अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं?
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बाजार में रिस्क के फैक्टर्स; बाजार में गिरावट के कारण,ग्लोबल मार्केट द्वारा विश्लेषण जानिए मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा से
Walmart और Target में गिरावट से भी खराब हुए बाजार? US में हुई कल की गिरावट कितनी बड़ी चिंता Russia Ukraine Conflict और बिगड़ेगा? बाजार में रिस्क के कौनसे फैक्टर्स? MPC मिनट्स को कैसे समझें? जानिए मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा से.
शेयर बाजार में कल Diwali की छुट्टी, फिर भी होगी 1 घंटे की Muhurat Trading
Muhurat Trading 2022: ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान निवेश करने से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि इस विशेष सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 23 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 4:32 PM IST)
शेयर बाजार (Stock Market) में कल 24 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर छुट्टी (Diwali Holiday) रहेगी. लेकिन निवेशकों को छुट्टी के दिन भी एक घंटे के लिए ट्रेडिंग करने का मौका मिलेगा. जी हां, स्टॉक मार्केट में दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की परंपरा है, जिसके तहत घंटे भर के लिए मार्केट को ओपन किया जाता है. ये एक परंपरा के तौर पर लंबे समय से जारी है.
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पुरानी
Diwali का पर्व हिंदू नव वर्ष कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है. पूरे भारत में इस उत्सव को धन, समृद्धि और सौभाग्य के स्वागत के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है. ऐसे में शेयर बाजार इन्वेस्टर्स (Share Bazar Investors) भी इस दिन को निवेश अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं? की शुरुआत करने के लिए बेहद खास मानते हैं और एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) में जमकर दांव लगाते हैं. निवेशकों का मानना है कि इस दिन इन्वेस्टमेंट करके पूरी साल फायदा होता है. इसी धारणा के चलते सालों से शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा चल रही है.
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इस समय पर खुलेगा बाजार
स्टॉक एक्सचेंज दिवाली की छुट्टी के दिन सोमवार 24 अक्टूबर 2022 को शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक एक घंटे के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे. ब्लॉक डील सेशन 5.45 बजे से 6 बजे तक रहेगा, जबकि प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से लेकर 6.08 बजे तक होगा. पुराने आंकड़ों को देखें तो अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं? शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान जोरदार तेजी देखी जाती रही है. इस बार भी उम्मीद है कि इस विशेष ट्रेडिंग में सेंसेक्स 60 हजार के पार निकलेगा.
2021 पर बाजार रहा था गुलजार
पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 104.25 अंक चढ़कर 59,307.15 के स्तर पर बंद हुआ था. बीते साल 4 नवंबर, 2021 को दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था.
एक्सपर्ट्स की सलाह आएगी काम
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों में निवेश को लेकर कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आप घाटे में नहीं रहेंगे, बल्कि जैसा सोचा है उसी हिसाब से मुनाफा मिल सकता है. इसके लिए शेयर बाजार एक्सपर्ट्स ने टिप्स बताए हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के मूल सिद्धांतों के साथ बने रहें और कम अवधि में त्वरित रिटर्न के लिए जल्दबाजी में निर्णय बिल्कुल भी न लें. उन्होंने निवेशकों को मध्यम से लंबी अवधि के निवेश की सलाह दी है.
पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
Stock Market में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.
शेयर बाजार में कल Diwali की छुट्टी, फिर भी होगी 1 घंटे की Muhurat Trading
Muhurat Trading 2022: ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान निवेश करने से समृद्धि आती है और पूरे साल इन्वेस्टर्स पर धन बरसता है. पुराने डाटा को देखें तो पता चलता है कि इस विशेष सेशन में निवेशक मूल्य-आधारित स्टॉक्स की खरीदारी करते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 23 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 4:32 PM IST)
शेयर बाजार (Stock Market) में कल 24 अक्टूबर को दिवाली के मौके पर छुट्टी (Diwali Holiday) रहेगी. लेकिन निवेशकों को छुट्टी के दिन भी एक घंटे के लिए ट्रेडिंग करने का मौका मिलेगा. जी हां, स्टॉक मार्केट में दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) की परंपरा है, जिसके तहत घंटे भर के लिए मार्केट को ओपन किया जाता है. ये एक परंपरा के तौर पर लंबे समय से जारी है.
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पुरानी
Diwali का पर्व हिंदू नव वर्ष कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है. पूरे भारत में इस उत्सव को धन, समृद्धि और सौभाग्य के स्वागत के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है. ऐसे में शेयर बाजार इन्वेस्टर्स (Share Bazar Investors) भी इस दिन को निवेश की शुरुआत करने के लिए बेहद खास मानते हैं और एक घंटे की मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) में जमकर दांव लगाते हैं. निवेशकों का मानना है कि इस दिन इन्वेस्टमेंट करके पूरी साल फायदा होता है. इसी धारणा के चलते सालों से शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा चल रही है.
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पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 104.25 अंक चढ़कर 59,307.15 के स्तर पर बंद हुआ था. बीते साल 4 नवंबर, 2021 को दिवाली के मौके पर मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया गया था. इस एक घंटे के सेशन में बीएसई का सेंसेक्स 60 हजार के ऊपर पहुंच गया था. मुहुर्त ट्रेडिंग पर सेंसेक्स 60,067 अंकों के स्तर पर, जबकि निफ्टी 17,921 के लेवल पर बंद हुआ था.
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मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों में निवेश को लेकर कुछ खास बातों का ध्यान रखने से आप घाटे में नहीं रहेंगे, बल्कि जैसा सोचा है उसी हिसाब से मुनाफा मिल सकता है. इसके लिए शेयर बाजार एक्सपर्ट्स ने टिप्स बताए हैं. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश के मूल सिद्धांतों के साथ बने रहें और कम अवधि में त्वरित रिटर्न के लिए जल्दबाजी में निर्णय बिल्कुल भी न लें. उन्होंने निवेशकों को मध्यम से लंबी अवधि के निवेश की सलाह दी है.
पांच दशक से ज्यादा पुरानी परंपरा
Stock Market में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक से ज्यादा पुरानी है. मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 1957 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 1992 में शुरू हुआ था. विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है. अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदने को तरजीह देते हैं, हालांकि आमतौर पर ये इन्वेस्टमेंट काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं.
क्यों गिर रहा है भारतीय शेयर बाजार? आगे क्या हैं संभावनाएं? मॉर्गन स्टेनली के MD का विश्लेषण
रिदम देसाई ने कहा कि शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार एक दायरे में घूमता नजर आएगा.
शेयर बाजार (Stock market) में फिलहाल और गिरावट की आंशका है. ऐसा मानना है मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) के मैनेजिंग ड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 07, 2022, 17:47 IST
नई दिल्ली. शेयर बाजार (Stock Market) में जारी गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. मंगलवार 7 जून को भी बाजार में अच्छी-खासी गिरावट आई. मॉर्गन स्टेनली के मैनेजिंग डायरेक्टर रिदम देसाई बाजार (Morgan Stanley MD Ridham Desai) ने बाजार में आई हालिया गिरावट के पीछे कुछ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण गिनाए हैं. देसाई का कहना है कि बढ़ती महंगाई बाजार के लिए घातक अनुसरण करने के लिए सबसे अच्छे स्टॉक विश्लेषक कौन हैं? है.
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, CNBC TV-18 के साथ बातचीत में रिदम देसाई ने कहा कि शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार एक दायरे में घूमता नजर आएगा. लेकिन, आगे इसमें और गिरावट आ सकती है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और अमेरिका में मंदी की आहट से निवेशक सहमे हुए हैं. ये दोनों ही कारण फिलहाल शेयर बाजार को गिराने में योगदान दे रहे हैं.
रेपो रेट बढ़ाने का हुआ नकारात्मक असर
देसाई ने कहा कि मई में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अचानक रेपो रेट में बढ़ोतरी करने का शेयर बाजार पर नकारात्मक असर हुआ है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी से निवेशकों में यह संदेश गया कि महंगाई का डर ज्यादा है. उन्होंने कहा कि अगर वित्त वर्ष 2023 में महंगाई ऊंचे स्तर पर रही तो इसका असर देश के विकास पर पड़ेगा.
मॉर्गन स्टेनली के एमडी ने कहा कि पाम ऑयल और सूरजमुखी के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और अमेरिकी मार्केट में मंदी की आशंकाएं भारतीय शेयर बाजार को डरा रही हैं. हालांकि, इस समय भारत पहले की तुलना में कीमतों के उछाल का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में है.
इन सेक्टर में दिख रही अच्छी संभावना
रिदम देसाई का मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में 35 फीसदी EPS ग्रोथ के बाद वित्त वर्ष 2023 में अब EPS में मध्यम स्तर के ग्रोथ की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस समय बैंक, ऑटो और रियल एस्टेट स्टॉक अच्छे नजर आ रहे हैं. इनके अलावा ट्रैवल, लेजर, मीडिया और ऑटो एंसिलिरी स्टॉक भी देसाई की नजर में पॉजिटिव हैं. देसाई का कहना है कि सीमेंट सेक्टर अगले 2-3 साल के दौरान अंडरपरफॉर्म करता नजर आ सकता है. फिलहाल ये अच्छा आकार लेता नजर आ रहा है. भविष्य में उत्पादन स्तर में तेजी आने की संभावना है. इसके अलावा इन कंपनियों को बढ़ती मांग से भी फायदा होगा.
फर्टिलाइजर की कीमतें बिगाड़ेगी खेल
रिदम देसाई का कहना है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहता तो इससे फर्टिलाइजर की कीमतें बढ़ सकती हैं. युद्ध समाप्त न हुआ तो भारत को फर्टिलाइजर सब्सिडी पर अगले साल भी भारी खर्च करना होगा. भारत के लिए फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी को सहना काफी मुश्किल होगा. अगर देश में उर्वरकों की कीमत बढ़ेगी तो खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे. इससे महंगाई बढ़ेगी. महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी और अंतत: इसका असर ग्रोथ में गिरावट के रूप में सामने आएगा.
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