीय डेटा के आधार पर तैयार किया जाता है.
  • https://www.cibil.com/ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • ऑनलाइन फॉर्म भरें जो आपके व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, जन्म तिथि, पता, पिन कोड, आईडी प्रूफ, पिछले ऋण इतिहास और अन्य प्रासंगिक डेटा मांगता है.
  • CIBIL आपके विवरण को सत्यापित करने के लिए आपको एक OTP भेजेगा. यह आपको और अधिक जानने के लिए आपसे अधिक जानकारी के लिए भी कह सकता है.
  • सिबिल स्कोर एक मजबूत प्रमाणीकरण प्रक्रिया का पालन करता है. सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने विभिन्न ऋणों जैसे गृह ऋण, क्रेडिट कार्ड और अपने मोबाइल फोन का विवरण उपलब्ध है.
  • सफल सत्यापन के बाद, आपको अपनी सिबिल स्कोर रिपोर्ट निःशुल्क प्राप्त होगी.
  • CIBIL आपको एक कैलेंडर वर्ष में एक बार बिना किसी शुल्क के एक CIBIL स्कोर और रिपोर्ट प्रदान करता है.
  • यदि आप अपने CIBIL स्कोर की जांच करना चाहते हैं, तो आप उनकी सदस्यता योजनाओं का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिसमें उपयोगकर्ता समय-समय पर अपना CIBIL स्कोर जांचते रह सकते हैं.
  • वेबसाइट तीन योजनाओं की पेशकश करती है – 550 रुपये के लिए 1 महीने की मूल योजना, 800 रुपये के लिए 6 महीने की मानक योजना और 1200 रुपये के लिए प्रीमियम 1 साल की योजना.
  • उपयोगकर्ता प्रत्येक योजना में दी जाने वाली सुविधाओं को देखने के लिए CIBIL वेबसाइट पर जा सकते हैं.
  • आधिकारिक वेबसाइट के अलावा, सिबिल स्कोर को बैंकों की वेबसाइट और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे पैसाबाज़ार.कॉम, आईआईएफएल, बजाज फाइनेंस इत्यादि पर भी केवल अपना नाम, जन्म तिथि, पता, पिन कोड, पैन कार्ड नंबर प्रदान करके मुफ्त में सफल व्यापारी किन व्यापारिक प्रणालियों का उपयोग करते हैं चेक किया जा सकता है.
  • केवल अपना CIBIL स्कोर जांचना ही पर्याप्त नहीं होता है, बल्कि एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.

कैसे बेहतर बनाए रखें सिबिल स्कोर

  • लोन की किस्तों का भुगतान समय पर करना सुनिश्चित करें.
  • अगर किस्तें छूट जाती हैं, सफल व्यापारी किन व्यापारिक प्रणालियों का उपयोग करते हैं तो यह भविष्य के लोन के लिए क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है.
  • क्रेडिट कार्ड के उपयोग को कम करने के लिए क्रेडिट राशि पर अंकुश लगाएं या खर्च में कटौती करें.
  • कम ब्याज दरों के बावजूद बहुत ज्यादा कर्ज लेने से दूर रहें.
  • अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने का एक त्वरित तरीका अपनी क्रेडिट सीमा को बढ़ाना है.
  • कर्जदार लंबी अवधि के कर्ज के लिए भी जा सकते हैं ताकि ईएमआई कम मिले और इसे चुकाना आसान हो.
  • कभी भी किसी और के लोन का गारंटर न बनें, क्योंकि उनके लोन पर कोई चूक आपके क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित कर सकती है.

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KBC 14: हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग कौन सा है?

KBC 14 Daily Pari Match Quiz

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उत्तर: A. त्वचा

हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग त्वचा है. त्वचा या त्वक् (skin) शरीर का बाह्य आवरण होती है जिसे बाह्यत्वचा (एपिडरमिस) भी कहते हैं. यह वेष्टन प्रणाली का सबसे बड़ा अंग है जो उपकला ऊतकों की कई परतों द्वारा निर्मित होती है और अंतर्निहित मांसपेशियों, अस्थियों, अस्थिबंध (लिगामेंट) और अन्य आंतरिक अंगों की रक्षा करती है. त्वचा रोगजनकों के खिलाफ शरीर की सुरक्षा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके अन्य कार्यों मे जैसे तापावरोधन (इन्सुलेशन), तापमान विनियमन, संवेदना, विटामिन डी का संश्लेषण और विटामिन बी फोलेट का संरक्षण करती है. बुरी तरह से क्षतिग्रस्त त्वचा निशान ऊतक बना कर चंगा होने की कोशिश करती है. यह अक्सर रंगहीन और वर्णहीन होता है. मानव मे त्वचा का वर्ण प्रजाति के अनुसार बदलता है और त्वचा का प्रकार शुष्क से लेकर तैलीय हो सकता है.

KBC 2022, Daily Pari Match Quiz, 15 December के सभी सवाल और उनके जवाब

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