विदेशी मुद्रा बाजार में

आदि डेरिवेटिव, मुद्रा बाजार के उपकरणों में लेनदेन को विनियमित करने की शक्ति.

45W. (1) बैंक, सार्वजनिक हित में, या अपने लाभ के लिए देश की वित्तीय प्रणाली को विनियमित ब्याज दरों या ब्याज दर उत्पादों से संबंधित नीति निर्धारण और में काम, सभी एजेंसियों या उनमें से किसी को इस निमित्त निर्देश दे सकता है प्रतिभूतियों, मुद्रा बाजार के उपकरणों, विदेशी मुद्रा, डेरिवेटिव, या बैंक के रूप में की तरह प्रकृति के अन्य उपकरणों से समय समय पर निर्दिष्ट कर सकते हैं:

इस उपधारा के तहत जारी निर्देशों प्रतिभूति संविदा (विनियमन) की धारा 4 के तहत मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों अधिनियम, 1956 (पर, उसमें उल्लेख किया लेनदेन के संबंध में ट्रेडों के निष्पादन या निपटान के लिए प्रक्रिया से संबंधित नहीं होगा बशर्ते कि 1956 का 42).

(2) बैंक, एजेंसियों उपधारा में निर्दिष्ट को विनियमित करने के लिए इसे सक्षम बनाने के उद्देश्य के लिए (1), उनमें से कोई भी जानकारी, बयान या अन्य विवरण के लिए कहते हैं, या किए जाने के लिए ऐसी एजेंसियों के निरीक्षण के कारण हो सकता है.

विदेशी मुद्रा बाज़ार в английский

Their objective is to facilitate external trade and payment and promote orderly development and maintenance of foreign exchange market in India.

लंदन के विदेशी मुद्रा बाजार में रेनमिनबी बॉन्ड़ों का आकार गत वर्ष के शून्य से बढ़ कर 2 बिलियन अ. डॉलर से अधिक के समतुल्य है।

आर्थिक क्षेत्र में यह संबंध वित्तीय बाजारों से अधिक स्पष्ट और कहीं नहीं है जिसमें विदेशी मुद्रा बाजारों का औसत दैनिक कारोबार लगभग 4 ट्रिलियन अमरीकी डालर का होता है।

In the economic arena, this connectivity is nowhere visible more than world financial markets, where average daily turnover in foreign exchange markets alone is estimated at about US$ 4 trillion.

The rupee resumed lower at 55.75 per dollar as against yesterdays closing level of 55.68 at the Interbank Foreign Exchange (Forex) market

The rupee, which closed at 55.65 yesterday, resumed higher at 55.39 a dollar at the Interbank Foreign Exchange (Forex) market

राहत की खबर! विदेशी मुद्रा भंडार में आया विदेशी मुद्रा बाजार में भारी उछाल, 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हुआ

Forex Reserve: एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेशी मुद्रा बाजार में विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था. वहीं देश का गोल्ड रिजर्व 55.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.76 अरब डॉलर हो गया.

Forex Reserve: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. पिछले दिनों देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserve) में गिरावट का रुख देखा गया. इससे पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार 3.84 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया था. एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया विदेशी मुद्रा बाजार में था.

देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपए की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है. रिजर्व बैंक द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 28 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 5.77 अरब डॉलर बढ़कर 470.84 अरब डॉलर हो गई.

डॉलर में अभिव्यक्त किए जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट्स में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.

गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा

आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का गोल्ड रिजर्व 55.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.76 अरब डॉलर हो गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 18.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.62 अरब डॉलर हो गया है.

रुपया 53 पैसे की तेजी के साथ 82.35 प्रति डॉलर पर

विदेशों में अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और लगातार विदेशी निवेश के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 53 पैसे की तेजी के साथ 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

इंटरबैंक फॉरेक्स विदेशी मुद्रा बाजार में मार्केट में रुपया 82.85 पर खुला और कारोबार के दौरान 82.35 से 82.25 के दायरे में घट-बढ़ के बाद कारोबार के अंत में 53 पैसे की तेजी के साथ 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

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इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.34 प्रतिशत घटकर 112.54 रह गया.

विदेशी मुद्रा भंडार में एक वर्ष की सबसे तेज वृद्धि, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंचा

आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डालर की वृद्धि रही है। बता दें कि 2022 की विदेशी मुद्रा बाजार में शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था।

मुंबई, एजेंसी। बीते सप्ताह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक वर्ष से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॅालर की वृद्धि रही है। समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में अगस्त 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा वृद्धि रही है। आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर विदेशी मुद्रा बाजार में को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 529.99 अरब डॅालर था। 2022 की शुरुआत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 630 अरब डॅालर था। तब से रुपये में गिरावट का माहौल है।

मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब

इस गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ विदेशी मुद्रा भंडार से डॅालर की बिक्री कर रहा है। 11 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान अमेरिका में उपभोक्ता महंगाई में अनुमान से ज्यादा नरमी रही है। इससे बीते चार वर्षों में रुपये का साप्ताहिक प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है और मध्य सितंबर के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब आया है।

एफसीए में 11.8 अरब डॅालर की हुई वृद्धि

हालांकि, चालू सप्ताह में भारतीय मुद्रा में गिरावट रही है और यह डॅालर के मुकाबले 81.68 के स्तर विदेशी मुद्रा बाजार में पर पहुंच गई है।आरबीआइ के अनुसार, बीते सप्ताह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में 11.8 अरब डॅालर की वृद्धि रही है और यह 482.53 अरब डॅालर पर पहुंच गई हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है। इसी प्रकार स्वर्ण भंडार 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर हो गया है।

दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता विदेशी मुद्रा बाजार में है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार लुढ़क कर पहुंचा 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर, गोल्ड रिजर्व की वैल्यू भी घटी

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में हमेशा ही उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में एक बार फिर गिरावट का दौर लगातार जारी है। इस गिरावट के साथ यह 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, स्वर्ण भंडार (Gold Reserves) का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से होता है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2 सितंबर 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 560 अरब डॉलर से गिरकर 553.105 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है, जबकि, 19 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर पर आ पहुंचा है। वहीँ, 12 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। वहीँ, अगर 5 अगस्त 2022 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार देखे तो यह 2.23 अरब डॉलर 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर पर आ पहुंचा था। इस प्रकार वर्तमान समय में दर्ज हुई गिरावट 7.941 अरब डॉलर देखने को मिली है। इस विदेशी मुद्रा बाजार में प्रकार यह 2 साल के निचले स्तर पर आ पहुंचा है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से एक- दो बार बढ़त दर्ज हुई थी, लेकिन अब एक बार फिर गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 38.303 अरब डॉलर पर आ गया, इसमें 1.339 अरब डॉलर पर आ गिरी हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में बढ़त दर्ज हुई थी। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।

आंकड़ों के अनुसार FCA :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी विदेशी मुद्रा बाजार में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (SDR) 5 करोड़ डॉलर घटकर 17.782 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि, IMF में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.4 करोड़ डॉलर गिरकर 4.902 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 6.527 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 492.117 अरब डॉलर रह गई है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती विदेशी मुद्रा बाजार में है।

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