PPF में हर महीने इस तारीख तक जरूर जमा कर दें पेसे, चूके तो सीधे रिटर्न पर होगा असर
PPF Account: पीपीएफ एक ऐसी स्कीम है जिसमें तय तारीख तक हर महीने पैसे जमा करने के मायने हैं. पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोले जाते हैं.
लंबे समय तक निवेश करने के लिए पीपीएफ यह एक अच्छा और सुरक्षित ऑप्शन है. (ज़ी बिज़नेस)
PPF Account: भारत सरकार की तरफ से आम जनता को निवेश करने के लिए कई छोटी बचत योजनाएं (small savings schemes) उपलब्ध हैं. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) जैसी कई योजनाएं हैं. इन योजनाओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलते हैं. इसके लिए आप हर महीने एक तय रकम जमा भी करते हैं. लेकिन इनमें से पीपीएफ एक ऐसी स्कीम है जिसमें तय तारीख तक हर महीने पैसे जमा करने के मायने हैं. पीपीएफ अकाउंट पोस्ट ऑफिस या बैंक में खोले जाते हैं.
पीपीएफ में मायने रखती है तारीख
सेबी में रजिस्टर्ड फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी का कहते हैं कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में आप किस पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? तारीख में निवेश करते हैं और किस तारीख में पैसे जमा करते हैं, ब्याज दर उसी के मुताबिक काम करता है. पीपीएफ में ब्याज दर तो सालाना मिलता है, लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज कैलकुलेशन हर महीने होता है. पीपीएफ अकाउंट नियमों के मुतबिक, पीपीएफ अकाउंट में उपलब्ध न्यूनतम बैलेंस राशि के आधार पर महीने की 5 तारीख से आखिरी तारीख तक पीपीएफ खाते के ब्याज की गणना होती है.
अगर कोई पीपीएफ अकाउंटहोल्डर किसी महीने की पहली से पांच तारीख तक अपने पीपीएफ खाते में जमा करता है, तो वह उस महीने के पीपीएफ ब्याज के लिए भी पात्र होगा. सोलंकी कहते हैं कि अगर आप 5 तारीख के बाद पैसे जमा करते हैं तो आपको ब्याज का नुकसान उठाना पड़ेगा जिसका असर आपके रिटर्न पर भी होगा. समझदारी यही है कि हर महीने की एक से पांच तारीख तक आप अकाउंट में पैसे जमा कर दें.
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पीपीएफ अकाउंट के फायदे
लंबे समय तक निवेश करने के लिए पीपीएफ यह एक अच्छा और सुरक्षित ऑप्शन है. इसमें 15 साल के लिए निवेश किया जाता है. रिटायरमेंट के समय इसका बड़ा फायदा मिलता है. पीपीएफ से होने वाली इनकम टैक्स फ्री होती है. आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत इस पर टैक्स छूट का भी फायदा ले सकते हैं. इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. फिलहाल पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है.
PPF Scheme: स्कीम एक और फायदे अनेक! जानें नियम और शर्तें
पीपीएफ खाते में कम से कम साल में 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड जिसे हम पीपीएफ भी कहते हैं, सरकार द्वारा समर्थित ज्यादा यील्ड वाली स्मॉल सेविंग स्कीम है. पीपीएफ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 23, 2022, 08:30 IST
Post Office Public Provident Fund: हम अपने संसाधन और जरूरत के हिसाब से बचत करते हैं और अपनी बचत को निवेश करते हैं. बाजार में तमाम तरह की बचत योजनाएं हैं. वैसे तो निवेश के लिए ज्यादातर लोग स्टॉक मार्केट का रुख करते हैं. लेकिन बाजार का हाल बुरा है. ऐसे में लोग सरकारी बचत योजनाओं पर भरोसा करते हैं.
इस समय सबसे ज्यादा पॉपुलर बचत योजना है सार्वजनिक भविष्य निधि यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड. पीपीएफ की खास बात ये है कि इसमें निवेश के कई फायदे हैं.
आप अपने नजदीक के बैंक या डाकघर में पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं. इस खाते पर अच्छा ब्याज तो मिलता ही है साथ में टैक्स बचत भी होती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड जिसे हम पीपीएफ भी कहते हैं, सरकार द्वारा समर्थित ज्यादा यील्ड वाली स्मॉल सेविंग स्कीम है. इस स्कीम का मकसद रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए एक बड़ा फंड तैयार करना है. कोई भी भारतीय व्यक्ति किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में सिर्फ एक ही पीपीएफ खाता खोल सकता है. पीपीएफ में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यह आकर्षक रिटर्न की गारंटी देता है. अगर आप इस स्कीम में नियमित तौर पर निवेश करता है तो कुछ सालों में पीपीएफ के जरिए अच्छी संपत्ति बना सकते हैं.
पीपीएफ खाते पर 7.1 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. ब्याज की गणना हर महीने के पांचवें दिन की समाप्ति और महीने के अंत के बीच के दौरान खाते में जमा राशि पर की जाती है. हर वित्तीय वर्ष के अंत में ब्याज को खाते में जमा किया जाता है.
कितना कर सकते हैं निवेश
पीपीएफ खाते में आप कम से कम साल में 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ पर मौजूदा समय में 7.1 फीसदी की ब्याज दर है. इस स्कीम की खास बात यह है कि इनमें निवेश किए पैसे, ब्याज की आमदनी और पूरा कॉर्पस टैक्स फ्री होता है.
15 साल का निवेश
पब्लिक प्रोविडेंट फंड की अवधि 15 साल है. निवेशक को इसमें लागातार 15 साल तक निवेश करना होता है. 15 साल बाद इस खाते को 5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं.
टैक्स का फायदा
पीपीएफ खाते में जमा पैसा आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत छूट का दावा कर सकते हैं. इस खाते पर मिलने वाली ब्याज से होने वाली आमदनी भी पूरी तरह टैक्स मुक्त है. खाते की मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं लगाया नहीं जाता है. इस प्रकार निवेश पर छूट, ब्याज में छूट और मैच्योरिटी में छूट के साथ, पीपीएफ खाता भारत में सबसे अच्छा टैक्स बचत निवेश विकल्प बन गया है.
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PPF Account for Minor: कब, कहां और कैसे खुलवा सकते हैं बच्चों के लिए पीपीएफ अकाउंट? जानिए प्रोसेस और जरूरी बातें
अगर आप अपने बच्चे के भविष्य के लिए निवेश की बेहतर स्कीम की तलाश कर रहे हैं, जो किसी भी तरह के जोखिम से मुक्त हो और गारंटीड रिटर्न देने वाली हो, तो पीपीएफ आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
बच्चे के जन्म के साथ ही उसके भविष्य की भी तमाम चिंताएं सताने लगती हैं. इन समस्याओं से छुटकारा पाने का एक सबसे बेहतर तरीका है निवेश. आप जितनी जल्दी निवेश शुरू कर देंगे, उतनी ही जल्दी इस चिंता से मुक्त हो जाएंगे. अगर आप भी अपने बच्चे के भविष्य के लिए निवेश की बेहतर स्कीम की तलाश कर रहे हैं, जो किसी भी तरह के जोखिम से मुक्त हो और गारंटीड रिटर्न देने वाली हो, तो पीपीएफ आपके लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. पीपीएफ अकाउंट को बच्चों के लिए भी खुलवाया जा सकता है. वर्तमान में इस स्कीम में 7.1 के हिसाब से ब्याज मिल रहा है. कंपाउंडिंग इंटरेस्ट होने के कारण इस स्कीम में आपको अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है. लेकिन अकाउंट खुलवाने से पहले आपको कुछ जरूरी बातें जान लेना चाहिए.
अकाउंट खोलने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं
बच्चों के लिए पीपीएफ अकाउंट खुलवाने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है, उसके जन्म से लेकर कभी भी अकाउंट खोला जा सकता है. बच्चों का पीपीएफ खाता उसके अभिभावक द्वारा खोला जाता है. इसमें निवेश पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? भी अभिभावक ही करते हैं. लेकिन 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद बच्चा अपने अकाउंट को खुद ही हैंडल कर सकता है और खुद उसमें निवेश कर सकता है. पीपीएफ में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट का भी प्रावधान है. बच्चे के PPF account में जमा की गई रकम, उसके माता-पिता या अभिभावक की कमाई से जमा हुई है, तो माता-पिता या अभिभावक उस पर Section 80C के तहत, टैक्स छूट भी ले सकते हैं.
कैसे खुलवाएं बच्चों का पीपीएफ अकाउंट
बैंक या पोस्ट ऑफिस, जहां आप अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, वहां पीपीएफ अकाउंट खोलने का फॉर्म मिल जाता है. आप सबसे पहले फॉर्म में मांगी गई जानकारी को भरें. फॉर्म के साथ बच्चे के माता पिता या कानूनी अभिभावक के पासपोर्ट साइज फोटो और KYC डॉक्यूमेंट्स देने होंगे. इसके अलावा बच्चे की उम्र का प्रमाण पत्र चाहिए होगा. इसके लिए आप बाल आधार, अस्पताल से प्राप्त जन्म प्रमाणपत्र या कोई अन्य सरकारी रूप से मान्य जन्मतिथि प्रमाण जमा कर सकते हैं. सभी दसतावेजों के साथ फॉर्म को जमा करें. इसके बाद बच्चे के नाम पीपीएफ अकाउंट खुल जाएगा. कई बैंक ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने की सुविधा भी देने लगे हैं, लेकिन इसके लिए बच्चे के अभिभावक का बैंक में पहले से सेविंग्स अकाउंट होना जरूरी है.
मैच्योरिटी से पहले बंद करना हो तो.
पीपीएफ अकाउंट 15 साल के लिए खोला जाता है. लेकिन अगर आप इसे समय से पहले बंद करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं, जिन्हें जानना जरूरी है. जैसे- मेच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को सिर्फ तभी बंद किया जा सकता है, जब मध्यावधि में ही बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए आपको पैसों की जरूरत हो. इसके लिए बच्चे के पैरेंट्स को उस मान्यता प्राप्त संस्थान में एडमिशन पाने का प्रमाण भी देना होता है. लेकिन अकाउंट बंद कराने की ये सुविधा अभिभावकों को अकाउंट के 5 साल पूरे होने के बाद ही मिलती है. इसके अलावा अगर अभिभावक उस अकाउंट में से आंशिक निकासी करना चाहते हैं, तो भी उन्हें इस बात का सबूत देना होगा कि पैसों की जरूरत उनके बच्चे के लिए है.
रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं? जानिए एनपीएस और पीपीएफ में कौन बेहतर
रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स एक अहम वित्तीय लक्ष्य है. लोग इसके लिए आमतौर पर नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) का इस्तेमाल करते हैं.
पीपीएफ : देश में रहने वाला हर नागरिक पीपीएफ में निवेश कर सकता है. एनआरआई को पीपीएफ में निवेश की इजाजत नहीं है.
निवेश के लिए उम्र की पात्रता क्या है?
एनपीएस : निवेश के लिए उम्र कम से कम 18 साल और ज्यादा से ज्यादा 65 साल होनी चाहिए.
पीपीएफ : कोई बंदिश नहीं है. नाबालिग भी अभिभावकों की मदद से पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं.
रिटर्न का नेचर क्या होता है?
एनपीएस : निवेशक अलग-अलग तरह के निवेश विकल्प चुन सकते हैं. इनमें इक्विटी, सरकारी प्रतिभूतियां और कॉरपोरेट बॉन्ड शामिल हैं. चूंकि ये मार्केट लिंक्ड इंवेस्टमेंट हैं. इसलिए एनपीएस निवेश पर मिलने वाला रिटर्न फिक्स्ड नहीं है.
पीपीएफ : यह आपको फिक्स्ड रेट पर ब्याज देता है. इसकी ब्याज दरें हर तीन महीने में तय होती हैं. इन्हें सरकार तय करती है.
रिटर्न की दर क्या है?
एनपीएस : इसके निवेशकों के पास इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में मिलाजुलाकर निवेश करने का विकल्प होता है. इससे ये अधिक रिटर्न पा सकते हैं. रिटर्न पूरी तरह मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं.
पीपीएफ : सरकार का जिन निवेश विकल्पों पर हाथ है, उनमें पीपीएफ सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले इंस्ट्रूमेंट में से एक है. पीपीएफ की ब्याज दरें हर तिमाही बदलती हैं. पीपीएफ पर अभी ब्याज दर 7.1 फीसदी है.
निवेश की अवधि क्या है?
पीपीएफ : पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है. इसके बाद 5 साल के ब्लॉक में आप जितनी बार चाहें पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? इसे पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? बढ़ा सकते हैं.
एनपीएस : चूंकि एनपीएस फोकस्ड रिटायरमेंट प्रोडक्ट है. लिहाजा, आपको 60 साल तक निवेश बनाए रखना पड़ता है. आप अपने एनपीएस अकाउंट को 70 साल की उम्र तक जारी रख सकते हैं.
कितना निवेश करना पड़ता है?
एनपीएस : एनपीएस में सभी सरकारी कर्मचारी जिनकी नौकरी 1 जनवरी 2004 या इसके बाद से शुरू हुई है, वे बेसिक सैलरी के साथ महंगाई भत्ते का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं. इनमें सशस्त्र बलों को छोड़ राज्य और केंद्र के कर्मचारी शामिल हैं. कर्मचारियों के कॉन्ट्रिशन के बराबर राज्य सरकारें भी योगदान करती हैं. वहीं, केंद्र सरकार 14 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन करती है. हालांकि, कॉरपोरेट सेक्टर में अमूमन बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कर्मचारी कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं. इसके बराबर का कॉन्ट्रिब्यूशन कंपनी करती है. जहां तक एनपीएस में वॉलेंटरी कॉन्ट्रिब्यूशन का सवाल है तो यह ग्रॉस टोटल एनुअल इनकम का 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
पीपीएफ : पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है. इस खाते में किसी वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सीमा है. 500 रुपये की न्यूनतम रकम जमा नहीं करने पर अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है.
मैच्योरिटी कब होती है?
एनपीएस : इसमें रिटायरमेंट की उम्र पर आपको खाते में जुटी रकम का कम से कम 40 फीसदी एन्युटी प्लान खरीदने में लगाना पड़ता है. इससे रेगुलर इनकम होती है. अधिकतम 60 फीसदी तक आप एकमुश्त निकाल सकते हैं.
सुरक्षा कितनी है?
पीपीएफ : 15 साल बाद खाते में जमा हुई पूरी रकम (निवेश और इस पर बना ब्याज) आपको एकमुश्त मिल जाती है.
सेफ्टी कितनी है?
एनपीएफ : एनपीएस को एनपीएस ट्रस्ट चलाता है. पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने इस ट्रस्ट को बनाया है. पीएफआरडीए पर सरकार का नियंत्रण होता है. एनपीएस सब्सक्राइबर जो निवेश करते हैं, उसका प्रबंधन पब्लिक और प्राइवेट फंड मैनेजमेंट कंपनियां करती हैं. इनकी नियुक्ति पीएफआरडीए करता है. ऐसे में जहां तक सेफ्टी का सवाल है तो इसके साथ मार्केट आधारित जोखिम होता है.
पीपीएफ : पीपीएफ निवेश पर सरकार का हाथ होता है. ऐसे में इसके साथ बहुत कम जोखिम होता है.
टैक्स बचत
पीपीएफ और एनपीएस दोनों में सालानाा 1.5 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है.
पीपीएफ : पीपीएफ पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है. लेकिन, आप किसी वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं.
एनपीएस : सेक्शन 80सीसीडी के तहत 1.5 लाख रुपये से ज्यादा निवेश से अलग सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 का डिडक्शन मिलता है. इस तरह प्रभावी रूप से आपको सालाना 2 लाख रुपये का डिडक्शन पाते हैं.
कहां खुलवाना है अकाउंट?
एनपीएस : अगर आप सैलरी के हिस्से के तौर पर एनपीएस में निवेश कर रहे हैं तो आप अपनी कंपनी के जरिये अकाउंट खुलवा सकते हैं. अगर आप एनपीएस में नए हैं तो वॉलेंटरी इंवेस्टमेंट के लिए आप पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) या ईएनपीएस के जरिये खाता खुलवा सकते हैं. यहां पीओपी का आशय बैंकों, ब्रोकरेज हाउस और अन्य वित्तीय संस्थानों से है. आप नजदीकी पीओपी की लिस्ट इस लिंक https://www.npscra.nsdl.co.in/pop-sp.php पर क्लिक करके पा सकते हैं.
पीपीएफ : इसके लिए खाता डाकघर की शाखाओं और बैंकों में खुलवाया जा सकता है. कई बैंक पीपीएफ पीपीएफ में निवेश के लिए कौन पात्र है? अकाउंट खोलने और निवेश करने दोनों की ऑनलाइन फैसिलिटी देते हैं.
कहां करना चाहिए निवेश?
दोनों प्रोडक्टों की अपनी-अपनी मजबूती और कमजोरियां हैं. निवेश से पहले इन्हें देख लेना चाहिए. अपनी जरूरत के अनुसार आप इनमें निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं.
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