State Coal Field Project Type Peak Rated Capacity 1 ECL JHARKHAND RAJMAHAL HURA C OCP OC 3 2 SECL CHHATTISGARH CIC KETKI UG 0.42 3 SECL CHHATTISGARH CIC JAGANNATHPUR OC 3 4 SECL CHHATTISGARH CIC MADAN NAGAR OC 12 5 SECL CHHATTISGARH SENDURGARH VIJAY WEST OC 3 6 SECL MADHYA PRADESH CIC AMRITDHARA OC OC 2 7 SECL MADHYA PRADESH CIC MALACHUA OC 3 8 SECL CHHATTISGARH KRB SARAIPALI OC 1.4 9 SECL CHHATTISGARH KRB KARTALI EAST OC 2.5 10 SECL CHHATTISGARH RAI PELMA OC 15 11 SECL CHHATTISGARH RAI BIJARI OC 1.5 12 SECL CHHATTISGARH RAI DURGAPUR OC OC 6 13 SECL MADHYA PRADESH CIC BATURA OC 2 14 MCL ORISSA IB VALLEY GARJANBAHAL OCP OC 10 15 MCL ORISSA IB VALLEY SIARMAL OCP OC 40 TOTAL 104.82 Also, under Coal Mines Special Provision Act, 2015, 84 coal mines have been allocated.
"केतकी" का अंग्रेजी में अनुवाद
यहाँ उन्होंने केतकी की भूमिका निभाई, जो कॉलेज के सात छात्रों में से एक थी, जिसके चारों ओर कहानी घूमती थी।
Here she played the role of Ketaki, one of the seven college students around whom the story revolved.
"उन्होंने कहा, ""मैं शो में एक पुलिस ऑफिसर की अच्छी, प्यारी प्रेमिका केतकी की रोल में नजर आ रही हूं।"
कथा-साहित्य की अलगी बड़ी कृति लखनऊ के मीर इंशा अल्लाह खान द्वारा 'रानी केतकी की कहानी' शीर्षक से 1800 में प्रकाशित हुई।
The next major work of fiction entitled Rani Ketki ki Kahani The Story of Rani Ketki by Mir Inshaullah Khan of Lucknow appeared in 1800.
प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक एवं शिक्षाशास्त्री पद्मभूषण डॉ. बी एम हेगड़े, नवाचार के क्षेत्र में पूरे विश्व में प्रतिष्ठित विद्वान पद्मश्री डॉ. अनिल गुप्ता और नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल, भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की साइंटिस्ट-एफ डॉ. केतकी बापट, आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. वी एम कटोच, सावित्रीबाई फुले, पुणे विश्वविद्यालय के डॉ. भूषण पटवर्धन जैसी हस्तियां इस आयोजन में हिस्सा ले रही हैं।
Coronavirus: ‘बाहुबली’ एक्टर प्रभाष ने बढ़ाया मदद का हाथ, डोनेट किए 4 करोड़ रुपए
कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो गया है. इस लड़ाई में कई नामी हस्तियों ने अपना सहयोग दिया. अनिल अंबानी, जैक मा जैसे कई उद्योगपतियों ने सरकार के राहत कोष में रुपये दान किए हैं.
इस बीच साउथ इंडस्ट्री के कई सुपरस्टार ने इस मुश्किल घंड़ी में मदद के लिए हाथ बढ़ाया, जिसमें पवन कल्याण, रामचरण, चिरंजीवी और मेहश बाबू जैसे तमाम कलाकारों का नाम शामिल है. अब इस लिस्ट में ‘बाहुबली’ फेम एक्टर प्रभास का नाम भी जुड़ गया है.
प्रभास ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 4 करोड़ रुपये का दान किया है. प्रभास ने गुरुवार को 3 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में और हेडगे कोष क्या है 50-50 लाख रुपये आंध्र प्रदेश और तेलंगाना मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए.
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारीइस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की हेडगे कोष क्या है तैयारी करने में मदद मिलेगी। Dr Manmohan Singh Biography and Interesting Facts in Hindi.
नाम | डॉ. मनमोहन हेडगे कोष क्या है सिंह (Dr Manmohan Singh) |
जन्म की तारीख | 26 सितंबर 1932 |
जन्म स्थान | गाह, पंजाब |
माता व पिता का नाम | अमृत कौर / गुरुमुख सिंह |
उपलब्धि | 2004 - भारत के प्रथम सिख प्रधानमंत्री |
पेशा / देश | पुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत |
डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh)
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में प्रसिद्ध है। वह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम श्रीमती गुरशरण कौर है। मनमोहन सिंह और अमृत कौर की 3 बेटियां हैं।
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त के एक गाँव में हुआ था। इनके माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था| इन्होने अपनी माता का बचपन में ही खो दिया था माता की मृतु के हेडगे कोष क्या है बाद इनका लालन पालन इनकी दादी ने किया था जो एक गरीब परिवार से थी|
डॉ. मनमोहन हेडगे कोष क्या है सिंह की शिक्षा
भारत देश के विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की डिग्री हासिल की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है।
डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में कार्य किया जो उनकी अकादमिक हेडगे कोष क्या है श्रेष्ठता दिखाता है। इसी बीच में कुछ वर्षों के लिए उन्होंने यूएनसीटीएडी सचिवालय के लिए भी कार्य किया। इसी के आधार पर उन्हें 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। साल 1971 में मनमोहन सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये थे। साल 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। नमोहन सिंह 16 सितम्बर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर भी कार्यरत रहे है। 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिये भी काफी महत्वपूर्ण काम किया है। साल 2002 में मनमोहन सिंह को सर्वश्रेष्ठ सांसद के सम्मान से सम्मानित किया गया था। मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को देश के पहले सिख हेडगे कोष क्या है प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली। जिसके बाद वे भारत के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए जिन्होंमे भारत सरकार के लिए गवर्नर और प्रधानमंत्री के पद पर कार्य किया। लोकसभा चुनाव 2009 में मिली जीत के बाद मनमोहन सिंह जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने, जिनको 5 सालों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिये भी काफी महत्वपूर्ण काम किया है।
खून से भरेगी मांग पाखी हेगड़े
बेहतरीन अभिनय के माध्यम अपनी अलग पहचान बनाने वाली भोजपुरी फिल्मो की प्रसिद्ध अभिनेत्री पाखी हेगड़े अब जल्द ही अपनी मांग खून से भरेंगी. चौकिये मत ऐसा कुछ नहीं होने वाला है जरासर भोजपुरी फिल्मो के सुपरहिट निर्देशक राजकुमार. आर. पाण्डेय की आने वाली भोजपुरी फ़िल्म खून भरी मांग की शूटिंग के लिए पाखी हेगड़े को अनुबंधित किया गया है. जिसकी शूटिंग २ दिसेम्बर से मुम्बई , गुजरात एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानो पर की जायेगी. जिसके निर्माता प्रदीप भैया है. यह फ़िल्म पुरी तरह महिलाओ की पसंद को देखकर बनायीं जा रही है. महिला दुर्गा-चंडी का अवतार है अगर एक महिला चाहे तोह घर को नरक या स्वर्ग बना सकती है. इस फ़िल्म के मुख्य अभिनेता खे सार ी लाल यादव है जिनकी कई फिल्मे प्रदर्शित हो चुकी है. पाखी हेगड़े के अलावा इस फ़िल्म में मोनालिसा, सभी शर्मा, अंजना सिंह, सम्भावना सेठ, मनोज टाइगर, संजय पाण्डेय एवं अवधेश मिश्रा को भी अनुबंधित किआ गया है. फ़िल्म में कुल ११ गाने है जिसका संगीत राजकुमार.आर. पाण्डेय ने तैयार किया है. पाखी हेगड़े की इस फ़िल्म में दमदार भूमिका है जो दर्शक पहली बार बड़े परदे पर देखेंगे. पाखी हेगड़े की ऐसे तोह कई फिल्मे प्रदर्शित हो चुकी है लेकिन इस फ़िल्म को लेकर वो का फी उत्साहित है. अब देखना यह है की राजकुमार.आर.पाण्डेय इस फ़िल्म को कितना बेहतरीन बना सकते है.इस फ़िल्म को होली के शुभ अवसर पर २०१४ में रिलीज़ किया जायेगा.
पाखी हेगड़े की नयी पारी
भोजपुरी सिनेजगत की लकीचार्म सिनेतारिका पाखी हेगड़े कई सुपरहिट फिल्मों में अपने अभिनय के जरिये दर्शकों का मनोरंजन करने के बाद एक नयी पारी की शुरुआत की हैं। वे अब फिल्म निर्माण और फायनेंस के क्षेत्र में भी अपना पर्दापण कर दी हैं। दिवाली के पावन पर्व पर मुंबई में पाखी हेगड़े ने अपनी आॅफिस की शुरूआत लक्ष्मी जी सहित सभी देवी- देवताओं की पूजा एवं हवन करके कीं हैं। इनकी कंपनी का नाम पीआरके इन्वेस्टमेंट है। इस कपनी चेअरमैन व एमडी वे खुद हैं। पाखी हेगड़े के फिल्म निर्माण और फिल्मों में फायनेंस करने से भोजपुरी फिल्मों के निर्माण को और मजबूती मिलेगी। फिल्म निर्माण के साथ ही पाखी रियल ईस्टेट का भी का म शुरू कर रही है। वे भोजपुरी के साथ साथ हिन्दी फिल्मों के निर्माण में भी अपनी भागीदारी निभायेंगी। इसके अलावा अन्य क्षेत्रिय फिल्मों में भी अपनी सहभागिता निभा रही है।
पाखी हेगड़े कहती हैं कि ’मैंने अलग अलग कई भाषाओं की कई फिल्मों में का म किया है, परन्तु मेरी पहचान भोजपुरी सिनेमा से ही बनी है। इसीलिए फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अगर कुछ नया करुँगी तो सबसे पहले भोजपुरी सिनेमा को प्राथमिकता दूँगी। मेरी कंपनी हम ेशा उच्चगुणवत्ता से परिपूर्ण स्वस्थ मनोरंजक पारिवारिक फिल्मों के निर्माण में अग्रसर रहेगी। जिन अच्छी फिल्मों में बजट का अभाव होगा, उन्हें फायनेंस करके मेरी कंपनी दर्शकों तक पहुंचाने का का र्य करेगी ताकि सिनेप्रेमियों को साफ सुथरी, स्वस्थ मनोरंजक फिल्में देखने को मिले।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 721