(6) देश की बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड छठे नंबर पर है.
(7) आईटी कंपनी इन्फोसिस का नंबर सातवां है.
(8) देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) इस लिस्ट में आठवें नंबर पर आता है.
(9) प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक नौवें नंबर पर है.
(10) इस लिस्ट के आखिरी पायदान पर प्राइवेट बैंक ICICI बैंक का नंबर है.
एक्सचेंज कुल कितने प्रकार के होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंएशिया के सबसे प्राचीन शेयर बाजार ‘बीएसई’ की स्थापना 1875 में लोकप्रिय ‘मुंबई स्टाक एक्सचेंज’ के रूप में हुई थी। भारतीय पूंजी बाजार के विकास में इस एक्सचेंज की व्यापक भूमिका रही है और इसका सूचकांक विश्वविख्यात है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय कहाँ है?
इसे सुनेंरोकेंनेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष कौन है?
BSE | महत्वपूर्ण जानकारी |
---|---|
स्थान | मुंबई, भारत |
स्थापित | 9 जुलाई 1877 |
अध्यक्ष | Vikramajit Sen |
एमडी और सीईओ | Ashishkumar Chauhan |
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का अध्यक्ष कौन है?
इसे भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है सुनेंरोकेंएनएसई ट्रेडिंग और क्लियरिंग सदस्यों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा एक्सचेंज के नियमों और विनियमों के अनुपालन की देखरेख करता है। श्री अशोक चावला एनएसई के निदेशक मंडल के अध्यक्ष हैं और श्री विक्रम लिमये एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ हैं।
अमेरिका का शेयर सूचकांक क्या है?
इसे सुनेंरोकेंतीन प्रमुख अमेरिकी शेयर सूचकांकों की तुलना: NASDAQ कम्पोजिट, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज, और एसएंडपी 500। इन तीनों की ऊंचाई मार्च 2000 में समान है। NASDAQ पर बड़े डॉट-कॉम स्पाइक पर ध्यान दें, यह उस सूचकांक पर बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी कंपनियों की उपस्थिती का परिणाम है।
भारत में शेयर बाजार की शुरुआत कब हुई?
इसे सुनेंरोकें3 दिसम्बर 1887 को शेयर दलालों ने इस एसोसिएशन को औपचारिक स्वरूप दिया और `दि नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ का जन्म हुआ। इस तरह जुलाई 1875 में मात्र 318 व्यक्तियों ने रू. 1 के प्रवेश शुल्क के साथ शेयर बाजार मुंबई की संस्था गठित की।
कल बंद रहेगा बाजार, देखें अब बाकी बचे साल में कितने दिन रहेगी स्टॉक मार्केट की छुट्टी
31 अगस्त के बाद इस साल बाजार की 4 और दिन छुट्टी होगी.
इस साल 31 अगस्त के बाद अब 4 और दिन शेयर बाजारों की छुट्टी रहेगी. इसमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं है. आपको बता दें भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है कि स . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : August 30, 2022, 20:15 IST
हाइलाइट्स
शेयर बाजारों की साप्ताहिक अवकाश के अलावा कल के बाद इस साल 4 छुट्टियां और होंगी.
31 अगस्त को बाजार गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में बंद रहेंगे. कमोडिटी मार्केट शाम के सत्र में खुलेंगे.
शेयर मार्केट की इस साल 13 छुट्टियां निर्धारित थीं. इनमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं हैं.
नई दिल्ली. बुधवार को गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में शेयर बाजार कारोबार के लिए बंद रहेंगे. बीएसई हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सेगमेंट 31 अगस्त को बंद रहेगा. वहीं, मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज केवल सुबह के सत्र (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) बंद रहेगा. जबकि शाम के सत्र (शाम 5 बजे से रात 11.30 बजे तक) में कारोबार होगा.
इसी तरह नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) सुबह के सत्र के दौरान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच बंद रहेगा. जबकि शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक काम होगा.
2022 में शेयर बाजार के अवकाश
इस साल के बाकी बचे महीनों में साप्ताहिक अवकाश के अलावा शेयर बाजार की कुल 4 दिन छुट्टी रहेगी. इस दिन बाजार में कोई कारोबार नहीं होगा. 31 अगस्त 2022 के बाद स्टॉक मार्केट की अगली छुट्टी अक्टूबर के महीने में पड़ेगी यानी सितंबर में कोई मार्केट हॉलिडे नहीं है. स्टॉक एक्सचेंज अक्टूबर और नवंबर में कुल मिलाकर चार अन्य मौकों पर बंद रहेंगे. 5 अक्टूबर (बुधवार) को दशहरे, 24 अक्टूबर (सोमवार) को दिवाली और 26 अक्टूबर (बुधवार) को दीवाली बलि भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है प्रतिपदा के मौके पर बंद रहेंगे. नवंबर में गुरुनानक जयंती के कारण 8 नवंबर (मंगलवार) को एक बाजार बंद रहेगा. गौरतलब है कि कुल मिलाकर कैलेंडर वर्ष 2022 में बाजार के 13 अवकाश घोषित थे.
1564 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ सेंसेक्स
आज सेंसेक्स करीब 6 महीने बाद 1500 से अधिक अंकों के उछाल के साथ बंद हुआ. सेंसेक्स आज 1564 अंक (2.70%) चढ़कर 59,527 बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 446 अंकों (2.58%) की तेजी के साथ 17759.30 पर बंद हुआ. शेयर बाजार ने आज निवेशकों की संपत्ति में 5.71 लाख करोड़ रुपये का इजाफा किया है. बजाज फाइनेंस (5.42 फीसदी) और बजाज फिनसर्व (4.99 फीसदी) के शेयरों में आज सर्वाधिक तेजी देखने को मिली.
क्या है इस तेजी का कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है. आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए. बालासुब्रमण्यम के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यव्यवस्था में निवेश काफी सकारात्मक कदम हैं. इसके अलावा इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी डेटा से भी लोगों को काफी उम्मीद है और यह सेंटीमेंट बाजार में दिख रहा है.
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इंदौर शहर – परिचय
इंदौर के इतिहास से पता चलता है कि शहर के संस्थापकों के पूर्वज मालवा के वंशानुगत जमींदार और स्वदेशी भूस्वामी थे। इन जमींदारों के परिवारों ने शानदार जीवन व्यतीत किया। उन्होंने होल्कर के आगमन के बाद भी एक हाथी, निशान, डंका और गाडी सहित रॉयल्टी की अपनी संपत्ति को बनाए रखा। उन्होंने दशहरा (शमी पूजन) की पहली पूजा करने का अधिकार भी बरकरार रखा। मुगल शासन के दौरान, परिवारों को सम्राट औरंगज़ेब, आलमगीर और फ़ारुक्शायार ने अपने जागीर के अधिकारों की पुष्टि करते हुए, सनद दी।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र पर स्थित इंदौर, राज्य के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्रों में से एक है। इंदौर का समृद्ध कालानुक्रमिक इतिहास गौर भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है करने लायक है। योर के दिनों में भी यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। लेकिन आज कॉर्पोरेट फर्मों और संस्थानों के प्रवेश के साथ, इसने देश के वाणिज्यिक क्षेत्र में एक बड़ा नाम कमाया है। जैसे ही कहानी आगे बढ़ती है, होलकर कबीले के मल्हारो होल्कर ने 1733 में मालवा की विजय में अपनी लूट के हिस्से के रूप में इंदौर को प्राप्त किया। उनके वंशज, जिन्होंने मराठा संघ के मुख्य भाग का गठन किया, पेशवाओं और सिंधियों के साथ संघर्ष में आए और जारी रखा गोर की लड़ाई। ईस्ट इं
डिया कंपनी के आगमन के साथ इंदौर के इतिहास में एक तीव्र मोड़ आया।
इंदौर के होलकरों ने 1803 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में भाग लिया था। उनकी महिमा धूल से चकित हो गई थी जब वे अंततः 1817- 1818 में तीसरे एंग्लो मराठा युद्ध में मारे गए थे। होलकर राजवंश को हार का सामना करना पड़ा और एक बड़ा हिस्सा छोड़ना पड़ा। उनके अधीन प्रदेशों का। मामले तब चरम पर आ गए जब अंग्रेजी ने उनके उत्तराधिकार में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। उत्तराधिकारियों में से दो रहस्यमय परिस्थितियों में बच गए। इंदौर का इतिहास भारत की स्वतंत्रता तक दिनों के अनुसार और गहरा होता गया जब 1947 में भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है भारत के प्रभुत्व में राज्य आया।
इन्दौर भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक नगर है। जनसंख्या की दृष्टि से यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है, २०११ जनगणना, के अनुसार २१,६७,४४७[2] लोगों की आबादी सिर्फ ५३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वितरित है। यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक घनी आबादी वाला शहर भी है। यह भारत में टीयर-2 शहरों के अन्तर्गत आता है। इंदौर महानगरीय क्षेत्र (शहर व आसपास के इलाके) की आबादी २१ लाख लोगों के साथ राज्य में सबसे अधिक है। यह इन्दौर जिला तथा इन्दौर संभाग दोनों के मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। यह मध्य प्रदेश राज्य की वाणिज्यिक राजधानी भी कहलाती है। इसके साथ ही यह नगर न केवल मध्य प्रदेश बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों के लिये शिक्षा के एक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। भारत के स्वतन्त्र होने के पूर्व यह यह इन्दौर रियासत की राजधानी था।[3] मालवा पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित इंदौर शहर, राज्य की राजधानी भोपाल से १९० किमी पश्चिम में स्थित है।
इंदौर को उज्जैन से ओंकारेश्वर की ओर जाने वाले नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर एक व्यापार बाजार के रूप में स्थापित किया गया था, वहीं इंद्रेश्वर मंदिर (1741) का निर्माण किया गया, जहाँ से ही पहले इंदूर और बाद में इन्दौर नाम प्राप्त हुआ। मराठा काल में बाजीराव पेशवा ने इस क्षेत्र पर अधिकार प्राप्त कर, अपने सेनानायक मल्हारराव होलकर को यहां का जमींदार बना दिया, जिन्होंने होलकर राजवंश की नींव डाली। होलकर वंश का शासनकाल भारत के स्वतंत्र होने तक रहा। यह मध्य प्रदेश में शामिल होने से पहले ब्रिटिश सेंट्रल इंडिया एजेंसी और मध्य भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (1948–56) भी था। खान (कान्ह) नदी के तट पर बनी कृष्णापुरा छत्रियाँ, होलकर शासकों को समर्पित हैं।
ब्रिटिश काल के समय से ही इन्दौर को एक औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया जाता रहा है। यहाँ लगभग ५,००० से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ४०० से अधिक उद्योग हैं और इनमे १०० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग व्यावसायिक वाहन बनाने वाले व उनसे भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है सम्बन्धित उद्योग हैं, इसे “भारत का डेट्राइट” भी कहा जाता है। भारत का तीसरा सबसे पुराना शेयर बाजार, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज इंदौर में स्थित है।
औद्योगिक शहर होने के साथ-साथ इन्दौर शिक्षा का भी केन्द्र बन के उभरा है। यह भारत का एकमात्र शहर है, जहाँ भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम इन्दौर) व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी इन्दौर) दोनों स्थापित हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “स्मार्ट सिटी मिशन” में १०० भारतीय शहरों को चयनित किया गया है जिनमें से इन्दौर भी एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।[4] स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण के अंतर्गत २० शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा और इंदौर भी इस प्रथम चरण का हिस्सा है।[5] २०१७ के स्वच्छ सर्वेक्षण से लगातार तीन बार के परिणामों में इन्दौर भारत का सबसे स्वच्छ नगर रहा है
भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है
मॉयल के बारे में
- त्वरित सम्पक
- निगम के सामाजिक उत्तरदायित्व
- सूचना का अधिकार
- बिल स्थिति
- भर्ती
- इकाइयों का स्थान
- प्रतिबंधित फर्मों की सूची
- माल की मांग / आवश्यकता
- कोविड
मॉयल एक अनुसूची "ए" मिनीरत्न श्रेणी-1की कंपनी है। इसे मूल रूप से वर्ष 1962 में मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था। इसके बाद,2010-11 वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी का नाम मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड से मॉयल लिमिटेड में बदल दिया गया।
मॉयल को मूल रूप से वर्ष 1896 में सेंट्रल प्रोस्पेक्टिंग सिंडिकेट के रूप में स्थापित भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है किया गया था, जिसे बाद में सेंट्रल प्रोविंस मैंगनीज अयस्क कंपनी लिमिटेड (CPMO) के रूप में बदल दिया गया जो एक ब्रिटिश कंपनी ब्रिटेन में निगमित हुई। 1962 में, भारत सरकार और CPMO के बीच एक समझौते के परिणामस्वरूप, सरकार द्वारा बाद की परिसंपत्तियों को ले लिया गया और सरकार के बीच 51% पूंजी के साथ मॉयल का गठन किया गया। भारत सरकार और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारें और शेष CPMO द्वारा 49% यह 1977 में था, शेष 49% शेयरधारिता सीपीएमओ से प्राप्त की गई थी और मॉयल इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में 100% सरकारी कंपनी बन गई थी।
वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान, मॉयल को 15 दिसंबर, 2010 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। लिस्टिंग के बाद, कंपनी में भारत सरकार की (71.57%) हिस्सेदारी थी। महाराष्ट्र सरकार का (4.62%) और मध्य प्रदेश सरकार का (3.81%) और सार्वजनिक (20%)। वर्तमान में कंपनी की शेयरहोल्डिंग सरकार है। भारत का (53.35%), भारत सरकार महाराष्ट्र का (5.96%) और मध्य प्रदेश सरकार का (5.38%) और (35.31%) सार्वजनिक है।
वर्तमान में, मॉयल 11 खानों का संचालन करती है, सात महाराष्ट्र के नागपुर और भंडारा जिलों में और चार मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित हैं। ये सभी खदानें लगभग एक सदी पुरानी हैं। 4 को छोड़कर, बाकी खानों को भूमिगत विधि के माध्यम से काम किया जाता है। बालाघाट खदान कंपनी की सबसे बड़ी खदान है। खदान अब सतह से लगभग 383 मीटर की गहराई तक खनन कर चुकी है। महाराष्ट्र के भंडारा जिले में स्थित डोंगरी बुज़ुर्ग माइन एक ओपेंनकास्ट खान है जो मैगनीज डाइऑक्साइड अयस्क का उत्पादन करती है जिसका उपयोग बैटरी उद्योग द्वारा किया जाता है। मैंगनीज ऑक्साइड के रूप में इस भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है अयस्क का उपयोग पशु आहार और उर्वरकों के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व के रूप में किया जाता है। MOIL भारत में डाइऑक्साइड अयस्क की कुल आवश्यकता का लगभग 50% पूरा करता है। वर्तमान में, वार्षिक उत्पादन लगभग 1.1 मिलियन टन है जो आने वाले वर्षों में बढ़ने की उम्मीद है।
मॉयल मैंगनीज अयस्क के विभिन्न ग्रेड का उत्पादन और बिक्री करता है जो निम्नलिखित हैं: -
• फेरो मैंगनीज के उत्पादन के लिए उच्च ग्रेड के अयस्क
• सिलिको मैंगनीज के उत्पादन के लिए मध्यम ग्रेड अयस्क
• गर्म धातु के उत्पादन के लिए आवश्यक ब्लास्ट फर्नेस ग्रेड अयस्क
• शुष्क बैटरी कोशिकाओं और रासायनिक उद्योगों के लिए डाइऑक्साइड।
मॉयल ने इलेक्ट्रोलाइटिक मैंगनीज डाइऑक्साइड (ईएमडी) की 1,500 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता का निर्माण करने के लिए स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक संयंत्र स्थापित किया है। इस उत्पाद का उपयोग सूखी बैटरी कोशिकाओं के निर्माण के लिए किया जाता है। कंपनी द्वारा उत्पादित EMD अच्छी गुणवत्ता और अच्छी तरह से बाजार द्वारा स्वीकार किया जाता है। मॉयल में फेरो मैंगनीज संयंत्र है जिसकी क्षमता 12,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है।
गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए, मॉयल ने नागदा हिल्स में 4.8 MW विंड एनर्जी फ़ार्म और मध्य प्रदेश देवास जिला के रेतड़ी हिल्स में 15.2 MW विंड फ़ार्म स्थापित किए हैं।
भारत की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट जारी! 5 दिन में 54,152 करोड़ रुपये बढ़ी वैल्यू
मार्केट कैप के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू 5 दिन में 54,152 करोड़ रुपये बढ़ गई है.
- News18Hindi
- Last Updated : April 28, 2019, 11:37 IST
मार्केट कैप के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों की वैल्यू 5 दिन में 54,152 करोड़ रुपये बढ़ गई है. शेयर बाजार में लौटी खरीदारी का फायदा इन कंपनियों को मिला है. पिछले हफ्ते शेयर बाजार पर लिस्टेड 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 8 कंपनियों की मार्केट कैप बढ़ी है. वहीं, इस दौरान एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक की वैल्यूएशन में गिरावट दर्ज की गई हैं.ये भी पढ़ें-1 मई से आपके जीवन में होंगे 5 बड़े बदलाव! नहीं मानने पर होगा पैसों का नुकसान
आइए जानें कौन सी है देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियां
ये हैं देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियां
(1) मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट में RIL (रिलायंस इंडस्ट्री) पहले स्थान है.
(2) इसके बाद देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS का नंबर आता है.
(3) तीसरे नंबर पर HDFC बैंक है.
(4) चौथे पायदान पर एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनी HUL हैं.
(5) इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर ITC है.
(6) देश की बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड छठे नंबर पर है.
(7) आईटी कंपनी इन्फोसिस का नंबर सातवां है.
(8) देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) इस लिस्ट में आठवें नंबर पर आता है.
(9) प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक नौवें नंबर पर है.
(10) इस लिस्ट के आखिरी पायदान पर प्राइवेट बैंक ICICI बैंक का नंबर है.
किस कंपनी की कितनी मार्केट कैप
>> पिछले हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का मार्केट कैप 5,419.63 करोड़ रुपये की तेजी के साथ 8,82,005.44 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
>> TCS बैंक की मार्केट 34,822.13 करोड़ रुपये बढ़कर 8,39,896.27 करोड़ रुपये पर पहुंच गई
>> HDFC बैंक का मार्केट कैप 3,662.39 करोड़ रुपये गिरकर 6,20,015.67 करोड़ रुपये पर आ गई है.
>> ITC की मार्केट कैप 367.76 करोड़ रुपये बढ़कर 3,73,459.21 करोड़ रुपये हो गई है.
>> HUL लिमिटेड का 1,363.76 करोड़ रुपये बढ़कर 3,77,470.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
>> HDFC लिमिटेड का मार्केट कैप 5,052.42 करोड़ रुपये गिरकर 3,39,906.42 करोड़ भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है रुपये पर आ गई है.
>> इन्फोसिस का मार्केट कैप 9,043.69 करोड़ रुपये बढ़कर 3,22,033.94 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
>> SBI की मार्केट कैप 1,249.45 करोड़ रुपये बढ़कर 2,78,715.62 करोड़ रुपये हो गई है.
>> कोटक महिंद्रा बैंक का मार्केट कैप 257.69 करोड़ रुपये बढ़कर 2,63,047.09 करोड़ रुपये हो गई है.
>> ICICI बैंक का मार्केट कैप 1,627.51 करोड़ रुपये की तेजी के साथ 2,62,645.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
डिस्क्लेमर: न्यूज़18 हिंदी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का हिस्सा है. नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास ही है.
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