चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ-हानि | Current Account In Hindi

Current Account Kya Hai In Hindi: करेंट अकाउंट या चालू खाता एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसके बारे में कम ही लोगों को सही जानकारी होती है, इसलिए लोग इन्टरनेट पर सर्च करते रहते हैं कि Current Account क्या है, करंट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं, करेंट अकाउंट कैसे खुलता है, करंट अकाउंट के फायदे और नुकसान क्या हैं.

अगर आपको भी करंट अकाउंट के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है तो आज का यह लेख पूरा पढ़ें , इस लेख के द्वारा हम आपको करंट अकाउंट से जुडी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करवाने वाले हैं. जो कि आपको करंट अकाउंट खुलवाने में मदद करेगी.

तो चलिए बिना देरी के सीधे आते हैं अपने लेख पर और जानते हैं करंट अकाउंट क्या होता है हिंदी में विस्तार से.

चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account)

चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account) अधिकांश लोगों को पता नही होता है क्योंकि बैंक द्वारा सबसे ज्यादा बचत खाता (Savings Account) ओपन किया जाता है, चालू खाता जिसे करंट अकाउंट भी बोला जाता है यह अकाउंट बैंक में कुछ खास लोग ही ओपेन करवाते है, जी हाँ दोस्तों जब आप किसी बैंक में खाता ओपेन कराने जाएंगे तो बैंक आपको न्यू अकाउंट ओपनिंग फाॅर्म भरने को कहता है जिसमें अकाउंट के प्रकार यानि बचत खाता (Saving Account) या चालू खाता (Current Account) का चुनाव करने को कहा जाता है, मैनें पिछले आर्टिकल में बचत खाता (Saving Account) के संदर्भ में बातें कर चुका हूं, आईयें इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करते है चालू खाता क्या होता है यानि Chalu Khata Kise Kahte Hai? एवं चालू खाता के फायदे और नुकसान क्या होता है?

चालू खाता किसे कहते हैं (What Is Current Account)


चालू खाता किसे कहते हैं (What Is A Current Account)

सरकारी या प्राइवेट सभी बैंकों में चालू खाता (Current Account) ओपेन कराया जा सकता है परंतु इस प्रकार के अकाउंट खासकर विजनेसमैन एवं विभिन्न क्षेत्रों के छोटी बड़ी संस्थाए ओपेन कराते है क्योंकि चालू खाताधारकों के लिए किसी भी तरह का लिमिटेशन नही होता प्रतिदिन जितनी बार चाहे अकाउंट में पैसे जमा और निकासी कर सकता है लेकिन चालू खाते में जमा धन पर किसी भी प्रकार का ब्याज नही दिया जाता है, परंतु चालू खाताधारकों को ऑभरड्राप्ट (Overdraft) जैसी सुविधा मिल जाती है, ओवरड्राप्ट के तहत अकाउंट होल्डर चालू खाता में जमा धन से अधिक पैसे निकाल सकता है और बैंक के शर्तो के मुताबिक उस पैसे को बाद में जमा कर सकता है ।

चालू खाता ओपेन कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required To Open Current Account)

बैंक चालू खाता ओपेन करने के लिए विजनेसमैन और संस्थाओ से भिन्न-भिन्न दस्तावेजों का मांग करते है जबकी व्यक्तिगत चालू खाता खोलने हेतू नीचे दिए गए निम्नलिखित प्रकार के दस्तावेजों की मांग करते है-

1. पासपोर्ट साईज फोटो (Passport Size Photo)

2. पहचान प्रमाणपत्र (Identity Certificate)

3. निवास प्रमाणपत्र (Address Proofe)

4. पेन कार्ड (Pen Card)

(नोट:- पासपोर्ट साईज 2 रंगीन फोटो, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इंडियन पासपोर्ट, पानी बिल, बिजली बिल, गैस बिल इत्यादि इनमें से 1 पहचान प्रमाणपत्र और 1 निवास प्रमाणपत्र के रूप में चालू खाता ओपेन हेतू मान्य दस्तावेज है तथा बैंक एक चेक का भी मांग करती है जो की व्यक्ति के पहले से मौजूद बचत खाता या चालू खाता का होना आवश्यक चालू खाते के प्रकार क्या हैं? है ।

चालू खाता के फायदे (Benefits Of Current Account)

असीमित जमा निकासी की सुविधा- चालू खाताधारक एक दिन में जितनी बार चाहें जमा और निकासी कर सकता है ।

चेकबुक की सुविधा- चालू खाताधारकों को चेकबुक की फैसिलिटी दी जाती है जिसके इस्तेमाल से किसी को भी पैसे दिया जा सकता है।

नेटबैकिंग की सुविधा- इसके इस्तेमाल से चालू खाताधारक अपने अकाउंट को एक्सेस और पैसों का आदान-प्रदान करने के साथ अपने खाता की पूरी विवरण देख सकता है ।

ओवरड्राफ्ट की सुविधा- इस सुविधा के तहत चालू खाता में जमा पैसा से अधिक निकाला जा सकता है ।

डेबिट/क्रेडिट कार्ड की सुविधा- इस कार्ड के जरिए आनलाईन खरीदारी, स्वैप के जरिए बिल पेमेंट, एटीएम मशीन से कैस निकासी तथा विभिन्न प्रकार के बिल भुगतान में उपयोग किया जा सकता है ।

चालू खाता के नुकसान (Disadvantages Of Current Account)

न्यूनतम शेषराशि आवश्यक- प्रत्येक बैंक के अलग-अलग नियमानुसार चालू खाता में क्रमशः 5 हजार से 10 हजार या 15 हजार तक का औसत तिमाही बनाये रखना अनिवार्य होता है, असफल रहने पर बैंक इसके लिए पेनाल्टी लगाता है ।

जमा पर जीरो ब्याॅज- चालू खाता में जमा धन पर ब्याॅज दिया जाता है जबकी बचत खाताधारकों को क्रमश 4% से 5% तक ब्याज दिया जाता है ।

चेकबुक का दुरुपयोग - चालू खाताधारक पैसों की लेन-देन के लिए सबसे ज्यादा चेक का इस्तेमाल करते है, खाताधारक के डुप्लीकेट हस्ताक्षर, या अन्य प्रकार से धोखाधड़ी की सामना करना पड़ सकता है ।

Types of Current Account in Hindi: चालू खाता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है? जानें

Types of Current Account in Hindi: चालू खाता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है? जानें

Types of Current Account in Hindi: हम यहां आपको एक चालू खाता क्या है? (what is Current Account in Hindi) और आपके व्यवसाय के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार के चालू खातों (Current Account Types in Hindi) के बारे में बता रहे हैं।

Types of Current Account in India: अगर आप एक बैंक एकाउंट खोलने पर विचार कर रहे हैं, और यह नहीं जानते हैं कि आपकी आवश्यकताओं के लिए किस प्रकार का खाता आदर्श है। तो यहां हम आपको बताने जा रहे है कि चालू खाता क्या है? (What is Current Account in Hindi) और यह कितने प्रकार का होता है? (Types of Current Account in Hindi) तो आइए जानें कि Current Account Kya Hai?

Current Account Kya Hai? | What is Current Account in Hindi

जब चालू खाते (Current Account) की बात आती है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह आपके दिन-प्रतिदिन के पैसे का प्रबंधन करने का एक शानदार तरीका है। यह डिमांड डिपॉजिट का एक रूप है, जो दूसरों के अलावा, चेक के माध्यम से भुगतान की अनुमति देता है। यह खाता प्रकार मुख्य रूप से व्यवसायियों, व्यावसायिक उद्यमों या उच्च मूल्य वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जाता है, जो बहुत से तीसरे पक्ष के चेक और ड्राफ्ट से निपटते हैं या कभी-कभी कुछ सुरक्षा के खिलाफ बैंक से पैसे उधार लेने की आवश्यकता होती है। खैर, जिसका सीधा सा मतलब है कि इस प्रकार के खाते का इस्तेमाल आम तौर पर निवेश/बचत के उद्देश्य से नहीं किया जाता है।

आमतौर पर, इस खाते में जमा राशि तरल होती है और एक दिन में ट्रांजैक्शन की संख्या या ट्रांजैक्शन की राशि की कोई लिमिट नहीं होती है। अधिकांश करंट एकाउंट फर्म/कंपनी खाते हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से न्यूनतम शेष राशि के अधीन कई जमा और अनलिमिटेड विथडरॉल करने के लिए किया जाता है। हालांकि, हर बैंक में मिनिमम मंथली बैलेंस की लिमिट अलग-अलग होती है, जो सर्विस चार्ज के साथ आती है। आम तौर पर, एक चालू खाता ब्याज प्रदान नहीं करता है और एक ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ आता है जिसका एक खाताधारक एक सहमत सीमा तक लाभ उठा सकता है।

Types of Current Account in Hindi | चालू खाता कितने प्रकार का होता है?

नीचे बैंकों द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ सामान्य प्रकार के चालू खाते दिए गए हैं।

1) प्रीमियम चालू खाता (Premium Current Account)

प्रीमियम करंट एकाउंट, जैसा कि नाम से पता चलता है, खाताधारक के लिए अनेक सुविधाएं प्रदान करता है। यह खाता ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार लेनदेन के चयन के अनुरूप तैयार किया गया है। यह खाता उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो उच्च स्तर के वित्तीय लेनदेन करने का इरादा रखते हैं।

2) स्टैण्डर्ड करंट एकाउंट (Standard Current Account)

चालू खाते के महत्वपूर्ण प्रकारों में से एक स्टैण्डर्ड करंट एकाउंट है, जिसे मूल जमा खाते (Basic Deposit Account) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक गैर-ब्याज वाला खाता है जिसमें कुछ बारीकियां होती हैं। इस खाते में हर महीने एक न्यूनतम औसत राशि बनाए रखनी होगी। इसके अतिरिक्त, यह खाता नेटबैंकिंग, SMS बैंकिंग, चेक बुक सुविधा के साथ ओवरड्राफ्ट सुविधा और नो-कॉस्ट एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजैक्शन जैसी सेवाएं प्रदान करता है।

3) पैकेज्ड करंट एकाउंट (Packaged Current Account)

पैकेज्ड करंट एकाउंट उन प्रकार के Current Account में से एक है, जो प्रीमियम खाते और स्टैण्डर्ड करंट एकाउंट के बीच में होता है। यह ट्रैवेल इंश्योरेंस, एक्सीडेंटियल इंश्योरेंस इत्यादि जैसी अतिरिक्त सुविधाओं के साथ स्टैण्डर्ड एकाउंट से बेहतर है। हालांकि ग्राहक को एक संपूर्ण खाता फिट प्रदान करने के लिए इसे प्रीमियम खाते के रूप में तैयार नहीं किया गया है।

4) फॉरेन करेंसी एकाउंट (Foreign Currency Account)

इस प्रकार का चालू खाता प्राथमिक रूप से उन व्यवसायों के लिए है जिन्हें फॉरेन करेंसी में लेन देन की आवश्यकता होती है। यह खासकर एनआरआई या व्यक्तियों को पेश किए जाते हैं जो विदेशी मुद्राओं में लगातार लेनदेन करना चाहते हैं।

5) सिंगल कॉलम कैश बुक (Single Column Cash Book)

अगर आप बिना बैंक एकाउंट के कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो सिंगल कॉलम कैश बुक अकाउंट या सिंपल कैश अकाउंट आपके लिए सबसे अच्छा सौदा है। यह एकाउंट ओवरड्राफ्ट सुविधा जैसी कोई सुविधा प्रदान नहीं करता है, लेकिन आपको डेबिट और वित्त के क्रेडिट के दो अलग-अलग कॉलमों के माध्यम से अपने दैनिक लेनदेन की निगरानी और रखरखाव करने में सक्षम बनाता है।

नोट - अधिकांश बैंक विभिन्न सेवाओं और विभिन्न प्रकार के चालू खाते (Current Account) की पेशकश करते हैं जो उनके विशिष्ट ग्राहक आधार के लिए क्यूरेट किए जाते हैं।

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.

2. बचत खाता- Savings Account

नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.

3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account

आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर सूद के साथ कुल राशि का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है. सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.

4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account

सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.

कैसी लगी आपको ये Bank Account se Related पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो चालू खाते के प्रकार क्या हैं? हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे|

BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए

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चालू खाता मुख्य रूप से उद्द्यमी, फर्म, कम्पनी आदि के लिए होता है. जिनके अकाउंट में पैसा का फ्लो बहुत होता है…बहुत से मतलब…कि लाखों रुपये उनके अकाउंट में आते हैं और निकाल भी लिए जाते हैं….तो ऐसे लोग चालू खाता में अपने पैसे रखते हैं. ऐसे अमीर लोगों या फर्म को इन्वेस्टमेंट या अपने पैसे में इंटरेस्ट (interest) मिलने में कोई इंटरेस्ट नहीं रहता. चालू खाता की खूबी यह है कि इसमें deposit (जमा करने) या withdrawal (पैसे निकालने) की कोई सीमा नहीं है. चालू खाते में धारक को इंटरेस्ट नहीं मिलता. हाँ, बैंक उनसे सर्विस चार्ज जरुर लेती है.

2. बचत खाता- Savings Account

नाम से ही स्पस्ट है कि सेविंग अकाउंट सेविंग करने के लिए बनी है. हम-आप जैसे लोग चाहते हैं कि चालू खाते के प्रकार क्या हैं? हमें हमारे जमे पैसे पर सूद (interest) मिले और कम-से-कम अपने अकाउंट से पैसे निकाले. जितना जमा उतना अच्छा. कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी कंपनी में काम करता हो, सरकारी नौकर हो, पेन्शनर हो, छात्र हो….वह सेविंग अकाउंट में अपना अकाउंट खोल सकता है. जैसा मैंने बताया कि सेविंग अकाउंट में धारक को जमे पैसे पर इंटरेस्ट भी मिलता है. बचत खाता के धारक कभी भी अपने जमा धन को बैंक से निकाल सकते हैं और डाल सकते हैं. पैसे जमा करने की संख्या में restriction तो नहीं पर पैसे बाहर निकालने की संख्या में कुछ restrictions जरुर हैं. जैसे आप Rs. 50 से कम पैसे नहीं निकाल सकते या ATM से ६ महीने के अन्दर 30 से ज्यादा बार पैसे नहीं निकाल सकते (this policy changes time to time by banks). चालू खाते की तरह आप कभी भी, कहीं भी, जितना भी….पैसे नहीं निकाल सकते. अधिकांश बैंक अपने ग्राहक को अपने अकाउंट में न्यूनतम राशि बनाए रखने के लिए बाध्य करती है.

3. आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account

आवर्ती जमा खाता या Recurring Deposit Account या RD account में वे लोग खाता खोलते हैं जो एक निश्चित राशि नियमित रूप से जमा करना चाहते हैं जिससे कि उन्हें अधिक ऊँची दर पर सूद/ब्याज/इंटरेस्ट मिले. RD अकाउंट में एक ख़ास राशि एक तय अवधि के लिए हर महीने जमा की जाती है और तय की गयी अवधि के समाप्त हो जाने पर चालू खाते के प्रकार क्या हैं? सूद के साथ कुल राशि का भुगतान कर दिया जाता है. जमा करने की न्यूनतम अवधि 1 साल और अधिकतम 10 साल की होती है. सूद की दर जमा पैसे और जमा की अवधि के हिसाब से अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. जैसे आप 10 हज़ार हर महीने जमा कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट मिलेगा….किसकी तुलना में? जो केवल 4 हज़ार हर महीने जमा कर रहा है उसे कम इंटरेस्ट मिलेगा. वहीं आप अधिक अवधि के लिए पैसे जमा करने वाले हैं तो आपको अधिक इंटरेस्ट मिलेगा और कम अवधि के लिए कम इंटरेस्ट. RD अकाउंट में समय से पहले निकासी (पैसा निकालने) की सुविधा नहीं है. वैसे, बैंक चाहे तो maturity (खाता की अवधि पूरा होने) के पहले उसे बंद करने की अनुमति दे सकता है. आवर्ती जमा खाता में single या joint account खोला जा सकता है.

4. सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account

सावधि जमा खाता या FD account में एक ख़ास अवधि के लिए एक विशेष राशि रखी जाती है. यहाँ एक बार ही पैसा जमा कर सकते हैं और एक बार ही निकाल सकते हैं. RD अकाउंट की ही तरह इस खाते से भी आप समय से पहले पैसे नहीं निकाल सकते. तय की गई अवधि के पहले पैसे निकालने से आपको बैंक को penalty देनी पड़ती है (हर बैंक द्वारा तय की गयी penalty amount अलग-अलग होती है) और अकाउंट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है. फिक्स्ड डिपाजिट में उपभोक्ता को हाई इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. इंटरेस्ट रेट जमा पैसे (deposited money) और जमा की अवधि (deposit period) के आधार पर तय की जाती है जो अधिकतम 10 साल तक लिए होती है.

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