Updated on: October 28, 2022 12:30 IST
क्या है ई-रुपया, आम आदमी कैसे कर पाएगा डिजिटल करेंसी में लेनदेन, क्या होंगे फायदे; डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? जानिए सबकुछ
भारतीय रिजर्व बैंक 1 दिसंबर को डिजिटल रुपी (ई-रुपया) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब डिजिटल रुपी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग रिटेल में इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। आखिर क्या है डिजिटल रुपया और ये किस तरह करेगा काम? आइए जानते हैं।
Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक 1 दिसंबर को डिजिटल रुपी (ई-रुपया) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब डिजिटल रुपी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग रिटेल में इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। इसके लिए रिजर्व बैंक ने देश की कुछ चुनिंदा लोकेशंस पर इसे रोलआउट करने का प्लान बनाया है। बता दें कि इससे पहले 1 नवंबर को केवल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत रिटेल सेगमेंट में शुरू किए गए ई-रुपया में रिजर्व बैंक आने वाली चुनौतियों को परखेगा और इसके बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा। आखिर क्या है डिजिटल रुपया और ये किस तरह करेगा काम? आइए जानते हैं।
क्या है डिजिटल रुपया?
डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है। यह कागजी मुद्रा (नोट) के समान ही है और इसे नोट के साथ एक्सचेंज किया जा सकेगा। फर्क सिर्फ इतना है कि ये डिजिटल फॉर्म में रहेगी। डिजिटल रुपया या ई-करेंसी एक तरह से डिजिटल फॉर्म में जारी वो नोट हैं, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपए को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन के लिए इस्मेमाल में किया जाएगा।
कैसे काम करेगा डिजिटल रूपी?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट में ग्राहकों और व्यापारियों का एक क्लोज्ड ग्रुप बनाया गया है, जो चुनिंदा जगहों को कवर करेगा। ई-रुपी का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के जरिए ग्राहकों को किया जाएगा। यूजर इसे मोबाइल फोन और डिवाइसेज के डिजिटल वॉलेट में रख सकेंगे। इसे आसानी से मोबाइल से एक दूसरे को भेज पाएंगे और हर तरह के सामान खरीद पाएंगे। उदाहरण के लिए आप अभी किसी दुकान पर घर का राशन लेने जाते हैं, तो कैश (नगद) देते हैं। लेकिन 1 दिसंबर से आप ई-रुपए का इस्तेमाल कर दुकान से सामान खरीद सकेंगे। बता दें कि डिजिटल रुपए को RBI ही रेगुलेट करेगा।
कितने तरह का होगा डिजिटल रुपया?
भारत में डिजिटल करंसी यानी ई-रुपया दो तरह का है। पहला, होलसेल डिजिटल करंसी (CBDC-W) और डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? दूसरा रिटेल डिजिटल करेंसी (CBDC-R). शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में इसकी शुरुआत की गई थी। अब 1 दिसंबर से इसे रिटेल सेगमेंट में भी शुरू किया जा रहा है।
चार शहरों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट :
रिटेल सेगमेंट में डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट सिर्फ चार शहरों मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया जा रहा है। आने वाले समय में यह हैदराबाद, इंदौर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, कोच्चि, लखनऊ, पटना, गंगटोक और शिमला में भी शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे इसे देश के और भी शहरों में शुरू किया जाएगा।
भविष्य में UPI से जुड़ेगा ई-रुपया :
CBDC (Central Bank Digital Currency) यानी ई-रुपया इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके अकाउंट में दिखाई देगा। इस डिजिटल करेंसी ई-रूपी को आप अपने मोबाइल वॉलेट में भी रख सकेंगे। इसके साथ ही इसे बैंक मनी या कैश में कन्वर्ट किया जा सकेगा। इसे ऑनलाइन चेक करने का तरीका अकाउंट बैलेंस या फिर मोबाइल वॉलेट के बैलेंस को चेक करने की ही तरह है। भविष्य में डिजिटल करेंसी को UPI से जोड़ने की भी तैयारी चल रही है।
डिजिटल करंसी के फायदे :
1- डिजिटल करेंसी पूरी तरह लागू होने के बाद कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये बिल्कुल मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी।
2- इसे रखने पर आपको ब्याज मिलेगा। डिजिटल करेंसी को आप अपने मोबाइल वॉलेट या फिर अपने अकाउंट में रख सकते हैं।
3- इससे नकद (कैश) पर निर्भरता कम होने के साथ ही ज्यादा भरोसेमंद और वैध भुगतान के लिए लोगों को एक और ऑप्शन मिल जाएगा।
क्या है डिजिटल करेंसी ? कैसे है वर्तमान मुद्रा से अलग ? और क्या है इसके लाभ?
राज एक्सप्रेस। देश में हर तरफ डिजिटल करेंसी को लेकर बातों का रुझान तेज हो डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? गया है। आज देखा जा रहा है कि लोग बहुतायत में क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट कर रहे हैं। इस बीच भारतीय रिज़र्व बैंक यानि आरबीआई के द्वारा भी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च किए जाने की बातें की जा रही हैं। कुछ समय पहले ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट 2022 की पेशकश करते हुए यह कहा था कि, अगले वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया लॉन्च करने वाला है। उनके इस बयान के साथ ही यह बात भी साफ डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? हो जाती है कि अब हमारा देश भी डिजिटल करेंसी मार्केट में कदम रख रहा है। ऐसे में आज हम आपको डिजिटल करेंसी से जुड़ी हर बात बताने वाले हैं।
क्या होती है डिजिटल करेंसी?
सीधे शब्दों में समझे तो डिजिटल करेंसी भी मुद्रा का ही एक रूप है।इसमें फर्क केवल इतना है कि यह करेंसी डिजिटल या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही हमारे पास रहेगी। डिजिटल करेंसी को दूसरे शब्दों में डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी और साइबर कैश भी कहा जा रहा है।
कितने तरह की होती हैं डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी के 3 प्रकार हैं। इनमें पहला है क्रिप्टोकरेंसी, जिसका इस्तेमाल नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी के रूप में किया जाता है। हालांकि इस करेंसी पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। वहीँ दूसरी है वर्चुअल करेंसी। यह करेंसी एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी के रूप में मानी जाती है। अब तीसरे नंबर पर आती है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी। इसे देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी किया जाता है। आरबीआई भी इस करेंसी को जारी करने के बारे में बात कर रहा है।
डिजिटल करेंसी का काम और लाभ :
आप इस करेंसी से जुड़े सभी ट्रांजेक्शन केवल इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के जरिए ही कर सकते हैं।
डिजिटल करेंसी में लेनदेन काफी तेजी से होता है। क्योंकि यह खुद एक नेटवर्क पर मौजूद है और इसमें किसी थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं होती।
डिजिटल करेंसी, हमारी फिजिकल करेंसी के मुकाबले काफी सस्ती भी साबित होती है। जिसके चलते इससे लेनदेन की लागत भी कम आती है।
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RBI की डिजिटल करेंसी के साथ भारत में शुरू हो रहा नया युग, जानिए आपको कितना फायदा होगा
डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।
Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 28, 2022 12:30 IST
Photo:FILE RBI
भारत जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस बात पर मुहर लगाते हुए हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। पहले केवल ऑनलाइन पेमेंट तक ही ये सीमित था, लेकिन अब डिजिटल करेंसी की भी बात चल रही है। हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
क्या है डिजिटल करेंसी और क्या हैं इसकी 5 महत्वपूर्ण बातें आइए जानते हैं।
डिजिटल करेंसी क्या है??
डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।
डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
डिजिटल करेंसी क्या होती है | What is Digital Currency in Hindi
हम सभी जानते है, कि प्रत्येक देश की अपनी एक अलग करेंसी होती है और उस देश में सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन उसी मुद्रा के अनुरूप किया जाता है| जैसे कि अमेरिका में यूएस डॉलर, भारत में रुपये और अरब देशों में रियाल आदि का उपयोग किया जाता है| सबसे खास बात यह है, कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर नें देश में जल्द ही डिजिटल करेंसी लांच करनें का संकेत दिया है और इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गयी है| अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा, कि आखिर डिजिटल करेंसी कौन सी नई बला है| डिजिटल करेंसी क्या होती है, इसके उपयोग, लाभ के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी प्रदान कि जा रही है|
डिजिटल करेंसी क्या होती है (What is Digital Currency)
डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा (E-Currency) भी कहते है और इसका पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है| क्रिप्टो करेंसी नोटों की तरह नहीं होती है| हालाँकि आप इसे अपनें कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि पर बड़ी आसानी से देख सकते है| इसके साथ ही आप डायरेक्ट इसे अपनें बैंक खाते में ट्रान्सफर भी कर सकते है|
आपको बता दें, कि क्रिप्टो करेंसी को उस देश के सेंट्रल अर्थात केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किया है और इसे उस देश की गवर्नमेंट द्वारा मान्यता भी मिली होती है| डिजिटल करेंसी की खासियत यह है, कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत के लोग डिजिटल करेंसी को अपनी भाषा में डिजिटल रुपया (Digital Rupee)भी कह सकते हैं।
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types Of Digital Currency)
डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा 2 प्रकार की होती है|
2. होलसेल (Wholesale)
यदि हम इन दोनों डिजिटल मुद्राओं की बात करे तो, रिटेल डिजिटल मुद्रा (Retail Digital Currency) का उपयोग देश के आम नागरिकों और कम्पनियों द्वारा किया जाता है, जबकि होलसेल डिजिटल मुद्रा (Wholesale Digital Currency) का उपयोग सिर्फ वित्तीय संस्थाओं (Financial Institutions) द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी कैश से कितनी अलग होगी (How Different will Digital Currency Be From Cash)
यदि हम डिजिटल करेंसी को साधारण भाषा में समझे तो यह हमारे पास मौजूद धन का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा, जिसे हम सहूलियत के अनुसार अपनें फोन, कंप्यूटर-लैपटॉप की सहायता से लेन-देन कर सकेंगे| डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल बिल्कुल नगद धन की तरह ही किया जा सकेगा, बस फर्क यह होगा यह आपके पास नगद के रूप में न होकर इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा|
यदि आप किसी को भुगतान करना चाहते है, तो आप इसे अपनें फोन से बड़ी सरलता से कर सकते है| जिस प्रकार जब आप कोई सामान दूकान से खरीदते है, तो आप दुकानदार को डायरेक्ट पैसे देते है ठीक उसी प्रकार डिजिटल करेंसी द्वारा भुगतान करनें या लेनदेन में बैंक की मध्यस्थता नहीं होगी|
डिजिटल करेंसी के फायदे (Advantages of Digital Currency)
डिजिटल मुद्रा अर्थात क्रिप्टो करेंसी की खासियत यह होगी कि लोगो को इसके गुम हो जानें या चोरी हो जानें का भय नहीं होगा| जिस प्रकार लोगो को अधिक नगद कैश ले जानें पर खतरा काफी अधिक होता है, इसमें ऐसा कुछ नहीं होगा| एक तरह से देखा जाये तो लोगो की सुरक्षा की दृष्टि से यह लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा|
यदि हम कैश की बात करें, तो कोई व्यक्ति किसी शख्स को कितना कैश देता है, तो उसका कोई भी आकड़ा सरकार के पास नहीं होता है, जिसके कारण इसे ट्रैक करना बहुत ही कठिन काम हो जाता है। डिजिटल करंसी में लेन-देन करनें पर इसकी ट्रैकिंग बहुत ही आसान हो जाएगी। जिसके परिणाम स्वरुप कालेधन पर लगाम लग सकेगी| इसके साथ ही टैक्स चोरी भी कम हो जाएगी|
फ़ास्ट ट्रांसक्शन (Fast Transaction)
डिजिटल मुद्राएं या क्रिप्टो करेंसी पारंपरिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से किए गए लेनदेन की तुलना में काफी फ़ास्ट होती हैं। उदाहरण के लिए यदि हम विदेश में अपने किसी फैमिली मेम्बर को पासी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? ट्रान्सफर करते है, तो रिसीवर के अकाउंट में पैसे पहुँचने में कभी-कभी 24 घंटे या उससे अधिक समय लग जाता है| लेकिन डिजिटल करेंसी को ट्रान्सफर करने में मात्र कुछ सेकेंड्स का समय लगता है|
कोई शुल्क नहीं (No fee)
आपके खाते में पैसा आपका है, इसके बावजूद बैंकों द्वारा आपसे एटीएम शुल्क, ट्रान्सफर फीस, ट्रान्सफर फीस और क्लोजिंग फीस ली जाती है | हालाँकि विदेश में अपना पैसा खर्च करने के लिए अक्सर शुल्क भी लगता है। जबकि डिजिटल करेंसी पर आपका पूर्ण स्वामित्व होता है और इसका इसका उपयोग बिना किसी शुल्क का भुगतान किये बिना आप अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं |
पेमेंट ट्रैकिंग की सुविधा (Payment Tracking Facility)
क्रिप्टो करेंसी को मुख्य रूप से पारदर्शिता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती हैं। इसका मतलब है, कि आप देख सकते हैं कि आपका पैसा हर लेनदेन के बाद कहां है।
धोखाधड़ी से सुरक्षा (Fraud Protection)
सामान्य तरीके से ऑनलाइन सामान ख़रीदने का अर्थ है, कि आपके व्यक्तिगत और भुगतान विवरण कंपनियों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं, जिससे कभी भी चोरी हो जाने पर धोखाधड़ी की पूरी संभावना बनी रहती है । जबकि डिजिटल करेंसी के माध्यम से लेनदेन करनें में आपकी व्यक्तिगत जानकारी को कभी भी साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है।
1 नवंबर से डिजिटल रुपये की शुरुआत, जानिए क्या हैं अंतर और फायदे
आरबीआई डिजिटल करेंसी: आरबीआई की डिजिटल करेंसी को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चा चल रही है। आखिरकार 1 नवंबर से भारतीय रिजर्व बैंक बड़ी डील में डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इसके लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया गया है। डिजिटल मुद्रा का उपयोग सबसे पहले बड़े भुगतान और निपटान के लिए किया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन और जोखिमों को देखते हुए सरकार ने बजट में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी। उसके बाद आरबीआई ने डिजिटल रुपया लॉन्च करने का खाका तैयार किया। रिजर्व बैंक के मुताबिक सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री पर डिजिटल रुपये का इस्तेमाल सेटलमेंट राशि के तौर पर किया जाएगा। इसके बाद एक महीने के भीतर खुदरा लेनदेन के लिए एक डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है। लेकिन आरबीआई का डिजिटल रुपया मान्य होगा। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव होता है। लेकिन डिजिटल रुपये में ऐसा कुछ नहीं होगा। क्रिप्टोकरेंसी के पीछे कोई ठोस आधार नहीं है। वहीं, डिजिटल रुपया एक अलग मुद्रा के रूप में भौतिक नोटों को छापने का विकल्प होगा। डिजिटल रुपये की सुरक्षा के लिए रिजर्व बैंक अलग से राशि भी रखेगा। क्योंकि यह डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक की देनदारी होगी। फिजिकल नोट के सभी फीचर्स डिजिटल रुपये में भी उपलब्ध होंगे। लोगों को डिजिटल करेंसी को करेंसी नोट में बदलने की सुविधा मिलेगी। डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं है।
आम जनता के लिए डिजिटल रुपये और डिजिटल भुगतान में थोड़ा अंतर होगा। लेकिन बैंकों और आरबीआई के खातों तक पहुंचने में अंतर होगा। क्योंकि डिजिटल रुपया बैंकों की जिम्मेदारी नहीं बल्कि आरबीआई की जिम्मेदारी होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने बैंक में पैसा जमा किया है, तो यह बैंक की देनदारी है। क्योंकि बैंक को यह पैसा ग्राहक को मांग के अनुसार वापस करना होता है। लेकिन डिजिटल रुपया बैंक की नहीं बल्कि सीधे आरबीआई की जिम्मेदारी होगी। एक और अंतर यह है कि डिजिटल रुपये पर कोई ब्याज नहीं लगेगा। बैंक में पैसा जमा करने पर उस पर ब्याज मिलता है। लेकिन डिजिटल रुपये पर कोई ब्याज नहीं लगेगा।
डिजिटल रुपये को यूपीआई से भी जोड़ा जाएगा, डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? जो डिजिटल भुगतान प्रणाली की एक प्रमुख कड़ी है। ताकि लोग पेटीएम, फोनपे जैसे अन्य महत्वपूर्ण वॉलेट से लेनदेन कर सकें। जैसे 10, 20, 50, 100, 500 के नोट। एक व्यक्ति के पास कितना डिजिटल पैसा हो सकता है, इसकी भी सीमा तय की जा सकती है। डिजिटल मुद्रा से भुगतान करते समय गोपनीयता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। चुनिंदा सरकारी एजेंसियों के अलावा किसी और को डिजिटल रुपये से किए गए लेन-देन की पूरी और सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती है.
डिजिटल करेंसी होने से नोटों की छपाई, बैंक शाखाओं, एटीएम तक पहुंचाने का खर्च बचेगा। साथ ही नोटों के जलने, काटने और गीले होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई को सिर्फ नोट छापने के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे। शेष वर्ष के लिए, मुद्रित मुद्रा की मात्रा के साथ यह लागत घटती और बढ़ती है। इससे निपटान का जोखिम भी कम होगा। नए जमाने के उद्यमी भी इसके आधार पर नई तकनीक के उत्पाद ला सकेंगे।
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