-अमित जैन, सचिव, जबलपुर इलेक्ट्रिकल डीलर एसोसिएशन
अयोध्या: ऑनलाइन ट्रेडिंग के तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग विरोध में 15 सितंबर को प्रदर्शन करेंगे व्यापारी
रुदौली/ अयोध्या, अमृत विचार। ऑनलाइन ट्रेडिंग से देश के सात करोड़ व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो गया है, खुदरा व्यापार बचाने के लिए सरकार को ऑनलाइन ट्रेडिंग पर रोक लगानी चाहिए। यह बातें उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग बनवारीलाल कंछल ने रविवार को नगर पालिका परिषद सभागार में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। …
रुदौली/ अयोध्या, अमृत विचार। ऑनलाइन ट्रेडिंग से देश के सात करोड़ व्यापारियों का व्यापार प्रभावित हो गया है, खुदरा व्यापार बचाने के लिए सरकार को ऑनलाइन ट्रेडिंग पर रोक लगानी चाहिए। यह बातें उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बनवारीलाल कंछल ने रविवार को नगर पालिका परिषद सभागार में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही।
कंछल ने कहा कि उक्त मामले को लेकर 15 सितंबर को प्रदेश के सभी जनपदों में तहसील एवं बाजारों में विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्तमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने सरकार से व्यापारी पेंशन 3000 से बढ़ाकर 30000 रुपये करने, व्यापारी को वीआईपी दर्जा दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 2023 में संगठन के 50 वर्ष पूरा होने पर पूरे प्रदेश में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर जान मोहम्मद, राजेश गुप्ता, हिमांशु कसौधन, शारिक, नवनीत रस्तोगी सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
फैल रहा ऑनलाइन देह व्यापार का जाल, वाट्सएप से पक्की होती है बात, ऐप के जरिए होता है लेन-देन
लखनऊ. राजधानी में ऑनलाइन देह व्यापार का जाल तेजी से बढ़ रहा है। इसका खुलासा बीते तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग दिनों लखनऊ के गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित एक होटल में रिसेप्शनिस्ट की हत्या तेज ऑनलाइन ट्रेडिंग की जांच के दौरान हुआ।
दरअसल मामले ऑनलाइन देह व्यापार से जुड़ा है। अब पुलिस के लिए इस ऑनलाइन देह व्यापर का भंडाफोड़ कर पाना एक चुनौती से कम नहीं है। सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक फ्रेंड्स क्लब में शामिल युवक युवतियां वाट्सएप पर ही संपर्क में रहते थे। हत्याकांड की पड़ताल में आरोपियों की वाट्सएप पर बातचीत के साक्ष्य भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि पूरे देश में इस क्लब का नेटवर्क फैला हुआ है। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के जरिए लोगों को मेंबर बनाया जाता है, उसके बाद सदस्यों की मांग पर किसी भी शहर में लड़कियां उपलब्ध कराई जाती हैं। राजधानी पुलिस इस ऑनलाइन चक्रव्यूह को भेदने की तैयारी में जुट गई है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग में ऑफ हो रहे रिटेल मार्केट
अतुल शुक्ला कुछ सालों में देश में ऑनलाइन खरीददारी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इससे इंटरनेट पर माल बेचने वाली कंपनियों का मुनाफा अरबों डालर तक जा पहुंचा है। इधर उपभोक्ताओं को उनके बजट में पसंदीदा सामान मिलने से वे खुश हैं, लेकिन इससे खुदरा व्यवसाय में हड़कंप मच गया है।
जबलपुर। कुछ सालों में देश में ऑनलाइन खरीददारी का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इससे इंटरनेट पर माल बेचने वाली कंपनियों का मुनाफा अरबों डालर तक जा पहुंचा है। इधर उपभोक्ताओं को उनके बजट में पसंदीदा सामान मिलने से वे खुश हैं, लेकिन इससे खुदरा व्यवसाय में हड़कंप मच गया है। जबलपुर ही नहीं, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे शहर तक के व्यावसायियों में ऑनलाइन ट्रेडिंग के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई दुकानों में तो ताले लगाने तक की नौबत आ गई है।
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