पिछले वर्ष अंतर मंत्रालयी समिति ने बिटकाइन जैसी निजी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का सुझाव दिया था। साथ ही आभासी मुद्राओं से संबंधित किसी भी गतिविधि को अपराध की श्रेणी में रखने का सुझाव दिया था। अब सरकार क्या रुख लेती है यह देखना होगा। सरकार के सामने देश के हितों की रक्षा करने की चुनौती अभी भी बरकरार है।
क्या भारत में बिटकॉइन वैध है?
किसी भी देश में बिटकॉइन की वैधता का पता लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जब आप पहली बार इसमें कदम रख रहे हों तो कुछ ऐसे काम होते हैं जो इसमें कोई भी निवेश करने से पहले किए जाना जरूरी है। हो सकता है ये आपके देश में कानूनी हो, लेकिन मुद्दा केवल बिटकॉइन के वैद्य होने का नहीं है, बल्की यह भी पता होना चाहिए कि आपके देश में बिटकॉइन को कौन से नियम नियंत्रित करते हैं।
नीचे कुछ अहम प्रश्न दिए गए हैं जो भारत में बिटकॉइन के व्यापार से संबंधित हैं:
क्या बिटकॉइन भारत में वैद्य/legal है?
भारत में बिटकॉइन का विनियमन उद्यमियों और निवेशकों के लिए अभी भी एक संदिग्ध क्षेत्र है। लेकिन यह सच है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने नागरिकों को बिटकॉइन में लेनदेन करने पर चेतावनी दे रखी है। इसने आगाह क्या है कि बिटकॉइन या कोई अन्य आभासी मुद्रा कानूनी निविदा नहीं है और इसे एक मुद्रा के रूप में संचालित करने के लिए कोई नियामक अनुमति नहीं है।
यदि आप भारत में बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं, तो आपको बिटकॉइन एक्सचेंज पर अपना पंजीकरण कराना होगा। ये एक्सचेंज आपको भारतीय रुपये के साथ बिटकॉइन खरीदने/बेचने की अनुमति देते हैं।
अभी तक, WazirX सबसे लोकप्रिय एक्सचेंजों में से एक है जहाँ आप INR के साथ बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।
भारत में बिटकॉइन बेचने का क्या तारीका है?
यदि आप भारत में बिटकॉइन बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने बिटकॉइन को बिटकॉइन एक्सचेंज पर जमा करके इसे INR में परिवर्तित करना होगा। ऐसा करने के लिए आप रूपया अपने बैंक खाते में भी जमा कर सकते हैं।
भारत में बिटकॉइन ATM के बारे में जानकारी के लिए ज्यादा विश्वसनीय स्रोत नहीं मिलते। लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि अभी तक ऐसे कोई ATM यहाँ मौजूद नहीं हैं।
क्या भारत में बिटकॉइन खरीदना या बेचना सुरक्षित है?
हालांकि बिटकॉइन का समर्थन करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए किसी भी तारीके का उपयोग करने से पहले उस पर शोध करना चाहिए और सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके ऑनलाइन खाते पर किसी भी हैकिंग घटना के लिए एक्सचेंज जिम्मेदार नहीं होगा।
एक नई वास्तविकता होने के नाते अभी तके बिटकॉइन को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है।
Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्रिप्टो करेंसी का करप्ट खेल
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्तमान में 96 देशों में इसका उपयोग हो रहा है। पिछले कई वर्षों से इसका प्रचलन बढ़ भी रहा है। पुराने समय में लोगों ने वस्तुओं के लिए भौतिक सम्पत्ति का ट्रेड किया था। यानी सामान के बदले सामान का आदान-प्रदान, इसे बार्टर सिस्टम कहा गया।
आगे चलकर वे मुद्राएं और सिक्के बने, जिनका संचालन देशों की सरकार के हाथ में होता है और आरबीआई जैसा कोई वित्तीय संस्थान इसकी निगरानी करता है। 2009 में बिटकाइन के संस्थापक सतोशी नाकामोती को एक विचार आया जिसने लोगों के पैसे के बारे में सोचने के तरीके बदल डाले। क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है।
क्या Bitcoin समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी आज भी देश में प्रतिबंधित है? सरकार ने दी पूरी जानकारी
क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि बिटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया की सरकार करेंसी छापेगी तो इसकी वैल्यू में गिरावट आएगी. इसके कारण महंगाई दर बढ़ेगी. उन्होंने जिम्बावे जैसे देशों का उदाहरण दिया और कहा कि वहां महंगाई दर दस हजार पर्सेंट से भी ज्यादा है. वहां ब्रेड की कीमत आज 50 पाउंड है तो कल इसकी कीमत 500 पाउंड हो जाती है. ऐसे में अगर एक ब्रेड की कीमत 1 बिटक्वॉइन फिक्स की जाती है और रोजाना आधार पर यही रेट रहता है तो लोग ऐसी किसी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सेप्ट करेंगे. मुझे लगता है कि ऐसे ही कारणों के कारण क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बढ़ गई है. दूसरे पहलुओं को लेकर उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के कारण दुनिया भर की सरकारें और सेंट्रल बैंक इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पावर में कमी महसूस हो रही है.
सबसे पहले जानते हैं क्रिप्टोकरेंसी के बारे में…
डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं. बिटकॉइन के अलावा दुनिया में सैकड़ों अन्य क्रिप्टो करेंसी भी मौजूद हैं जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कॉइन, वॉइस कॉइन और मोनरो.
बिटकॉइन (Bitcoin) भी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है.
इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था. इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है.
भारत में रिजर्व बैंक ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाज़त दे दी है. यानी भारत में भी बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी का मुनाफा काफ़ी अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता.
आइए जानें सरकार का क्या कहना है?
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में बताया कि बिटकॉइन, सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी के साथ जुड़े जोखिमों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल , 2018 को एक परिपत्र के माध्यम से देश की सभी संस्थाओं को सलाह दी है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कोई भी काम नहीं करें.
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 04 मार्च , 2020 को अपने एक फैसले में 2018 के डब्ल्यूपी ( सी ) सं . 528 और 2018 के डब्ल्यूपी ( सी ) सं . 373 में दिनांक 06 अप्रैल , 2018 के उपर्युक्त परिपत्र को खारिज कर दिया है.
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के बजट भाषण में यह घोषणा की गई कि सरकार क्रिप्टो करेंसियों को वैध मुद्रा या सिक्का नहीं मानती और इन क्रिप्टो के उपयोग को समाप्त करने के लिए सरकार सभी उपाय करेगी.
सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने हेतु ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का सक्रिय रूप से उपयोग करके उसका पता लगाएगी.
अब क्या है सरकार की तैयारी
क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने को लेकर केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाई है. देश में अभी प्रचलित सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. सिर्फ सरकार के पास ही इसे चलाने का अधिकार होगा.
इसको लेकर विशिष्ट कार्रवाई करने के प्रस्ताव के लिए सचिव ( आर्थिक कार्य ) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान की, जानें किसने लगाया था प्रतिबंध?
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 04 मार्च 2020 को देश में क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी. अब भारत में वर्चुअल करेंसी का कारोबार किया जा सकेगा. विश्वभर में सबसे मंहगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 8,815 डॉलर के आस-पास रिकॉर्ड की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले से देश भर में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार और उपयोग पर लगा प्रतिबंध खत्म हो क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध? गया है. इसका लेन-देन अब देश के सभी बैंक शुरू कर सकते है.
किसने लगाया था प्रतिबंध?
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (Crypto currency) में कारोबार करने से मना कर दिया था. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से जुड़ी इकाइयों को इससे अलग होने हेतु तीन महीने का समय दिया था. आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने हेतु इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि आरबीआई के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. आरबीआई ने इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से ‘मनी लांड्रिंग’ और ‘आतंकी वित्त पोषण’ के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भारत में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. इसका उपयोग शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने हेतु किया जा सकता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा होता है. यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी की सबसे पहले शुरुआत साल 2009 में हुई थी. बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी.
केंद्र सरकार जुलाई 2019 में संसद में विधेयक लाई थी, जिसमें तय हुआ था कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन को रखने, बेचने या खरीदने पर 10 साल की जेल हो सकती है. इसे पूरी तरह से अवैध बनाने के अतिरिक्त विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है.
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