भगवान कृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था। लेकिन उनका बचपन गोकुलए वृंदावनए नंदगावए बरसाना जैसे जगहों पर बीता था। मथुरा से गोकुल 15 किलोमीटर दूर है। कहा जाता है कि यहां पर कृष्ण जी ने 11 साल 1 माह और 22 दिन गुजारे थे। यहां पर चौरासी खम्भों का मंदिर नंद बाबा के मंदिर से जुड़ी एक कहानी बताई जाती है। जिसमें कहा गया है कि भगवान श्री कृष्ण अपने माता.पिता को चार.धाम की यात्रा का सुख गोकुल में ही देना चाहते थे इसलिए उन्होंने भगवान विश्वकर्मा से कहा था कि वो उनके घर में 84 खंबे लगा दें। इसपर विश्वकर्मा जी ने कहा था कि इन खंबों को कलियुग में कोई गिन नहीं पाएगा। इसीलिए ये मान्यता चली आ रही है कि अगर आप इस मंदिर के दर्शन करेंगे तो यहां पर आपको चार धाम की यात्रा का फल मिलेगा और साथ ही साथ आप इस मंदिर के खंबों को कभी गिन नहीं सकते। मान्यता है कि यहां या तो एक खंबा ज्यादा गिनती में आएगा या फिर एक खंबा कम।

ये हैं भगवान श्रीकृष्ण के खास मंदिर, दर्शन से होता है उद्धार

पूरे देश में विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर भगवान श्रीकृष्ण के अत्यंत भव्य और विशाल मंदिर मौजूद हैं, जिसकी सुदरंता और भव्यता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कृष्णजी के मंदिर स्थापित हैं। इन मंदिरों में साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। देश भर के कृष्ण मंदिरों में विशेष प्रकार की रौनक देखने को मिलती है। प्रत्येक मंदिर की अपनी कुछ न कुछ खास विशेषता है। इनमें से कुछ मंदिर बेहद खास हैं। आइए जानते हैं, उन मंदिरों के बारे में

ये वही स्थान है जहाँ श्री विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर कृष्ण ने जन्म लिया था। मथुरा के मंदिर में इसका सर्वोच्च स्थान है। यहाँ के स्थानीय लोगों का विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर कहना है कि इस मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह बुंदेल ने करवाया था जो श्री कृष्ण के ही वंशज थे। यहाँ कंस का पत्थर से बना बड़ा कारावास है। यहाँ का सबसे आकर्षक मंदिर का वो छोटा कारावास है जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था। यह मंदिर अपनी पवित्रता से आपके रोम.रोम को साधना में लीन कर देगा। बहुत ही खुबसूरती से इसे बनाया गया है। यहाँ कृष्ण की सफ़ेद मार्बल से बनी मूर्ति है जो अपने अस्तित्व का परिचय देती है। यहाँ आने का सबसे उचित समय है जन्माष्टमी व होली का पर्व। ये त्योहार भव्यता से यहाँ मनाया जाता है।

टोक्यो की राजधानी कहाँ है?

Shinjuku Cityटोक्यो / राजधानी

टोक्यो कौन सी नदी के किनारे बसा है?

टोक्यो विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर खाड़ी 東京湾 Tōkyō-wan
स्थान होन्शू, जापान
निर्देशांक 35°25′N 139°47′E
नदी स्रोत आरा नदी ईडो नदी ओबित्सु नदी योरो नदी
महासागर/सागर स्रोत प्रशांत महासागर

टोक्यो की मुद्रा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजापान की मुद्रा “येन” हैं जिसका प्रयोग अंतरराष्ट्रीय कारोबार में लेनदेन में भी किया जाता है, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में जापानी येन (Japan Currency) सबसे बड़ी मुद्राओं में से एक है। डॉलर और यूरो के पश्चात यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अधिकारिक मुद्रा हैं।

मोगा का मतलब क्या होता है?

टोक्यो ओलंपिक की स्थापना कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंटोक्यो 2020 खेल इतिहास में सबसे अधिक लिंग-संतुलित थे, जिसमें पुरुष और महिला एथलीटों का अनुपात लगभग 50/50 था। टोक्यो 2020 के लगभग 60% स्थानों का उपयोग किया गया। जिसमें ओलंपिक खेल टोक्यो 1964 के छह विरासत स्थल शामिल हैं।

टोक्यो के पहले जापान की राजधानी कहाँ थी?

इसे सुनेंरोकेंटोक्यो को मूल रूप से ईडो के नाम से जाना जाता था, जिसका जापानी में अर्थ है मुहाना। १८६८ में जब इसे जापान की राजधानी बनाया गया तो इसका नाम बदलकर टोक्यो (तोउक्योउ: तोउ (पूर्व) + क्योउ (राजधानी)) कर दिया गया।

2 फ्रांस की राजधानी क्या है अ बर्लिन ब पेरिस स लंदन द टोकियो?

इसे सुनेंरोकेंफ्रांस की राजधानी ‘पेरिस’ के किस्से

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विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर

Assam-Map.jpg

असम (अंग्रेज़ी:Assam) या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सरहदी राज्य है। भारत-भूटान और भारत-बांग्लादेश सरहद कुछ हिस्सों में असम से जुड़ी है। यहाँ पर कपिली नदी और ब्रह्मपुत्र नदी भी बहती है। असम पूर्वोत्तर दिशा में भारत का प्रहरी है और पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेशद्वार भी है। असम की उत्तर दिशा में भूटान और अरुणाचल प्रदेश, पूर्व दिशा में मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश और दक्षिणी दिशा में मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा राज्य हैं।

विद्वानों का मत है कि 'असम' शब्द संस्कृत के 'असोमा' शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है अनुपम या अद्वितीय। किन्तु अधिकतर विद्वानों का मानना है कि यह शब्द मूल रूप से 'अहोम' से बना है। ब्रिटिश शासन में जब इस राज्य का विलय किया गया, उससे पहले लगभग छह सौ वर्ष तक इस राज्य पर 'अहोम' राजाओं का शासन रहा था। आस्ट्रिक, मंगोलियन, द्रविड़ और आर्य जैसी विभिन्न जातियां प्राचीन समय से इस प्रदेश की पहाड़ियों और घाटियों में अलग अलग समय पर आकर रहीं और बस गयीं जिसका यहाँ की मिश्रित संस्कृति में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।

प्राचीन नाम

प्राचीन समय में यह राज्य 'प्राग्ज्योतिष' अर्थात् 'पूर्वी ज्योतिष का स्थान' कहलाता था। कालान्तर में इसका नाम 'कामरूप' पड़ गया। कामरूप राज्य का सबसे पुराना उदाहरण इलाहाबाद में समुद्रगुप्त के शिलालेख से मिलता है। इस शिलालेख में कामरूप का विवरण ऐसे सीमावर्ती देश के रूप में मिलता है, जो गुप्त साम्राज्य के अधीन था और गुप्त साम्राज्य के साथ इस राज्य के मैत्रीपूर्ण संबंध थे। चीन के विद्वान् यात्री ह्वेनसांग लगभग 743 ईस्वी में राजा कुमारभास्कर वर्मन के निमंत्रण पर कामरूप में आया था। ह्वेनसांग ने कामरूप का उल्लेख 'कामोलुपा' के रूप में किया है। 11वीं शताब्दी के अरब इतिहासकार अलबरूनी की पुस्तक में भी 'कामरूप' का विवरण प्राप्त होता है। इस प्रकार प्राचीन काल से लेकर 12वीं शताब्दी ईस्वी तक समस्त आर्यावर्त में पूर्वी सीमांत देश को 'प्राग्ज्योतिष' और 'कामरूप' के नाम से जाना जाता था और यहाँ के नरेश स्वयं को 'प्राग्ज्योतिष नरेश' कहलाया करते थे। सन 1228 में पूर्वी पहाडियों पर 'अहोम' लोगों के आने से इतिहास में मोड़ आया। उन्होंने लगभग छह सौ वर्षों तक असम राज्य पर शासन किया। 1819 में बदनचन्द्र की हत्या के बाद सन् 1826 में यह राज्य ब्रिटिश सरकार के अधिकार में आ गया। इस समय 'बर्मी' लोगों ने 'यंडाबू संधि' को मानकर असम को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था।
इन्हें भी देखें : कामरूप एवं अहोम

भू-विज्ञान

भू- विज्ञान के अनुसार, ब्रह्मपुत्र एवं बरक नदी घाटी में जमा (अवसादित) मिट्टी जलोढ़ है, जो 16 लाख साल पुरानी है। इनमें विभिन्न प्रकार के तृतीयक निक्षेप (16-664 लाख वर्ष पुराने) हैं। इन अवसादों में बलुआ पत्थर, रेत के कण, रेतीली मिट्टी, मिश्रित मिट्टी, कोयले के टुकड़े, स्लेटी पत्थर एवं चूना-पत्थर प्रमुख हैं। मेघालय पठार के हिस्से कार्बी आलंग एवं उत्तरी कछार की पहाड़ियाँ संभवत: गोंडवाना लैंड [3] का विस्तरण है। केपिली नदी की खाड़ियों द्वारा अलग कर दी गई उच्चभूमि की स्थलाकृति विषम है। इसमें मिकिर पहाड़ियों का एक उत्तरी ढाल आता है, जिसकी विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर औसत ऊँचाई 475 मीटर है, जो कार्बी आलंग ज़िले के मध्य भाग में पहुँचकर लगभग 1,006 मीटर हो जाती है। उत्तरी पर्वतश्रेणियाँ दक्षिण-पश्चिम के डबाका (दिसपुर के पूर्व में) से शुरू होकर पूवोत्तर में बोकारवाट तक फैली हैं। इनकी औसत ऊँचाई 610 मीटर है। उत्तरी पर्वतश्रेणी के मुख्य शिखरों में बसुनधारी पहाड़ियाँ (774 मीटर), रायसेंग (738 मीटर) मेहेकांगथू (689 मीटर) एवं कुद पहाड़ियों (626 मीटर) शामिल हैं। दक्षिण की रेंगमा पहाड़ियों की औसत ऊँचाई लगभग 914 मीटर है। इन पहाड़ियों के मुख्य शिखर चेंगेहिशोन (1,359 मीटर) एवं खुनबामन पहाड़ियाँ (1,131 मीटर) हैं।

टोक्यो की राजधानी कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंजापान की मुद्रा “येन” हैं जिसका प्रयोग अंतरराष्ट्रीय कारोबार में लेनदेन में भी किया जाता है, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और विदेशी मुद्रा व्यापार के मामले में जापानी येन (Japan Currency) सबसे बड़ी मुद्राओं में से एक है। डॉलर और यूरो के पश्चात यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अधिकारिक मुद्रा हैं।

टोक्यो को सर्वाधिक प्रदूषित नगर क्यों माना जाता है?

इसे सुनेंरोकेंटोक्यो महानगरीय प्रशासन, टोक्यो के 23 विशेष वार्डों (प्रत्येक वार्ड़ एक अलग शहर के रूप में शासित) का संचालन करती हैं। महानगरीय सरकार, प्रान्त के पश्चिमी भाग और दो बाहरी द्वीप श्रृंखलाएं के 39 नगरपालिका का भी प्रशासन करती हैं। विशेष वार्ड की आबादी 90 लाख मिलाकर, प्रान्त की कुल विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर जनसंख्या 130 लाख से अधिक हैं।

मोगा का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंسیمنٹ کا بنا ہوا بڑا پائپ جو پانی کی نکاسی کے لیے استعمال ہوتا ہے ۔

टोक्यो कौन से द्वीप पर स्थित है?

इसे सुनेंरोकेंटोक्यो (अंग्रेज़ी: Tokyo) जापान की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है। यह जापान के होन्शू द्वीप पर बसा हुआ है। इसकी जनसंख्या लगभग 86 लाख है, जबकि टोक्यो क्षेत्र में 1.28 करोड़ और उपनगरीय क्षेत्रों को मिलाकर यहाँ अनुमानित 3.7 करोड़ लोग रहते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला महानगरीय क्षेत्र बनाता है।

उगते सूर्य का देश नाम से कौन सा देश जाना जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजापान को अक्सर “उगते सूरज की भूमि” कहा जाता है।

जापान में सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर कौन सा है?विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर

इसे सुनेंरोकेंटोक्यो, जापान टोक्यो में 2,188 वर्ग किमी के क्षेत्र में 37,468,302 लोग हैं।

जापान का सबसे छोटा द्वीप कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: शिकोकू (जापानी: 四国, “चार प्रान्त”) जापान के चारों मुख्य द्वीपों में से सब से छोटा और सब से कम आबादी वाला द्वीप है। यह २२५ किमी लम्बा है और इसकी चौड़ाई ५० और १५० किमी के बीच (जगह-जगह पर अलग) है। कुल मिलकर शिकोकू का क्षेत्रफल १८,८०० वर्ग किमी है और इसकी जनसँख्या सन् २००५ में ४१,४१,९५५ थी।

इंडोनेशिया विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर की मुद्रा क्या है?

इंडोनेशियाई रुपियाइंडोनेशिया / मुद्रा

जापान को उगते सूरज की भूमि क्यों कहा जाता है हिंदी में?

इसे सुनेंरोकेंजापान, निप्पॉन, निहोन शब्द का अर्थ है “सूर्य की उत्पत्ति”, यानी जहां सूरज उगता है विदेशी मुद्रा व्यापार बड़ानगर और यही कारण है कि देश को अक्सर उगते सूरज की भूमि कहा जाता है। चीनी लोगों की नजर में जापान उस दिशा में है जहां से सूरज उगता है। (जापान चीन के पूर्व में है)।

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