Nitin Gadkari News: 2024 तक भारत में भी होंगी अमेरिका जैसी सड़कें: संसद में नितिन गडकरी
हाईवे निर्माण का काम एक बार पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार और दिल्ली से जयपुर जाने में महज दो घंटे का समय लगेगा. वहीं, दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी महज 2.30 घंटे की रह जाएगी. इतना ही नहीं इन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली से अमृतसर जाने में महज चार घंटे का समय लगेगा.
गडकरी ने फंड की अवेलेबलिटी को लेकर कहा कि एनएचएआई हर साल पांच लाख करोड़ रुपये मूल्य की सड़कों का निर्माण कर सकता है. नितिन गडकरी का यह बयान काफी क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा अहम है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार को जिस रोड नेटवर्क के विकास का श्रेय दिया जाता है, उसमें गडकरी का काफी अधिक योगदान है.
Cryptocurrency: भारत में कैसे होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
February 8, 2022
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा टैक्स लगाने का फैसला किया था.
- डिजिटल लेनदेन बढ़ा
- ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
- क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
- 30 फीसदी लगेगा टैक्स
डिजिटल लेनदेन बढ़ा
डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से बढ़ी है. लोग लगातार डिजिटल लेनदेन में अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं. कई विशेषज्ञ का मानना है कि दुनिया भर में अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का सहारा ले रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विशेषज्ञ बहुत ही आशा लगाए बैठे हैं. चूंकि बिटकॉइन में बिचौलियों जैसी कोई समस्या नहीं है, इसलिए यह मुद्राओं के लिए लेनदेन की लागत को कम कर सकता है, जैसे कि पारंपरिक मुद्राएं, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.
ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
जब भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात आती है, तो सबसे पहला नाम बिटक्वाइन का आता है. दुनिया भर में बिटक्वाइन के अलावा और भी क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं- Ethereum (ETH), क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM) और Dogecoin (DOGE).
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी का बाजार अस्थिर होता है. यह पूरी तरह से बाजारी की स्थिति पर निर्भर करता है. दुनिया भर में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी का चलन है. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी क्रिप्टोकरेंसी सभी देश में इस्तेमाल हो. हर देश में अलग-अलग तरीके से लेनदेन की प्रक्रिया होती है.
अब आप शेयर बाजार की तरह मुद्रा को खर्च करने या धारण करने का निर्णय लेते हैं. चाहे आप पोर्टफोलियो बनाएं. ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से खरीदारी के लिए क्रिप्टोकुरेंसी का उपयोग करें या क्रिप्टोकुरेंसी स्वीकार करने वाले स्थानीय व्यापारियों से सामान या सेवाएं खरीदें.
विशेषज्ञ का मानना है कि डिजिटल करेंसी का उपयोग आने वाले भविष्य बहुत तेजी के साथ बढ़ेगा. क्योंकि इसका उपयोग अन्य तरीकों की तरह दिन-प्रतिदिन की भुगतान आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया भर में न्यूनतम लागत पर भुगतान के किसी भी अन्य तरीके की तुलना में बहुत तेजी से सुविधा प्रदान करती है. क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोगकर्ता का मानना है कि अगर सरकार कार्ड और दूसरे डिजिटल वॉलेट की इजाजत दे तो, तो एक दिन क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा ऐसा भी आएगा कि क्रिप्टोक्यूरेंसी पारंपरिक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगी. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी राष्ट्रीय कानूनी मुद्रा और सोने जैसी पारंपरिक वस्तुओं के विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है.
केंद्रीय बजट 2022-23 के भाषण में वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि डिजिटल या क्रिप्टो से होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा. इस घोषणा ने क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच एक निश्चित डिग्री की आशा जगाई, क्योंकि उनका मानना है कि उन पर कर लगाने का यह कदम स्पष्ट रूप से भविष्य में वैधीकरण का एक स्पष्ट संकेत है.
30 फीसदी लगेगा टैक्स
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाएगी. ऐसे क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा लेन-देन पर नजर रखने के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रावधान है. सेंट्रल बैंक के द्वारा डिजिटल करेंसी (CBDC) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए, डिजिटल मुद्रा पेश करने का प्रस्ताव है.
Nitin Gadkari News: 2024 तक भारत में भी होंगी अमेरिका जैसी सड़कें: संसद में नितिन गडकरी
हाईवे निर्माण का काम एक बार पूरा हो जाने के बाद दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार और दिल्ली से जयपुर जाने में महज दो घंटे का समय लगेगा. वहीं, दिल्ली से चंडीगढ़ की दूरी महज 2.30 घंटे की रह जाएगी. इतना ही नहीं इन सड़कों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली से अमृतसर जाने में महज चार घंटे का समय लगेगा.
गडकरी ने फंड की अवेलेबलिटी को लेकर कहा कि एनएचएआई हर साल पांच लाख करोड़ रुपये क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा मूल्य की सड़कों का निर्माण कर सकता है. नितिन गडकरी का यह बयान काफी अहम है क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार को जिस रोड नेटवर्क के विकास का श्रेय दिया जाता है, उसमें गडकरी का काफी अधिक योगदान है.
UP के लोगों ने क्रिप्टो करंसी में किया पौने चार हजार करोड़ का निवेश, जानें क्या हैं खतरे
बजट में क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा क्रिप्टो करंसी पर टैक्स लगाने और आरबीआई की ओर से डिजिटल करंसी लाने की घोषणाओं का निवेशकों पर सकारात्मक असर हुआ है। हालांकि इससे पहले ही क्रिप्टो की वर्चुअल चमक युवा निवेशकों को लुभाती रही है।.
बजट में क्रिप्टो करंसी पर टैक्स लगाने और आरबीआई की ओर से डिजिटल करंसी लाने की घोषणाओं का निवेशकों पर सकारात्मक असर हुआ है। हालांकि इससे पहले ही क्रिप्टो की वर्चुअल चमक युवा निवेशकों को लुभाती रही है। क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा एक अनुमान के मुताबिक यूपी के निवेशकों ने वर्चुअल करंसी में पौने चार हजार करोड़ का निवेश कर रखा है, जबकि पूरे देश में 45 हजार करोड़ रुपये इसकी ट्रेडिंग में हैं।
उद्योग एसोचैम यूपी के सह अध्यक्ष अनुपम मित्तल बताते हैं कि हाल में उद्योग संगठन ने क्रिप्टो पर मंथन किया था। पता चला कि यूपी में बड़ी संख्या में लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया है। कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद आदि हैं। सिर्फ कानपुर में1100 से 1200 करोड़ का निवेश क्रिप्टो में है।
क्या है क्रिप्टो करंसी
क्रिप्टो में बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन, लिटकॉइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबाइनू आदि हैं। इनमें कम समय में लोगों को अच्छा लाभ हुआ है हालांकि बाद में तगड़ा नुकसान भी झेलना पड़ा है। एवोक इंडिया अध्यक्ष और लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट प्रवीण द्विवेदी के अनुसार क्रिप्टो करंसी की माइनिंग कोई भी कर सकता है। बिटक्वाइन सबसे पुराना है, इसलिए लोगों को इस पर अधिक भरोसा है।
सतर्क रहें
विशेषज्ञ प्रवीण द्विवेदी के अनुसार बजट के बाद कुछ निवेशक समझ रहे क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा हैं कि सरकार ने क्रिप्टो करंसी को कर लगाकर एसेट मान लिया है। यह गलत है। क्रिप्टो करंसी का नियामक नहीं। कोई सुरक्षा नहीं। बेहतर होगा कि आरबीआई की डिजिटल करंसी का इंतजार करें।
ऐसे होता है धोखा
विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रेडिंग करने वाले अन्तरराष्ट्रीय कारोबारी कोई न कोई करंसी अचानक उछाल देते हैं। इनका बिजनेस करने क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा वाले अन्य लोगों को लाभ बताते हैं। कई बार एक घंटे में ही अप्रत्याशित फायदा दिखने लगता है और लोग इसी लालच में पड़ रहे हैं।
● क्रिप्टो करेंसी में कोई नियामक नहीं है। कौन चला रहा है इसका भी पता नहीं। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
● रूस, चीन, जापान, यूरोप समेत कई देशों से क्रिप्टो करंसी चलाई जा रही हैं।
● सबसे पुराने बिटकॉइन को बनाने वाला शख्स कहां रहता है, किसी को नहीं पता।
● एक नई करंसी का केरल में फ्रॉड हो चुका है, जिसमें 40 हजार लोग बर्बाद हुए।
गुजरात और हिमाचल तय करेंगे कि 2024 के लिए कांग्रेस का कैसा होगा सफर?
नई दिल्लीः कांग्रेस भले ही ‘भारत जोड़ो यात्रा' पर पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए है, लेकिन वह गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए बृहस्पतिवार को होने वाली मतगणना में अपने लिए बेहतर नतीजों की उम्मीद कर रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी लगातार सिमटते अपने जनाधार को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है और ऐसे में अगर उसे हिमाचल प्रदेश में जीत मिलती है और गुजरात में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी के बावजूद मुख्य विपक्षी दल बनी रहती है तो यह उसके लिए बहुत ही सुखद स्थिति रहेगी।
कांग्रेस का संकट उस स्थिति में और गहरा सकता है, अगर वह हिमाचल प्रदेश की सत्ता में आने में विफल रहती है और गुजरात में मुख्य विपक्षी दल का स्थान खो देती है। उसे बुधवार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब दिल्ली नगर निगम के चुनाव में उसने अब तक का सबसे निराशाजनक प्रदर्शन किया। उसे 250 सदस्यीय नगर निगम में सिर्फ नौ सीटें मिली। आम आदमी पार्टी को 134 और भारतीय जनता पार्टी को 104 सीटें हासिल हुईं।
गत सोमवार को कई समाचार चैनलों द्वारा दिखाए गए एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में अनुमान लगाया गया है कि गुजरात में भाजपा को बड़ी जीत हासिल होगी तो हिमाचल में नतीजा भाजपा और कांग्रेस के बीच किसी के भी पक्ष में जा सकता है। कांग्रेस के लिहाज से सबसे अच्छी स्थिति यही होगी कि हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में उसे बहुमत मिले और गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में उसे सम्मानजनक सीटें हासिल हों। हिमाचल प्रदेश में अगर कांग्रेस जीतती है तो उसके लिए यह एक संजीवनी होगी क्योंकि लंबे समय बाद उसे अपनी बदौलत किसी राज्य की सत्ता मिलेगी। फिलहाल उसकी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकारें हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की जीत कांग्रेस के लिए हौसला बढाने वाली होगी। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हिमाचल में जीत से कांग्रेस को 2023 और 2024 के लिए उम्मीद मिलेगी। लेकिन बहुत कुछ इस बात निर्भर करता है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद पार्टी में किसी तरह से ऊर्जा का संचार होता है।'' इन चुनावों में एक संभावना यह भी है कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश जीत जाए, लेकिन गुजरात में बुरी तरह हार का सामना करना पड़े।
यह स्थिति उसके लिए इस लिहाज से राहत देने वाली होगी कि ‘भारत जोड़ो यात्रा' पर ध्यान केंद्रित करने के बावजूद किसी राज्य में चुनाव जीत सकती है। लेकिन गुजरात में बुरी हार से विपक्षी खेमे में उसकी भूमिका और कमजोर हो सकती है। कांग्रेस यदि हिमाचल प्रदेश में हार जाती है और गुजरात में भी बुरी तरह हारती है तो यह उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा। ऐसी स्थिति में पार्टी गंभीर संकट में घिर जाएगी जहां उसके लिए बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल होगा।
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