भारत में अच्छे रिटर्न के लिए कहां निवेश करें?
भारत में उपलब्ध सर्वोत्तम निवेश विकल्पों पर चर्चा करते समय कई प्रश्न उठते हैं। प्रत्येक निवेशक भारत में सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें सर्वोत्तम निवेश विकल्पों की तलाश करता है, जहां उन्हें कम से कम जोखिम के साथ एक निश्चित समय सीमा के भीतर उच्चतम रिटर्न मिल सकता है। कुछ लोग अपने निवेश लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए निवेश करते हैं, जबकि अन्य वित्तीय सुरक्षा की इच्छा से ऐसा करते हैं। निवेश रणनीति का चयन करते समय आपकी जोखिम सहनशीलता, निवेश क्षितिज, वित्तीय उद्देश्यों और तरलता आवश्यकताओं पर विचार किया जाना चाहिए। यही कारण है कि जानकार निवेशक लगातार भारत में निवेश के बेहतरीन अवसरों की तलाश कर रहे हैं, जहां वे एक निर्धारित अवधि में अपने पैसे को चौगुना कर सकते हैं, जिसमें कोई जोखिम नहीं है। हालांकि, ऐसी निवेश रणनीति की खोज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो उच्च रिटर्न और कम जोखिम दोनों प्रदान करे। वास्तव में, रिटर्न और जोखिम सीधे विपरीत रूप से सहसंबद्ध होते हैं, जिसका अर्थ है कि जोखिम बढ़ने पर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्ति दो बुनियादी श्रेणियां हैं जिनमें भारत में निवेश के अवसरों को विभाजित किया जा सकता है। हम वित्तीय संपत्तियों को बैंक एफडी, सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), बैंक आरडी, और अन्य बाजार से जुड़ी प्रतिभूतियों जैसे म्यूचुअल फंड, लाइव स्टॉक इत्यादि जैसे निश्चित आय उत्पादों में वर्गीकृत कर सकते हैं। रियल एस्टेट, ट्रेजरी नोट्स और सोने के निवेश हैं गैर-वित्तीय संपत्ति के उदाहरण आप अपने वित्तीय उद्देश्यों तक पहुँच सकते हैं और एक सुरक्षित भविष्य के लिए एक वित्तीय गद्दी का निर्माण कर सकते हैं भारत में शीर्ष निवेश विकल्प चुनकर।
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निवेश का सबसे अच्छा साधन कौन सा है?
इसे सुनेंरोकेंआप किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं
म्यूचुअल फंड में पैसे इन्वेस्ट कैसे करें?
इसे सुनेंरोकेंम्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना। एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर।
म्यूच्यूअल फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?
इसे सुनेंरोकेंअमूमन म्यूचुअल फंड्स में 10 से 12 फीसदी तक का अनुमानित रिटर्न मिलता है. एसआईपी के जरिए इंवेस्ट किया जाए तो जोखिम कम रहता है. इसमें आप थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर लाखों रुपए जोड़ सकते हैं. अगर आप हर महीने महज 1500 रुपए भी निवेश करते हैं तो आप इसके जरिए 30 साल में लगभग 53 लाख तक का फंड बना सकते हैं
निवेश से क्या अभिप्राय है इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंनिवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।
निवेश क्या है निवेश के प्रकारों को समझाइए?
इसे सुनेंरोकेंक्या है निवेश और इन्वेस्टमेंट के प्रकार जब हम किसी वित्तीय सम्पत्ति की खरीद इस उम्मीद से करते है कि भविष्य में हमें उससे लाभ मिलेगा, तो वह निवेश / इन्वेस्टमेंट (Investment) कहलाता है। निवेश करना यानी कि अपने पैसे या अन्य महत्वपूर्ण संसाधनो को भविष्य में लाभ प्राप्त करने की इच्छा से आवंटित करना।
इन 5 स्कीम में अभी से लगाएं पैसा, रिटायरमेंट बाद नहीं होगी खर्च की टेंशन, मजे से कटेगी जिंदगी
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा की स्कीम है. यह स्कीम 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को निवेश करने और बाद में पेंशन पाने की सुविधा देती है. इस स्कीम के निवेश कर बुढ़ापे के समय खर्च का अच्छा इंतजाम किया जा सकता है.
पीएफआरडीए का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2022 में 1 करोड़ तक पेंशनर की तादाद बढ़ानी है. (सांकेतिक तस्वीर)
अगर रिटायरमेंट बाद की जिंदगी सुकून से जीना चाहते हैं, तो उसकी तैयारी अभी से कर देनी चाहिए. बाद में टेंशन फ्री रहने के लिए अभी से फंड का इंतजाम करना होगा. इसके लिए जरूरी है कि हर खर्च पर ध्यान दें और फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं. बजट बनाएं और उसी आधार पर खर्च करें. कमाई से ज्यादा सेविंग पर ध्यान होना चाहिए. इमरजेंसी फंड का भी बंदोबस्त करें ताकि मुश्किल परिस्थिति में किसी से पैसा मांगने की जरूरत न पड़े. अपनी गाढ़ी कमाई को ऐसे जगह निवेश न करें जहां मुनाफा कम और ज्यादा टेंशन की गुंजाइश है.
इसके लिए जरूरी है कि ऐसे सिस्टम में पैसा लगाएं कि रिटायर होने के बाद हर महीने हाथ में उचित राशि आती रहे. यानी कि रिटायरमेंट के बाद पैसे का प्रवाह बंद न हो. अन्यथा जिंदगी बोझिल सी लगेगी. पैसे की तंगी कई समस्याएं खड़ी कर सकती है. इसलिए निवेश के उन साधनों पर गौर करें, जो अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. आइए जानते हैं वे 5 साधन जो रिटायरमेंट बाद आपकी टेंशन को दूर कर सकते हैं.
1- म्यूचुअल फंड
अगर आप अभी से म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर दें तो रिटायरमेंट तक अच्छा पैसा जुड़ा जाएगा. म्यूचुअल फंड में चाहें तो सिस्टमेटिक विड्रॉल प्लान (SWP) को अपना सकते हैं. SWP को रिटायरमेंट बाद पैसे कमाने का अच्छा साधन माना जाता है. SWP म्यूचुअल फंड से एक निश्चित अवधि में निश्चित राशि पाने की सुविधा देता है. इसके तहत एक निश्चित राशि को रिटर्न के लिए फिक्स कर सकते हैं. उससे मिलने वाले रिटर्न को हर महीने, तीन महीने, छह महीने या सालाना के तौर पर पाने का सिस्टम बना सकते हैं. इसमें जमा राशि बढ़ती जाती है क्योंकि उसमें रिटर्न जुड़ता जाता है. इसमें एसआईपी के तौर पर 500 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. कम अवधि से लेकर ज्यादा साल तक के लिए निवेश की सुविधा और उस पर रिटर्न पाने के फायदे मिलते हैं.
2- बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान
युवा निवेशक हों या सीनियर सिटीजन, बैंक एफडी सबका पसंदीदा प्लान है. हालांकि रेगुलर इनकम के लिए जरूरी है सही एफडी प्लान का चयन करना. सही प्लान का चयन करें तभी अच्छा पैसा जुड़ पाएगा और रिटायरमेंट के बाद एक बड़ा फंड जमा हो पाएगा. रेगुलर इनकम के लिए मंथली या तिमाही प्लान ले सकते हैं. एफडी तो साल की होगी लेकिन उसका ब्याज आप महीने, तिमाही, छमाही या सालाना के तौर पर ले सकते हैं. इससे रिटायरमेंट का खर्च आसानी से चलेगा. अगर आपके पास अभी सरप्लस पैसा है तो तुरंत एफडी करा लें. मैच्योरिटी के बाद उसी पैसे को फिर से फिक्स कर सकते हैं. इससे आपका निवेश और बढ़ेगा और कमाई भी बढ़ती जाएगी. इमरजेंसी में एफडी पर लोन भी सकते हैं.
3- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा की स्कीम है. यह स्कीम 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को निवेश करने और बाद में पेंशन पाने की सुविधा देती है. इस स्कीम के निवेश कर बुढ़ापे के समय खर्च का अच्छा इंतजाम किया जा सकता है. इस योजना में न्यूनतम 1.5 लाख और अधिकतम 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. 1.5 लाख रुपये के निवेश पर हर महीने 1 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी.
इस हिसाब से अगर कोई 15 लाख रुपये निवेश करता है तो उसे हर महीने 10 हजार रुपये की पेंशन 10 साल तक मिलेगी. उसके बाद जो भी आपका मूलधन है, वह वापस दे दिया जाएगा. अगर एक परिवार में पति-पत्नी दोनों वरिष्ठ हैं तो वे 15-15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. दोनों की जमा राशि पर महीने में 20 हजार रुपये की पेंशन मिल सकती है. पेंशन चाहें तो हर महीने, तीन महीने, छह महीने या वार्षिक स्तर पर ले सकते हैं. पेंशन का भुगतान एनईएफटी या आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम के जरिये किया जाएगा.
4- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
यह सरकार की ओर से समर्थित स्कीम है जिसमें 60 साल से ऊपर के लोगों को फायदा मिलता है. इसमें सिंगल या जॉइंट आधार पर स्कीम ले सकते हैं. यह स्कीम 5 साल के लिए ले सकते हैं. जो लोग 55 से 60 के बीच हैं, रिटायर हो गए हैं या वीआरएस ले ली है, वे इस योजना के पात्र माने जाते हैं. जाइंट में यह सेविंग स्कीम पति/पत्नी के साथ शुरू कर सकते हैं. खाता खोलते वक्त नॉमिनी का नाम देने का प्रावधान है, बाद में भी नाम जोड़ सकते हैं. आधिकतम सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें 15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं, न्यूनतम 1 हजार रुपये जमा कर सकते हैं.
1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. 5 साल की स्कीम में मिलने वाला ब्याज चक्रवृद्धि के तौर पर जुड़ता है और हर तिमाही सेविंग अकाउंट में जमा होता है. बीच में भी सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें पैसा निकाल सकते हैं लेकिन कुछ शर्तें हैं. एक साल से पहले खाता बंद करेंगे तो कोई ब्याज नहीं मिलेगा. अगर ब्याज मिल गया है तो उसकी वसूली होगी. एक साल बाद पैसा निकालते हैं तो 1.5 परसेंट की कटौती होगी. दो साल पर यह कटौती 1 परसेंट तक होती है.
5- प्रॉपर्टी खरीदें
अगर आपने सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें काम या नौकरी के दौरान किसी दूसरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसके लीज पर या रेंट पर देकर पैसा कमा सकते हैं. आप ये भी कर सकते हैं कि रिटायरमेंट के पैसे से कोई प्रॉपर्टी खरीद लें, उसे किराये पर दे दें और उससे होने वाली आमदनी से अपना खर्च आराम से चलाएं. इससे हर महीने अच्छी कमाई हो सकती है. रेंटल इनकम या लाइसेंस फीस कमाई का अच्छा साधन है.
हर महीने खर्च के हिसाब से पैसे का प्रवाह बना रहेगा. रिटायरमेंट को प्राथमिकता के आधार पर मान कर चलना चाहिए क्योंकि युवावस्था में अकसर इसकी चिंता नहीं होती और अंत समय में यह पैसे की तंगी में बोझिल हो जाता है. पहले से इसका प्लान कर लें, निवेश का साधन खड़ा कर लें तो आगे चलकर परेशानी नहीं होगी.
अटल पेंशन योजना
भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:
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और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
- कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
- असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
- नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
- जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
- कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना
अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।
सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।
वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें
योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख
निरंतर चूक के मामले में
ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक सर्वोत्तम साधन में पैसा निवेश करें खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।
रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।
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