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किरण बाला एक व्यापारी हैं जिन्होंने शेयर बाजार में व्यापार करने के लिए पूरी तरह से स्वचालित पद्धति का निर्माण करने के लिए भारतीय शेयर बाजार में 12 साल बिताए। वह ट्रेंड रिवर्सल और प्राइस एक्शन ट्रेडर हैं, जो एक सरल एल्गो सिस्टम के माध्यम से ट्रेड करती हैं। उसने पहले ट्रेडिंग प्राइस एक्शन ट्रेंडस ही सैकड़ों लोगों की ट्रेडिंग शैली बदल दी है और उन्हें उनकी सफल ट्रेडिंग यात्रा सेवाओं के करीब जाने के लिए सलाह दी है: - हमारा मिशन एल्गो के साथ केबी ट्रेडिंग सेटअप के माध्यम से लगातार पैसा कमाने की कला सिखाना है और आपके स्टॉप लॉस को नियंत्रित करने के लिए और अधिक महत्वपूर्ण है। और व्यापार खोना। KB सेवाओं का उद्देश्य आपको अपने व्यापारिक कौशल में नाटकीय रूप से सुधार करने के लिए ज्ञान, व्यापारिक कौशल और एल्गो टूल प्रदान करना है।
डेटा की सुरक्षा
आपके डेटा की सुरक्षा, इस बात पर निर्भर करती है कि डेवलपर, डेटा को कैसे इकट्ठा और शेयर करते हैं. डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं. ये आपकी जगह, उम्र, और ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के हिसाब से तय किए जाते हैं. यह जानकारी डेवलपर उपलब्ध कराता है और समय-समय पर इस जानकारी को अपडेट भी किया जा सकता है.
इनसाइड बार रणनीति
प्राइस एक्शन बाज़ार विश्लेषण के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। यह इनसाइड बार रणनीति का आधार है। निम्नलिखित जानकारी आपको यह समझने में मदद करेगी कि यह कैसे काम करती है और ट्रेड में इसका उपयोग कैसे करना है।
विषय-वस्तु:
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इनसाइड बार का उद्देश्य, विवरण और इसके उदाहरण
इनसाइड बार रणनीति मुख्य रूप से ट्रेंड रिवर्सल का पता लगाने में मदद करती है। जैसा कि हम नीचे देखेंगे, इसके चार्ट फॉर्मेशन को पहचानना और उपयोग करना आसान है।
हालाँकि, किसी भी अन्य तरीके की तरह, इसकी सीमाएँ हैं, और यह गलत संकेत दे सकती है। इससे बचने के लिए, ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे अन्य तकनीकी विश्लेषण उपकरणों के साथ इसका इस्तेमाल करें।
विभिन्न इन्डिकेटर या अन्य चार्ट विश्लेषण तरीकों के साथ इनसाइड बार रणनीति का इस्तेमाल करने से इसकी विश्वसनीयता बढ़ाने और गलत संकेतों की संभावना को कम करने में मदद मिलती है।
उपरोक्त चार्ट में, इनसाइड बार पैटर्न अलग-अलग रंग और लंबाई की दो कैन्डल से बना है। पहली कैन्डल की बॉडी दूसरी कैन्डल की बॉडी से लंबी है। उनकी शैडो की लंबाई से कोई फर्क नहीं पड़ता।
दरअसल, यह चार्ट फॉर्मेशन क्लासिक डाउनट्रेंड हरमी पैटर्न की तरह है।
यदि पहली लंबी कैन्डल हरे रंग की है और इनसाइड कैन्डल लाल रंग की है, तो यह एक डाउनवर्ड ट्रेंड रिवर्सल का संकेत हो सकता है।
यदि पहली लंबी कैन्डल लाल रंग की है और दूसरी वाली हरे रंग की है, तो यह अपवर्ड ट्रेंड रिवर्सल का संकेत हो सकता है।
बहुत महत्वपूर्ण बात यह है कि इनसाइड बार पैटर्न का इस्तेमाल केवल एक मजबूत ऊपर या नीचे के ट्रेंड में ही किया जाना चाहिए। उतार-चढ़ाव जितना मजबूत होगा, इनसाइड बार के बाद रिवर्सल होने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
मूविंग एवरेज के साथ इनसाइड बार प्राइस एक्शन विधि
नीचे दिए गए चार्ट में, हमने सिंपल मूविंग एवरेज का 100 की अवधि के साथ इस्तेमाल किया। अवधि इस प्रकार निर्धारित की जानी चाहिए ताकि मूविंग एवरेज उस प्राइस के सपोर्ट या रेजिस्टन्स लेवल के रूप में कार्य करे।
100-अवधि का सिंपल मूविंग एवरेज रेजिस्टन्स लेवल के रूप में काम करता है।
हमारे परिदृश्य में, हम देख सकते हैं कि मूविंग एवरेज तक पहुंचने पर कीमत नीचे की ओर उलट जाती है। अक्सर, यदि रिवर्सल के समय एक इनसाइड बार पैटर्न बनता है और इनसाइड बार ब्रेकआउट नहीं होता है, तो सिग्नल बहुत मजबूत हो जाता है। इस मामले में, गलती करने की संभावना लगभग शून्य होती है, और आप आत्मविश्वास से इनसाइड बार रणनीति का इस्तेमाल कर सकते हैं और ट्रेड वैल्यू बढ़ा सकते हैं।
ऊपर की छवि में, EUR/USD ने ऊपर की ओर बढ़ते हुए मूविंग एवरेज को दो बार छुआ और उलट गया। इसका अर्थ है कि SMA ने रेजिस्टन्स लेवल के रूप में काम करना जारी रखा, लेकिन इनसाइड बार पैटर्न नहीं बना।
इनसाइड बार ब्रेकआउट रणनीति
इनसाइड बार ट्रेडिंग प्राइस एक्शन ट्रेंडस ब्रेकआउट रणनीति में, हम एक ऐसे परिदृश्य की तलाश करते हैं जब इनसाइड बार पैटर्न विफल हुआ, और ट्रेंड जारी रहा। इस मामले में, हम वर्तमान ट्रेंड की दिशा में ट्रेड खोलेंगे, जैसे कि नीचे की छवि में दिया गया है।
इनसाइड कैन्डल के साथ इनसाइड बार पैटर्न बने, लेकिन अपट्रेंड जारी रहा।
यह सिलेक्शन आपको चार्ट पर बने दो इनसाइड बार पैटर्न दिखा रहा है। उनमें से किसी ने भी अपट्रेंड को नीचे की ओर उलटने नहीं दिया। इसका मतलब है, उनमें से दोनों "विफल" रहे। फ्लैग तकनीकी पैटर्न में भी ऐसा ही होता है, जिसमें मुख्य ट्रेंड की दिशा में वापस जाने से पहले कीमत आमतौर पर समेकित होती है और कई बार "कुछ देर के लिए रुक जाती" है।
इस दृष्टिकोण के साथ ट्रेड करने के लिए, हम उस क्षण की तलाश करते हैं जब कीमत पैटर्न में पहली कैन्डल के उच्च स्तर को तोड़ती है। इस मामले में, हम पिछले ट्रेंड की दिशा में एक ट्रेड खोलते हैं।
इनसाइड बार पैटर्न
यहाँ कीमत उच्चतम ऊंचाई को तोड़ती है।
चित्र 5. Asia Composite Index चार्ट में इनसाइड बार पैटर्न और ट्रेड खोलने की दिशा Olymp Trade पर ट्रेड करें
जोखिम चेतावनी: लेख की सामग्री में निवेश की सलाह निहित नहीं है और आप अपनी ट्रेडिंग गतिविधि और/या ट्रेडिंग के परिणामों के लिए पूरी तरह से स्वयं जिम्मेदार हैं।
कैंडलस्टिक में, बॉडी के नीचे और ऊपर की दो पतली रेखाओं को "शैडो" कहा जाता है।
कैन्डलस्टिक में, मोटे हिस्से को "बॉडी" कहा जाता है।
हरमी एक कैंडलस्टिक चार्ट फॉर्मेशन है जिसका उपयोग डाउनट्रेंड में रिवर्सल को स्पॉट करने के लिए किया जाता है।
सिंपल मूविंग एवरेज (SMA), कीमतों की एक चुनी हुई रेंज, आम तौर पर क्लोज़िंग प्राइस, के औसत की गणना उस रेंज में अवधि की संख्या के आधार पर करता है।
What is Price Action Trading, और कैसे करे?
शेयर बाजार में काम करने वालों के लिए किसी भी शेयर का भाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है आप लोगों ने शेयर बाजार में Price action का नाम बहुत तो बार सुना होगा। Price action के द्वारा हम बाजार का गतिविधि को जानने की कोशिश करते हैं बाजार किसी ना किसी ट्रेंड में चलता है। चाहे वह ट्रेंड अप ट्रेंड हो या फिर डाउनट्रेंड हो या मार्केट रेंज बाउंड हो सभी जगहों पर हमारा प्राइस एक्शन हमें ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट में मदद करता है।
प्राइस का निर्भरता
जैसा कि हम लोग जानते हैं किसी भी कंपनी के शेयर का भाव उस कंपनी की दूरदर्शिता, गवर्नमेंट की पॉलिसी, अर्थव्यवस्था, न्यूज़, सेंटीमेंट, इत्यादि कई चीजों पर निर्भर करती हैं इन सभी कारणों से शेयर के भाव में उतार और चढ़ाव आते रहते हैं। अतः शेयर बाजार में काम करने वाले ट्रेडिंग प्राइस एक्शन ट्रेंडस लोग एक बहुत ही अच्छी कहावत कहते हैं “भाव भगवान है”।
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प्राइस एक्शन क्या है?
प्राइस एक्शन में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मार्केट के ट्रेंड को समझना होता है मार्केट में 3 तरीके के ट्रेंड होते हैं अपट्रेंड डाउनट्रेंड और कंसोलिडेशन इन तीन ट्रेंडो को पता करने में सबसे सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है Price action ट्रेडिंग का किया जाता है।
जब कभी भी मार्केट में प्राइस का मूव होता है तो प्राइस एक ही डायरेक्शन में नही चलता प्राइस कभी ऊपर तो कभी नीचे चलता है इसी तरह लगातार नीचे नही जाता है उस वक्त भी प्राइस ऊपर और फिर नीचे जाता है तो प्राइस का मूवमेंट कभी भी एक डायरेक्शन में नही होती है इसी क्रम में प्राइस के मूव को Price action कहते है।
सपोर्ट और रेजिस्टेंट क्या है इसे भी पढ़े
प्राइस एक्शन को कैसे समझे:
प्राइस एक्शन को समझने के लिए एक चित्र का सहारा लेते है जो नीचे है।
Fig.1
Price action को समझना बहुत ही आसान है अगर प्राइस एक हाई लगाने के बाद Low लगता है फिर एक हाई लगाता है जो पहले के हाई से कम होता है और फिर लो को नीचे ब्रेक करता है, और एक नया लो लगता है और पुनः एक हाई लगाता है जैसा कि हमने fig-1 में दिखाया गया है।
Top1 के बाद Bottom 1 फिर एक top 2 लगाता है और टॉप लगने के बाद प्राइस नीचे आ के एक नया bottom 2 लगाता है ये प्रक्रम आगे चलता है इस ही प्राइस एक्शन का जाता है।
प्राइस एक्शन पर ट्रेड कैसे करें?
Price action पर ट्रेड करने के लिए सबसे पहले प्राइस एक्शन को समझना बहुत जरूरी होता है एक बार अगर प्राइस एक्शन समझ आने लग जाए तो फिर इस पर ट्रेड करना भी आसान हो जाता है|
प्राइस एक्शन को समझने के लिए हमने ऊपर बात किया है कि आप इसे कैसे समझ सकते हो प्राइस एक्शन एक सबसे सिंपल तरीका है इसमें ना ही कोई इंडिकेटर का इस्तेमाल किया जाता है और ना ही किसी और दूसरे तरीके का केवल आप प्राइस के मूवमेंट को देखते हैं कि किस तरीके से प्राइस ऊपर या नीचे जा रहा है जिसके आधार पर अभी मार्केट का सपोर्ट रेजिस्टेंस क्या है यह सारे चीजों को समझते हुए देखते हुए अगर आप ट्रेड करते हैं तो आपका ट्रेडिंग स्टाइल प्राइस एक्शन का कहा जाएगा।
आइए अब प्राइस एक्शन पर ट्रेड कैसे करें इसको समझने के लिए एक चित्र का इस्तेमाल करते हैं जिसके बाद हम अच्छे से प्राइस एक्शन को समझते हुए काम कर सकते हैं।
Fig:- 2
चित्र दो में आप देख रहे हैं कि प्राइस टॉप वन से गिरता हुआ नीचे आता है बॉटम वन लगाता है फिर वहां से एक दूसरा टॉप 2 लगाता है जो पहले वाले टॉप से नीचे है अब हम बॉटम वन के पास एक लाइन बनाते हैं और अगर बॉटम वन का ब्रेक डाउन होता है या प्राइस उसके नीचे ट्रेड करना स्टार्ट करता है तो हम वहां पर सेलिंग का पोजीशन बनाते हैं और उसके ऊपर का स्टॉप लॉस रखते हैं जोकि चित्र में दिखाया गया है टारगेट के लिए नीचे का कोई सपोर्ट एरिया ढूंढते हैं जो हमारा टारगेट होता है।
इसी तरीके से अगर प्राइस एक्शन के द्वारा buying का पोजीशन बनाना है तो इसके उल्टा हम सबसे पहले Chart Pattern को देखने का प्रयास करते हैं जिसमें एक अच्छी खासी selling के बाद बॉटम लगता है फिर एक top लगता है और फिर से प्राइस नीचे के साइड आता है लेकिन अबकी बार अपने पहले वाले बॉटम को नही तोड़ पता और फिर टॉप के पास अगर आकर और ऊपर निकलता है तो buying का postion बनाते हैं। यहां स्टॉप लॉस के लिए बॉटम 2 का इस्तेमाल करते है और टारगेट के लिए नजदीक का कोई रेजिस्टेंस का चयन करते है
यह ट्रेडिंग का तरीका पूर्णत प्राइस के मूवमेंट पर आधारित होता है। ट्रेडर ट्रेडिंग लिए प्राइस को फॉलो करता है। Price action trading में कुछ ज्यादा अलग अलग चीजों को देखने की जरूरत नहीं होती है बस प्राइस का मूवमेंट क्या कई है कैसे काम कर रहा है इसको देख के ही ट्रेड कर लेते है। प्राइस एक्शन ट्रेडिंग में ट्रेंड भी अच्छे से समझ आ जाता है क्यू की ट्रेंड के आधार पर ही अपना पोजिशन बनाया जाता है।
Price action ट्रेडिंग में कैडल को भी ध्यान में रख कर अच्छे से टॉप बॉटम का ब्रेक आउट और ब्रेकडाउन को और अच्छे से समझ सकते है ताकि ट्रेडिंग एक्यूरेसी को और बढ़ाया जा सके जिससे लॉस कम से कम हो । कैंडल भी अलग ट्रेडिंग प्राइस एक्शन ट्रेंडस अलग तरह के होते है जिससे अलग साइकोलॉजी पता चलता है की बायर और सेलर के बीच का सेंटीमेंट क्या है बाजार में बायर और सेलर क्या सोच रहे है इन सारे बातो का पता हमे अलग अलग कैंडल टाइप से पता लग जाता है ताकि हम अपने पोजिशन को और अच्छे तरीके से होल्ड कर सके और मार्केट से प्रॉफिट को बना सके।
अड्डामार्केट वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी विभिन्न प्रकार के तथ्य सभी विश्लेषण अनुमान बाजार अध्ययन या अन्य सामान्य मूल्यांकन या जानकारी प्रदान करता है कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया अपने सेबी रजिस्टर्ड एडवाइजर से सलाह मशवरा कर ले यहां पर प्रदान की गई जानकारी के आधार पर ट्रेड या इन्वेस्ट करने पर होने वाले प्रोफिट या लॉस का जिम्मेदार आप खुद होंगे अतः कोई भी ट्रेड पूरी तरह जिम्मेदारी से करें ताकि कम से कम लॉस हो।
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Chapter 4- Share Market Trend क्या हैं – Uptrend, Downtrend & Sideways Trend की जानकारी
ट्रेंड (Trends) ट्रेंड के प्रकार (Type of Trends) जब कीमत बढ़ रही होती है, तो इसे अपट्रेंड(Uptrend ) कहा जाता है। जब कीमत नीचे जा रही हो, तो इसे डाउनट्रेंड (Downtrend) कहा जाता है। जब कीमत अगल-बग़ल में बढ़ रही हो, तो इसे साइड वेज़ (Sideways Trend) कहा जाता है. ट्रेंड का डॉव सिद्धांत ( …
[Free] शेयर मार्केट Full Course 2022 : Chapter 3-प्राइस और चार्ट्स
प्राइस क्या है . (What is Price…??) प्राइस कम/ज्यादा क्यों होता है . 3.3 डिमांड/ सप्लाई क्षेत्र (Demand/ Supply Zone ) अगर डिमांड ज्यादा होगी , तो ज्यादा लोग शेयर को खरीदेंगे और प्राइस को ऊपर ले जायेंगे. ऐसे डिमांड जोन चार्ट पर सपोर्ट लेवल के पास बनते हे . इसीलिए प्राइस जब भी सपोर्ट लेवल …
[Free] शेयर मार्केट Full Course 2022 : Chapter 2 – ट्रेडिंग की साइकोलॉजी (Psychology in Trading)
2.1 ट्रेडिंग की साइकोलॉजी (Psychology in trading) :- इससे हमे क्या पता चलता हे की प्राइस एक्शन समुदाईक लोगोंका बेहेवियर (behaviour) और साइकोलॉजी को दर्शाता है। ऐसे क्यों ? क्योंकि सभी लोग कुछ स्थितियों(on particular situation) में कुछ निच्छित तरीको से(in certain way) प्रक्रिया(react) जरूर करते हे। यही हमें ट्रेडिंग की दिनिया में भी देखने को …
[Free] शेयर मार्केट Full Course 2022 : Chapter 1 -Price Action क्या है.
1.1 Price Action मतलब क्या ( What is Price Action) …. 1.2 Price Action ट्रेडिंग टूल्स (Price Action trading tools) :- चार्ट पैटर्न्स ( Chart Patterns) कैंडलस्टिक पैटर्न्स ( Candlestick Patterns ) ट्रेडलाइन्स ( Trend-lines ) सपोर्ट & रेजिस्टेंस ( Support & Resistance ) फिबोनैकी रेट्रासेमेन्ट ( Fibonacci Retracement ) मार्किट स्विंग्स (Market swings- Up swing/Down swing) वॉल्यूम (Volume) Consolidation …
Top Trending stock: इस साल अब तक 41.74% का रिटर्न दे चुकी है स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, क्या आगे नई ऊंचाई छुएगा शेयर
एक महीने की छोटी अवधि में भी स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (State Trading Corporation of India Limited) स्टॉक ने 18% रिटर्न दिया है और इस अवधि के दौरान अपनी कई साथी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
हाइलाइट्स
- 3 साल की अवधि में अपने शुद्ध घाटे को 94% तक कम करने में रही सक्षम
- पिछले दो कारोबारी सत्रों में भारी खरीदारी
- शुक्रवार को कंपनी का स्टॉक 8% से अधिक बढ़ गया
स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के स्टॉक ने 2021 में अपने निवेशकों को 41.74% का असाधारण रिटर्न दिया है और इस प्रकार व्यापक बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। एक महीने की छोटी अवधि में भी स्टॉक ने 18% रिटर्न दिया है और इस अवधि के दौरान अपनी कई साथी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
8 जून को छुआ था 52 सप्ताह का उच्च स्तर
8 जून को कंपनी का शेयर 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इसके बाद स्टॉक ने अपनी कीमत में भारी करेक्शन देखा और तब से यह 37% से अधिक फिसल चुका है। हालांकि, पिछले दो कारोबारी सत्रों में भारी खरीदारी देखी गई और स्टॉक में 28% से अधिक की वृद्धि हुई। आज शुक्रवार को कंपनी का स्टॉक 8% से अधिक बढ़ गया और इसमें तेजी जारी है। इस तेजी को वॉल्यूम में बढ़ोतरी का समर्थन प्राप्त है, जो बाजार सहभागियों के बीच खरीदारी की दिलचस्पी को दर्शाता है।
एमएसीडी ने पिछले कारोबारी सत्र में इस स्टॉक के लिए तेजी का क्रॉसओवर और ट्रेंड में बदलाव का संकेत दिया है। दैनिक आरएसआई 37 से बढ़कर 70 हो गया है और इस प्रकार स्टॉक ट्रेडिंग प्राइस एक्शन ट्रेंडस में मजबूती का संकेत मिलता है। ट्रेंड इंडिकेटर ADX बढ़ रहा है और 20 से ऊपर है, जो मजबूत ट्रेंड स्ट्रेंथ का संकेत देता है। स्ट्रॉन्ग प्राइस एक्शन और बढ़ते वॉल्यूम को ध्यान में रखते हुए, स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का स्टॉक एक मजबूत अपट्रेंड के लिए तैयार है। आने वाले समय में इसके उच्च मूल्य पर कारोबार करने की उम्मीद है।
डिस्क्लेमर: यह कंटेंट दलाल स्ट्रीट इन्वेस्टमेंट जर्नल की तरफ से बनाया गया है और टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड (TIL) किसी भी वादे या दावे की जिम्मेदारी नहीं लेता है। कंटेंट के सही, अपडेट और वेरिफाइड होने से जुड़ी जानकारी के लिए कृपया सभी जरूरी कदम उठाएं।
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