निर्यातकों को मिलेगा रुपये में लाभ
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में संशोधन कर निर्यातकों को निर्यात लाभों का दावा रुपये में करने में सक्षम बना दिया है। अब तक यह विदेशी मुद्रा में प्राप्त निर्यात भुगतान के लिए ही उपलब्ध था। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन रुपये में करने की व्यवस्था दी है। रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की ओर सरकार के कदम को देखते हुए नीतिगत संशोधन किया गया है, जिससे घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन में सहूलियत रहे।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटान रुपये में करने यानी इनवाइसिंग, भुगतान और निर्यात एवं आयात का निपटान भारतीय रुपये में करने की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति और प्रक्रियाओं की नियमावली में संशोधन किया है।’
अब तक इन योजनाओं का लाभ तभी मिलता था, जब प्रतिबंध से प्रभावित ईरान के मामले को छोड़कर भुगतान विदेशी मुद्रा में मिले। निर्यात के लिए वस्तुओं के आयात, एडवांस अथराइजेशन (एए) के तहत निर्यात आमदनी की प्राप्ति, शुल्क मुक्त आयात मंजूरी (डीएफआईए) योजनों के साथ निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीजीसी) योजनाओं के तहत निर्यात से प्राप्त लाभ पर यह संशोधन लागू होगा।
निर्यातकों ने पहले कहा था कि घरेलू मुद्रा में निर्यात की लागत के मामले में निर्यात लाभों के लागू होने को लेकर स्पष्टता की जरूरत है। इसके अलावा तमाम निर्यातक हैं, जिन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत आयात किया है, उन्हें रुपये में निर्यात बाध्यता की स्वीकार्यता को लेकर स्पष्टीकरण की जरूरत है।
रिजर्व बैंक ने जुलाई में कहा था कि वैश्विक व्यापार की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए रुपये में कारोबार की अनुमति दी जाएगी, जिसमें भारत से निर्यात पर जोर होगा। साथ ही वैश्विक व्यापार समुदाय की रुपये में कारोबार करने को लेकर दिलचस्पी बढ़ाई जाएगी। रिजर्व द्वारा अंतिम रूप दी गई व्यवस्था के मुताबिक साझेदार देशों के बैंक अधिकृत डीलर (एडी) बैंक के साथ विशेष रुपये वोस्त्रो खाता खोलने के लिए संपर्क कर सकते हैं। उसके बाद एडी बैंक व्यवस्था संबंधी ब्योरों के साथ केंद्रीय बैंक से मंजूरी की मांग करेगा।
रुपये में कारोबार की व्यवस्था को अभी गति पकड़ना बाकी है, वहीं निर्यातकों को उम्मीद है कि इससे भारत का निर्यात उन देशों के साथ बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो विदेशी मुद्रा की भारी कमी का सामना कर रहे हैं या प्रतिबंधों के दायरे में हैं। दो घरेलू बैंकों- यूको बैंक और येस बैंक की रूस के बैंकों से बातचीत चल रही है, जिससे दोनों देशों के बीच रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार हो सके।
इंजीनियरिंग ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (ईईपीसी) के चेयरमैन अरुण कुमार गारोडिया ने कहा, ‘विदेश व्यापार नीति में बदलाव से घरेलू मुद्रा में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इससे निर्यात में तेजी आएगी। इस फैसले से इंजीनियरिंग के सामान के क्षेत्र को 127 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी, जो सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए तय किया है।
Rupees for Global Trade: केंद्र ने रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सेटलमेंट की अनुमति दी, जानें इसके फायदे
Rupees Allowed for International Trade Settlement: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की रुचि में वृद्धि को देखते हुए रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटाने को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिए भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते की अनुमति दे दी है। सरकार विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार निपटाने की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति और प्रक्रियाओं की पुस्तिका में उपयुक्त संशोधन किए हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की रुचि में वृद्धि को देखते हुए रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटाने को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है। ऐसा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेनदेन को सुविधाजनक बनाने और आसान बनाने के लिए किया गया है।’
मंत्रालय ने कहा कि नए बदलावों को निर्यात के लिए आयात, स्टेटस होल्डर्स के रूप में मान्यता के लिए निर्यात प्रदर्शन, अग्रिम प्राधिकरण व शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण योजनाओं के तहत निर्यात आय की वसूली और निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत सामान योजना के तहत निर्यात आय की वसूली के लिए अधिसूचित किया गया है।
इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर की कमजोरी और निरंतर विदेशी फंड प्रवाह के बीच आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 (अनंतिम) पर बंद हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय इकाई डॉलर के मुकाबले 81.43 रुपये के स्तर पर खुली और सत्र के दौरान 81.23 रुपये के इंट्रा-डे हाई और 81.62 रुपये के निम्नतम स्तर के बीच कारोबार करती दिखी।
सॉवरेन हरित बॉन्ड के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया
वित्त मंत्रालय ने वैश्विक मानकों के अनुरूप सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी करने की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान हरित बॉन्ड जारी करके 16,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। यह दूसरी छमाही के लिए ऋण कार्यक्रम का एक हिस्सा है। सूत्रों ने कहा कि रूपरेखा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी। बजट में ऐसे बॉन्ड जारी करने की घोषणा की गई थी।
विस्तार
केंद्र सरकार ने बुधवार को विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिए भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते की अनुमति दे दी है। सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार ने रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार निपटाने की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति और प्रक्रियाओं की पुस्तिका में उपयुक्त संशोधन किए हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की रुचि में वृद्धि को देखते हुए रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटाने को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है। ऐसा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेनदेन को सुविधाजनक बनाने और आसान बनाने के लिए किया गया है।’
मंत्रालय ने कहा कि नए बदलावों को निर्यात के लिए आयात, स्टेटस होल्डर्स विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार के रूप में मान्यता के लिए निर्यात प्रदर्शन, अग्रिम प्राधिकरण व शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण योजनाओं के तहत निर्यात आय की वसूली और निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत सामान योजना के तहत निर्यात आय की वसूली के लिए अधिसूचित किया गया है।
इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर की कमजोरी और निरंतर विदेशी फंड प्रवाह के बीच आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 (अनंतिम) पर बंद हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय इकाई डॉलर के मुकाबले 81.43 रुपये के स्तर पर खुली और सत्र के दौरान 81.23 रुपये के इंट्रा-डे हाई और 81.62 रुपये के निम्नतम स्तर के बीच कारोबार विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार करती दिखी।
सॉवरेन हरित बॉन्ड के लिए रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया
वित्त मंत्रालय ने वैश्विक मानकों के अनुरूप सॉवरेन हरित बॉन्ड जारी करने की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार चालू वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान हरित बॉन्ड जारी करके 16,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। यह दूसरी छमाही के लिए ऋण कार्यक्रम का एक हिस्सा है। विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार सूत्रों ने कहा कि रूपरेखा तैयार है और इसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी। बजट में ऐसे बॉन्ड जारी करने की घोषणा की गई थी।
Rupee Vs Dollar : रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे बढ़कर 82.08 पर पहुंचा
घरेलू शेयर बाजारों में बढ़त और डॉलर इंडेक्स में कमजोरी से रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे बढ़कर 82.08 पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.21 पर खुला और फिर बढ़कर 82.08 पर पहुंच गया। इस तरह, भारतीय मुद्रा ने पिछले बंद भाव के मुकाबले 22 पैसे की बढ़त दर्ज की।
सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 82.30 प्रति डॉलर
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत बढ़कर 112.15 पर था। वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.32 प्रतिशत बढ़कर 91.91 डॉलर प्रति बैरल पर था।
वहीं, निवेशकों के बीच जोखिम-प्रतिकूल भावना और विदेशी पूंजी के निरंतर बहिर्वाह के कारण अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 82.30 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर 11 पैसे की गिरावट के साथ 82.30 पर बंद हुआ था।
91.89 डॉलर विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार प्रति बैरल
हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और विदेशों में डॉलर के कमजोर होने से रुपये की गिरावट में नरमी आई थी। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कमजोर होकर 82.33 पर खुला और कारोबार के दौरान 82.42 पर चला गया था। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे की गिरावट के साथ 82.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शुक्रवार को अपने पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच, डॉलर सूचकांक, विदेशी मुद्रा व्यापार बनाम स्टॉक व्यापार जो दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है, 0.47 प्रतिशत गिरकर 112.78 पर आ गया। अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.28 प्रतिशत बढ़कर 91.89 डॉलर प्रति बैरल हो गया था।
वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार: आर्थिक मामलों के सचिव
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार कम होने का कारण मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की चिंताओं को मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कहा कि भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए काफी मजूबत भंडार है। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सातवें सप्ताह के लिए नीचे रहा। 16 सितंबर को यह 545.65 अरब अमेरिकी डालर तक गिर गया। मुद्रा भंडार में कमी का एक प्रमुख कारण वैश्विक गतिविधियों की वजह से रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिए आरबीआइ की तरफ से किया गया डालर का उपयोग है।
देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह कोई चिंता वाली बात है। भारत के पास मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले हफ्ते बेंचमार्क उधार दर को 75 आधार अंकों से बढ़ाकर 3-3.25% करने के बाद दुनिया भर की मुद्राएं प्रभावित हुईं। आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा कि सरकार का इरादा मार्च 2023 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य 6.4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का है।
बेहतर है रुपये की स्थिति
आपको बता दें कि डालर के मुकाबले रुपया सोमवार को 81.67 के रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया था। हालांकि, मंगलवार को यह कुछ सुधरकर 81.58 पर बंद हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है। डालर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में जिस दर से गिरावट आई है, वह भारतीय रुपये की तुलना में कहीं अधिक है। सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 14.31 लाख करोड़ रुपये का सकल बाजार उधारी लक्ष्य रखा है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही या अप्रैल-सितंबर की अवधि में उधार लिए जाने का अनुमान है।
सोमवार को डॉलर के मुकाबले 81.67 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद मंगलवार को रुपया सुधर गया और ग्रीनबैक के मुकाबले 81.58 पर बंद हुआ।
Rupee vs Dollar: दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर के मुकाबले 53 पैसे का उछाल
Rupee vs Dollar: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज (शुक्रवार) डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे के उछाल के साथ 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह दस हफ्ते के उच्चतम स्तर पर आज बंद हुआ है। इससे पहले 16 जून को रुपए की सबसे अच्छी क्लोजिंग हुई है। मुद्रा विनियम बाजार में व्यापार की शुरुआत में रुपया 74.17 पर खुला था। कारोबार के दौरान 73.69 से 74.69 रुपए तक रहा। फिर 53 पैसे ऊंचा रहकर 73.69 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
16 अप्रैल के बाद अच्छा उछाल
बंबई शेयर मार्केट का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 175.62 अंक की तेजी के साथ 56,124.72 अंक पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार के अनुसार शाम को जैकसन होल सम्मेलन से पहले विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ने और माह के आखिरी में भारतीय रुपए में 16 अप्रैल के बाद एक दिन का सबसे अच्छा उछाल हुआ है।
डॉलर इंडेक्स में गिरावट
इधर शाम 6 बजे डॉलर इंडेक्स 0.076 फीसद की गिरावट के साथ 93.002 के स्तर पर था। यह इंडेक्स छह प्रमुख मुद्रा के मुकाबले भारतीय करेंसी की मजबूती दिखाता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड फ्लैट है। यह गुरुवार को 1.344 फीसद के स्तर पर था।
शेयर मार्केट की रिपोर्ट
शेयर मार्केट के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में बिकवाल रहे हैं। गुरुवार को उन्होंनो 1,974.48 करोड़ रुपए के शेयरों से बिक्री की है। इधर सेंसक्स शुक्रवार को 175 अंकों की तेजी के साथ 56124 के स्तर पर बंद हुआ है। जबकि निफ्टी 68 अंकों की वृद्धि के साथ 16705 के स्तर पर क्लोज हुआ है।
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