आपने यह अंग्रेजी कहावत तो सुनी होगी कि कभी भी अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिये। यह बात निवेश पर सबसे सही लागू होती है। विविधीकरण पोर्टफोलियो में होने वाले जोखिमों को कम करता है क्योंकि कुछ निवेशों का सकारात्मक प्रदर्शन दूसरों के नकारात्मक प्रदर्शन को बेअसर कर देता है। इसलिए Diversification के लाभ केवल तभी होते हैं जब पोर्टफोलियो में प्रतिभूतियां पूरी तरह से अलग अलग प्राकृति की हों। अध्ययन और गणितीय मॉडल ने दिखाया है कि 25 से 30 शेयरों सही पोर्टफोलियो का निर्माण के एक अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो जोखिम में कमी का सबसे अधिक प्रभावी परिणाम देता है।
महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने लांच किया स्माल कैप एनएफओ
मुंबई- महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने उन निवेशकों के लिए स्मॉल कैप फंड लॉन्च किया जो लंबी अवधि के लिए संपत्ति बनाना चाहते हैं। महिंद्रा मनुलाइफ म्युचुअल फंड ने स्मॉल कैप फंड लॉन्च किया है जो एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है और जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करना है। एसेट एलोकेशन का न्यूनतम 65% स्मॉल कैप कंपनियों के लिए होगा। यह स्कीम 21 नवंबर 2022 को खुल गई है जो 5 दिसंबर 2022 को बंद होगी
भारत ने अतीत में कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों का रास्ता अपनाने के बाद अब भविष्य में विकास की संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं और यही इसकी उभरती हुई भारतीय उद्यमिता को भुनाने का सही अवसर है। भारत का नया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी आशावादी दिखता है। भारत में स्मॉल कैप कंपनियों के विकास के लिए कई फ़ैक्टर्स में कई तो बहुत उम्मीद भरे दिखाई देते हैं।
कॉफी केन इंवेस्टिंग स्ट्रैटेजी क्या हैं?
कॉफी कैन इनवेस्टिंग एक कम जोखिम वाला तरीका हैं, जिसमें उच्च ग्रोथ हासिल करने वाली कंपनियों के शेयरों को खरीद कर 10 साल तक रख दिया जाता हैं. लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करने के लिए “खरीदें और भूल जाएं” दृष्टिकोण को कॉफी निवेश कहते हैं. इन कंपनियों की नियमित रूप से दूसरों की तरह निगरानी नहीं की जाती है. शेयरों में इस तरह का निवेश एक “कॉफी केन पोर्टफोलियो” बनाता है.
मुख्य रूप से, यह एक लंबी अवधि की निवेश रणनीति है जिसकी समयावधि 10 साल से अधिक है. 10 वर्षों के अंत में आपके पास कुछ स्टॉक होंगे जो विकसित नहीं हुए हैं, अन्य जो मूल्य खो चुके हैं, और दो से चार आउटपरफॉर्मर होंगे.
वे आउटपरफॉर्मर निवेश पर उच्च रिटर्न प्रदान करेंगे. ये ऐसे स्टॉक्स होंगे हर साल 15% से अधिक की पूंजी पर रिटर्न (ROCE) उत्पन्न किया है.
कैसे बनाएं कॉफी केन पोर्टफोलियो
कॉफी केन पोर्टफोलियो ज्यादातर स्टॉक की गुणवत्ता से संबंधित है. एक निवेशक के रूप में, आपको एक गुणवत्ता वाले स्टॉक का चयन करना चाहिए, जो एक मौलिक रूप से मजबूत कंपनी का प्रतीक है. ऐसा पोर्टफोलियो बनाने के लिए यहां कुछ पॉइंट्स दिए हैः
– कंपनी को कम से कम 10 साल से अस्तित्व में होना चाहिए.
– राजस्व वृद्धि CAGR या SAGR नहीं, बल्कि सालाना कम से कम 10% होनी चाहिए.
– 10 वर्षों के लिए कम से कम 15% का सही पोर्टफोलियो का निर्माण ROCE होना चाहिए.
– मार्केट केपिटलाइजेशन 100 करोड़ रूपये से अधिक होना चाहिए.
– कंपनी की ब्रांड वैल्यू अच्छी होनी चाहिए.
– कंपनी के पास प्रतिस्पर्धा में बढ़त होनी चाहिए.
– एकमुश्त निवेश कर सकते हैं.
– सिस्टैमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश कर सकते हैं.
– कीमत कम हो जाए तब खरीद सकते हैं.
कॉफी केन पोर्टफोलियो का निर्माण करते ये बातों का रखें ध्यान
– ऐसी कंपनियां चुनें जो मार्केट लीडर हों.
– 10–15 कंपनियों का एक पोर्टफोलियो बनाएं और प्रति वर्ष एक से कम स्टॉक का चर्निंग करें.
– उन कंपनियों को चुनें जिनका एक दशक से अधिक का उत्कृष्ट विकास ट्रैक रिकॉर्ड है.
– एक प्रकार के स्टॉक पर ध्यान केंद्रित न करें; डाइवर्सिफाय रहने कि कोशिश करें.
कॉफी कैन सही पोर्टफोलियो का निर्माण पोर्टफोलियो उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो इंडेक्स फंड से अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं और 10 से अधिक वर्षों के लिए निवेश करने के इच्छुक हैं. जो लोग निष्क्रिय रूप से निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह अन्य विकल्पों के मुकाबले एक व्यवहार्य विकल्प है.
Diversification सही पोर्टफोलियो का निर्माण के लिए म्यूचुअल फंड सही है
अधिकांश छोटे निवेशकों के पास सीमित निवेश बजट होता है और पर्याप्त रूप से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना मुश्किल हो सकता है। इस बात से समझा जा सकता है कि म्यूचुअल फंड की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही हैं। म्यूचुअल फंड में शेयर ख़रीदना निवेशकों के लिये Diversification का ही एक आसान तरीका है।
निधि प्रबंधक और निवेशक अक्सर अलग अलग निवेश के साधनों में निवेश कर अपने पोर्टफोलियो को विविधता देते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि पोर्टफोलियो का कितना प्रतिशत प्रत्येक निवेश के साधन में आवंटित करना है। इनमें स्टॉक और बॉन्ड, रीयल इस्टेट, ईटीएफ, कमोडिटीज, अल्पावधि निवेश और अन्य वर्ग शामिल हो सकते हैं। इसके बाद वे परिसंपत्ति वर्गों के भीतर निवेश के बीच विविधता हासिल करते हैं, जैसे कि विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के शेयरों का चयन करके या विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाले स्टॉक चुनकर।
पोर्टफोलियो को Diversify करें
अपने पोर्टफोलियो को Diversification करने के लिये कोई निवेशक अलग अलग उद्योगों के शेयरों में निवेश कर सकता सही पोर्टफोलियो का निर्माण है। इसी प्रकार पोर्टफोलियो में कुछ शेयर लार्ज कैप, कुछ मिड कैप और कुछ स्माल कैप के भी रख सकते हैं। यदि म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो इक्विटी फंडों में विभ्भिन प्रकारों में से अलग अलग फंडों में निवेश कर सकते हैं।
इस प्रकार के निवेश के मिश्रण को ही Diversification कहते हैं। इस प्रकार के निवेश में जब किसी एक वर्ग के निवेश में रिटर्न कम या नेगेटिव आता है तो दूसरे वर्ग में मिला उच्च रिटर्न उस कमी को पूरा कर देता है। सही पोर्टफोलियो का निर्माण चाहे आपके पास निवेश के लिये कम राशी ही क्यों ना हो, उसे अलग अलग तरह के वर्गों में बांट कर ही निवेश करें। इस प्रकार आप अपने निवेश के रिस्क को काफी हद तक कम कर पायेंगे। Diversification in Hindi में हमने सीखा डाइवर्सिफिकेशन निवेश के रिस्क को कम करने का ऐसा तरीका है जिसे दुनिया भर के निवेशक अपनाते हैं और अपने पोर्टफोलियो को बढ़ता हुआ देखते हैं।
Asset Management Company क्या है?
एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (एएमसी) फर्म हैं जो विभिन्न व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों से धन एकत्र करती हैं और विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करती हैं। कंपनी पूंजीगत संपत्ति जैसे स्टॉक, रियल एस्टेट, बॉन्ड आदि में निवेश करती है। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के पास फंड मैनेजर कहे जाने वाले पेशेवर होते हैं जो सही पोर्टफोलियो का निर्माण निवेश का प्रबंधन करते हैं और शोध टीम सही प्रतिभूतियों का चयन करती है।
हेज फंड और एसेट मैनेजमेंट कंपनी में क्या अंतर है? [What सही पोर्टफोलियो का निर्माण is the difference between a hedge fund and an asset management company?] [In Hindi]
एसेट मैनेजमेंट कंपनी एक संस्था है जो कई निवेशकों से धन सही पोर्टफोलियो का निर्माण एकत्र करती है और उन्हें विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं के माध्यम से विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करती है। ये फंड लॉन्ग टर्म वेल्थ जेनरेशन पर फोकस करते हैं। दूसरी ओर, हेज फंड, निवेशकों से पूल संसाधन और उच्च रिटर्न उत्पन्न करने के लिए जटिल निवेश रणनीतियों को नियोजित करते हैं, निवेश पर उच्च जोखिम लेते हैं। Asset Management क्या है?
एसेट मैनेजमेंट कंपनियां कई म्युचुअल फंड योजनाओं का प्रबंधन करती हैं जहां निवेशक रिटर्न कमाने के लिए अपने पैसे का निवेश करते हैं। यह पैसा विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे इक्विटी सिक्योरिटीज या डेट सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है। निवेश पोर्टफोलियो का निर्माण एएमसी द्वारा किया जाता है।
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