- जिस देवी देवता का भजन किया जा रहा है उसके चित्र के सामने गाय के घी का दीपक और धूप अवश्य जलाएं. जल का पात्र भी भरकर रखें.

क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है

221. स्टॉक में व्यापार या निवेश के रूप में क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है प्रतिभूतियों के उपचार के बारे में स्पष्टीकरण

1 24-4-1991 सर्कुलर नं 599, द्वारा (देखें स्पष्टीकरण 2), यह बैंकों द्वारा आयोजित प्रतिभूतियों सामान्य रूप से शेयर में करने के लिए दिया जाता है के रूप में उनके स्टॉक में व्यापार और नुकसान का दावा, खाते की किताबों में डेबिट किया है, तो एक ही उपचार दिया जाना चाहिए के रूप में माना जाना चाहिए कि स्पष्ट किया गया व्यापार. यह भी प्रतिभूतियों की खरीद पर खंडित अवधि के लिए ब्याज का भुगतान राजस्व भुगतान के रूप में माना जाता है और तदनुसार अनुमति दी जानी चाहिए कि क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है स्पष्ट किया गया था.

प्र.20. सीआईटी [1991] 187 आईटीआर 541 वी. विजया बैंक लिमिटेड के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के फलस्वरूप, ऊपर परिपत्र 31-7-1991 दिनांकित, सर्कुलर नंबर 610 की समस्या से वापस ले लिया गया [स्पष्टीकरण 1 देखें] . सुप्रीम कोर्ट ने विजया बैंक लिमिटेड के मामले में ही टूटी हुई अवधि के लिए ब्याज के लिए दावे के साथ संबंध था और क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है प्रतिभूतियों गठित चाहे मुद्दा तय नहीं किया था कि प्रभाव के लिए भारतीय Banks'Association से निरूपण किया गया है माल का भंडार या निवेश. इसलिए यह पूर्ण में 24-4-1991 सर्कुलर नं 599, की वापसी के लिए नहीं बुलाया गया था कि प्रतिनिधित्व दिया गया है.

घर में किस दिशा में होना चाहिए मंदिर? जानिये क्या कहता है वास्तुशास्त्र

घर में किस दिशा में होना चाहिए मंदिर? जानिये क्या कहता है वास्तुशास्त्र

वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में सही दिशा में ही होना चाहिए मंदिर।

वास्तुशास्त्र के मुताबिक अगर घर में मंदिर सही दिशा और जगह पर न हो तो ये कई परेशानियों की वजह बन सकता है। ऐसे में अगर आप नया घर बना रहे हैं या घर ले रहे हैं तो मंदिर की दिशा को लेकर सजग रहें। ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता रहे। वास्तुशास्त्र में घर में मंदिर बनाने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर पूर्वी दिशा सबसे उपयुक्त मानी गई है। इसलिए घर में मंदिर हमेशा ईशान कोण में ही होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि के साथ-साथ धन लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

घर में किस दिशा में होना चाहिए मंदिर? जानिये क्या कहता है वास्तुशास्त्र

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वास्तुशास्त्र के मुताबिक क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है घर में सही दिशा में ही होना चाहिए मंदिर।

वास्तुशास्त्र के मुताबिक अगर घर में मंदिर सही दिशा और जगह पर न हो तो ये कई परेशानियों की वजह बन सकता है। ऐसे में अगर आप नया घर बना रहे हैं या घर ले रहे हैं तो मंदिर की दिशा को लेकर सजग रहें। ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता रहे। वास्तुशास्त्र क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है में घर में मंदिर बनाने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर पूर्वी दिशा सबसे उपयुक्त मानी गई क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है है। इसलिए घर में मंदिर हमेशा ईशान कोण में ही होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि के साथ-साथ धन लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

उत्तर-पूर्व में योग और ध्यान करना होगा लाभकारी, इस दिशा क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है में बैठकर लें बड़े फैसले

उत्तर-पूर्व में योग और ध्यान करना होगा लाभकारी, इस दिशा में बैठकर लें बड़े फैसले

घर के वास्तु वाइब्स क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है सही हों और आस-पास के वातावरण में किसी भी तरह का कोई दोष न हो, इसके लिए हमें सजगता रखनी होगी योग, ध्यान, साधना यदि घर में उत्तरपूर्व दिशा क्षेत्र में हो तो अच्छा है। यदि यहीं बैठकर जीवन के जरूरी फैसलों के बारे में सोचा जाए तो हमें अपने आवश्यक और जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने में आसानी होगी। हम एक बेहतर निष्कर्ष तक पहुंच सकते हैं।

दूसरा यह कि हम जहां रह रहे हैं, वहां की वास्तु वाइब्स दोषमुक्त हों और यह तभी संभव है जब हमारे घर के उत्तर से पूर्व तक का दिशा क्षेत्र दोष मुक्त होगा। इन दिशा क्षेत्रों में किसी भी तरह का असंतुलन न हो तो अच्छा है। यहां पर पूर्ण रूप से साफ-सफाई हो। घर में शयन कक्ष या घर की बाकी गतिविधिया कहां-कहां है, ये सारी बातें निर्भर करते है हमारी सोच, क्या दिशाओं में व्यापार करना एक अच्छा विचार है हमारी जीवनशैली और विचारों पर और यहीं से शुरू होती है हमारे जीवन में उठाए हुए कदमों से सफलता और असफलता मिलने के दौर।

पूजा-पाठ के साथ मंदिर का रंग होगा ऐसा तभी मिलेगा पूजा का पूरा फल

प्रतीकात्मक फोटो

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2019,
  • (अपडेटेड 07 अगस्त 2019, 3:13 PM IST)

अक्सर पूजा अर्चना करते समय आपके मन में भी यह विचार आता होगा कि पूजा की किस विधि को अपनाए ताकि आपकी पूजा का आपको पूरा फल मिल सके. मंदिर का रंग कैसा हो ताकि प्रभू की अराधना करते समय आपका मन एकाग्रचित्त होकर उसकी भक्ति में लगा रहे.

आइए आज आपके इन सभी सवालों का जवाब देते हुए बताते हैं ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए आपको मंदिर में कैसे रंग का चुनाव करना चाहिए और मंदिर में क्या रखने से आपके घर में सुख संपदा बनी रहेगी.

घर के मन्दिर का रंग कैसा हो-

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